"Terming the SP as Samajvirodhi Party and not Samajwadi Party, Shri Modi assures of action under the BJP rule"
"Shri Modi urges the Opposition to compete with him and the BJP on the aspect of development, rather than competing on the basis of the number of rallies held"
"We have to make UP riot free. We have to free this state from violence, killings: Shri Narendra Modi"
"Congress is a divisive party. They believe in divide and rule, they believe in votebank politics, of making communities fight: Shri Modi"

 

मेरठ में आयोजित विजय शंखनाद रैली में श्री नरेन्द्र मोदी ने सत्ताधारी समाजवादी पार्टी को समाजवादी विरोधी पार्टी करार दिया, और भरोसा दिलाया कि भाजपा शासन में कार्यवाही का आश्वाशन दिलाया.

श्री मोदी ने विपक्ष से विकास के मामले में उनसे प्रतिस्पर्धा करने का आग्रह किया न कि रैलियों की संख्या के आधार पर.

श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश को दंगा मुक्त बनाना है. हर प्रकार की हिंसा और हत्याओं से इस राज्य को मुक्त करना है.

कांग्रेस एक विभाजनकारी पार्टी है. वह बांटो और राज करने में, वोट बैंक की राजनीती और समाज के वर्गों को आपस में लड़ाने की नीति में विश्वास करती है.

2 फरवरी 2014 को श्री नरेन्द्र मोदी ने मेरठ में ऐतिहासिक विजय शंखनाद रैली को संबोधित किया.

श्री मोदी ने विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए जिसमें लाखों की संख्या में भाजपा समर्थक और कार्यकर्ता भी शामिल थे, स्वामी दयानंद सरस्वती के लिए गहरा सम्मान प्रकट किया, जिन्होंने मेरठ को अपनी कर्मभूमि बनाया था. उन्होंने कहा कि मेरठ एक बढ़ता हुआ शहर है जहाँ सुनियोजित विकास की असीम संभावनाएं मौजूद हैं.

श्री मोदी ने राज्य में ध्वस्त बिजली व्यवस्था, रोजगार की चिंताजनक स्थिति, महिलाओं की सुरक्षा, आधारभूत ढांचे के अभाव पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह सब प्रदेश में काबिज समाजवादी पार्टी के लचर शासन का परिणाम है. समाजवादी पार्टी को समाजविरोधी पार्टी करार देते हुए श्री मोदी ने आश्वासन किया कि कि भाजपा शासन में व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हालात बदले जा सकते हैं, विकास हो सकता है, युवाओं को रोजगार दिया जा सकता है, लेकिन यह सब कोरे वादों से संभव नहीं है.

Shri Narendra Modi addressed the historic Vijay Shankhnad rally in Meerut, Uttar Pradesh.

श्री मोदी ने समजवादी पार्टी के मुखिया श्री मुलायम सिंह यादव के उस बयान का भी करारा जवाब दिया जिसमें उन्होंने दावा किया था कि उत्तर प्रदेश में लोक कल्याण का बजट गुजरात के कुल बजट से भी ज्यादा है. श्री मोदी ने कहा कि बावजूद इसके भी गुजरात की जनता खुश है, समृद्ध है लेकिन उत्तर प्रदेश में जनता न केवल नाखुश है, बल्कि हताश और निराश भी है. उन्होंने सपा सरकार से पूछा कि जिस पैसे से लोगों के जीवन में खुशहाली आना चाहिए थी, आखिर वह पैसा कहाँ गया ? उन्होंने सपा सरकार की निंदा करते हुए कहा कि ये सरकार विकास पर ध्यान केन्द्रित करने की बजाय अपने जेबों के वजन बढ़ाने में लगी हुई है. श्री मोदी ने सरकारी नौकरी पाने के लिए सिफारिश प्रवृति को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि गुजरात में उन्होंने इस प्रवृति को उम्मीदवारों के मेरिट के आधार पर कंप्यूटरीकृत चयन के माध्यम से समाप्त किया है.

श्री मोदी ने विपक्ष से विकास के मामले में उनसे प्रतिस्पर्धा करने का आग्रह किया न कि रैलियों की संख्या के आधार पर. उन्होंने राज्य में गन्ना किसानों के प्रति सरकार के उदासीन रवैये के प्रति चिंता जाहिर की.

