एक ओर गुरु नानक देवजी ने सामाजिक दर्शन के माध्यम से समाज को एकता, भाईचारा और सद्भाव का मार्ग दिखाया; दूसरी ओर, उन्होंने समाज के सामने एक ऐसी आर्थिक व्यवस्था प्रस्तुत की जो सत्य, ईमानदारी और स्वाभिमान पर आधारित है: गुरदासपुर, पंजाब में डेरा बाबा नानक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन का एक अंश

2014 के बाद से, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रचनात्मक और सहकारी संघवाद के एक नए युग की शुरुआत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और पंजाब के समग्र विकास और वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके नेतृत्व में, केंद्र सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर, कृषि और सांस्कृतिक पहलों को शामिल करते हुए एक व्यापक दृष्टिकोण के माध्यम से पांच नदियों की भूमि पर एक अमिट छाप छोड़ी है।

कृषि क्षेत्र में विकास की बात करें तो, मोदी सरकार ने पंजाब को उसकी दूरदर्शी योजनाओं और पहलों के साथ सहायता प्रदान की है। पंजाब में पीएम-किसान योजना से 23 करोड़ से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं, जिसमें कुल 4,750 करोड़ रुपये से अधिक के डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर हुए हैं। किसानों को ऋण वितरण में 2018-19 के 34.78 लाख कृषि ऋण खातों के मुकबले 2022-23 में 43.92 लाख कृषि ऋण खातों की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। इसी अवधि में ऋण राशि भी 77,000 करोड़ रुपये से बढ़कर लगभग 91,000 करोड़ रुपये हो गई। इनमें से लगभग 73% ऋण किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना के माध्यम से हैं। मार्च 2023 तक, लगभग 22 लाख चालू KCC खाते हैं।

पंजाब में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद भी बढ़ी है। 2004-05 और 2013-14 के बीच राज्य में 12,00 लाख मीट्रिक टन (LMT) से अधिक धान की खरीद की गई। 2014-15 से 2023-24 के दौरान यह बढ़कर लगभग 17,00 LMT हो गया। इसी अवधि में खरीदे गए गेहूं की मात्रा 975 LMT से बढ़कर 1,100 LMT से अधिक हो गई।

मोदी सरकार ने पिछले छह वर्षों (जनवरी 2024 तक) में पंजाब के 62 लाख से अधिक किसानों को 55,000 करोड़ रुपये से अधिक की फर्टिलाइजर सब्सिडी भी दी है। पंजाब में किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन में भी सहायता दी जाती है। 2018-19 से 2023-24 तक, मोदी सरकार ने 1,500 करोड़ रुपये से अधिक जारी किए, व्यक्तिगत किसानों को 1.3 लाख से अधिक मशीनों का वितरण किया और 25,000 से अधिक कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना की। कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन ने कस्टम हायरिंग सेंटर, हाई-टेक हब और फार्म मशीनरी बैंक स्थापित करते समय किसानों को 12,000 से अधिक मशीनें भी वितरित की हैं। एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत 2,740 करोड़ रुपये के समर्थन के साथ लगभग 10,000 प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है – जिससे राज्य में 4,500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित होगा।

मोदी सरकार, पंजाब में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है। जनवरी 2024 में, 4,000 करोड़ रुपये से अधिक की 29 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के उद्घाटन के साथ एक महत्वपूर्ण प्रगति हुई। ये परियोजनाएं पंजाब के लोगों के लिए जीवन और कारोबारी सुगमता को बढ़ाने और राज्य में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।

राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई में पर्याप्त वृद्धि से कनेक्टिविटी पर जोर स्पष्ट है, जो 2014 में लगभग 1,700 किलोमीटर से बढ़कर 2021 में प्रभावशाली 4,100 किलोमीटर हो गया है। अमृतसर स्मार्ट सिटी मिशन के हिस्से के रूप में महत्वपूर्ण विकास के दौर से गुजर रहा है और एक आधुनिक केंद्र के रूप में उभरने के लिए तैयार है।

वर्ल्ड इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गेनाइजेशन के TISC प्रोग्राम के तहत पंजाब में भारत के पहले टेक्नोलॉजी & इनोवेशन सपोर्ट सेंटर की स्थापना एक अभूतपूर्व उपलब्धि है। इस पहल का उद्देश्य एक वाइब्रेंट इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स (IPR) सिस्टम को प्रोत्साहित करना है, जो राज्य की क्रिएटिविटी, इनोवेशन और आंत्रप्रेन्योरशिप की भावना को बढ़ावा देता है।

2022 में दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखी गई, जो एक 669 किलोमीटर का चमत्कार है, यह सरकार की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। पंजाब सहित कई राज्यों को जोड़ने वाला लगभग ₹39,500 करोड़ की लागत वाला यह एक्सप्रेसवे दिल्ली से अमृतसर और दिल्ली से कटरा तक की यात्रा के समय को आधा कर देगा।

