प्रधानमंत्री मोदी एक मजबूत और निर्णायक नेता का एक बड़ा उदाहरण हैं जो अपने वादों को पूरा कर सकते हैं। मोदी की गारंटी में विभिन्न क्षेत्रों, नागरिकों और योजनाओं से जुड़े वादे शामिल हैं। मोदी की गारंटी का मतलब है लोगों के कल्याण के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता। मोदी की गारंटी का मतलब है विकसित भारत, एक श्रेष्ठ भारत। यह युवाओं के विकास, महिलाओं के सशक्तिकरण, किसानों के कल्याण और उन सभी हाशिए और कमजोर लोगों के कल्याण की गारंटी है, जिन्हें दशकों से अनदेखा किया गया है।

वेलफेयर की गारंटी

सबसे बुनियादी जरूरतों के साथ शुरुआत करते हुए, आज सबसे गरीब से गरीब व्यक्ति को मोदी सरकार द्वारा प्रमुख सरकारी कल्याण कार्यक्रमों का शत-प्रतिशत लाभ पहुंचाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देने की घोषणा की है। यह गारंटी सुनिश्चित करती है कि कोई भी भूखा न सोए।

प्रत्येक सिर पर छत मुहैया करने के लिए, मोदी सरकार शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लाखों लोगों के लिए पीएम आवास योजना के माध्यम से 'सभी के लिए आवास' की गारंटी देती है। आज इस योजना के तहत चार करोड़ से अधिक घरों को मंजूरी दी गई है। गांवों का 100% विद्युतीकरण भी इसी वादे का हिस्सा है। जल जीवन मिशन के तहत आज 14 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों तक पानी पहुंच रहा है, जो भारत के सभी ग्रामीण परिवारों को सुरक्षित और पीने योग्य पानी के नल कनेक्शन की गारंटी देता है।

'सभी के लिए स्वास्थ्य' सुनिश्चित करना पीएम जन आरोग्य योजना (PM-JAY) है, जो सरकार द्वारा फंडेड दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है, जिसमें 12 करोड़ कमजोर परिवारों के लगभग 55 करोड़ व्यक्ति शामिल हैं। यह योजना एक सेफ्टी नेट के रूप में कार्य करती है और यह सुनिश्चित करती है कि चिकित्सा आपात स्थिति गरीबों और कमजोर लोगों के लिए कर्ज का दुश्चक्र न बने।

मोदी सरकार समावेशी विकास और कमजोर तथा हाशिए पर पड़े लोगों के लिए लचीलापन लाने के लिए प्रतिबद्ध है। उदाहरण के लिए, आदिवासी कमजोर समुदायों के बीच लचीलापन बनाने के सरकार के प्रयासों में सबसे आगे रहे हैं। 24,000 करोड़ रुपये के फंड के साथ PM JANMAN, का उद्देश्य विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTGs) के बीच सरकारी योजनाओं की पूर्ण पहुंच सुनिश्चित करना है ताकि बुनियादी सुविधाओं और समग्र सामाजिक-आर्थिक संकेतकों तक उनकी पहुंच में सुधार हो सके।

अन्नदाता को सशक्त बनाना

किसानों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धता कृषि बजट में पर्याप्त वृद्धि में स्पष्ट है, जो 2024-25 में 1.27 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है, जो 2014-15 से 300% की उल्लेखनीय वृद्धि है। पीएम-KISAN योजना ने 11 करोड़ से अधिक किसानों को लाभान्वित किया है और सहायता के रूप में 2.6 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं। सरकार भी सक्रिय रूप से किसानों को उद्यमी बनने में समर्थन कर रही है जिससे 7,000 वाइब्रेंट एग्री और उससे जुड़े स्टार्टअप उभरे हैं।

 

इसके अतिरिक्त, इथेनॉल ब्लेंडिंग पर जोर, किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से निर्बाध ऋण पहुंच, और सफल पीएम फसल बीमा योजना, दावों के रूप में दिए गए 1.5 लाख करोड़ रुपये के साथ, ने किसानों के लिए एक सेफ्टी नेट बनाया है। मोटे अनाज का रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन और e-NAM जैसी टेक्नोलॉजी का इंटीग्रेशन, कृषि विकास के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।

 

