"Foundation stone for Statue of Unity laid by Shri Narendra Modi in the august presence of Shri LK Advani ji"
"Narendra Modi gives clarion call for national unity"
"A historic event is taking place on the banks of the Narmada today: Narendra Modi"
"This was a dream for many years. Thank the people for their support and suggestions: Narendra Modi"
"After Chanakya if there was a Maha Purush who integrated the nation it was Sardar Patel: Narendra Modi"
"Nation is bigger than any party. To associate Sardar Patel only with any party is great injustice: Narendra Modi"
"A few days ago, PM said the right thing. Sardar Patel was secular and we need Sardar Patel’s secularism not votebank secularism: Narendra Modi"
"Narendra Modi criticizes centre and PM for delay in installing gates on Narmada Dam"

सरदार जयंती के अवसर पर सरदार सरोवर बांध के निकट सरदार पटेल की १८२ मीटर की विराट प्रतिमा का शिलान्यास

स्टेच्यू ऑफ यूनिटी - लौह पुरुष सरदार पटेल की विश्व में सबसे ऊंची प्रतिमा बनेगी

भारत की एकता के भव्य स्मारक का जनभागीदारी से निर्माण होगा

देश की एकता और श्रेष्टता का यह सरदार स्मारक विश्व का विराट स्मारक बनेगाः एल.के. आडवाणी

मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के भगीरथ संकल्प की प्रशंसा और अभिनंदन

  • नर्मदा तट पर ऐतिहासिक संकल्प का शिलान्यास
  • भारत की एकता के लिए जीवन समर्पित करने वाले सरदार साहब को किसी दल के साथ जोड़ने से उनके साथ अन्याय होता है
  • सरदार साहब की धर्म निरपेक्षता ही भारत की एकता की आदर्श मंजिल है

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नर्मदा तट पर लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा-स्टेच्यू ऑफ यूनिटी का शिलान्यास करते हुए गर्व से घोषणा की कि भारत को श्रेष्ठ बनाने के लिए एकता की शक्ति से जोड़ने का यह अभियान है। हमारी विविधता में एकता ही इस भारत की विशेषता है। श्रेष्ठ भारत की एकता का यह स्मारक दुनिया में भारत का वैश्विक प्रभाव खड़ा करेगा।

सरदार वल्लभभाई पटेल की १३८वीं जन्म जयंती के अवसर पर आज नर्मदा नदी के तट पर सरदार सरोवर डैम के नजदीक स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण का शिलान्यास श्री मोदी ने किया। भारत के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और देश के आमंत्रित महानुभावों की उपस्थिति में दोपहर १२.३९ बजे मुख्यमंत्री ने इस ऐतिहासिक प्रोजेक्ट का भूमिपूजन किया।

सरदार पटेल ने आजाद भारत की एकता और अखंडता के लिए लोखंडी मनोबल राजनैतिक सूझबूझ से देश के ५६५ जितने देशी राज्यों और रजवाड़ों का भारत में विलीनीकरण करने का भगीरथ कार्य किया था और महात्मा गांधी जी के आजादी आंदोलन के अनुशासित सेनानी के रूप में देश के किसानों को सत्याग्रह के आंदोलन में जोड़ा था।

सरदार पटेल किसान पुत्र थे और आजाद हिन्दुस्तान में उप प्रधानमंत्री के तौर पर आदर्श सुशासन की दिशा के लिए प्रेरणास्त्रोत थे।

श्री आडवाणी ने हिंद के सरदार पुस्तक का विमोचन और रिंगटोन का शुभारंभ करवाते हुए कहा कि सरदार साहब के विराट व्यक्तित्व की विश्व की पीढ़ियों तक अनुभूति इस स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण से होगी। उन्होंने श्री मोदी के इस भगीरथ संकल्प के लिए उन्हें अंतःकरण से शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि देश की एकता और श्रेष्ठता का सरदार का यह स्मारक विश्व का सबसे ऊंचा स्मारक बनेगा।

मुख्यमंत्री श्री मोदी ने इस मौके पर कहा कि नर्मदा के तट पर एक नई ऐतिहासिक घटना और नये संकल्प का शिलान्यास हो रहा है। स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण के उनके सपने को साकार करने के लिए सभी का सहयोग, समर्थन और मार्गदर्शन उन्हें मिला है।

