"Gujarat Chief Minister opens FICCI National Executive Meeting at Gandhinagar"
"“Time to pull India out of economic crisis and gloom, take bold decisions, in consultation with business and industry”"
"“Need to deploy India’s biggest strengths – democracy and demographic dividends – in the nation’s development”"

रोजगार, आर्थिक सुधार और सामाजिक सुविधाओं सहित अनेक विषयों पर श्री मोदी ने स्पष्ट विचारों से दिशादर्शन करवाया

  • वर्तमान आर्थिक संकटों में से भारत को बाहर लाने का संकल्प करें तो स्थिति को बदला जा सकता है
  • नीति निर्धारण प्रक्रिया में उद्योग- व्यापार जगत प्रेरित सहयोग दें
  • आगामी दशक की विकास की संभावना और व्यूहरचना के साथ सुसंगत मानवशक्ति का आयोजन करें
  • पिछले दशक में भारत ने सशक्त विकास के अवसर सही नेतृत्व और दिशा के अभाव की वजह से खो दिए
  • भरोसे के संकट से जनसामान्य में निराशा का माहौल बदलने के लिए हर क्षेत्र में नेतृत्व करने वाले प्रतिबद्ध बनें

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने FICCI की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक का शुभारम्भ करवाते हुए वर्तमान आर्थिक संकट और करंट अकाउंट डेफिसिट के संकट में से बाहर आने के लिए देश के उद्योग संचालकों के साथ विश्वासपूर्वक परामर्श कर देश के हित में योग्य दिशा में नीति निर्धारण करने का प्रेरक सुझाव दिया।

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उन्होंने उमीद जताई कि “ हम संकल्प करें तो भारत की आर्थिक स्थिति की दुर्दशा को बदला जा सकता है।”

फेडरेशन ऑफ इंडियन चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, FICCI की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक आज गांधीनगर के महात्मा मंदिर में आयोजित हुई जिसका शुभारम्भ श्री मोदी ने किया।

FICCI की इस नेशनल एक्जिक्युटिव मीट में भारतभर के 100 से ज्यादा उद्योग- व्यापार जगत के संचालकों ने भाग लिया।

आगामी दशक में भारत के विकास की सम्भावनाओं को केन्द्र में रखकर उत्तम मानव संसाधन शक्ति विकास का आयोजन करने की अनिवार्यता पर बल देते हुए श्री मोदी ने कहा कि “ हमें जिम्मेदारी लेकर इस मानवशक्ति के आयोजन के लिए संकल्प करना ही होगा।”

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधीजी ने नीति निर्धारकों को समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति की भलाई को केन्द्र में रखने की सलाह दी थी और इस वास्तविकता को ध्यान में रखकर हमें गरीबतम व्यक्ति को विकास प्रक्रिया में भागीदार बनाने के लिए उसका कौशल्यवर्धन करना ही होगा।

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FICCI के गुजरात सरकार के साथ सक्रिय सहयोग का उल्लेख करके देशभर से आये उद्योगपतियों का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 21 वीं सदी के प्रारम्भ में भारत में आशावाद का भरपूर वातावरण था परंतु उसकी 20 वीं सदी के उत्तरार्ध में दिशा, व्यूह, कार्य योजना और संसाधनों की पूर्ति के बारे में कोई विचार नहीं हुआ था इसलिए हमने अवसर को खो दिया। इसके बावजूद 21 वीं सदी की शुरुआत में आम भारत वासियों में कुछ परिवर्तनों की उम्मीदें जागी थीं मगर दुर्भाग्य से पहले ही दशक में यह उम्मीदें टूट गई हैं।

इस पर अफसोस व्यक्त करते हुए श्री मोदी ने कहा कि इस निराशा के माहौल से आम आदमी और सामाजिक जीवन का भरोसा उठ गया है। भारत जैसी विराट जनशक्ति वाले देश में भरोसे का संकट पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि 21 वीं सदी का भारतीय समाज हर मामले का बारीकी से विश्लेषण करता है ऐसे में प्रत्येक क्षेत्र में नेतृत्व करने वालों को भरोसे को पुनर्स्थापित करने के लिए संकल्पबद्ध होना होगा।

