"Narendra Modi addresses Global Meet of Emerging Markets Forum"
"Governance must be system based and policy driven. Good governance starts with good intentions: Narendra Modi"
"Democracy is the best system in the world today. It has made lives of the people in a number of countries much better: Narendra Modi"
"For vast countries like India there cannot be a better model of governance than democracy: Narendra Modi"
"For a government the biggest agenda is the good of the people because the governments are the guardians of the people’s interests: Narendra Modi"
"People are ready for bitter pills only that they want an assurance that what is happening is for their greater good. People need to have faith: Narendra Modi"

अमेरिका में ग्लोबल इमर्जिंग मार्केट फोरम EMF चिंतन शिविर

गुजरात के मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस से किया सम्बोधन

दुनियाभर के विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य अग्रणी EMF में रहे मौजूद

वैश्विक अर्थव्यवस्था में उभरते देशों को इमर्जिंग मार्केट के स्वरूप में नहीं, इमर्जिंग ग्रोथ सेंटर्स के रूप में सशक्त बनाएं : श्री मोदी

  • लोगों का स्वयं की सरकार के रूप में लोकतंत्र ही उत्तम पद्धति
  • असरदार सुशासन का अन्य विकल्प नहीं
  • जनविश्वास और जनभागीदारी से ही सुशासन और लोकतंत्र मजबूत बनेगा
  • लोकतंत्र को सक्षम रखने के लिए पांच महत्वपूर्ण आयाम और सुशासन की अनुभूति करवाने के दिशानिर्देशक सुझाव

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका में आयोजित इमर्जिंग मार्केट फोरम की वैश्विक परिषद को वीडियो सम्बोधित करते हुए वैश्विक अर्थव्यवस्था में देशों को मात्र उभरते बाजार के स्वरूप में नहीं बल्कि इमर्जिंग ग्रोथ सेंटर्स के रूप में स्वीकारने का प्रेरक सुझाव दिया।

गांधीनगर स्थित अपने आवास से सोमवार शाम वाशिंगटन में दुनियाभर के आर्थिक- औद्योगिक क्षेत्र के अग्रणियों की इस गणमान्य फोरम को वीडियो कांफ्रेंस से सम्बोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि प्रत्येक राष्ट्र अपनी कुदरती और मानवशक्ति संसाधनों को विकास में शामिल कर इमर्जिंग ग्रोथ सेंटर बन सकता है। लोकतंत्र और सुशासन सशक्त रखने की उन्होंने भूमिका पेश की।

Narendra Modi addresses Global Meet of Emerging Markets Forum

इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए स्पीड, स्कील और स्केल के तीन महत्वपूर्ण चालक बलों की भूमिका पेश करते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी देश इन्हें अपनाए तो वैश्विक अर्थव्यवस्था में टिक सकता है।

लोकतंत्र की सुदृढ़ बुनियाद के लिए हम लचीला फ्रेमवर्क तैयार करेंगे तो नये अवसरों का लाभ देश को होगा। लोकतंत्र और सुशासन विकास की सर्वोत्तम पद्धति है। इसमें कमियां हो तो स्वयंसुधार की पद्धति भी है। जहां लोकतंत्र है वहां लोगों की जिन्दगी बेहतर है।

श्री मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में सरकार और जनता विमुख रहे तो तो समस्याएं आती हैं। चुनाव हो जाने के बाद सरकार गठित हो तो उसके बाद मानसिकता यह बनती है कि शासन करनेका लायसेंस मिल गया और शासनकाल के आखिर में हिसाब चुका दिया जाएगा। अगर ऐसा होता हय तो यह लोकतंत्र के लिए घातक है। शासन के हर काम में जनता की आंतरिक भागीदारी होनी ही चाहिए।

सरकार देने वाली है और जनता लेने वाली है, यह मानसिकता समस्याएं पैदा करती है। इस कारण लोग विकास की प्रक्रिया में भागीदार नहीं बनते और उनकी आकांक्षा की वजह से सरकार का डिलीवरी सिस्टम सही नहीं बैठता।