नारी सशक्तिकरण: प्रगति और उपलब्धि

पीएम मोदी के नेतृत्व में, भारत महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के लिए प्रतिबद्ध है। जन धन योजना जैसी पहल ने पहली बार 28 करोड़ महिलाओं को बैंक खातों तक पहुंच प्राप्त की है, जबकि लगभग 31 करोड़ मुद्रा ऋण महिलाओं को दिए गए हैं। 1 करोड़ लखपति दीदियां पहले से ही भारत में ग्रामीण परिदृश्य को बदल रही हैं। तीन तलाक के उन्मूलन ने मुस्लिम महिलाओं के एक नए युग की शुरुआत की है। इसके अलावा, दस करोड़ एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने वाली पीएम उज्ज्वला योजना जैसी पहलों की सफलता ने महिलाओं को सशक्त बनाया है, जो महिलाओं के अधिकारों और कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।

ग्रामीण स्वच्छता, मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी पहल एक अधिक समावेशी और जेंडर-सेंसिटिव समाज बनाने में योगदान करती है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ी छलांग है।

विकास भी, विरासत भी

पीएम मोदी की सरकार न विकास पर फोकस कर रही है, बल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और उसे बढ़ाने पर भी ध्यान दे रही है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, उज्जैन महाकाल कॉरिडोर, चार धाम परियोजना और चिरप्रतीक्षित श्रीराम मंदिर का निर्माण और विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में अयोध्या का पुनर्विकास इसी की गवाही देता है।

PRASHAD और स्वदेश दर्शन जैसी योजनाओं के माध्यम से धार्मिक पर्यटन को मुख्यधारा में लाने के सरकार के प्रयासों के साथ-साथ 344 पुरावशेषों की वापसी और यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में 10 स्थलों को जोड़ने के साथ-साथ केवल नौ वर्षों में भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक साख में वृद्धि हुई है।

नए संसद भवन में सेंगोल की स्थापना भारत के अमृतकाल के दौरान भारत की गहन सांस्कृतिक परंपराओं और आधुनिक आकांक्षाओं का एक अनूठा मिश्रण है।

अमृत पीढ़ी के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम

भारत के युवाओं की क्षमता को पहचानते हुए, पीएम मोदी ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उनके सशक्तिकरण की गारंटी दी है। जैसा कि भारत एक लाख+ स्टार्टअप के साथ विश्व स्तर पर तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम के रूप में उभरा है, पीएम मुद्रा योजना ने पहली बार के 8 करोड़ युवा उद्यमियों को क्रेडिट एक्सेस बढ़ा दिया है। भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में 2014 से 2019 के बीच छह करोड़ रोजगार भी पैदा हुए हैं। पीएम कौशल विकास योजना के तहत 1.4 करोड़ व्यक्तियों को सुनिश्चित पारिश्रमिक के साथ 10,000 अटल टिंकरिंग लैब्स ने लाखों प्रतिभावान युवाओं को सशक्त बनाया है, बेरोजगारी दर 2018-19 के 5.8% से घटकर 2022-23 में 3.2% हो गई है

डिजिटल लिटरेसी, हाई एजुकेशन एनरोलमेंट और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर जोर एक कुशल और जानकार युवा आबादी की बेहतरी के लिए प्रतिबद्धता प्रदर्शित करता है।

विजेता बनकर उभरा मध्यम वर्ग

पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की विकास गाथा में मध्यम वर्ग एक प्रेरक शक्ति के रूप में उभरा है। एक विशाल मेट्रो नेटवर्क और वंदे भारत ट्रेनों, 7 लाख रुपये की आमदनी तक जीरो टैक्स, और RERA, PM आवास योजना तथा SWAMIH इंवेस्टमेंट फंड जैसी आवास क्षेत्र की पहलों सहित इंफ्रास्ट्रक्चर के डेवलपमेंट ने मध्यम वर्ग के उदय में योगदान दिया है, जो 2021-22 में कुल आबादी का 31% है।

आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना से 60 लाख लाभार्थियों को लाभ हुआ है, जबकि देश भर के 500 शहरों और कस्बों में 82,222 करोड़ रुपये की अमृत परियोजनाएं शुरू की गई हैं। प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि (2013-14 में 79,118 रुपये से 2022-23 में 1.97 लाख रुपये) और नव-मध्यम वर्ग का उदय दर्शाता है कि भारत का मध्यम वर्ग भारत की ग्रोथ स्टोरी में विजेता के रूप में उभरा है।

भारतीय अर्थव्यवस्था: एक प्रेरक कहानी

पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने उल्लेखनीय रूप से तेज आर्थिक प्रगति दर्ज की है। कमजोर पांच (फ्रैजाइल फाइव) अर्थव्यवस्थाओं में से एक रहा भारत अब पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जिसने 2014 से 2023 तक रिकॉर्ड 596 बिलियन डॉलर का FDI आकर्षित किया है। GST रेवेन्यू प्रति माह औसतन 1.6 लाख करोड़ रुपये है, और MSME क्षेत्र की ग्रोथ, 15 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देती है, यह परिदृश्य, भारत के आर्थिक पुनरुत्थान को उजागर करता है।