उन्होंने कहा कि जो पार्टी राम मनोहर लोहिया के आदर्शों पर चलने की बात करती है, वह राज्य के किसानों के हितों को लेकर लापरवाही बरत रही है, जिस राज्य ने चौधरी चरण सिंह और महेंद्र सिंह टिकैत जैसे किसान नेता दिए, वहां किसानों के साथ सरकार का ऐसा बर्ताव निराशाजनक है. श्री मोदी ने गुजरात में सहकारिता की महत्ता एवं इसके साथ टिशू कल्चर, जेनेटिक इंजीनियरिंग और ड्रिप सिंचाई के माध्यम से चीनी उद्योग और इससे जुड़े किसानों के सशक्तिकरण पर प्रकाश डाला.

Shri Narendra Modi addressed the historic Vijay Shankhnad rally in Meerut, Uttar Pradesh.

श्री मोदी ने पूर्वोत्तर भारत के लोगों के साथ हो रहे भेदभाव और उपेक्षा के विषय पर भी चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि अरुणाचल के लोग चीन से लड़ रहे हैं, और चीन के हर षड्यन्त्र को विफल करते हुए भारत के संविधान और क़ानून में अपनी पूर्ण आस्था बनाये हुए हैं, अरुणाचल में आज भी लोग एक दुसरे का अभिवादन जय-हिन्द बोल कर करते हैं. लेकिन पूर्वोत्तर से बाहर इन लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है. हमें चाहिए कि पूर्वोत्तर क्षेत्र से पढाई अथवा रोजगार के लिए आने वाले लोगों के लिए हम हॉस्टल बनायें, ताकि उन्हें परेशानियों का सामना न करना पड़े. पूर्वोत्तर से आने वाले बच्चों के साथ हमें सम्मानजनक व्यवहार करना चाहिए.

श्री मोदी ने कहा कि देश की राजधानी में पिछले कुछ दिनों में कुछ ऐसी घटनाएँ घटी हैं, जिससे हमारे देश की छवि खराब हुई है. कुछ दिन पूर्व अफ्रीका मूल की महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की घटना हुई और अभी हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के युवक की हत्या से हमारे सिर शर्म से झुक गए हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली को एक वैश्विक सिटी के तौर पर उभारने की जरूरत है. श्री मोदी ने पूर्वोत्तर के छात्रों को शिक्षित एवं संस्कारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे सरस्वती मंदिर संस्थान की सराहना की.

मेरठ में 1857 में प्रथम स्वाधीनता संग्राम को याद करते हुए श्री मोदी ने कहा कि जिस प्रकार से उस समय ‘कमल’ और ‘रोटी” का सम्बन्ध स्थापित हो गया था. उसी प्रकार आज 2014 ‘कमल’ की जरूरत है ताकि प्रत्येक गरीब को ‘रोटी’ सुनिश्चित की जा सके.

Shri Narendra Modi addressed the historic Vijay Shankhnad rally in Meerut, Uttar Pradesh.

शांति, एकता, भाईचारे और सद्भावना सुनिश्चित करने पर भाजपा का फोकस बरकरार रखते हुए श्री मोदी ने उत्तर प्रदेश के लोगों को भाजपा सरकार में दंगा मुक्त शासन देने का वादा किया. श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश को दंगा मुक्त बनाना है. हर प्रकार की हिंसा और हत्याओं से इस राज्य को मुक्त करना है.

श्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के उस बयान पर करार हमला किया जिसमें उन्होंने भाजपा पर जहर की खेती करने के आरोप गढ़े थे. श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने इस देश में सबसे ज्यादा शासन किया है, क्योंकि कांग्रेस पार्टी सत्ता को जहर मानती है उस हिसाब से कांग्रेस पार्टी ने सबसे ज्यादा ज़हर का सेवन किया है.

श्री मोदी ने कांग्रेस की वोट बैंक राजनीती पर निशाना साधते हुए कहा कि इस देश को कांग्रेस पार्टी को समझने की जरूरत है. कांग्रेस पार्टी से जनता पूछती कुछ और है और ये जवाब कुछ और ही देते हैं. कांग्रेस एक विभाजनकारी पार्टी है. वह बांटो और राज करने में, वोट बैंक की राजनीती और समाज के वर्गों को आपस में लड़ाने की नीति में विश्वास करती है. लेकिन अब वोट बैंक की राजनीती के खात्मे का समय आ गया है साथ ही सत्ता के माध्यम से जहर फ़ैलाने का भी. आज समय की मांग है कि हम विकास के लिए राजनीति करें, विकास के मुद्दों पर राजनीती करें.

