1. प्रधानमंत्री थेरेसा मे के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सरकारी अतिथि के रूप में 18 अप्रैल 2018 को ब्रिटेन की यात्रा की। दोनों नेताओं ने विभिन्न मुद्दों पर व्यापक और रचनात्मक विचार विमर्श किया। श्री मोदी 19 और 20 अप्रैल को राष्ट्रमंडल देशों शासनाध्यक्षों की लंदन मे होने वाली बैठक में हिस्सा लेंगे।
  2. दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में साझा मूल्यों, समान कानूनों और संस्थानों के आधार पर, अपनी रणनीतिक भागीदारी को मजबूत करने की ब्रिटेन और भारत की एक स्वाभाविक महत्वाकांक्षा है। हम राष्ट्रमंडल के सदस्य हैं। हम वैश्विक दृष्टिकोण और एक नियम-आधारित ऐसी अंतरराष्ट्रीय प्रणाली के प्रति वचनबद्धता का हिस्सा हैं जो उन एकतरफा उठाए गए कदमों का जोरदार विरोध करती हैं जो बल के माध्यम से इस प्रणाली को कमजोर करना चाहते हैं। हम अपने राष्ट्रों के बीच अनगिनत व्यक्तिगत और व्यावसायिक संबंधों के जीवंत सेतु को साझा करते हैं।

3. साझा और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए ब्रिटेन और भारत एक साथ और राष्ट्रमंडल सदस्य-राष्ट्रों, राष्ट्रमंडल सचिवालय और अन्य सहयोगी संगठनों के साथ मिलकर काम करेंगे। हम राष्ट्रमंडल को पुनर्जागृत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि विशेषकर कम असुरक्षित देशों और युवाओं के संदर्भ मे  इसकी प्रासंगिकता सुनिश्चित की जा सके, जो राष्ट्रमंडल की जनसंख्या का 60% हिस्सा हैं। राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की बैठक  इन चुनौतियों का  समाधान निकालने का एक महत्वपूर्ण अवसर है क्योंकि हम इस  शिखर सम्मेलन के आधिकारिक विषय "एक आम भविष्य की ओर" के तहत एकजुट हो रहे हैं, विशेष रूप से,इसमें ब्रिटेन और भारत समस्त राष्‍ट्रमंडल देशों के नागरिकों के लिए अपने निम्न कार्यो के जरिए एक अधिक स्थायी, समृद्ध, सुरक्षित और न्यायसंगत भविष्य के निमार्ण में मदद करने की वचनबद्धता व्यक्त करेंगे:

 

  • राष्ट्रकुल और विश्व पर्यावरण दिवस 2018 के मेजबान के रूप मे भारत की भूमिका के माध्यम से प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए समन्वित वैश्विक कार्रवाई को बढ़ावा देना;
  • राष्ट्र​कुल के सदस्य देशों की साइबर सुरक्षा क्षमता को बढ़ावा देने के लिए उन्हें व्यावहारिक सहायता प्रदान करना;
  • राष्ट्रकुल के छोटे सदस्य देशों को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ)के व्यापार सुविधा समझौतों को लागू करने में मदद करने के लिए तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराना।