प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना और 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने के परिणामस्वरूप निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो वर्ष 2022-23 में 775 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया है। मुद्रास्फीति पर नियंत्रण और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत करना महत्वपूर्ण कारक हैं जो आर्थिक सफलता की कहानी में योगदान करते हैं।

डिजिटल इंडिया : दुनिया के लिए एक मॉडल

भारत का टेक और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, एक टेक-सेवी और डिजिटल रूप से जुड़े राष्ट्र के लिए पीएम मोदी के विजन का एक प्रमाण है। डिजिटल इंडिया, BharatNet और UPI जैसी पहलों ने डिजिटल विभाजन को पाट दिया है, दक्षता बढ़ा दी है और समावेशिता लाया है। वहीं फ्रांस, सिंगापुर, यूएई, नेपाल और भूटान जैसे देशों के UPI पेमेंट को स्वीकार करने के बाद UPI ग्लोबल हो गया।

फिनटेक अपनाने और डिजिटल स्किल रेडीनेस में पहली रैंकिंग के साथ, भारत को 5G टेक्नोलॉजी की सबसे तेज़ तैनाती का श्रेय दिया जाता है। सुपरकंप्यूटिंग और डिजिटल हेल्थ पर ध्यान केंद्रित करना टेक एडवांसमेंट के लिए देश की प्रतिबद्धता का उदाहरण है

अनुच्छेद 370 की समाप्ति: अलगाव के युग का अंत

पीएम मोदी ने उस व्यवस्था को उखाड़ फेंका है जो कश्मीर के 1.5 करोड़ से अधिक लोगों को उनके उचित अधिकारों से वंचित करती थी। 1994 से 2004 के बीच 40,000 से अधिक आतंकी घटनाएं हुईं, लेकिन मोदी सरकार के नौ वर्षों में, इन घटनाओं में 70% की भारी कमी आई और यह घटकर केवल 2,197 रह गई। इसी तरह, नागरिक मौतों की संख्या में 72% की कमी आई, और सुरक्षा बलों की मौतों की संख्या में 59% की कमी आई।

पीएम मोदी ने कश्मीरी युवाओं की ऊर्जा को भी नई दिशा दी है। 2010 में, जम्मू-कश्मीर में पथराव की लगभग 2,654 घटनाएं हुईं, जिसमें 112 नागरिक मारे गए और 6,235 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। हालांकि, 2023 में एक भी घटना सामने नहीं आई।

आर्टिकल 370 को हटाने के बाद, 30 साल के अंतराल के बाद 2021 में पहली बार जम्मू-कश्मीर में सिनेमा हॉल खोले गए। आज चार नए थियेटरों ने काम करना शुरू कर दिया है। श्रीनगर में एक मल्टीप्लेक्स बनाया गया है और जम्मू-कश्मीर में 100 से अधिक फिल्मों की शूटिंग की जा रही है।

आर्टिकल 370 के खात्मे ने, जम्मू-कश्मीर के देश के साथ एकीकरण को बढ़ावा दिया है, समावेश को बढ़ावा दिया है, इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट को बढ़ावा दिया है, निवेश में वृद्धि की है और जम्मू और कश्मीर में इनोवेशन के लिए अनुकूल वातावरण बनाया है। पीएम मोदी ने एक निशान, एक संविधान और एक भारत के अपने वादे को पूरा किया है।

प्रधानमंत्री मोदी एक मजबूत और निर्णायक नेता का एक बड़ा उदाहरण हैं जो अपने वादों को पूरा कर सकते हैं। मोदी की गारंटी में विभिन्न क्षेत्रों, नागरिकों और योजनाओं से जुड़े वादे शामिल हैं। मोदी की गारंटी का मतलब है लोगों के कल्याण के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता। मोदी की गारंटी का मतलब है विकसित भारत, एक श्रेष्ठ भारत। यह युवाओं के विकास, महिलाओं के सशक्तिकरण, किसानों के कल्याण और उन सभी हाशिए और कमजोर लोगों के कल्याण की गारंटी है, जिन्हें दशकों से अनदेखा किया गया है

वेलफेयर की गारंटी

सबसे बुनियादी जरूरतों के साथ शुरुआत करते हुए, आज सबसे गरीब से गरीब व्यक्ति को मोदी सरकार द्वारा प्रमुख सरकारी कल्याण कार्यक्रमों का शत-प्रतिशत लाभ पहुंचाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देने की घोषणा की है। यह गारंटी सुनिश्चित करती है कि कोई भी भूखा न सोए

