प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज नागपुर हवाई अड्डा परियोजना के लिए महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेशकश की गई 400 हेक्टेयर भूमि के बदले भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की 278 हेक्टेयर भूमि के हस्तांतरण/अदला-बदली को अपनी मंजूरी दे दी। इसमें आईएएफ के कब्जे वाली 288.74 एकड़ एएआई भूमि भी शामिल है। इसके साथ ही नागपुर हवाई अड्डे पर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) की जो 288.74 एकड़ भूमि फिलहाल आईएएफ के कब्जे में है, उसे फिर से एएआई के हवाले करने को भी स्वीकृति दे दी गई है।
राज्य सरकार ने आईएएफ की मौजूदा परिसंपत्तियों की स्थानांतरण लागत को ध्यान में रखते हुए 278 हेक्टेयर भूमि के बदले में 400 हेक्टेयर भूमि की पेशकश की है। आईएएफ द्वारा इसे उपयुक्त माने जाने का एक कारण यह भी है कि भारतीय वायु सेना की गजराज परियोजना के वास्ते रनवे के विस्तार इत्यादि के लिए अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता है। आईएएफ के कब्जे वाली 278 हेक्टेयर भूमि पांच विभिन्न स्थानों पर स्थित है, इसलिए गजराज परियोजना को एकीकृत ढंग से विकसित करने में भारतीय वायु सेना को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, गजराज परियोजना के विकास एवं रनवे के विस्तार के लिए आईएएफ को केवल एक बड़े प्लॉट की आवश्यकता है।