प्रौद्योगिकी भागीदारी

  1. ब्रिटेन-भारत प्रौद्योगिकी भागीदारी हमारे संयुक्त दृष्टि और हमारी मौजूदा तथा भावी पीढ़ी की समृद्धि का मूल आधार है। हमारे राष्ट्र तकनीकी क्रांति के मामले में सबसे आगे हैं। हम ज्ञान साझा करेंगे, अनुसंधान में सहयोग करेंगे, और अपने विश्व-स्तरीय नवाचार समूहों के बीच साझेदारी बनायेंगे। हम उच्च स्तर की नौकरियों के अवसर पैदा करेंगे, उत्पादकता बढ़ाएंगे, व्यापार और निवेश को बढ़ावा देगें और साझा चुनौतियों का सामना करने के लिए अपनी पूरक तकनीकी शक्तियों का इस्तेमाल करेंगे।
  2.  वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए दोनों पक्ष अपने युवाओं के कौशल और क्षमताओं को विकसित करते हुए भविष्य की प्रौद़यौगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएंगे; आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की क्षमता को साकार करेंगे; डिजिटल अर्थव्यवस्था; स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियों; साइबर सुरक्षा; और स्वच्छ विकास, स्मार्ट शहरीकरण और भविष्य की गतिशीलता को बढ़ावा देगें।
  3. प्रौद्यौगिकी साझेदारी के तहत भारत सरकार ब्रिटेन में ब्रिटेन-भारत टेक हब स्थापित करने की पहल का स्वागत करती है। टेक हब, उच्च तकनीक कंपनियों को एक साथ लाने के लिए निवेश और निर्यात के अवसर तैयार करेगा और भविष्य की गतिशीलता, उन्नत विनिर्माण और भारत के आकांक्षी जिलों के कार्यक्रमों के तहत हेल्थकेयर के क्षेत्र में बेहतरीन तकनीक और अग्रिम नीति सहयोग को साझा करने के लिए एक नया मंच प्रदान करेगा। नवाचार तथा अनुसंधान एंव विकास को प्रोत्साहित करने के लिए हम ब्रिटेन और भारत के बीच क्षेत्रीय और राज्य स्तर पर भागीदारी करेंगे। हमने दोनों देशों के सहयोग से भारत ब्रिटेन तकनीकी सीईओ गठबंधन बनाए जाने की भी घोषणा की है। उद्योगोन्‍मुख एप्रेंटेसशिप योजनाओं सहित कौशल विकास और नई प्रौद्योगिकी को प्रोत्‍साहित करने के लिए टेक यूके और भारत नेस्‍कॉम के बीच आम सहमति पत्र पर हस्‍ताक्षर किये गये। इसके साथ ही यूके फिनटेकरॉकेटशिप पुरस्‍कारों की शुरूआत भी की गई।
  4. वैश्विक चुनौती से निपटने के लिए दोनों पक्ष विज्ञान अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत और ब्रिटेन की बेहतरीन प्रतिभाओं का इस्‍तेमाल कर रहे हैं। ब्रिटेन अंतर्राष्‍ट्रीय अनुसंधान और नवाचार के मामले में भारत का दूसरा सबसे बड़ा साझेदार है। वर्ष 2008 से शुरू हुए ब्रिटेन-भारत न्‍यूटन भाभा कार्यक्रम के तहत 2021 तक संयुक्‍त अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में 400 मिलियन पॉण्‍ड से ज्‍यादा राशि के पुरस्‍कार प्रदान किये जाएंगे। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और स्‍वास्‍थ्‍य प्रौद्योगिकी के जरिये हम ब्रिटेन और भारत को रहने लायक एक सुरक्षित और स्‍वस्‍थ स्‍थान बनाने के लिए स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में अपने संबंधों को और मजबूत बनाएंगे।