प्रत्येक सिर पर छत मुहैया करने के लिए, मोदी सरकार शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लाखों लोगों के लिए पीएम आवास योजना के माध्यम से 'सभी के लिए आवास' की गारंटी देती है। आज इस योजना के तहत चार करोड़ से अधिक घरों को मंजूरी दी गई है। गांवों का 100% विद्युतीकरण भी इसी वादे का हिस्सा है। जल जीवन मिशन के तहत आज 14 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों तक पानी पहुंच रहा है, जो भारत के सभी ग्रामीण परिवारों को सुरक्षित और पीने योग्य पानी के नल कनेक्शन की गारंटी देता है

'सभी के लिए स्वास्थ्य' सुनिश्चित करना पीएम जन आरोग्य योजना (PM-JAY) है, जो सरकार द्वारा फंडेड दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है, जिसमें 12 करोड़ कमजोर परिवारों के लगभग 55 करोड़ व्यक्ति शामिल हैं। यह योजना एक सेफ्टी नेट के रूप में कार्य करती है और यह सुनिश्चित करती है कि चिकित्सा आपात स्थिति गरीबों और कमजोर लोगों के लिए कर्ज का दुश्चक्र न बने।

मोदी सरकार समावेशी विकास और कमजोर तथा हाशिए पर पड़े लोगों के लिए लचीलापन लाने के लिए प्रतिबद्ध है। उदाहरण के लिए, आदिवासी कमजोर समुदायों के बीच लचीलापन बनाने के सरकार के प्रयासों में सबसे आगे रहे हैं। 24,000 करोड़ रुपये के फंड के साथ PM JANMAN, का उद्देश्य विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTGs) के बीच सरकारी योजनाओं की पूर्ण पहुंच सुनिश्चित करना है ताकि बुनियादी सुविधाओं और समग्र सामाजिक-आर्थिक संकेतकों तक उनकी पहुंच में सुधार हो सके

अन्नदाता को सशक्त बनाना

किसानों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धता कृषि बजट में पर्याप्त वृद्धि में स्पष्ट है, जो 2024-25 में 1.27 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है, जो 2014-15 से 300% की उल्लेखनीय वृद्धि है। पीएम-KISAN योजना ने 11 करोड़ से अधिक किसानों को लाभान्वित किया है और सहायता के रूप में 2.6 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं। सरकार भी सक्रिय रूप से किसानों को उद्यमी बनने में समर्थन कर रही है जिससे 7,000 वाइब्रेंट एग्री और उससे जुड़े स्टार्टअप उभरे हैं

इसके अतिरिक्त, इथेनॉल ब्लेंडिंग पर जोर, किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से निर्बाध ऋण पहुंच, और सफल पीएम फसल बीमा योजना, दावों के रूप में दिए गए 1.5 लाख करोड़ रुपये के साथ, ने किसानों के लिए एक सेफ्टी नेट बनाया है। मोटे अनाज का रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन और e-NAM जैसी टेक्नोलॉजी का इंटीग्रेशन, कृषि विकास के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है

नारी सशक्तिकरण: प्रगति और उपलब्धि

पीएम मोदी के नेतृत्व में, भारत महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के लिए प्रतिबद्ध है। जन धन योजना जैसी पहल ने पहली बार 28 करोड़ महिलाओं को बैंक खातों तक पहुंच प्राप्त की है, जबकि लगभग 31 करोड़ मुद्रा ऋण महिलाओं को दिए गए हैं। 1 करोड़ लखपति दीदियां पहले से ही भारत में ग्रामीण परिदृश्य को बदल रही हैं। तीन तलाक के उन्मूलन ने मुस्लिम महिलाओं के एक नए युग की शुरुआत की है। इसके अलावा, दस करोड़ एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने वाली पीएम उज्ज्वला योजना जैसी पहलों की सफलता ने महिलाओं को सशक्त बनाया है, जो महिलाओं के अधिकारों और कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है

ग्रामीण स्वच्छता, मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी पहल एक अधिक समावेशी और जेंडर-सेंसिटिव समाज बनाने में योगदान करती है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ी छलांग है

विकास भी, विरासत भी

पीएम मोदी की सरकार न विकास पर फोकस कर रही है, बल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और उसे बढ़ाने पर भी ध्यान दे रही है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, उज्जैन महाकाल कॉरिडोर, चार धाम परियोजना और चिरप्रतीक्षित श्रीराम मंदिर का निर्माण और विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में अयोध्या का पुनर्विकास इसी की गवाही देता है