भारत जैसे विशाल देश के लिए लोकतंत्र बेहतर है। अगर लोगों को यह भरोसा बैठ जाए कि सरकार उनके भले के लिए फैसले कर रही है तो जनता अपने निजी हितों का ब्जोग देने को तैयार हो जाती है। उन्होंने कहा कि उन्होंने जब गुजरात का शासन सम्भाला था तब बिजली की स्थिति संकटपूर्ण थी। मैने लोगों को समझाया कि आपको बिजली नहीं पानी की ज्यादा जरूरत है, सरकार इसकी व्यवस्था करेगी। जनभागीदारी से सरकार ने अभियान चलाया। भूगर्भीय जलस्तर ऊपर लाया गया। जलसंचय के लाखों काम हुए। सरकार और समाज के बीत बेहतर सेतु बना और विश्वास पैदा हुआ।

लोकतंत्र को ज्यादा सक्षम बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने पांच आयाम सुझाए:(1) समरसता का स्तर संवर्धित करना- गुजरात ने ग्राम चुनावों में संघर्ष निवारण कर कई गांवों को समरस बनाया, महिला पंचायतों का मार्ग बनाया।(2) मात्र जनप्रतिनिधि नहीं, जनभागीदारी को प्रेरित करना- गुजरात ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि सहित कई क्षेत्रों में जनभागीदारी को प्रेरित किया।वास्मो ने जल संचालन का युएन अवार्ड दिया है।(3) सूचना स्त्रोत बढ़ाना: गुजरात में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी का ऑप्टीकल फाइबर नेटवर्क गांव गांव में फैला है। नीति निर्धारण में जनता का परामर्श करने की पारदर्शिता से गुजरात पॉलिसी ड्रिवन स्टेट बना।(4) संस्थागत ढांचे का संवर्धन: लोकतंत्र की मजबूत संस्थागत बुनियाद है। ढांचा मनबूत होगा तो फैसले परिपक्व होंगे।(5) जनता की आवाज को सुनने की शासक की क्षमता: जनता की समस्याओं को सुनने और उनका निवारण करने से लोकतंत्र की मजबूती बढ़ती है। गुजरात ने जनशिकायत निवारन स्वागत ऑनलाइन कार्यक्रम में भी युनो का अवार्ड जीता है।

Narendra Modi addresses Global Meet of Emerging Markets Forum

श्री मोदी ने कहा कि स्वागत ऑनलाइन को युनो ने अवार्ड देते हुए पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रतिभाव देने के लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था को उत्तम करार दिया है।

गुजरात की परम्परागत रूप से ट्रेडर्स स्टेट की पहचान थी उसमें से टेक्नोलॉजी एंड नॉलेज बेस सोसायटी की पहचान खड़ी की है। इसका उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि युनिवर्सिटी शिक्षा में नयी विशिष्ट युनिवर्सिटियों और आई क्रिएट जैसे इनोवेशन टेलेंट को प्रोत्साहित करता प्लेटफॉर्म शुरु करके गुजरात ने मानव संसाधन विकास में नये आयाम अपनाए हैं।

जनभागीदारी के लिए शासक और शासन व्यवस्था पर जनता को भरोसा हो तो नेताओं की शक्ति और समय की बर्बादी होने के बजाय जनता की दीर्धकालिक समस्याओं को जनसहयोग से ही निपटाया जा सकता है। इसका उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि परस्पर भरोसे से ही गुजरात में सरकार और समाज ने अनेक चुनौतियों और कसौटियों पर विजय हासिल की है। अगर इरादों में ईमान और नियत साफ हो तो जनता अच्छे- बुरे का फैसला विवेक से करती है और भरोसा रखती है। गुजरात में हमारी सरकार ने लगातार चार विधानसभा चुनावों में जनादेश का भरोसा हासिल किया है। विकास के लिए उभर रहे देशों की मानवशक्ति को उत्पादकीय सतर पर सशक्त बनाने के लिए श्री मोदी ने कौशल्य विकास, संसाधन, ढांचागत सुविधाओं और सेवाओं के सशक्तिकरण की दिशा स्पष्ट की। ग्लोबल प्रोडक्शन साइकल इमर्जिंग कंट्री की ओर गति करे, यह महत्वपूर्ण है।

सुशासन (गुड गवर्नेंस) का कोई विकल्प नहीं है। इसका उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि अच्छे इरादे से शुरु करके सक्षम संस्थागत व्यवस्था पर आधारित गुड गवर्नेंस का प्रभाव राष्ट्रीय सीमाओं से भी पर है। असरदार शासन पर ही जीवन की गुणवत्ता, व्यापार- उद्योग की प्रगति का पर्यावरण और आर्थिक विकास पर असर होता है।

