‘‘अगर कृषि क्षेत्र में प्रगति होती है, तो हमारे गांवों में क्रय शक्ति बढ़ेगी और इससे भारत की आर्थिक प्रगति बढ़ेगी.’’

- नरेन्द्रमोदी

भारत की अर्थव्यवस्था शायद एकमात्र अधिकांशत: कृषि आधारित अर्थव्यवस्था है जिसमें कृषि और किसानों पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है. स्वतंत्रता से लेकर अब तक हमने किसानों को, उनके कौशल की उन्नति को, तकनीकी उन्नयन को पर्याप्त महत्व एवंवित्त-पोषण नहीं दिया है, इसलिए भारतीय किसान अभी भी प्रकृति की कृपा पर निर्भर है.

आज हमारी आधी से अधिक जन संख्या कृषि संबंधी गतिविधियों में लगी हुई है, लेकिन कृषि का सकल घरेलू उत्पाद अभी भी लगभग 15% है. क्या हम किसानों को नवीन तम तकनीक, नवीन तम ज्ञान और आसान वित्त-पोषण से सशक्त बनाकर इस परिणाम को और बेहतर नहीं बना सकते?

उत्पादन की दिशा में यूपीए के खराब प्रदर्शन को सभी जानते हैं, फिर भी यह तथ्य कि यूपीए ने कृषि को बुरी तरह से लड़ खड़ाया है, आम तौर पर ज्ञात नहीं है. यूपीए सरकार की उदासीन और गरीब-रोधीनीतियों का खामियाजा किसानों को ही भुगतना पड़ता है. जहाँ एनडीए सरकार की कृषि विकासदर 9.6% थी, वहीं 2011-12 में यूपीए सरकारने इसे 3.6% पर ला खड़ा किया है. वर्ष 2012-13 में सीएस ओ बाहर होना एक और निराशा जनक तस्वीर है.

Time to start another Green Revolution, Time to elect Narendra Modi

एक ओर जहां यूपीए सरकार कृषि क्षेत्र के लिए किसी महत्वपूर्ण सुधार को आगे बढ़ापाने में असफल रही है, वहीं श्री अटल बिहारी वाजपेयी के अंतर्गत एनडीए ने किसानों के लाभ के लिए बहुत से सुधार किए थे और कदम उठाए थे.

गुजरात में नरेन्द्र मोदी ने यह दिखा दिया है कि हम सही इरादों, अपने लक्ष्य के प्रति संकल्प और एक सकिय हितधारक की भूमिका निभाने वाली सरकार के साथ, कृषि की कायापलट कर सकते हैं. कृषि क्षेत्र में गुजरात ने बार-बार बेहतरीन प्रदर्शन किया है और राष्ट्रीय विकास दर को एक बड़े अंतर से मातदी है.

हालांकि ऐसी अभूतपूर्व विकास को दर को प्राप्त करने में अनेक कारकों की महत्वपूर्ण भूमिका है, फिर भी सिंचाई तक सरल पहुँच इसका सबसे मुख्य कारण है.गुजरात में पिछले एक दशक में शुद्ध सिंचित क्षेत्र में बहुत तीव्र दर से वृद्धि हुई है.

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नरेंद्र मोदी ने कृषि के 3 स्तंभों पर ध्यान देने की आवश्यकता पर बारम्बार बल दिया है:

  • कृषि
  • पशुपालन
  • वनरोपण

नरेंद्र मोदी मानते हैं कि कृषि को आर्थिक रूप से प्रतिफल देने वाला होना चाहिए ताकि इसमें निरत सभी व्यक्तियों की जीवन में सुधार आ सके.

वे 5 एफ़ के सूत्र में विश्वास करते हैं, जिसे नीचे प्रदर्शित किया गयाहै:

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Watch Narendra Modi’s Idea of the 5 F Formula :

 

लेकिन कृषि के मामले में सबसे महत्वपूर्ण हस्तक्षेप कृषि महोत्सव के रूप में किया गया. जबकि पूरे भारत में विशेषज्ञ कृषि विस्तार सेवाओं की आवश्यकताओं का समर्थन कर रहे हैं तथा उचित धन, जनशक्ति आदिके साथ इस लक्ष्य को कैसे प्राप्त किया जाए इस पर चर्चा कर रहे हैं, नरेंद्र मोदी ने किसान के दरवाजे तक सभी सेवाएं ले जा कर इस का एक शानदार उदाहरण स्थापित कर दियाहै.

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Time to start another Green Revolution, Time to elect Narendra Modi

कृषि के विषय में नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता को देखें::

 

विभिन्न कृषि मुद्दों पर नरेंद्र मोदी के विचारों और समाधानों को यहाँ पढ़ें

इस प्रकार यह बिलकुलस्पष्ट है कि यदि कोई व्यक्ति भारत में कृषि को संवेग प्रदान कर सकता है तथाभारत के करोड़ों किसानों को लाभ पहुंचा सकता है, तो वे नरेंद्र मोदी ही हैं.

अबकी बार, मोदी सरकार

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प्रधानमंत्री रोजगार मेले के अंर्तगत 23 दिसंबर को केंद्र सरकार के विभागों और संगठनों में नवनियुक्त भर्तियों के लिए 71,000 से अधिक नियुक्ति पत्रों का वितरण करेंगे
December 22, 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 23 दिसंबर को सुबह करीब 10:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नवनियुक्त भर्तियों के लिए 71,000 से अधिक नियुक्ति पत्रों का वितरण करेंगे। इस अवसर पर वे उपस्थित लोगों को संबोधित भी करेंगे।

रोजगार मेला रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में एक कदम है। यह युवाओं को राष्ट्र निर्माण और आत्म-सशक्तिकरण में उनकी भागीदारी के लिए सार्थक अवसर प्रदान करेगा।

रोजगार मेला देश भर में 45 स्थलों पर आयोजित किया जाएगा। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के लिए भर्तियां हो रही हैं। देश भर से चयनित नए कर्मचारी गृह मंत्रालय, डाक विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, वित्तीय सेवा विभाग सहित विभिन्न मंत्रालयों/विभागों में शामिल होंगे।