PRASHAD और स्वदेश दर्शन जैसी योजनाओं के माध्यम से धार्मिक पर्यटन को मुख्यधारा में लाने के सरकार के प्रयासों के साथ-साथ 344 पुरावशेषों की वापसी और यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में 10 स्थलों को जोड़ने के साथ-साथ केवल नौ वर्षों में भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक साख में वृद्धि हुई है

नए संसद भवन में सेंगोल की स्थापना भारत के अमृतकाल के दौरान भारत की गहन सांस्कृतिक परंपराओं और आधुनिक आकांक्षाओं का एक अनूठा मिश्रण है

अमृत पीढ़ी के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम

भारत के युवाओं की क्षमता को पहचानते हुए, पीएम मोदी ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उनके सशक्तिकरण की गारंटी दी है। जैसा कि भारत एक लाख+ स्टार्टअप के साथ विश्व स्तर पर तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम के रूप में उभरा है, पीएम मुद्रा योजना ने पहली बार के 8 करोड़ युवा उद्यमियों को क्रेडिट एक्सेस बढ़ा दिया है। भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में 2014 से 2019 के बीच छह करोड़ रोजगार भी पैदा हुए हैं। पीएम कौशल विकास योजना के तहत 1.4 करोड़ व्यक्तियों को सुनिश्चित पारिश्रमिक के साथ 10,000 अटल टिंकरिंग लैब्स ने लाखों प्रतिभावान युवाओं को सशक्त बनाया है, बेरोजगारी दर 2018-19 के 5.8% से घटकर 2022-23 में 3.2% हो गई है।

डिजिटल लिटरेसी, हाई एजुकेशन एनरोलमेंट और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर जोर एक कुशल और जानकार युवा आबादी की बेहतरी के लिए प्रतिबद्धता प्रदर्शित करता है

विजेता बनकर उभरा मध्यम वर्ग

पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की विकास गाथा में मध्यम वर्ग एक प्रेरक शक्ति के रूप में उभरा है। एक विशाल मेट्रो नेटवर्क और वंदे भारत ट्रेनों, 7 लाख रुपये की आमदनी तक जीरो टैक्स, और RERA, PM आवास योजना तथा SWAMIH इंवेस्टमेंट फंड जैसी आवास क्षेत्र की पहलों सहित इंफ्रास्ट्रक्चर के डेवलपमेंट ने मध्यम वर्ग के उदय में योगदान दिया है, जो 2021-22 में कुल आबादी का 31% है

आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना से 60 लाख लाभार्थियों को लाभ हुआ है, जबकि देश भर के 500 शहरों और कस्बों में 82,222 करोड़ रुपये की अमृत परियोजनाएं शुरू की गई हैं। प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि (2013-14 में 79,118 रुपये से 2022-23 में 1.97 लाख रुपये) और नव-मध्यम वर्ग का उदय दर्शाता है कि भारत का मध्यम वर्ग भारत की ग्रोथ स्टोरी में विजेता के रूप में उभरा है।

भारतीय अर्थव्यवस्था: एक प्रेरक कहानी

पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने उल्लेखनीय रूप से तेज आर्थिक प्रगति दर्ज की है। कमजोर पांच (फ्रैजाइल फाइव) अर्थव्यवस्थाओं में से एक रहा भारत अब पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जिसने 2014 से 2023 तक रिकॉर्ड 596 बिलियन डॉलर का FDI आकर्षित किया है। GST रेवेन्यू प्रति माह औसतन 1.6 लाख करोड़ रुपये है, और MSME क्षेत्र की ग्रोथ, 15 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देती है, यह परिदृश्य, भारत के आर्थिक पुनरुत्थान को उजागर करता है

प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना और 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने के परिणामस्वरूप निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो वर्ष 2022-23 में 775 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया है। मुद्रास्फीति पर नियंत्रण और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत करना महत्वपूर्ण कारक हैं जो आर्थिक सफलता की कहानी में योगदान करते हैं

डिजिटल इंडिया : दुनिया के लिए एक मॉडल

भारत का टेक और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, एक टेक-सेवी और डिजिटल रूप से जुड़े राष्ट्र के लिए पीएम मोदी के विजन का एक प्रमाण है। डिजिटल इंडिया, BharatNet और UPI  जैसी पहलों ने डिजिटल विभाजन को पाट दिया है, दक्षता बढ़ा दी है और समावेशिता लाया है। वहीं फ्रांस, सिंगापुर, यूएई, नेपाल और भूटान जैसे देशों के UPI पेमेंट को स्वीकार करने के बाद UPI ग्लोबल हो गया

