ASPI क्रिटिकल टेक्नोलॉजी ट्रैकर के अनुसार 64 में से 45 टेक्नोलॉजीज के मामले में भारत अब शीर्ष पांच देशों में शामिल है। यह स्टडी क्रिटिकल टेक्नोलॉजी के डेवलपमेंट को ट्रैक करती है, जिसमें साइंटिफिक और रिसर्च की सफलताएँ पाने की दौड़ और ग्लोबल टैलेंट को बनाए रखने की क्षमता शामिल है। स्टडी में उन अहम तत्वों को भी दर्ज किया गया है जो दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजीज के डेवलपमेंट और कंट्रोल को समर्थन देते हैं, और यह भी दर्शाया गया है कि ये किसी देश की आर्थिक क्षमता से कैसे मेल खाते हैं।
केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने निष्कर्षों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह मैन्युफैक्चरिंग के फ्रंट पर पिछले दस वर्षों में भारत द्वारा की गई प्रगति का प्रमाण है। जब वैक्सीन और मेडिकल काउंटरमेजर टेक्नोलॉजीज की बात आती है, तो भारत पांचवें स्थान पर है, जबकि एडवांस्ड एयरक्राफ्ट इंजनों के मामले में हम फ्रांस और ब्रिटेन से आगे तीसरे स्थान पर हैं। हाई-स्पेसिफिकेशन मशीनिंग प्रोसेस और बायो-फ्यूल के मामले में, हम अमेरिका से भी ऊपर हैं और चीन के बाद दूसरे स्थान पर हैं।"
अश्विनी वैष्णव ने कहा, "सरकार ने पिछले दस वर्षों में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया है, तब भी जब विपक्ष में कई लोगों ने इसका विरोध किया है। इन टेक्नोलॉजीज को केवल मैन्युफैक्चरिंग में ही नहीं बल्कि सप्लाई-चेन के नजरिए से भी देखा जाना चाहिए। आने वाले वर्षों में, ये इंडस्ट्रीज हमारी युवा आबादी के लिए भी बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा करेंगी। उदाहरण के लिए इसे ही लें। प्रोटेक्टिव साइबर टेक्नोलॉजीज, एडवांस्ड डेटा एनालिटिक्स, मशीन लर्निंग और डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर्स में, भारत अपने यूरोपियन काउंटरपार्ट्स से आगे तीसरे नंबर पर है। यह दर्शाता है कि मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज सेक्टर, दोनों पर हमारा निरंतर फोकस किस प्रकार नतीजे दिखाने लगा है।”
2001 में स्थापित ऑस्ट्रेलियन स्ट्रैटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट (ASPI) एक स्वतंत्र और गैर-पक्षपाती थिंक टैंक के रूप में काम करता है। ASPI तमाम स्ट्रैटेजिक मामलों पर लोगों को जागरूक करने, गवर्नमेंट पॉलिसीज के लिए नए आइडियाज को बढ़ावा देने और ग्लोबल स्ट्रैटेजिक थॉट से जुड़ने में प्रभावी भूमिका निभाता है।