श्री मोदी ने भाजपा की समावेशी और विकास की राजनीति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब वाजपेयी जी के शासन काल में उत्तराखंड, झारखण्ड और छत्तीसगढ़ राज्य बनाये गए तब किसी भी प्रकार का तनाव और हिंसा का माहौल नहीं था. तेलंगाना के विभाजन ने एक राज्य के जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है. जब सन 2000 में तीन राज्यों का निर्माण हुआ था, तब न केवल नए निर्मित राज्यों में हर्ष का माहौल था बल्कि जिन मूल राज्यों से अलग होकर नए राज्य बने थे वहां भी सदभाव का वातावरण था. श्री मोदी ने कहा कि तेलंगाना मुद्दे पर आज सारा देश यह जान गया है कि कांग्रेस ही वह पार्टी है जो देश में जहर फैलाने का काम करती है. श्री मोदी ने उत्तर प्रदेश की जनता से 2014 में वोट फॉर इंडिया का आह्वान किया. श्री मोदी ने लोगों से भारत के बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने के लिए आगे बढ़कर काम करने का आग्रह किया.

श्री राजनाथ सिंह ने रैली को संबोधित करते हुए गुजरात में श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अल्पसंख्यक समुदाय की तरक्की और समृधि को रेखांकित किया और कहा कि भाजपा सभी वर्गों और समुदायों को साथ में लेकर चलने में विश्वास करती है. श्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस के शासन काल में हुए असंख्य दंगों और गिरती अर्थव्यवस्था के विषय में बोलते हुए कहा कि कांग्रेस को इसके लिए देश से माफी माँगना चाहिए. श्री सिंह ने लचर कानून - व्यवस्था और किसानों की दयनीय हालत के मुद्दों बार बोलते हुए समाजवादी पार्टी की निंदा की और कहा कि अगर भाजपा सत्ता में आती है तो किसानों की स्थिति बेहतर बनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठायेगी. रैली में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री कल्याण सिंह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी का देश का प्रधानमंत्री बनना देश को ऐतिहासक बदलाव की और ले जाएगा. श्री कल्याण सिंह ने एक स्थिर, मजबूत, भ्रष्टाचार मुक्त, विकासपरक सरकार की जरूरत पर बल दिया और उपस्थित जन समुदाय को भरोसा दिलाया कि भाजपा की सरकार न केवल कीमतों को कम करेगी बल्कि देश की क़ानून व्यवस्था को भी बेहतर बनायेगी.

पूर्व मंत्री श्री सतपाल मलिक ने मंच से बोलते हुए कहा कि श्री मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने पर किसान और व्यापारी वर्ग समृद्ध होगा और युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे. कैप्टेन अभिमन्यु ने कहा कि देश नरेन्द्र मोदी के नेत्रत्व की राह देख रहा है. उन्होंने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाण एक दुसरे के साथ एक मजबूत रिश्ते के साथ जुड़े हुए हैं, यमुना इन दोनों क्षेत्रों को अलग करने का नहीं बल्कि जोड़ने का कार्य करती है.

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष श्री सूर्य प्रताप शाही और मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर श्री सत्यपाल सिंह भी उपस्थित थे.

Shri Narendra Modi addressed the historic Vijay Shankhnad rally in Meerut, Uttar Pradesh.

Shri Narendra Modi addressed the historic Vijay Shankhnad rally in Meerut, Uttar Pradesh.

Shri Narendra Modi addressed the historic Vijay Shankhnad rally in Meerut, Uttar Pradesh.

Shri Narendra Modi addressed the historic Vijay Shankhnad rally in Meerut, Uttar Pradesh.

Shri Narendra Modi addressed the historic Vijay Shankhnad rally in Meerut, Uttar Pradesh.

Shri Narendra Modi addressed the historic Vijay Shankhnad rally in Meerut, Uttar Pradesh.

Shri Narendra Modi addressed the historic Vijay Shankhnad rally in Meerut, Uttar Pradesh.

Shri Narendra Modi addressed the historic Vijay Shankhnad rally in Meerut, Uttar Pradesh.

Shri Narendra Modi addressed the historic Vijay Shankhnad rally in Meerut, Uttar Pradesh.

Shri Narendra Modi addressed the historic Vijay Shankhnad rally in Meerut, Uttar Pradesh.

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII

Media Coverage

PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।