पंजाब में हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर भी एक बदलाव का साक्षी बन रहा है, फिरोजपुर में 100 बेड के PGI सैटेलाइट सेंटर की आधारशिला रखी गई है। 490 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाला यह अत्याधुनिक सेंटर, क्षेत्र की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करते हुए वर्ल्ड क्लास मेडिकल सर्विसेज प्रदान करेगा। इसके अतिरिक्त, कपूरथला और होशियारपुर में दो मेडिकल कॉलेजों को विकसित किया जा रहा है, जो सुलभ और क्वालिटी हेल्थकेयर प्रदान करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

मोदी सरकार ने ‘देखो अपना देश’ और ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ जैसी पहलों के माध्यम से पंजाब की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को मान्यता दी है और उसका समर्थन किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने 26 दिसंबर को श्री गुरु गोबिंद सिंह के बेटों, बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी की शहादत की याद में वीर बाल दिवस के रूप में घोषित किया, जो पंजाब की गहरी सांस्कृतिक जड़ों को दर्शाता है।

डेरा बाबा नानक से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक करतारपुर साहिब कॉरिडोर को मंजूरी देना सिख समुदाय के प्रति मोदी सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है। यह कॉरिडोर, भारत के तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर जाने की अनुमति देता है।

PRASHAD स्कीम के तहत, 1629.17 करोड़ रुपये की 46 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिसमें अमृतसर में करुणा सागर वाल्मीकि स्थल और रूपार में चमकौर साहिब का डेवलपमेंट शामिल है। दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे; सुल्तानपुर लोधी, गोइंदवाल साहिब, खडूर साहिब, तरन तारन और कटरा में वैष्णो देवी के पवित्र हिंदू स्थल को जोड़ता है - यह परियोजना पंजाब की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करती है।

मोदी सरकार के पिछले नौ वर्षों में पंजाब, तेज विकास की राह पर आगे बढ़ा है। इंफ्रास्ट्रक्चरल, कृषि और सांस्कृतिक पहलों को समेटे बहुआयामी दृष्टिकोण, समग्र विकास के लिए प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जैसा कि पंजाब एक उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ रहा है, यह मोदी सरकार के सहयोगी और सहकारी संघवाद की सफलता का प्रमाण है।

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प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दिल्ली का विकास
April 12, 2024

दिल्ली को राष्ट्रों के सम्मानित ध्वजों को फहराने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है: G20 समिट की मेजबानी के लिए दिल्ली की तैयारियों पर पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के पिछले दस वर्षों ने एक नए भारत के निर्माण की दिशा में काम शुरू किया है; गांव से शहर तक, पानी से बिजली तक, घर से स्वास्थ्य तक, शिक्षा से रोजगार तक, जाति से वर्ग तक - एक व्यापक योजना, जो हर दरवाजे तक विकास और समृद्धि ला रही है।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, इस बदलावकारी दशक में, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा संचालित इस डेवलपमेंटल मोमेंटम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनकर उभरा है।

यह शहर, उस इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव के केंद्र में रहा है जिसने पूरे देश को एक नया रूप दिया है। आज अटल सेतु, चिनाब ब्रिज, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और जोजिला टनल जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर के चमत्कार भारत के निरंतर विकसित होते परिदृश्य को दर्शाते हैं।

ट्रांसपोर्ट नेटवर्क को नया रूप देने, शहरी सुविधाओं को उन्नत करने और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, मोदी सरकार ने कई बदलावकारी पहल शुरू की हैं। रेलवे, हाईवेज से लेकर एयरपोर्ट्स तक, ये इनिशिएटिव, देश भर में इंक्लूजिव और सस्टेनेबल डेवलपमेंट को गति देने में महत्वपूर्ण रहे हैं।

मेट्रो रेल नेटवर्क के प्रभावशाली विस्तार ने भारत में शहरी आवागमन में क्रांति ला दी है। 2014 में मात्र 5 शहरों से, मेट्रो रेल नेटवर्क अब देश भर के 21 शहरों में सेवा प्रदान करता है - 2014 के 248 किलोमीटर से बढ़कर 2024 तक यह 945 किलोमीटर हो जाएगा, साथ ही 26 अतिरिक्त शहरों में 919 किलोमीटर लाइनें निर्माणाधीन हैं।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में दिल्ली मेट्रो फेज-4 के दो नए कॉरिडोर; लाजपत नगर से साकेत जी-ब्लॉक और इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ को मंजूरी दी है। दोनों लाइनों की संयुक्त लंबाई 20 किलोमीटर से अधिक है और परियोजना की लागत 8,000 करोड़ रुपये से अधिक है (केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से फंडेड)। इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ लाइन हरियाणा के बहादुरगढ़ क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके अतिरिक्त, दिल्ली-मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर पर चलने वाली भारत की पहली नमो भारत ट्रेन; रीजनल कनेक्टिविटी बढ़ाने और इसके ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को उन्नत करने की मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को और रेखांकित करती है।

