श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 20 मार्च 2014 की दोपहर को महाराष्ट्र के वर्धा में ' जन चेतना रैली ' में दिए संबोधन में कृषक समुदाय और भारत के सैनिकों की सुरक्षा महत्वपूर्ण मुद्दे थे। श्री मोदी ने कांग्रेस द्वारा किए गए वादों से शुरूआत करते हुए कहा कि कैसे कांग्रेस के वादे केवल लोगों को गुमराह करने के लिए खाली चुनावी नारे थे और यह भी कहा कि कैसे चुनाव के दौरान विशेष पैकेजों की घोषणा की गई जो दुर्भाग्य से लाभार्थियों को मिले ही नहीं। श्री मोदी ने स्पष्ट किया कि हर संकट के बाद पैकेज घोषित करना एक फैशन बन गया है, उन लोगों को बोरिया-बिस्तर बाँध लेना चाहिए जिनके दिए गए पैकेज किसानों तक नहीं पहुँच रहे हैं।
एक दूरदर्शी बदलाव की जरूरत पर बोलते हुए श्री मोदी ने इस तरह के सिस्टम बनाने की आवश्यकता पर बल दिया जो लंबे समय में ढह न जाए। और इस दिशा में सुझाव देते हुआ कहा कि कृषि उपज माल गाड़ियों के माध्यम से कम समय के भीतर ले जाई जा सकती है।
' जय जवान , जय किसान ' के पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री के शब्दों को याद करते हुए श्री मोदी ने कहा कि यूपीए के तहत न ही जवान और न ही किसान सुरक्षित हैं। उन्होंने आगे कहा कि शास्त्री जी इस आह्वान ने किसानों को उत्साह के साथ भर दिया था और वे अनाज के प्रभावी उत्पादन में लग गए थे, लेकिन कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने अपने कुशासन से कृषि क्षेत्र, और देश को भी बर्बाद कर दिया है। सैनिकों के कत्ले-आम का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस शासन के तहत आज के परिदृश्य में किसान और जवान दोनों ही असुरक्षित हैं।. उन्होंने कहा कि क्या कांग्रेस के तहत सुरक्षित जवान और किसान सुरक्षित हैं ? उन्होंने किसानों से पूछा कि क्या यहाँ कोई किसान सरकार या कृषि मंत्री पर भरोसा कर सकता है ? हमारे सैनिकों का कत्ले-आम हो रहा है, जवान मारे जा रहे हैं। यदि सेना का जवान असुरक्षित है , तो हम अपनी सुरक्षा के बारे में क्या बात करें।
कृषि क्षेत्र की खराब दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए श्री मोदी ने इस बात को उजागर किया कि जब कपास उद्योग पनप रहा था तब केंद्र सरकार ने कपास निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का दुर्भाग्यपूरण फैसला ले लिया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में किसान मारे जा रहे हैं। कृषि के क्षेत्र में हम बहुत कुछ कर सकते हैं, लेकिन फिर भी किसान मर रहा है। कृषि मंत्री को जवाब देना चाहिए कि जब कपास की फसल अच्छी थी, इसकी वैश्विक मांग भी बढ़ गई थी, किसानों को इसकी अच्छी कीमत भी मिल रही थी फिर कपास के निर्यात पर प्रतिबंध क्यों लगाया क्या। य़े प्रतिबंध सरकार ने किसकी मदद करने के लिए लगाया । अगर किसान के पास पैसा जा रहा है तो सरकार को समस्या हो जाती है पर दूसरी ओर बकरे के मांस के निर्यात के लिए सब्सिडी दी जाती है ।
कृषक समुदाय के प्रति केंद्र सरकार की तिरस्कारपूरण नीति पर सहानुभूति व्यक्त करते हुए श्री मोदी ने कहा कि न वो राष्ट्र को मानते हैं और न ही उनके पास भारत को आगे ले जाने का कोई रास्ता है। वे केवल चुनाव जीतना जानते हैं। किसान को कुछ भी होता रहे पर केंद्र में बैठी सरकार पर कोई असर नहीं पङता है। यदि हमारे किसान ही बर्बाद हो जाएंगें तो हम अपना पेट कैसे भरेंगें?
कपास उत्पादकों द्वारा 5F के सूत्र को अपनाने की जरूरत पर जोर देते हुए - जिसमें फार्म (खेत) से फाइबर (कपङों के रेशे), फाइबर से फैब्रिक (कपङा), फैब्रिक से फैशन, और फैशन से फॉरेन (विदेश) - श्री मोदी ने आश्वासन दिया कि जब भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आएगी तब कृषक समुदाय पर जब विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने किसानों द्वारा की जा रही आत्महत्या पर दुख जताते हुए कहा कि सरकार को यह गारण्टी देनी चाहिए कि किसी भी किसान को मरने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कई कारणों से किसान को कर्ज लेना पङता है और फिर वह कर्ज के दुष्चक्र में फंस जाता है। मैं आपको वचन देता हूँ कि किसानों को साहूकार के पास बहुत अधिक ब्याज दर पर कर्ज लेने नहीं जाना पङेगा।
नरेंद्र मोदीजी ने विश्वास दिलाया कि भाजपा कृषि क्षेत्र को बदलने के लिए प्रतिबद्ध है । हम किसान की आय बढ़ाना चाहते हैं, गाँव की क्रय शक्ति बढ़ाना चाहते हैं। साथ ही इस बात पर बल दिया गुणवत्तापूर्ण उत्पादन के लिए किसानों को पर्याप्त पानी की आपूर्ति और नवीनतम प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराने की जरूरत है।
राष्ट्रीय हित की व्यापक चिंताओं से निपटने में असमर्थ कांग्रेस पर प्रहार करते हुए श्री मोदी ने कहा कि वे केवल नरेन्द्र मोदी को रोकने के लिए एक समाधान खोजने को लेकर परेशान थे। उन्होंने लोगों से 2014 के चुनाव में भाजपा को वोट देने का आग्रह किया और कहा कि वे एक स्थिर और मजबूत सरकार के लिए अपना समर्थन दिखाएँ। उन्होंने यह भी कहा कि चाहे काँग्रेस हो या एनसीपी, इनमें से किसी को भी दिल्ली न भेजिए। उन्होंने यहाँ भी सबकुछ खराब किया है और वहाँ इससे भी खराब करेंगे। आप भाजपा-शिव सेना गठबंधन को विजयी बनाएँ जिससे कि केंद्र में एक मजबूत और स्थिर सरकार खङी की जा सके।
पूर्व भाजपा अध्यक्ष श्री नितिन गडकरी ने केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री शरद पवार के तहत कृषि क्षेत्र के चिंताजनक हालात पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस हो या राकांपा दोनों ने ही किसानों को धोखा दिया है और भ्रष्टाचार में एक रिकॉर्ड बनाया है। श्री गडकरी ने इस बात का आश्वासन देते हुए कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार बहुत सारे जरूरी बदलाव लाएगी इस बात पर जोर दिया कि कैसे श्री मोदी ने राष्ट्र के लिए अपना जीवन समर्पित किया है।
अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ ही भारतीय जनता पार्टी के राज्य इकाई के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र फङनवीस, श्री विनोद तावडे और राजे अम्बरीशराव भी इस अवसर पर उपस्थित थे ।