व्‍यापार, निवेश और वित्‍त

  1. ब्रिटेन द्वारा अपने लिए एक स्‍वतंत्र व्‍यापार नीति तथा एक-दूसरे के यहां निवेशक को सुगम बनाने की जिम्‍मेदारी लेने की वजह से दोनों नेता परस्‍पर व्‍यापार के लिए नई व्‍यवस्‍था विकसित करने के लिए भारत और ब्रिटेन की साझा पूरक क्षमताओं के माध्‍यम से व्‍यापारिक साझेदारी को एक नया रूप देने पर सहमत हुये। ब्रिटेन-भारत संयुक्‍त व्‍यापार समीक्षा बैठक के सुझावों के आधार पर हम व्‍यापार की बाधाओं को कम करने के लिए क्षेत्रवार रोड़मैप तैयार करने के साथ परस्‍पर व्‍यापार को सुगम बनाने और यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग हो जाने के बाद द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे। यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के निकल जाने के बाद की अवधि में हम यह सुनिश्चित करेंगे कि ब्रिटेन-भारत समझौते को लागू करने के प्रयास आगे भी जारी रहें।
  2. दोनों नेताओं ने नियम आधारित बहुपक्षीय व्‍यापार व्‍यवस्‍था की भूमिका पर फिर से भरोसा जताया तथा सतत टिकाऊ विकास और प्रगति के लिए मुक्‍त, निष्‍पक्ष और खुले व्‍यापार के महत्‍व पर जोर दिया। उन्‍होंने विश्‍व व्‍यापार संगठन के सभी सदस्‍य देशों के साथ मिलकर काम करने के साथ ही व्‍यापार पर संयुक्‍त कार्य समूह की वार्ताओं को आगे भी जारी रखने की प्रतिबद्धता दोहराई, जिससे वैश्विक नियम आधारित व्‍यवस्‍था के प्रति साझा प्रतिबद्धता के साथ ही इस बारे में विश्‍व व्‍यापार संगठन की भूमिका को सशक्‍त बनाया जा सकेगा। 
  3. पिछले दस वर्षों में ब्रिटेन भारत में जी-20 का सबसे बड़ा निवेशक देश रहा है, जबकि भारत ब्रिटेन में निवेश परियोजनाएं लगाने के मामले में चौथा सबसे बड़ा देश रहा है। भविष्‍य में सहयोग की संभावनाओं की समीक्षा तथा आपसी प्राथमिकताओं की पहचान को बेहतर बनाने के लिए हम निवेश के बारे में नये सिरे से बातचीत शुरू करेंगे।
  4. भारत ने ब्रिटेन में भारतीय निवेश के लिए एक पारस्परिक फास्ट ट्रैक तंत्र स्थापित करके भारतीय व्यवसायों को अतिरिक्त समर्थन प्रदान करने के लिए ब्रिटेन के फैसले का स्वागत किया। तकनीकी सहयोग का कार्यक्रम नियामक पर्यावरण में सुधार करने में मदद करेगा। भारत और ब्रिटेन की साझा तरक्‍की के लिए दोनों पक्ष ब्रिटेन और भारत के सीईओ फोरम सहित व्‍यापार हितधारकों की पहलों को समर्थन करेंगे।
  5. दोनों पक्षों ने वैश्विक स्‍तर पर वित्‍त और निवेश के मामले में लंदन शहर की अग्रणी भूमिका का स्‍वागत किया। लंदन स्‍टॉक एक्‍सचेंज में जारी किये गये रूपये-आधारित ‘मसाला बॉण्‍ड’ के अंतर्राष्‍ट्रीय बाजार में 75 प्रतिशत मूल्‍य का एक तिहाई ग्रीन बॉण्‍ड है।
  6. ग्रीन ग्रोथ इक्विटी फंड (जीजीईएफ) भारत और ब्रिटेन की सरकारों की एक संयुक्‍त पहल है, जिसे भारत के फ्लैगशिप कार्यक्रम राष्‍ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष के तहत स्‍थापित किया गया है। इसके जरिये भारत के तेजी से उभरते नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए वित्‍तीय मदद उपलब्‍ध कराई जाएगी। इस कोष में दोनों देश 120-120 मिलियन पॉण्‍ड का अंशदान करेंगे। संस्‍थागत निवेशकों के जरिये जीजीईएफ में 500 मिलियन पॉण्‍ड से ज्‍यादा की राशि जुटाये जाने की संभावना है। जीजीईएफ 2022 तक भारत को 175 गीगावॉट हरित ऊर्जा क्षमता के लक्ष्‍य को हासिल करने में मदद करने के साथ ही हरित परिवहन तथा जल और मल प्रबंधन के क्षेत्र में निवेश को भी बढ़ावा देगा। हम ऊर्जा और आधारभूत संरचना नीति के क्षेत्र में भविष्‍य में सहयोग की अपेक्षा करते है। स्‍मार्ट शहरीकरण के लिए भी हम मिलकर काम करेंगे।
  7. हमने प्रस्तावित नए नियामक सहयोग समझौते सहित - हमारे दोनों देशों के बीच फिनटेक वार्ता शुरू करने का स्वागत किया है। हमारे बीच वित्‍तीय सेवाओं के सहयोग को तकनी‍की मदद से बढ़ाया जाएगा, ताकि दिवालियापन, पेंशन और बीमा क्षेत्र के बाजारों को विकसित किया जा सकें। इन क्षेत्रों में आगे सहयोग की रूपरेखा दोनों देशों के वित्त मंत्रियों द्वारा निर्धारित की जाएंगी, जब वे इस वर्ष के अंत में आर्थिक और वित्तीय वार्ता के दसवें दौर के लिए मिलेंगे।
  8. मौजूदा वैश्विकरण के दौर में भारत और ब्रिटेन सम्‍पर्क के महत्‍व को स्‍वीकार करते है। दोनों देशों का मानना है कि परस्‍पर संपर्क के ये प्रयास सुशासन, कानून की व्‍यवस्‍था, खुलेपन और पारदर्शिता के मूल सिद्धांतो पर आधारित होने चाहिए। इनमें सामाजिक और पर्यावरण के मानकों के साथ ही वित्‍तीय जवाबदेही और ऋण की उपलब्‍धता का अनुपालन होना चाहिए। इन्‍हें इस तरह से अपनाया जाना चाहिए कि वह अंतरराष्ट्रीय दायित्वों, मानकों और सर्वोत्तम व्‍यवहार के जरिये वास्‍तविक लाभ दे सकें।

