29 अप्रैल की शाम को श्री नरेन्द्र मोदी ने 3-डी भारत विजय रैली के सातवें दौर को संबोधित किया और देश भर में फैले विभिन्न स्थानों के लोगों से बात की। श्री मोदी ने कांग्रेस के चुनाव हारने के डर और इसके बावजूद अपने कुशासन को बहाल रखने की बदनीयती को सामने रखा जिसने राष्ट्र को बर्बाद कर दिया है, और आगे कहा कि भाजपा के सुशासन के मॉडल के लिए वोट देने से लोगों की पसंद की पुष्टि हो गई है और कांग्रेस द्वारा निर्धारित विनाशकारी प्रतिमान का सफाया होना भी स्पष्ट हो गया है।
30 अप्रैल को मतदान के अगले चरण से एक दिन पहले बोलते हुए श्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल इस चुनाव में होने वाले भारी नुकसान से डरे हुए हैं और बैचेनी में ये सोच नहीं पा रहे हैं कि परिणाम घोषित होने के बाद वे कहाँ जाएँगे। उन्होंने श्री मोदी को बदनाम करने में लगे स्वार्थपूरित हित समूहों पर हमला करते हुए कहा कि कैसे ये लोग श्री मोदी द्वारा किए गए लगातार विकास और सुशासन के मोर्चों पर किए गए काम को उनकी बदनामी करके दबाने की कोशिश रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ऐसी रणनीति उनको होने वाले नुकसान के कारण इसी नकारात्मक राजनीति पर केंद्रित होकर रह गई है।
केंद्र सरकार द्वारा किए गए वायदों को पूरा न कर पाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित कई निंदा प्रस्ताव का हवाला देते हुए श्री मोदी ने बताया कि कैसे कांग्रेस सरकार ने राष्ट्र और उसके लोगों की उपेक्षा की है। उन्होंने महंगाई और भ्रष्टाचार की समस्या से निपटने में केंद्र सरकार की विफलता का हवाला देते हुए कहा कि हर नागरिक का यह अधिकार है कि वह सरकार द्वारा इन मुद्दों के लिए की जाने वाली कार्रवाई के बारे में जान सके। भारत के प्राकृतिक संसाधनों और कुशल मानव शक्ति में समृद्ध होने के बावजूद , यह तथ्य कि 21 वीं सदी में भारत सफलता की ऊँचाइयाँ नहीं छू पाया है, सरकार की नीतियों के पतन का एक स्पष्ट संकेत है, श्री मोदी ने कहा। "यह सरकार कुछ नहीं कर सकती है। यह न तो भारत के लोगों को प्रेरित कर सकती है और न ही रोशनी दिखा सकती है। उनके एजेंडा अपनी कुर्सी को बचाने का है जबकि हमारा एजेंडा राष्ट्र को बचाने का है। वे कुर्सी चाहते हैं, लेकिन हम आपके चेहरे पर मुस्कान चाहते हैं , " श्री मोदी ने कहा।.
श्री मोदी ने भारतीय सेना के उन 2 जवानों के बलिदान की बात की, जो हाल में ही कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो गए हैं, और उनकी देशभक्ति को सलाम किया। उन्होंने यह भी कहा कि कैसे उन्होंने उनमें से एक जवान पायलट मुकुंद वर्दराजन द्वारा अपने माता पिता को लिखे मार्मिक पत्र का उल्लेख अपने ट्वीट में किया, जिसमें लिखा था, "हर शहीद भारत के लोगों के दिलो-दिमाग में पीढ़ी-दर-पीढ़ी जीवित रहता है। शहीद कभी मरते नहीं है। शहादत सदा अमर होती है।" उन्होंने कहा कि देशभक्ति और बलिदान सहित हर पहलू का राजनीतिकरण करने के कांग्रेस के दृष्टिकोण की निंदा की , और कहा कि वह कभी इतना नीचे नहीं गिर सकते हैं। "आज मैं हिमाचल प्रदेश गया तो विक्रम बत्रा की याद आ गई। जब मैं अहमदाबाद लौटा तो पता चला कि राजनीति इस पर भी भारी पड़ रही थी। विक्रम बत्रा भारत का एक बेटा है। क्या एक शहीद को याद करना एक अपराध है? उनके माता पिता ने बहुत अधिक बलिदान किया है और मैं उन्हें ऐसा करने के लिए नमन करता हूँ। यह किस तरह का राजनीतिक बुखार है जो भारत के शहीदों को याद करने की अनुमति तक नहीं दे रहा है। मैं शहीदों और उनके माता पिता का अपमान करने से पहले राजनीति को छोड़ना पसंद करूँगा, " श्री मोदी ने कहा।
लोगों से भाजपा को वोट देने और एक मजबूत और स्थिर सरकार- जो समावेशी विकास और अच्छे प्रशासन पर केंद्रित हो, के गठन के लिए खुद पहल करने का आग्रह करते हुए श्री मोदी ने कहा “एक मजबूत सरकार वह है जिसके लिए लोगों की इच्छाएँ मायने रखती हों, जहां लोगों की आवाज को सुना जाता हो और जहाँ लोगों के सपनों को पूरे हों।" उन्होंने लोगों से कांग्रेस की विनाशकारी राजनीति को उसके खिलाफ वोट देखर खत्म करने की अपील की, और कहा, "मोदी की जीत या जीत महत्वपूर्ण नहीं है। मैं कल घर जाने और एक चाय का ढाबा खोलने के लिए तैयार हूँ, लेकिन फिर राष्ट्र को इसका नुकसान नहीं भुगतना चाहिए। संसद के दरवाजे उन लोगों के लिए नहीं खुलने चाहिए जो लोकतंत्र का नाम बदनाम कर रहे हैं और इसे एक बाजारू स्थान बना रहे हैं।"