सुशासन का अभाव डायबिटीज जैसा असाध्य रोग है। असरदार और सरल शासन 21 वीं सदी की जरूरत है।

श्री मोदी ने सम्बोधन के बाद सवालों के जवाब में भारत का विकास एजेंडा, स्थापित हितों के चक्रव्यूह से बाहर आकर जनता से सीधे सम्पर्क का नेतृत्व, भारत के विकास के लिए गुजरात का विकास का मंत्र साकार करने का गुजरात प्रयोग, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, किसानों के सामाजिक, आर्थिक परिवर्तन कि प्रक्रिया और रोजगार के अवसर, चिंतन शिविरों द्वारा सरकारी अधिकारियों की कार्यसंस्कृति में बदलाव, गुजरात में भ्रष्टाचार नियंत्रण के लिए पारदर्शी नीतियों और प्रणालिगत शासन की रूपरेखा पेश की।

प्रारम्भ में हरिन्दर कोहली और गौतम काजी ने ग्लोबल फोरम की कार्यशैली की भूमिका पेश कर देकर श्री मोदी के विचारों का स्वागत किया।

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November 22, 2024

गुटेन आबेन्ड

स्टटगार्ड की न्यूज 9 ग्लोबल समिट में आए सभी साथियों को मेरा नमस्कार!

मिनिस्टर विन्फ़्रीड, कैबिनेट में मेरे सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया और इस समिट में शामिल हो रहे देवियों और सज्जनों!

Indo-German Partnership में आज एक नया अध्याय जुड़ रहा है। भारत के टीवी-9 ने फ़ाउ एफ बे Stuttgart, और BADEN-WÜRTTEMBERG के साथ जर्मनी में ये समिट आयोजित की है। मुझे खुशी है कि भारत का एक मीडिया समूह आज के इनफार्मेशन युग में जर्मनी और जर्मन लोगों के साथ कनेक्ट करने का प्रयास कर रहा है। इससे भारत के लोगों को भी जर्मनी और जर्मनी के लोगों को समझने का एक प्लेटफार्म मिलेगा। मुझे इस बात की भी खुशी है की न्यूज़-9 इंग्लिश न्यूज़ चैनल भी लॉन्च किया जा रहा है।

साथियों,

इस समिट की थीम India-Germany: A Roadmap for Sustainable Growth है। और ये थीम भी दोनों ही देशों की Responsible Partnership की प्रतीक है। बीते दो दिनों में आप सभी ने Economic Issues के साथ-साथ Sports और Entertainment से जुड़े मुद्दों पर भी बहुत सकारात्मक बातचीत की है।

साथियों,

यूरोप…Geo Political Relations और Trade and Investment…दोनों के लिहाज से भारत के लिए एक Important Strategic Region है। और Germany हमारे Most Important Partners में से एक है। 2024 में Indo-German Strategic Partnership के 25 साल पूरे हुए हैं। और ये वर्ष, इस पार्टनरशिप के लिए ऐतिहासिक है, विशेष रहा है। पिछले महीने ही चांसलर शोल्ज़ अपनी तीसरी भारत यात्रा पर थे। 12 वर्षों बाद दिल्ली में Asia-Pacific Conference of the German Businesses का आयोजन हुआ। इसमें जर्मनी ने फोकस ऑन इंडिया डॉक्यूमेंट रिलीज़ किया। यही नहीं, स्किल्ड लेबर स्ट्रेटेजी फॉर इंडिया उसे भी रिलीज़ किया गया। जर्मनी द्वारा निकाली गई ये पहली कंट्री स्पेसिफिक स्ट्रेटेजी है।

साथियों,

भारत-जर्मनी Strategic Partnership को भले ही 25 वर्ष हुए हों, लेकिन हमारा आत्मीय रिश्ता शताब्दियों पुराना है। यूरोप की पहली Sanskrit Grammer ये Books को बनाने वाले शख्स एक जर्मन थे। दो German Merchants के कारण जर्मनी यूरोप का पहला ऐसा देश बना, जहां तमिल और तेलुगू में किताबें छपीं। आज जर्मनी में करीब 3 लाख भारतीय लोग रहते हैं। भारत के 50 हजार छात्र German Universities में पढ़ते हैं, और ये यहां पढ़ने वाले Foreign Students का सबसे बड़ा समूह भी है। भारत-जर्मनी रिश्तों का एक और पहलू भारत में नजर आता है। आज भारत में 1800 से ज्यादा जर्मन कंपनियां काम कर रही हैं। इन कंपनियों ने पिछले 3-4 साल में 15 बिलियन डॉलर का निवेश भी किया है। दोनों देशों के बीच आज करीब 34 बिलियन डॉलर्स का Bilateral Trade होता है। मुझे विश्वास है, आने वाले सालों में ये ट्रेड औऱ भी ज्यादा बढ़ेगा। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि बीते कुछ सालों में भारत और जर्मनी की आपसी Partnership लगातार सशक्त हुई है।