जवाबदेह वैश्विक नेतृत्‍व

  1. दोनों नेताओं ने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्‍व करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। दोनों पक्षों ने स्‍वीकार किया कि जलवायु परिवर्तन का समाधान और ऊर्जा की सुरक्षित, किफायती और टिकाऊ आपूर्ति को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण साझा प्राथमिकताएं हैं। दोनों पक्ष प्रौद्योगिकी नवाचार, साझे ज्ञान, क्षमता निर्माण, व्यापार और निवेश तथा परियोजना प्रतिष्‍ठान के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं के विकास और उनकी लागत को कम करने पर सहयोग करने के लिए भी सहमत हुए। .
  2. ब्रिटेन ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की स्थापना में भारत द्वारा उठाए गए सक्रिय कदमों का स्वागत किया। इसमें सौर गठबंधन में ब्रिटेन के शामिल होने के महत्‍व को रेखांकित किया गया।
  3. संपन्न लोकतंत्र के रूप में, हम उन सभी के साथ मिलकर काम करने की इच्छा साझा करते हैं जो नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्‍यवस्‍था का समर्थन करते हैं और अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों, वैश्विक शांति और स्थिरता पर सहमत हैं। ब्रिटेन और भारत अनिश्चितताओं से भरे विश्‍व में अच्‍छाई की एक ताकत हैं। वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए हम अपने अनुभव और ज्ञान को साझा कर रहे हैं भारत के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) और यूके के कैंसर रिसर्च ने एक दूसरे के यहां 10 मिलियन पोण्‍ड से द्विपक्षीय अनुसंधान शुरू करने का प्रस्ताव रखा है जो कम लागत वाले कैंसर उपचार पर केन्द्रित होगा। 

 

  1. वर्ष 2030 तक गरीबी उन्‍मूलन तथा विकास को गति देने के लिए दोनो देशे अपने साझा प्रयासों को और सशक्‍त बनाएंगे। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि‍ वित्‍तीय मदद की उपलब्‍धता ,नए बाजार ,व्‍यापार ,निवेश,संपर्क और आर्थिक एककीकरण के फायदे ज्‍यादा से ज्‍यादा देशों समाज के सबसे गरीब और वंचित तबकों को मिले और एक बेहतर और सुरक्षित भविष्‍य का निमार्ण हो सके।

रक्षा और साइबर सुरक्षा

  1. सुरक्षा और संरक्षा को अपने नए संबंघो का आधार बनाने के लिए हमने 2015 में एक नये रक्षा और अंतरराष्‍ट्रीय भागीदारी का संकल्‍प लिया। हम जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं वह लगातार बदल रही हैं। ऐसे में इनसे निबटने के लिए हमें लगातार नए तरीके और अपनाने होंगे। हमें ऐसी प्रौद्योगिकी तैयार करनी होगी, जो इन खतरो से निबट सके। हमारी सुरक्षा प्रणाली और सैन्‍य बल इस बारे में प्रौद्योगिकी, क्षमताओं और उपकरणों को साझा करेंगे। 
  2. एक सुरक्षित, मुक्‍त, खुला, समावेशी और समृद्ध भारत प्रशांत क्षेत्र केवल भारत ही नहीं, बल्कि ब्रिटेन और पूरे अंतर्राष्‍ट्रीय समुदाय के हित में है। भारत और ब्रिटेन इस क्षेत्र में समुद्री नौवहन को ज्‍यादा सुरक्षित बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे।
  3. हम साइबर स्‍पेस में सुरक्षा और अंतर्राष्‍ट्रीय सुरक्षा और स्‍थायित्‍व को बढ़ावा देने के लिए परस्‍पर सहयोग को मजबूत बनाने पर सहमत हुये हैं।

