केरल में माता अमृतानंदमयी-अम्मा का ६०वां जन्म महोत्सव
श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की संतशक्ति का गौरव करते हुए प्रेरक संबोधन दिया
भारतीय संतशक्ति की उज्जवल परंपरा भारत माता को जगदगुरु के स्थान पर विराजित करेगी
मानवता विरोधी ताकतें रक्त की नदियां बहा रही हैं जबकि भारत की संतशक्ति प्रेम और करुणा की धारा बहा रही है
अमृता यूनिवर्सिटी के विविध कल्याण प्रकल्पों का मुख्यमंत्री ने किया उद्घाटन
अम्मा ने दिया श्री मोदी को अंतःकरण से आशीर्वाद
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज केरल में माता अमृतानंदमयी-अम्मा के ६०वें जन्म दिवस महोत्सव में बतौर विशेष अतिथि भारत की महान संत परंपरा की महिमा का गौरवगान करते हुए कहा कि इस संतशक्ति ने सेवा और भक्ति की पीठिका से भारत माता को आजाद करने के लिए आध्यात्मिक और समाज चेतना का सांस्कृतिक आंदोलन चलाया था। श्री मोदी ने विश्वास जताया कि जब भारत की आजादी का ७५वां वर्ष या शताब्दी महोत्सव मनाया जाएगा तब देश के कोने-कोने में संतों और मनीषियों द्वारा चलाया जा रहा सेवा और भक्ति का सांस्कृतिक आंदोलन भारत माता को जगदगुरु बनाने की बुनियाद साबित होगा।
अमृतानंदमयी मठ में अमृता यूनिवर्सिटी के परिसर में मनाये जा रहे अम्मा के जन्म दिवस महोत्सव में अम्मा ने श्री नरेन्द्र मोदी को प्रगति के सोपान पर आगे बढ़ने का आशीष दिया।
गुरुवार सुबह विश्वविख्यात पद्मनाभ स्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद श्री मोदी ने अम्मा की ६०वीं वर्षगांठ के महोत्सव में शिरकत की। अम्मा ने श्री मोदी पर प्रेम की अमृत वर्षा की।
मलयाली भाषा में उपस्थित जनसमुदाय और अम्मा का अभिवादन करते हुए श्री मोदी ने कहा कि अम्मा की प्रेरणा से मानव सेवा का विराट वृक्ष विकसित हुआ है और जो कार्य सरकार को करना चाहिए वह अम्मा कर रहीं हैं।
वंचितों, शोषितों और पीड़ितों के लिए अम्मा की सेवा की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव सेवा ही माधव सेवा है और अम्मा ने इसका साक्षात्कार कराया है।
गुरुणाम माता गरियसी की भारतीय संस्कृति में मातृशक्ति की महिमा का जिक्र करते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हमारे ऋषिमुनि, गुरुओं और मातृशक्ति का अद्भुत समन्वय अम्मा में है, जिन्होंने ‘स्व’ के लिए नहीं बल्कि समष्टि के लिए अपना जीवन समर्पित किया है।
श्री मोदी ने कहा कि भव्य भारत के शिलान्यास समान विज्ञान-टेक्नोलॉजी पर आधारित अनेक तरह के संशोधन कार्य उन्होंने मानव जाति के कल्याण के लिए शुरू किए हैं।
श्री मोदी ने भारतीय मनीषियों द्वारा बताए गए वसुधैव कुटुंबकम के मार्ग को आज के मानवता विरोधी संकट का सही जवाब बताया। पाकिस्तान के पेशावर में चर्च पर हुए आतंकी हमले, नैरोबी में निर्दोष नागरिकों पर आतंकियों के कहर और आज जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना पर हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक तरफ मानवता विरोधी ताकतें खून की नदियां बहा रही हैं जबकि दूसरी ओर अम्मा जैसी संतशक्ति प्रेम और करुणा की धारा प्रवाहित कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय का मंत्र देकर भारत भूमि के संतों-मनीषियों ने आध्यात्मिक ताकत और संत परंपरा का दर्शन कराया है। यह दुर्भाग्य ही है कि हमारे ऋषिमुनि और संतों की मानवसेवा, करुणा और समाज कल्याण की उज्जवल परंपरा का गौरव नहीं होता। इसी संतशक्ति ने १८५७ के पहले स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आजादी के आंदोलन का आधार भक्ति आंदोलन के जरिए तैयार किया था। आज भी भारत के कोने-कोने में ऐसी ही समाज चेतना का सांस्कृतिक आंदोलन चल रहा है। संतशक्ति की सेवा का यह यज्ञ भारत के भविष्य को लेकर भरोसा पैदा करता है कि भारत का यह सांस्कृतिक सेवा आंदोलन ही समाज चेतना को प्राणवान बनाएगा और विश्व में भारत जगदगुरु के स्थान पर विराजित होगा।
समारोह उपस्थित देश-विदेश के अनेक महानुभावों ने अम्मा के प्रेम, सेवा और करुणा कार्यों की प्रशंसा की।