“मां भगवती के साक्षात स्वरूप समान नारीशक्ति का उद्धार किए बिना आपका उद्धार होगा, यदि आप ऐसा मानते हैं तो यह आपकी भूल है ”
– स्वामी विवेकानन्द
प्रिय मित्रों,
आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर मुझे स्वामी विवेकानन्द के यह महान शब्द याद आते हैं। नारीशक्ति और कुछ नहीं बल्कि देवी मां का अवतार है, जो शक्ति की देवी है। एक बार हम पर उसकी कृपाशक्ति हो जाए तो हमारी शक्तियों में अनेक गुणी बढ़ोतरी हो जाएगी।
चलो, आज के दिन हम संकल्प करें कि निर्णय लेने की प्रक्रियाएं और राज्य तथा देश के आर्थिक विकास में महिलाओं की भागीदारी समान हो। जब तक ऐसा नहीं होगा तब तक सच्चे अर्थों में महिला सशक्तिकरण हासिल होने की बात हम नहीं कर सकते ! पिछले कुछ महिनों के दौरान ऐसी अनेक घटनाएं घटित हुई हैं जिनकी वजह से समग्र देश की अंर्तरात्मा जाग उठी है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर चलिए हम दृढ़ संकल्प करें कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अन्याय को हम समूल खत्म कर देंगे। हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि पिछले कुछ महिनों के दौरान देशभर में हुई घटनाओं का पुनरावर्तन ना हो। लोकतंत्र के उदार मूल्य वाले सुसंस्कृत समाज में महिलाओं का अनादर करने वाले लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है।
विभिन्न नयी पहलों द्वारा गुजरात महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध रहा है। बेटी बचाओ आन्दोलन के माध्यम से स्त्री-पुरुष के लिंगानुपात में उल्लेखनीय सुधार, कन्या केलवणी की पहल द्वारा कन्याओं को शिक्षित करने, आंगनवाड़ियों को मजबूत बनाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। महिलाओं के उत्कर्ष के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों की जानकारी मैं ( https://www.narendramodi.in/empowering-women-empowering-society/ ) पर दे रहा हूं।
कुपोषण की समस्या बहुत ही गम्भीर है। समग्र देश के सामने कुपोषण की समस्या बड़ी चुनौती है और महिलाओं में कुपोषण दूर करना बहुत ही मुश्किलभरा है। खास तौर पर महिलाओं और बालकों में कुपोषण के जोखिम दूर करने के लिए गुजरात सरकार प्रभावी कदम उठा रही है।
कुपोषण की चुनौतियों का सामना करने के लिए इस वर्ष हमने मिशन बलम सुखम का शुभारम्भ किया है। गर्भवती महिलाओं, स्तनपान करवानेवाली माताओं और कन्याओं सहित 44 लाख से ज्यादा लाभार्थियों के लिए हमने बजट में वार्षिक 1094 करोड़ की व्यवस्था की है। यह पहल और परिणाम गुजरात को कुपोषणमुक्त बनाने का हमारा दृढ़ संकल्प दर्शाता है। इससे महिलाओं के साथ- साथ बालकों को भी लाभ मिलेगा और मुझे आनन्द है कि हमारी पहल से इच्छित परिणाम हासिल हो रहे हैं।
हाल ही में एक रिपोर्ट के बारे में आपने पढ़ा होगा, जिसमें यह दर्शाया गया है कि बालकों में कुपोषण को नियंत्रित करने में गुजरात ने काफी सुधार किए हैं। विभिन्न सर्वे में यह बाहर आया है कि गुजरात में महिलाओं की सुरक्षा की स्थिति का रिकॉर्ड काफी सकारात्मक है।
परंतु, केन्द्रीय बजट में कुपोषण की समस्या का सामना करने के लिए कोई विशेष कदम नहीं सुझाए गए हैं। इस बात का मुझे खेद है। और, कुपोषण को नियंत्रित करने के लिए दीर्धकालिक कदम उठाने में भी केन्द्र सरकार ने कोई नवीन अभिगम दर्शाया नहीं है। प्रधानमंत्री इस मामले पर चिंता व्यक्त करते रहते हैं परंतु कोई ठोस कदम उठाए नहीं जाते। सच्चाई तो यह है कि केन्द्र ने इस मुद्दे पर अब तक कोई वैज्ञानिक सर्वे तक नहीं करवाया है। ऐसा कोई सर्वे करवाया जाए तो कुपोषण को नियंत्रित करने में हमको काफी सहायता मिलेगी। उम्मीद करता हूं कि केन्द्र इस मामले पर तुरंत कदम उठाएगा।
नारीशक्ति के सामर्थ्य को मैं वन्दन करता हूं। चलो हम कन्धे से कन्धा मिलाकर एक ऐसे समाज का निर्माण करें जहां नारीशक्ति हमारी विकासयात्रा का एक अभिन्न हिस्सा हो !
आपका,
नरेन्द्र मोदी