सरदार सरोवर योजना का सपना सरदार पटेल का था और उनके सपने को साकार करने के लिए गुजरात सरकार ने गुजरात ही नहीं बल्कि राजस्थान तक नर्मदा की मुख्य कैनाल का निर्माण संकल्प करके नर्मदा का पानी पहुंचाया है। कच्छ के रेगिस्तान में भी नर्मदा का पानी पहुंचाने के लिए भगीरथ प्रयास किए गए हैं। गुजरात में नर्मदा जल के व्यवस्थापन के लिए इस सरकार ने जितना बजट खर्च किया है वह पूर्व की सभी सरकारों के नर्मदा योजना पर किए गए खर्च से ज्यादा है। गुजरात की वर्तमान सरकार ने जल प्रबंधन को उच्च प्राथमिकता दी है।

गुलामी की मानसिकता में से देश को स्वाभिमान की ओर ले जाने का विश्वास वाजपेयी सरकार ने पोखरण में परमाणु परीक्षण करके पैदा किया था। इसका उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हिन्दुस्तान के पास जो सामर्थ्य और क्षमता है उसकी दुनिया को अनुभूति कराएंगे, तब ही दुनिया पर हिन्दुस्तान अपना प्रभाव स्थापित कर पाएगा। सवा सौ करोड़ की विराट जनशक्ति का देश सरदार पटेल की इस विराट प्रतिमा के स्मारक की ऊंचाई से दुनिया को नई दिशा दिखलाएगा।

इतिहास गवाह है कि चाणक्य के राजनैतिक व्यक्तित्व ने दुनिया का ध्यान आकर्षित किया था। इसके बाद सरदार पटेल ने ऐसा राजनैतिक व्यक्तित्व दिखलाया है। उन्होंने कहा कि देश के लिए जीने वाले सरदार पटेल को किसी भी पार्टी के साथ जोड़ना उनके साथ अन्याय करने के बराबर है। वह जिस दल के साथ जुड़े हुए थे, इतिहास की बात है। नरेन्द्र मोदी को भी इससे इनकार नहीं है मगर राजनैतिक छुआछूत अपनी सांझी विरासत में चल नहीं सकती।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार साहब सेक्युलर थे परन्तु सोमनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार भी उन्होंने करवाया था। इसलिए सरदार साहब की सेक्युलरिज्म की राह एकदम सही मंजिल है। उन्होंने समग्र समाजों और देश को एक रखकर सेक्युलरिज्म का आदर्श देश के लिए प्रस्तुत किया था। हम अपनी विरासत को विभाजित नहीं कर सकते, दल से बड़ा देश होता है। डॉ. अम्बेडकर ने भी भारत के संविधान निर्माता के रूप में देश की एकता और प्रगति को केन्द्रस्थान पर रखा था। क्या महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद भाजपा के देशभक्त थे? श्री मोदी ने मार्मिकता से कहा कि वह तो भारतमाता के भक्त थे।

उन्होंने कहा कि भारत की एकता ही भारतमाता की भक्ति है। माता के दूध में दरार नहीं हो सकती। प्रांतवाद और कौमवाद के संघर्ष भारतमाता की एकता के समक्ष संकट पैदा करते हैं। हिन्दुस्तान की नई पीढ़ी और आने वाली पीढ़ी इतिहास को सच्चे अर्थों में समझे और जाने इसके लिए इतिहास की इस विरासत का समाज व्यवस्था में गौरव होना चाहिए। यह स्मारक आने वाली पीढ़ियों को भारत की एकता की राह दिखलाएगा और प्रेरणा देगा।

उन्होंने कहा गांधीनगर में महात्मा मंदिर का निर्माण करके गुजरात सरकार ने देश के इस राष्ट्र नेता को दलगत राजनीति भूलाकर पीढ़ियों के लिए प्रेरणातीर्थ बनाया है।