इसके अलावा, भारतमाला परियोजना में लगभग 35,000 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों के विकास के माध्यम से बेहतर लॉजिस्टिक्स दक्षता और कनेक्टिविटी की परिकल्पना की गई है। इस योजना के तहत 25 ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड कॉरिडोर की योजना बनाई गई है, जिनमें से चार दिल्ली की बढ़ती इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमता से जुड़ेंगे: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे, दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे और शहरी विस्तार सड़क-II। दिल्ली के लिए स्वीकृत कुल परियोजना लंबाई 203 किलोमीटर है, जिसके लिए 18,000 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है।

पिछले एक दशक में मोदी सरकार ने एयरपोर्ट्स की क्षमता बढ़ाने और भीड़भाड़ कम करने के लिए लगातार प्रयास किए हैं। IGI एयरपोर्ट दिल्ली देश का पहला ऐसा एयरपोर्ट बन गया है, जिसमें चार रनवे और एक एलिवेटेड टैक्सीवे है। हाल ही में विस्तारित अत्याधुनिक टर्मिनल 1 का भी उद्घाटन किया गया है। इसके अलावा, आगामी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) दिल्ली एयरपोर्ट की भीड़भाड़ कम करने में और योगदान देगा, जो सालाना लाखों यात्रियों को सेवा प्रदान करेगा।

इसके अलावा, नए संसद भवन के उद्घाटन ने शहर के स्वरूप में सभ्यतागत और आधुनिक दोनों तरह के अर्थ जोड़ दिए हैं। यशोभूमि (India International Convention & Expo Centre) के उद्घाटन ने दिल्ली को भारत का सबसे बड़ा सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र दिया है, जो मिश्रित उद्देश्य वाला पर्यटन अनुभव प्रदान करता है। यशोभूमि के साथ, विश्व स्तरीय सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र ‘भरत मंडपम’, दुनिया को भारत का दर्शन कराता है।

वेलफेयर की बात करें तो, मोदी सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनका लाभ अब तक विकास और प्रगति के हाशिये पर पड़े लोगों को मिला है। दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा एक प्रमुख चिंता का विषय रही है। इसी को हल करने के लिए, मोदी सरकार ने बलात्कार के लिए सजा की मात्रा बढ़ाकर आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013 को मजबूत किया, जिसमें 12 वर्ष से कम उम्र की बच्ची के साथ बलात्कार के लिए मृत्युदंड भी शामिल है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2018 में एक अलग महिला सुरक्षा प्रभाग की स्थापना की। वन-स्टॉप सेंटर, सखी निवास, सेफ सिटी प्रोजेक्ट, निर्भया फंड, शी-बॉक्स, यौन अपराधों के लिए जांच ट्रैकिंग सिस्टम और Cri-MAC (Crime Multi-Agency Center) आदि महिला सुरक्षा के प्रति सरकार के अभियान में महत्वपूर्ण हैं।

इसके अलावा, स्वच्छ भारत मिशन, पीएम-उज्ज्वला योजना, पीएम-मातृ वंदना योजना और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ने भारत में नारी शक्ति को और सशक्त बनाया है।

जैसे-जैसे भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन रहा है, दिल्ली भी इस विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। आज दिल्ली में 13,000 से अधिक DPIIT-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप काम कर रहे हैं, साथ ही सरकार PM MUDRA योजना के माध्यम से स्वरोजगार को बढ़ावा दे रही है, जिसके तहत वित्त वर्ष 2023-24 (26.01.2024 तक) के लिए 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के 2.3 लाख से अधिक लोन स्वीकृत किए गए हैं।

पीएम-स्वनिधि, जो स्ट्रीट वेंडर्स को बिना किसी गारंटी के लोन मुहैया कराता है, दिल्ली में 1.67 लाख से ज़्यादा लाभार्थियों को मदद कर रहा है। इसके अलावा, कोविड-19 महामारी के दौरान नए रोजगार के सृजन और रोजगार के नुकसान की भरपाई के लिए एंप्लॉयर्स को प्रोत्साहित करने के लिए 2020 में शुरू की गई आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत, दिल्ली में 2.2 लाख से ज़्यादा एंप्लॉयी लाभान्वित हुए।

इसके अलावा, पीएम आवास योजना (शहरी) के तहत दिल्ली में लगभग 30,000 घरों को मंजूरी दी गई है और उनका निर्माण पूरा हो चुका है।

दिल्ली के लोगों के लिए वायु प्रदूषण एक सतत समस्या रही है। इस वास्तविकता को समझते हुए, केंद्र सरकार ने देश भर में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्तर की रणनीति के रूप में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम शुरू किया है।

पिछले एक दशक में मोदी सरकार के कार्यकाल ने दिल्ली में विभिन्न मोर्चों पर उल्लेखनीय बदलाव लाए हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से लेकर गवर्नेंस रिफॉर्म्स तक, शिक्षा से लेकर रोजगार तक, सरकार की पहलों ने राजधानी शहर पर एक अमिट छाप छोड़ी है। जैसे-जैसे दिल्ली प्रोग्रेस और डेवलपमेंट के अपने सफर पर आगे बढ़ रही है, मोदी सरकार का योगदान आने वाले वर्षों में इसके भविष्य की दिशा को आकार देने के लिए तैयार है।