“गुजरात के अनुभव” की भूमिका पेश करते हुए श्री मोदी ने कहा कि परिवर्तन लाया जा सकता है, यह गुजरात ने साबित किया है। बुलंद हौसलों से निर्णय लेने के लिए, विपरीत परिस्थितियों में बदलाव लाने के लिए, समस्याओं के निराकरण की व्यवस्था और मनोयोग में बदलाव के लिए युग्य नेतृत्व की आवश्यकता होती है।

आम आदमी और ग्रामीण क्षेत्र को आर्थिक प्रवृत्ति में सशक्त बनाएंगे तो ही हमारी आर्थिक नीति परिणामलक्ष्यी बनेगी। मेन्युफेक्चरिंग और सर्विस सेक्टर्स को उत्पादनलक्ष्यी और मूल्यवर्धित बनाया जाए, ऐसी नीतियों को प्राथमिकता देनी ही होगी।

उद्योगों के विकास से रोजगार के अवसर पैदा होंगे और प्राकृतिक संसाधनों तथा भू सम्पदा का महत्तम उपयोग वेल्यु एडिशन से करने की नीतियों को प्राथमिकता देनी होगी। मात्र समाजवाद के नारे लगाने से आर्थिक प्रगति नहीं हो सकती। विकास के लिए नेक्स्ट जनरेशन इंफ्रास्ट्रेक्चर आवश्यक है परंतु दुर्भाग्य यह है कि पॉलिसी पेरेलिसिस और गलत नीतियों के कारण भारत की अर्थव्यवस्था की चेन ही टूट गई है। रुपये के अवमूल्यन से करंट अकाउंट डेफिसिट के संकटों से देश घिर गया है ऐसे में सही दिशा की नीतियों के लिए साहसपूर्वक आगे आना होगा। समस्याओं और संकटों से भागने या पलायन करने वाला नेतृत्व चलाया नहीं जा सकता।

बिहार की पटना रैली में आतंकी बम धमाकों के बीच भी उन्होंने स्वस्थता से रैली को जारी रखा। यह उदाहरण देते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत जैसे देश के पार डेमोक्रेसी (लोकतंत्र) और डेमोक्रेटिक डिविडंड (जनशक्ति की विकास में भागीदारी) की जो आंतरिक ताकत है उसे देश की विकास नीतियों में प्रेरित किया जाना चाहिए। भारत में 65 प्रतिशत युवाशक्ति के हुनर- कौशल्य के लिए स्कील डवलपमेंट मिशन मोड पर चलाने को प्राथमिकता देने का उन्होंने अनुरोध किया। भारत में उत्तम मानवशक्ति आयोजन के अनेक अवसर हैं मगर उसके लिए राजनैतिक इच्छाशक्ति अनिवार्य है।

भारत की विराट जनशक्ति के लिए सर्विस सेक्टर काफी महत्वपूर्ण आर्थिक विकास का माध्यम है। इसका उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने टूरिज्म क्षेत्र द्वारा आर्थिक व्यवस्थापन में योगदान देने की जरूरत पर बल दिया। उद्योग संचालकों ने मुख्यमंत्री के साथ प्रश्नोत्तरी भी की।

FICCI के प्रमुख सिद्धार्थ बिरला ने FICCI राष्ट्रीय कार्यकारिणी के एजेंडे की रूपरेखा पेश करने के साथ ही मुख्यमंत्री श्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया।

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Prime Minister greets valiant personnel of the Indian Navy on the Navy Day
December 04, 2024

Greeting the valiant personnel of the Indian Navy on the Navy Day, the Prime Minister, Shri Narendra Modi hailed them for their commitment which ensures the safety, security and prosperity of our nation.

Shri Modi in a post on X wrote:

“On Navy Day, we salute the valiant personnel of the Indian Navy who protect our seas with unmatched courage and dedication. Their commitment ensures the safety, security and prosperity of our nation. We also take great pride in India’s rich maritime history.”