फिनटेक अपनाने और डिजिटल स्किल रेडीनेस में पहली रैंकिंग के साथ, भारत को 5G टेक्नोलॉजी की सबसे तेज़ तैनाती का श्रेय दिया जाता है। सुपरकंप्यूटिंग और डिजिटल हेल्थ पर ध्यान केंद्रित करना टेक एडवांसमेंट के लिए देश की प्रतिबद्धता का उदाहरण है

अनुच्छेद 370 की समाप्ति: अलगाव के युग का अंत

पीएम मोदी ने उस व्यवस्था को उखाड़ फेंका है जो कश्मीर के 1.5 करोड़ से अधिक लोगों को उनके उचित अधिकारों से वंचित करती थी। 1994 से 2004 के बीच 40,000 से अधिक आतंकी घटनाएं हुईं, लेकिन मोदी सरकार के नौ वर्षों में, इन घटनाओं में 70% की भारी कमी आई और यह घटकर केवल 2,197 रह गई। इसी तरह, नागरिक मौतों की संख्या में 72% की कमी आई, और सुरक्षा बलों की मौतों की संख्या में 59% की कमी आई

पीएम मोदी ने कश्मीरी युवाओं की ऊर्जा को भी नई दिशा दी है। 2010 में, जम्मू-कश्मीर में पथराव की लगभग 2,654 घटनाएं हुईं, जिसमें 112 नागरिक मारे गए और 6,235 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। हालांकि, 2023 में एक भी घटना सामने नहीं आई

आर्टिकल 370 को हटाने के बाद, 30 साल के अंतराल के बाद 2021 में पहली बार जम्मू-कश्मीर में सिनेमा हॉल खोले गए। आज चार नए थियेटरों ने काम करना शुरू कर दिया है। श्रीनगर में एक मल्टीप्लेक्स बनाया गया है और जम्मू-कश्मीर में 100 से अधिक फिल्मों की शूटिंग की जा रही है

आर्टिकल 370 के खात्मे ने, जम्मू-कश्मीर के देश के साथ एकीकरण को बढ़ावा दिया है, समावेश को बढ़ावा दिया है, इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट को बढ़ावा दिया है, निवेश में वृद्धि की है और जम्मू और कश्मीर में इनोवेशन के लिए अनुकूल वातावरण बनाया है। पीएम मोदी ने एक निशान, एक संविधान और एक भारत के अपने वादे को पूरा किया है

भारत: उभरता विश्वमित्र

पीएम मोदी के मार्गदर्शन में भारत की विदेश नीति ने देश को वैश्विक मंच पर नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। नई दिल्ली G20 डिक्लेरेशन पर पूर्ण सहमति, ISA और CDRI जैसे संगठनों में नेतृत्व, और COVID-19 महामारी (101 देशों को 30 करोड़+ COVID-19 टीके) के दौरान योगदान एक ग्लोबल लीडर के रूप में इसके उभार को प्रदर्शित करता है

 

डिजिटल टेक्नोलॉजी, रियल टाइम डिजिटल पेमेंट ट्रांजैक्शन और विभिन्न क्षेत्रों में ग्लोबल रैंकिंग में भारत की उपलब्धियां, अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में अपनी जगह मजबूत करती हैं

 

प्रधानमंत्री मोदी का कार्यकाल गवर्नेंस के प्रति समग्र और समावेशी दृष्टिकोण को दर्शाता है। किसानों और महिलाओं को सशक्त बनाने से लेकर आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने, संस्कृति को संरक्षित करने और वैश्विक मंच पर अग्रणी होने तक, सरकार के प्रयासों ने एक लचीले, सशक्त और विश्व स्तर पर सम्मानित भारत की नींव रखी है। यह पीएम मोदी के कथन “मोदी की गारंटी यानी हर गारंटी पूरी होने की गारंटी” को रेखांकित करता है

 

जबकि राष्ट्र विकास की राह पर अग्रसर है, यह स्पष्ट है कि "विकसित भारत @2047" का विजन केवल एक नारा नहीं है, बल्कि एक जीवंत वास्तविकता है जो एक ऊर्जावान और गतिशील राष्ट्र के भाग्य को गढ़ रही है

पीएम मोदी के मार्गदर्शन में भारत की विदेश नीति ने देश को वैश्विक मंच पर नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। नई दिल्ली G20 डिक्लेरेशन पर पूर्ण सहमति, ISA और CDRI जैसे संगठनों में नेतृत्व, और COVID-19 महामारी (101 देशों को 30 करोड़+ COVID-19 टीके) के दौरान योगदान एक ग्लोबल लीडर के रूप में इसके उभार को प्रदर्शित करता है।

