धोलावीरा से धोलेरा तक की वैभवी विरासत है गुजरात पर्यटन की विकास यात्रा – मुख्यमंत्री
देश के समाज जीवन की आध्यात्मिक धर्म-पंथ परंपरा का पर्यटन केन्द्र है गुजरात
गुजरात सरकार के लिए अग्रिम प्राथमिकता रखता है पर्यटन क्षेत्र
गुजरात में आकार लेगी बुद्धिष्ट टुरिज्म सर्किट
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पर्यटन के क्षेत्र में भारत की सबसे बड़ी टूर्स एंड ट्रैवल्स इवेन्ट “गुजरात ट्रैवल मार्ट” का आज महात्मा मंदिर, गांधीनगर में उद्घाटन करते हुए कहा कि धोलावीरा से धोलेरा तक की वैभवी विरासत गुजरात पर्यटन की विकासयात्रा है।समाज जीवन की सभी आध्यात्मिक विरासतें हिंदू, पारसी, बौद्ध, सिख और जैन सहित सभी परंपरा के श्रद्धा केन्द्र गुजरात पर्यटन की धरोहर साबित होंगे। अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र में तेजी से उभर रहे गुजरात में राज्य सरकार के पर्यटन विभाग के उपक्रम से पिछले तीन वर्ष से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर “गुजरात ट्रैवल मार्ट” का आयोजन किया जा रहा है।
आज से दो दिनों के लिए शुरू हुई यह ट्रैवल-इवेन्ट टुरिज्म और ट्रैवल एजेंटों की भारत की सबसे बड़ी B2B इवेन्ट है। इवेन्ट में देश के १५ राज्यों सहित दुनिया के ३२ देशों के करीबन १२५ टुरिज्म, टुर्स-ट्रैवल्स एंड हॉस्पिटालिटी क्षेत्र से जुड़े ट्रैवल ऑपरेटर्स, टुर्स ट्रैवल एसोसिएशन्स और राज्य सरकार के टुरिज्म कॉर्पोरेशन समेत कुल ८०० प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। दो वर्ष में गुजरात में प्रवासियों की संख्या में ५४ लाख पर्यटकों का इजाफा हुआ है। वहीं, देश की ७ फीसदी पर्यटन वृद्धि दर के मुकाबले गुजरात की वृद्धि दर दोगुनी यानी १६ फीसदी तक पहुंच गई है। पर्यटन को गुजरात सरकार के लिए अग्रिम प्राथमिकता करार देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि २००४ के पूर्व गुजरात का पर्यटन क्षेत्र का बजट महज ३० करोड़ रुपये था, जो अब ५०० करोड़ रुपये तक जा पहुंचा है। उन्होंने कहा कि गुजरात के पर्यटन विकास की संभावनाओं पर दुनिया भर के पर्यटकों का ध्यान केन्द्रीत हुआ है।
कच्छ के रणोत्सव की सफलतागाथा का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि भूतकाल में कच्छ का जो रण संकट माना जाता था, वह आज समृद्धि के लिए हिन्दुस्तान का स्वागत द्वार बन गया है। निगेटिव ग्रोथ वाला कच्छ आज हाईएस्ट एंड फास्टेस्ट डेवलप्ड डिस्ट्रीक्ट बन गया है। इसके अलावा कच्छ स्थित लखपत गुरुद्वारा की सिख परंपरा सहित पंज प्यारे की विरासत गुजरात में है और जैन धर्म के पालीताणा सहित अन्य केन्द्र भी आध्यात्मिक पर्यटन का आकर्षण बन रहे हैं। गुजरात में कृषि क्षेत्र में हुए खेतीबाड़ी विकास के अनेक नए प्रयोगों की एग्रो टुरिज्म की सर्किट और बच्चों के लिए किड्स टुरिज्म विकसित करने की संभावनाओं की भी प्रेरक भूमिका मुख्यमंत्री ने पेश की।