साथियों,

आज भारत दुनिया की fastest-growing large economy है। दुनिया का हर देश, विकास के लिए भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है। जर्मनी का Focus on India डॉक्यूमेंट भी इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। इस डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि कैसे आज पूरी दुनिया भारत की Strategic Importance को Acknowledge कर रही है। दुनिया की सोच में आए इस परिवर्तन के पीछे भारत में पिछले 10 साल से चल रहे Reform, Perform, Transform के मंत्र की बड़ी भूमिका रही है। भारत ने हर क्षेत्र, हर सेक्टर में नई पॉलिसीज बनाईं। 21वीं सदी में तेज ग्रोथ के लिए खुद को तैयार किया। हमने रेड टेप खत्म करके Ease of Doing Business में सुधार किया। भारत ने तीस हजार से ज्यादा कॉम्प्लायेंस खत्म किए, भारत ने बैंकों को मजबूत किया, ताकि विकास के लिए Timely और Affordable Capital मिल जाए। हमने जीएसटी की Efficient व्यवस्था लाकर Complicated Tax System को बदला, सरल किया। हमने देश में Progressive और Stable Policy Making Environment बनाया, ताकि हमारे बिजनेस आगे बढ़ सकें। आज भारत में एक ऐसी मजबूत नींव तैयार हुई है, जिस पर विकसित भारत की भव्य इमारत का निर्माण होगा। और जर्मनी इसमें भारत का एक भरोसेमंद पार्टनर रहेगा।

साथियों,

जर्मनी की विकास यात्रा में मैन्यूफैक्चरिंग औऱ इंजीनियरिंग का बहुत महत्व रहा है। भारत भी आज दुनिया का बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। Make in India से जुड़ने वाले Manufacturers को भारत आज production-linked incentives देता है। और मुझे आपको ये बताते हुए खुशी है कि हमारे Manufacturing Landscape में एक बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है। आज मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टू-व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। दूसरा सबसे बड़ा स्टील एंड सीमेंट मैन्युफैक्चरर है, और चौथा सबसे बड़ा फोर व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री भी बहुत जल्द दुनिया में अपना परचम लहराने वाली है। ये इसलिए हुआ, क्योंकि बीते कुछ सालों में हमारी सरकार ने Infrastructure Improvement, Logistics Cost Reduction, Ease of Doing Business और Stable Governance के लिए लगातार पॉलिसीज बनाई हैं, नए निर्णय लिए हैं। किसी भी देश के तेज विकास के लिए जरूरी है कि हम Physical, Social और Digital Infrastructure पर Investment बढ़ाएं। भारत में इन तीनों Fronts पर Infrastructure Creation का काम बहुत तेजी से हो रहा है। Digital Technology पर हमारे Investment और Innovation का प्रभाव आज दुनिया देख रही है। भारत दुनिया के सबसे अनोखे Digital Public Infrastructure वाला देश है।

साथियों,

आज भारत में बहुत सारी German Companies हैं। मैं इन कंपनियों को निवेश और बढ़ाने के लिए आमंत्रित करता हूं। बहुत सारी जर्मन कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने अब तक भारत में अपना बेस नहीं बनाया है। मैं उन्हें भी भारत आने का आमंत्रण देता हूं। और जैसा कि मैंने दिल्ली की Asia Pacific Conference of German companies में भी कहा था, भारत की प्रगति के साथ जुड़ने का- यही समय है, सही समय है। India का Dynamism..Germany के Precision से मिले...Germany की Engineering, India की Innovation से जुड़े, ये हम सभी का प्रयास होना चाहिए। दुनिया की एक Ancient Civilization के रूप में हमने हमेशा से विश्व भर से आए लोगों का स्वागत किया है, उन्हें अपने देश का हिस्सा बनाया है। मैं आपको दुनिया के समृद्ध भविष्य के निर्माण में सहयोगी बनने के लिए आमंत्रित करता हूँ।

Thank you.

दान्के !