डिजिटल टेक्नोलॉजी, रियल टाइम डिजिटल पेमेंट ट्रांजैक्शन और विभिन्न क्षेत्रों में ग्लोबल रैंकिंग में भारत की उपलब्धियां, अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में अपनी जगह मजबूत करती हैं।

प्रधानमंत्री मोदी का कार्यकाल गवर्नेंस के प्रति समग्र और समावेशी दृष्टिकोण को दर्शाता है। किसानों और महिलाओं को सशक्त बनाने से लेकर आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने, संस्कृति को संरक्षित करने और वैश्विक मंच पर अग्रणी होने तक, सरकार के प्रयासों ने एक लचीले, सशक्त और विश्व स्तर पर सम्मानित भारत की नींव रखी है। यह पीएम मोदी के कथन “मोदी की गारंटी यानी हर गारंटी पूरी होने की गारंटी” को रेखांकित करता है।

जबकि राष्ट्र विकास की राह पर अग्रसर है, यह स्पष्ट है कि "विकसित भारत @2047" का विजन केवल एक नारा नहीं है, बल्कि एक जीवंत वास्तविकता है जो एक ऊर्जावान और गतिशील राष्ट्र के भाग्य को गढ़ रही है।

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प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दिल्ली का विकास
April 12, 2024

दिल्ली को राष्ट्रों के सम्मानित ध्वजों को फहराने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है: G20 समिट की मेजबानी के लिए दिल्ली की तैयारियों पर पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के पिछले दस वर्षों ने एक नए भारत के निर्माण की दिशा में काम शुरू किया है; गांव से शहर तक, पानी से बिजली तक, घर से स्वास्थ्य तक, शिक्षा से रोजगार तक, जाति से वर्ग तक - एक व्यापक योजना, जो हर दरवाजे तक विकास और समृद्धि ला रही है।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, इस बदलावकारी दशक में, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा संचालित इस डेवलपमेंटल मोमेंटम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनकर उभरा है।

यह शहर, उस इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव के केंद्र में रहा है जिसने पूरे देश को एक नया रूप दिया है। आज अटल सेतु, चिनाब ब्रिज, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और जोजिला टनल जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर के चमत्कार भारत के निरंतर विकसित होते परिदृश्य को दर्शाते हैं।

ट्रांसपोर्ट नेटवर्क को नया रूप देने, शहरी सुविधाओं को उन्नत करने और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, मोदी सरकार ने कई बदलावकारी पहल शुरू की हैं। रेलवे, हाईवेज से लेकर एयरपोर्ट्स तक, ये इनिशिएटिव, देश भर में इंक्लूजिव और सस्टेनेबल डेवलपमेंट को गति देने में महत्वपूर्ण रहे हैं।

मेट्रो रेल नेटवर्क के प्रभावशाली विस्तार ने भारत में शहरी आवागमन में क्रांति ला दी है। 2014 में मात्र 5 शहरों से, मेट्रो रेल नेटवर्क अब देश भर के 21 शहरों में सेवा प्रदान करता है - 2014 के 248 किलोमीटर से बढ़कर 2024 तक यह 945 किलोमीटर हो जाएगा, साथ ही 26 अतिरिक्त शहरों में 919 किलोमीटर लाइनें निर्माणाधीन हैं।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में दिल्ली मेट्रो फेज-4 के दो नए कॉरिडोर; लाजपत नगर से साकेत जी-ब्लॉक और इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ को मंजूरी दी है। दोनों लाइनों की संयुक्त लंबाई 20 किलोमीटर से अधिक है और परियोजना की लागत 8,000 करोड़ रुपये से अधिक है (केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से फंडेड)। इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ लाइन हरियाणा के बहादुरगढ़ क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके अतिरिक्त, दिल्ली-मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर पर चलने वाली भारत की पहली नमो भारत ट्रेन; रीजनल कनेक्टिविटी बढ़ाने और इसके ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को उन्नत करने की मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को और रेखांकित करती है।

इसके अलावा, भारतमाला परियोजना में लगभग 35,000 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों के विकास के माध्यम से बेहतर लॉजिस्टिक्स दक्षता और कनेक्टिविटी की परिकल्पना की गई है। इस योजना के तहत 25 ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड कॉरिडोर की योजना बनाई गई है, जिनमें से चार दिल्ली की बढ़ती इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमता से जुड़ेंगे: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे, दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे और शहरी विस्तार सड़क-II। दिल्ली के लिए स्वीकृत कुल परियोजना लंबाई 203 किलोमीटर है, जिसके लिए 18,000 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है।

