वैश्विक अर्थव्यवस्था में व्यूहात्मक भागीदारी का अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्म बनेगा गुजरात मुख्यमंत्री

वैश्विक ज्ञान कौशल्य के आदान-प्रदान को मिलेगा विशेष महत्व

गुजरात बनेगा ग्लोबल बिजनेस हब, समिट-२०१३ की विशिष्ट रूपरेखा का प्रेजेन्टेशन

  

मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आगामी ११-१२-१३ जनवरी, २०१३ को आयोजित वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-२०१३ की केन्द्रीय विषयवस्तु वैश्विक ज्ञान कौशल्य के आदान-प्रदान की व्यापक भागीदारी रहेगी। उन्होंने विश्वास जताया कि परिवर्तनशील अर्थव्यवस्था के वैश्विक प्रवाह में गुजरात की निर्णायक भागीदारी, क्षमता और सामर्थ्य की संभावनाओं की अनुभूति कराने के साथ ही वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट ग्लोबल बिजनेस हब का अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्म प्रदान करेगा। श्री मोदी ने लगातार चौथी बार राज्य शासन का नेतृत्व संभालने के अवसर पर बुधवार को पत्रकार मित्रों के साथ स्नेह मिलन कार्यक्रम आयोजित किया था। इस मौके पर उन्होंने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के आयोजन की पूर्वतैयारियों की विशेषताओं को रेखांकित करने वाला प्रेजेंटेशन पेश किया।

वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट-२०१३ के आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए व्यूहात्मक सहभागिता स्थापित करने को इस समिट में विशेष महत्व दिया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष २०११ की समिट से राज्य सरकार ने युवा विकास, कौशल्य निर्माण के जरिए रोजगार के अलावा महिला स्वावलंबन एवं हरित ऊर्जा जैसे नवोन्मेशी मुद्दों पर खास तौर पर ध्यान केन्द्रित किया है। श्री मोदी ने दृढ़ विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि समिट द्वारा ज्ञान आधारित व्यूहात्मक सहभागिता को प्रेरित कर विकास के अनेक नये अवसरों का राज्य में निर्माण होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने उद्योग एवं समाज के विकास में ज्ञान आधारित व्यूहात्मक भागीदारी के महत्व को परखा है। ऐसी वैश्विक सहभागिता स्थापित कर विकास के नये अवसरों का निर्माण करने की राज्य सरकार की मंशा है। विविध क्षेत्रों में ऐसी व्यूहात्मक सहभागिता स्थापित कर सातत्यपूर्ण विकास द्वारा राज्य के लोगों के लिए उज्जवल भविष्य का निर्माण किया जा सकेगा।

वैश्विक आकर्षण के केन्द्र समान द्वि-वार्षिक वाइब्रेंट गुजरात समिट-२०१३ के तहत ५ जनवरी से १३ जनवरी के दौरान ज्ञान आधारित सहभागिता संबंधित विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। इस समिट में जापान एवं कनाडा जैसे विकसित देश ‘कंट्री पार्टनर’ बने हैं। इतना ही नहीं, अमेरिका, इंगलैंड, चीन, डेन्मार्क, अफ्रीकी देश, ऑस्ट्रेलिया, जापान एवं कनाडा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी एवं राजनीतिज्ञ भी इस समिट में शिरकत करने जा रहे हैं। इसके अलावा टाटा, रिलायंस, एडीए ग्रुप, एस्सार, फोर्ड और महिन्द्रा सहित कई अन्य वैश्विक कंपनियां भी समिट में उपस्थित रहेंगी। ज्ञान आधारित सहभागिता के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समिट में इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन एकेडेमिक इंस्टीट्यूशन (आईसीएआई) के अंतर्गत विश्वविख्यात विश्वविद्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थाओं के साथ गुजरात के तकरीबन ५१ विश्वविद्यालयों की ज्ञान आधारित साझेदारी का प्रयास किया जाएगा। जिसमें यूनिवर्सिटी ऑफ टोरेन्टो, टाइम्स हायर एजुकेशन, इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन, सेनेका कॉलेज, यूनिवर्सिटी ऑफ वोलनगोन्ग, यूनिवर्सिटी ऑफ ह्यूस्टन जैसे विश्वविद्यालयों का समावेश होता है।

गुणवत्तायुक्त रोजगार का सृजन करना इस समिट के मुख्य उद्देश्यों में से एक है। इसके लिए लघु एवं मध्यम स्तर के उद्योगों के विकास पर इस समिट में विशेष जोर दिया जाएगा। वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल ट्रेड शो इस समिट का मुख्य आकर्षण रहेगा। दस हजार वर्गमीटर क्षेत्र में फैले इस शो में १४ देशों की २५ विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत १,००० से अधिक कंपनियां भाग लेंगी।

Vibrant Gujarat Global Trade Show 2013

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प्रधानमंत्री 24 नवंबर को 'ओडिशा पर्व 2024' में हिस्सा लेंगे
November 24, 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 24 नवंबर को शाम करीब 5:30 बजे नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 'ओडिशा पर्व 2024' कार्यक्रम में भाग लेंगे। इस अवसर पर वह उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे।

ओडिशा पर्व नई दिल्ली में ओडिया समाज फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसके माध्यम से, वह ओडिया विरासत के संरक्षण और प्रचार की दिशा में बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने में लगे हुए हैं। परंपरा को जारी रखते हुए इस वर्ष ओडिशा पर्व का आयोजन 22 से 24 नवंबर तक किया जा रहा है। यह ओडिशा की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करते हुए रंग-बिरंगे सांस्कृतिक रूपों को प्रदर्शित करेगा और राज्य के जीवंत सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक लोकाचार को प्रदर्शित करेगा। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख पेशेवरों एवं जाने-माने विशेषज्ञों के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय सेमिनार या सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।