आतंकवाद का मुकाबला

  1. दोनों नेताओं ने भारत और ब्रिटेन में आतंकवादी गतिविधियों सहित आतंकवाद का हर रूप में खात्‍मा करने के लिए प्रतिबद्धता दोहराई। उन्‍होंने स्‍वीकार किया कि आतंकवाद को किसी भी रूप में न्‍यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता। इसे किसी धर्म, समुदाय या राष्‍ट्रीयता के साथ जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।
  2. दोनों नेता इस बात पर भी सहमत हुये कि आतंकवादी और उग्रवादी संगठनों को ऐसा मौका नहीं दिया जाना चाहिए कि वे अपने साथ भोले-भाले लोगों को अपने साथ जोड़ सकें। इसके लिए सभी देशों को एक साथ मिलकर काम करना होगा, ताकि आतंकवादी संगठनों को मिल रही वित्‍तीय मदद को रोककर उनके नेटवर्क को खत्‍म किया जा सकें।
  3. दोनों नेताओं ने लश्‍करे तैयबा, जैश-ए-मोहम्‍मद, हिजबुल मुजाहिद्दीन, हक्‍कानी नेटवर्क, अलकायदा, आईएआईएस तथा इनसे जुड़े अन्‍य संगठनों के खिलाफ ठोस और निर्णायक कार्रवाई के लिए परस्‍पर सहयोग को और मजबूत बनाने पर सहमति जताई।
  4. ब्रिटेन के सेल्‍सबरी में हुए स्‍नायु गैस हमले के मद्देनजर भारत और ब्रिटेन ने रासायनिक हथियारों के प्रसार और निरस्‍त्रीकरण के प्रति अपने साझा हितों को मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की। उन्‍होंने सीरिया में रासायनिक हथियारों के लगातार इस्‍तेमाल की खबरों पर गहरी चिंता जताई और किसी भी परिस्थिति में कहीं भी किसी के खिलाफ रासायनिक हथियारों के इस्‍तेमाल का विरोध किया। उन्‍होंने रासायनिक हथियार निषेध संधि की व्‍यवस्‍थाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने पर जोर दिया।

शिक्षा और लोगों के बीच सम्‍पर्क

  1. हम ऐसे विषयों और क्षेत्रों में अपने यहां के प्रतिभावान लोगों को ब्रिटेन में पड़ने और नौकरी करने के अवसर दिये जाने का स्‍वागत करते है, जो कौशल विकास में सहायक बनकर दोनों देशों की समृद्धि में सहयोग कर सकते है।
  2. दोनों नेताओं ने भारत-ब्रिटेन सांस्‍कृतिक वर्ष 2017 के सफल समापन पर खुशी जाहिर की। इस दौरान वर्ष भर चलने वाले कार्यक्रम में दोनों देशों के कलाकारों ने परस्‍पर सांस्‍कृतिक और कलात्‍मक क्षमताओं का प्रदर्शन किया। भारत और ब्रिटेन के बीच प्रगाढ़ सांस्‍कृतिक रिश्‍तों का यह एक बेहतरीन उदाहरण था।
  3. दोनों नेताओं ने भारत में ब्रिटिश काउंसिल की स्‍थापना के 70 वर्ष पूरे होने का स्‍वागत किया तथा ब्रिटिश काउंसिल द्वारा युवाओं के लिए चलाये जा रहे कौशल विकास कार्यक्रम तथा सांस्‍कृतिक आदान-प्रदान के कार्यों की सराहना की।
  4. दोनों नेताओं ने यह माना कि ब्रिटिश काउंसिल भारत और ब्रिटेन लोगो के बीच परस्‍पर सम्‍पर्क का एक जीवंत सेतु है, जिसे प्रोत्‍साहित किया जाना चाहिए।