पिछले एक दशक में मोदी सरकार ने एयरपोर्ट्स की क्षमता बढ़ाने और भीड़भाड़ कम करने के लिए लगातार प्रयास किए हैं। IGI एयरपोर्ट दिल्ली देश का पहला ऐसा एयरपोर्ट बन गया है, जिसमें चार रनवे और एक एलिवेटेड टैक्सीवे है। हाल ही में विस्तारित अत्याधुनिक टर्मिनल 1 का भी उद्घाटन किया गया है। इसके अलावा, आगामी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) दिल्ली एयरपोर्ट की भीड़भाड़ कम करने में और योगदान देगा, जो सालाना लाखों यात्रियों को सेवा प्रदान करेगा।

इसके अलावा, नए संसद भवन के उद्घाटन ने शहर के स्वरूप में सभ्यतागत और आधुनिक दोनों तरह के अर्थ जोड़ दिए हैं। यशोभूमि (India International Convention & Expo Centre) के उद्घाटन ने दिल्ली को भारत का सबसे बड़ा सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र दिया है, जो मिश्रित उद्देश्य वाला पर्यटन अनुभव प्रदान करता है। यशोभूमि के साथ, विश्व स्तरीय सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र ‘भरत मंडपम’, दुनिया को भारत का दर्शन कराता है।

वेलफेयर की बात करें तो, मोदी सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनका लाभ अब तक विकास और प्रगति के हाशिये पर पड़े लोगों को मिला है। दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा एक प्रमुख चिंता का विषय रही है। इसी को हल करने के लिए, मोदी सरकार ने बलात्कार के लिए सजा की मात्रा बढ़ाकर आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013 को मजबूत किया, जिसमें 12 वर्ष से कम उम्र की बच्ची के साथ बलात्कार के लिए मृत्युदंड भी शामिल है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2018 में एक अलग महिला सुरक्षा प्रभाग की स्थापना की। वन-स्टॉप सेंटर, सखी निवास, सेफ सिटी प्रोजेक्ट, निर्भया फंड, शी-बॉक्स, यौन अपराधों के लिए जांच ट्रैकिंग सिस्टम और Cri-MAC (Crime Multi-Agency Center) आदि महिला सुरक्षा के प्रति सरकार के अभियान में महत्वपूर्ण हैं।

इसके अलावा, स्वच्छ भारत मिशन, पीएम-उज्ज्वला योजना, पीएम-मातृ वंदना योजना और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ने भारत में नारी शक्ति को और सशक्त बनाया है।

जैसे-जैसे भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन रहा है, दिल्ली भी इस विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। आज दिल्ली में 13,000 से अधिक DPIIT-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप काम कर रहे हैं, साथ ही सरकार PM MUDRA योजना के माध्यम से स्वरोजगार को बढ़ावा दे रही है, जिसके तहत वित्त वर्ष 2023-24 (26.01.2024 तक) के लिए 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के 2.3 लाख से अधिक लोन स्वीकृत किए गए हैं।

पीएम-स्वनिधि, जो स्ट्रीट वेंडर्स को बिना किसी गारंटी के लोन मुहैया कराता है, दिल्ली में 1.67 लाख से ज़्यादा लाभार्थियों को मदद कर रहा है। इसके अलावा, कोविड-19 महामारी के दौरान नए रोजगार के सृजन और रोजगार के नुकसान की भरपाई के लिए एंप्लॉयर्स को प्रोत्साहित करने के लिए 2020 में शुरू की गई आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत, दिल्ली में 2.2 लाख से ज़्यादा एंप्लॉयी लाभान्वित हुए।

इसके अलावा, पीएम आवास योजना (शहरी) के तहत दिल्ली में लगभग 30,000 घरों को मंजूरी दी गई है और उनका निर्माण पूरा हो चुका है।

दिल्ली के लोगों के लिए वायु प्रदूषण एक सतत समस्या रही है। इस वास्तविकता को समझते हुए, केंद्र सरकार ने देश भर में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्तर की रणनीति के रूप में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम शुरू किया है।

पिछले एक दशक में मोदी सरकार के कार्यकाल ने दिल्ली में विभिन्न मोर्चों पर उल्लेखनीय बदलाव लाए हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से लेकर गवर्नेंस रिफॉर्म्स तक, शिक्षा से लेकर रोजगार तक, सरकार की पहलों ने राजधानी शहर पर एक अमिट छाप छोड़ी है। जैसे-जैसे दिल्ली प्रोग्रेस और डेवलपमेंट के अपने सफर पर आगे बढ़ रही है, मोदी सरकार का योगदान आने वाले वर्षों में इसके भविष्य की दिशा को आकार देने के लिए तैयार है।