वर्ष २००६ में पर्यटन वर्ष मनाने के बाद अब समूचा गुजरात पर्यटन मैत्रीपूर्ण राज्य बन गया है। ‘अतिथि देवो भवः’ के समाज संस्कार वाले गुजरात में प्रति वर्ष सवा दो करोड़ सैलानी राज्य की भव्य पर्यटन विरासत का नजारा देखने के लिए आते हैं। पर्यटन क्षेत्र की प्रख्यात पत्रिका ‘लोनली प्लेनेट’ में गुजरात को विश्व के प्रथम दस पर्यटन स्थलों की सूची में रखा गया है। मुख्यमंत्री ने गुजरात की आतिथ्य सत्कार की भावना और वाइब्रेंट उत्सवप्रेमी समाज की विशेषता पर रोशनी डालते हुए कहा कि पर्यटन क्षेत्र में दुनिया में कहीं न हो ऐसा विरल वैविध्य गुजरात की धरा में है। हालांकि दस वर्ष पूर्व भारत के पर्यटन नक्शे में गुजरात का कहीं नामोनिशान भी नहीं था, लेकिन आज गुजरात टुरिज्म-फ्रेंडली स्टेट बन गया है।
कच्छ के रण में रणोत्सव के दौरान सफेद रण में शीतल चांदनी के अद्भुत सौंदर्य को निहारकर विश्व के सैलानी अभिभूत हो जाते हैं। पाकिस्तान से लगी सरहद पर स्थित इस दूरस्थ गांव में रणोत्सव की सफलता द्वारा समृद्धि की अनेक दिशाएं खुलने का प्रेरक दृष्टांत प्रस्तुत करते हुए श्री मोदी ने कहा कि गुजरात में पर्यटन विरासत का अपार वैभव है। उन्होंने दक्षिण गुजरात में स्थित पारसियों की पवित्र सांस्कृतिक अगियारी-उदवाड़ा को पारसियों की विरासत के तौर पर विकसित करने की मंशा भी जतायी। श्री मोदी ने कहा कि गुजरात में बौद्ध धर्म की ऐतिहासिक विरासत को लेकर कोई जानकारी नहीं थी, लेकिन गत एक दशक में देव नी मोरी और वडनगर सहित भगवान बुद्ध के अवशेषों और बौद्ध धर्म की धरोहर का इतिहास जुटाया है। गुजरात बुद्धिष्ट टुरिज्म सर्किट भी शुरू करने को तत्पर है।
आदिवासी क्षेत्र सापुतारा और अरवल्ली की पहाड़ियों में इको-टुरिज्म के विकास का व्यापक फलक पर आयोजन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात की भूमि विश्व के यायावर पक्षियों के लिए आकर्षण का केन्द्र है और नल सरोवर व कच्छ के बाद थोळ तालाब में यायावर विदेशी पक्षियों का तीर्थ क्षेत्र पक्षी-दर्शक सैलानियों के लिए नए पर्यटन क्षेत्र के रूप में उभरा है। गुजरात ने ही पिछले वर्ष ग्लोबल बर्ड वॉचर्स कॉन्फ्रेंस का सफलतापूर्वक आयोजन किया था, अब गुजरात वन्य प्राणी- पशु-पक्षी सृष्टि के ठिकानों, समुद्रीतट का मरीन टुरिज्म, धार्मिक स्थलों सहित घरेलू पर्यटन का उत्तम पर्यटन स्थल बन रहा है।
उन्होंने कहा कि गुजरात में फिल्म शुटिंग के अनेक पसंदीदा लोकेशन चलचित्र निर्माताओं के लिए अनोखा आकर्षण बनें हैं। सौराष्ट्र के समुद्रीतट पर व्हेल-शार्क की समुद्री जीव सृष्टि ने भी गुजरात के पर्यटन वैभव में अपना स्थान सुनिश्चित किया है। पर्यटन मंत्री सौरभभाई पटेल ने गुजरात के पर्यटन वैविध्य की भूमिका पेश करते हुए देश-विदेश के पर्यटन-ट्रैवल-टुरिज्म उद्योग से जुड़े और गुजरात ट्रैवल मार्ट में शिरकत करने वाले सभी लोगों का महात्मा की भूमि में स्वागत किया। उन्होंने प्रसन्नता जतायी कि मुख्यमंत्री श्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में गुजरात के सर्वांगी विकास की सफल यात्रा में पर्यटन क्षेत्र भी अब विश्व के पर्यटन मानचित्र पर अव्वल स्थान बना चुका है।
इस अवसर पर पर्यटन निगम के अध्यक्ष कमलेश पटेल, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव के.कैलाशनाथन, पर्यटन विभाग के सचिव विपुल मित्रा, पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक संजय कौल तथा देश-विदेश के टुरिज्म क्षेत्र के व्यवसायकार व उद्योगकार उपस्थित थे। प्रारंभ में पर्यटन सचिव विपुल मित्रा ने आमंत्रितों का स्वागत किया जबकि निगम के प्रबंध निदेशक संजय कौल ने आभार ज्ञापित किया।