उन्होंने आह्वान किया कि १५ दिसंबर से भारत में एकता का संदेश मंत्र गूंजे इसके लिए लोहा संग्रह अभियान में सभी को शामिल होना चाहिए। भारत की एकता के शिल्पी सरदार साहब की किसान शक्ति के लिए पहल की भूमिका पेश करते हुए श्री मोदी ने कहा कि स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण में भारत के गांवों और भारत के किसानों को शामिल किया गया है। सरदार साहब किसान पुत्र थे और किसानों के नेता थे। एक-एक किसान भारत की इस भावनात्मक एकता के सरदार स्मारक में अपने योगदान का गौरव ले सकें इसके लिए हर गांव से प्रतीकात्मक रूप से किसान का एक कृषि औजार, लोखंड एकत्र करने का लोहा संग्रह अभियान आगामी १५ दिसंबर को सरदार पटेल की पुण्यतिथि से समग्र देश में शुरू किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि, मैं आज फिर से प्रधानमंत्री जी से आग्रह करता हूं कि सरदार सरोवर डैम के गेट लगाने की मंजूरी दें, जिससे नर्मदा का संपूर्ण जल सिर्फ गुजरात ही नहीं बल्कि राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के विकास में काम आ सके। डैम पर गेट लगाने के लिए अब सिर्फ नर्मदा कंट्रोल अथॉरिटी की मंजूरी ही बाकी है जिसमें कोई राजनैतिक भेदभाव रखे बगैर यह मंजूरी दी जानी चाहिए। इससे गुजरात के पशु-पक्षी, किसानों, गरीबों और गुजरात सहित अन्य राज्यों को भी लाभ होगा।

नर्मदा योजना के लिए समर्पित स्थानीय आदिवासियों की भावना का प्रतिभाव देते हुए श्री मोदी ने गरुडेश्वर को अलग तहसील बनाने, नर्मदा नहर के बाएं किनारे के गांवों के किसानों और करजण योजना की गोरा डिस्ट्रीब्यूशन कैनाल में से सिंचाई के लाभ देने की घोषणा की।

कार्यक्रम में राजस्व और मार्ग-आवास मंत्री श्रीमती आनंदीबेन पटेल, नर्मदा जिला प्रभारी और वन एवं पर्यावरण मंत्री गणपतभाई वसावा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

इस मौके पर राज्य विधानसभा के अध्यक्ष वजूभाई वाळा, उपाध्यक्ष मंगूभाई पटेल, नितिनभाई पटेल, भूपेन्द्रसिंह चूड़ास्मा, बाबूभाई बोखीरिया सहित मंत्रिमंडल के सदस्य, राष्ट्रीय पदाधिकारी ओम माथुर, स्मृति इरानी, बलबीर पूंज, मुख्तार अब्बास नकवी, पुरुषोत्तमभाई रुपाला, गुजरात भाजपा अध्यक्ष आरसी फळ्दु, स्थानीय सांसद रामसिंहभाई राठवा, मनसुखभाई वसावा, शब्दशरण तड़वी, मोतीलाल वसावा, मनजीभाई वसावा, विभिन्न जिला पंचायत अध्यक्ष, निगम अध्यक्ष, अधिकारी, पदाधिकारी और जनप्रतिनिधियों के साथ ही राज्य के मुख्य सचिव वरेश सिन्हा, सरदार सरोवर नर्मदा निगम के एमडी जे.एन. सिंह सहित राज्य प्रशासन के उच्चाधिकारी और नागरिक मौजूद थे।

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प्रधानमंत्री ने डॉ. हरेकृष्ण महताब को उनकी 125वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की
November 22, 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज डॉ. हरेकृष्ण महताब जी को एक महान व्यक्तित्व के रूप में स्‍मरण करते हुए कहा कि उन्होंने भारत की स्‍वतंत्रता और प्रत्येक भारतीय के लिए सम्मान और समानता का जीवन सुनिश्चित करने के लिए अपना सम्‍पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। उनकी 125वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, श्री मोदी ने डॉ. महताब के आदर्शों को पूर्ण करने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।

राष्ट्रपति की एक एक्स पोस्ट पर प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त करते हुए प्रधानमंत्री ने लिखा:

"डॉ. हरेकृष्ण महताब जी एक महान व्यक्तित्व थे, जिन्होंने भारत को स्वतंत्रता दिलाने और हर भारतीय के लिए सम्मान और समानता का जीवन सुनिश्चित करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। ओडिशा के विकास में उनका योगदान विशेष रूप से उल्लेखनीय है। वे एक प्रबुद्ध विचारक और बुद्धिजीवी भी थे। मैं उनकी 125वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और उनके आदर्शों को पूरा करने की हमारी प्रतिबद्धता को दोहराता हूं।"