निष्‍कर्ष

  1. हम इसे एक रणनीतिक साझेदारी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसका विस्‍तार समूचे विश्व के साथ ही पूरी शताब्‍दी तक हो , जिससे आने वाले समय में हमारे विशेष संबंध और विकसित हो सकें। हम अपने व्यावसायिक, सांस्कृतिक और बौद्धिक नेताओं को उन लाखों गतिविधियों का पूरा लाभ उठाने के लिए प्रोत्‍साहित करते हैं जो भारत और ब्रिटेन, को पारिवारिक स्‍तर से लेकर वित्‍तीय व्‍यवस्‍था तथा व्यवसाय से लेकर बॉलीवुड तक तथा खेल से लेकर विज्ञान तक परस्‍पर जोड़ते हैं, ताकि लाखों की संख्‍या में ब्रिटिश और भारतीय नागरिक एक-दूसरे देशों की यात्रा करें, व्यापार करें और एक-दूसरे से काफी कुछ सीखे।
  2. प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री थेरेसा मे और ब्रिटेन सरकार को गर्मजोशी के साथ उनके और उनके प्रतिनिधिमंडल का स्‍वागत करने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि वे भारत में उनका स्वागत करने के लिए तत्पर हैं।
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प्रधानमंत्री का 3 से 6 अप्रैल 2025 तक थाईलैंड और श्रीलंका का दौरा
April 02, 2025

At the invitation of the Prime Minister of Thailand, H.E. Paetongtarn Shinawatra, Prime Minister Shri Narendra Modi will visit Bangkok, Thailand from 3 - 4 April 2025 to participate in the 6th BIMSTEC Summit to be held on 4 April 2025, hosted by Thailand, the current BIMSTEC Chair, and for an Official Visit. This will be Prime Minister’s third visit to Thailand.

2. This would be the first physical meeting of the BIMSTEC Leaders since the 4th BIMSTEC Summit in Kathmandu, Nepal in 2018. The last i.e. 5th BIMSTEC Summit was held at Colombo, Sri Lanka in March 2022 in virtual format. The 6th Summit’s theme is "BIMSTEC – Prosperous, Resilient and Open”. The Leaders are expected to deliberate on ways and means to infuse greater momentum to BIMSTEC cooperation during the Summit.

3. The Leaders are also expected to discuss various institution and capacity building measures to augment collaboration within the BIMSTEC framework. India has been taking a number of initiatives in BIMSTEC to strengthen regional cooperation and partnership, including in enhancing security; facilitating trade and investment; establishing physical, maritime and digital connectivity; collaborating in food, energy, climate and human security; promoting capacity building and skill development; and enhancing people-to-people ties.

4. On the bilateral front, Prime Minister is scheduled to have a meeting with the Prime Minister of Thailand on 3 April 2025. During the meeting, the two Prime Ministers are expected to review bilateral cooperation and chart the way for future partnership between the countries. India and Thailand are maritime neighbours with shared civilizational bonds which are underpinned by cultural, linguistic, and religious ties.

5. From Thailand, Prime Minister will travel to Sri Lanka on a State Visit from 4 – 6 April 2025, at the invitation of the President of Sri Lanka, H.E. Mr. Anura Kumara Disanayaka.

6. During the visit, Prime Minister will hold discussions with the President of Sri Lanka to review progress made on the areas of cooperation agreed upon in the Joint Vision for "Fostering Partnerships for a Shared Future” adopted during the Sri Lankan President’s State Visit to India. Prime Minister will also have meetings with senior dignitaries and political leaders. As part of the visit, Prime Minister will also travel to Anuradhapura for inauguration of development projects implemented with Indian financial assistance.

7. Prime Minister last visited Sri Lanka in 2019. Earlier, the President of Sri Lanka paid a State Visit to India as his first visit abroad after assuming office. India and Sri Lanka share civilizational bonds with strong cultural and historic links. This visit is part of regular high level engagements between the countries and will lend further momentum in deepening the multi-faceted partnership between India and Sri Lanka.

8. Prime Minister’s visit to Thailand and Sri Lanka, and his participation in the 6th BIMSTEC Summit will reaffirm India’s commitment to its ‘Neighbourhood First’ policy, ‘Act East’ policy, ‘MAHASAGAR’ (Mutual and Holistic Advancement for Security and Growth Across Regions) vision, and vision of the Indo-Pacific.