द वर्ल्ड दिस वीक ऑन इंडिया

Published By : Admin | February 25, 2025 | 13:15 IST

इस सप्ताह भारत ने विश्व मंच पर अपनी स्थिति को मजबूत किया है, आर्टिफिशियल-इंटेलिजेंस, एनर्जी सिक्योरिटी, स्पेस एक्सप्लोरेशन और डिफेंस के क्षेत्र में प्रगति की है। ग्लोबल एआई एथिक्स को आकार देने से लेकर रणनीतिक साझेदारी को सुरक्षित करने तक, हर कदम वैश्विक मामलों में भारत के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है।

और जब कूटनीति तथा वार्ता की बात आती है, तो विश्व के नेता भी भारत की ताकत को स्वीकार करते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो अपनी सख्त बातचीत शैली के लिए जाने जाते हैं, ने इसे सरल शब्दों में कहा:

"[नरेन्द्र मोदी] मुझसे कहीं ज़्यादा मज़बूत वार्ताकार हैं, और वे मुझसे कहीं बेहतर वार्ताकार भी हैं। यहाँ तक कि कोई मुक़ाबला भी नहीं है।"

भारत सक्रिय रूप से वैश्विक बातचीत को आकार दे रहा है, आइए इस सप्ताह के कुछ सबसे बड़े डेवलपमेंट्स पर नजर डालें।

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एआई फॉर ऑल: एक ग्लोबल मूवमेंट को लीड कर रहे भारत और फ्रांस

एआई का फ्यूचर केवल टेक्नोलॉजी के बारे में नहीं है - यह एथिक्स और इंक्लूजिविटी के बारे में है। भारत और फ्रांस ने पेरिस में ‘समिट फॉर एक्शन ऑन एआई’ की सह-मेजबानी की, जहाँ 60 देशों ने एआई को "ओपन", "इंक्लूजिव" और "एथिकल" बनाने के लिए एक घोषणा का समर्थन किया। जैसे-जैसे आर्टिफिशियल-इंटेलिजेंस भू-राजनीतिक युद्ध का मैदान बनती जा रही है, भारत एक  संतुलित दृष्टिकोण का समर्थन कर रहा है - जो मानवीय मूल्यों से समझौता किए बिना तकनीकी प्रगति सुनिश्चित करता है।

न्यूक्लियर फ्यूचर: एनर्जी सिक्योरिटी को मजबूत करेंगे भारत और फ्रांस

क्लीन एनर्जी पर तेजी से केंद्रित हो रही दुनिया में, भारत अपने न्यूक्लियर पावर पहल को आगे बढ़ा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने स्मॉल मॉड्यूलर न्यूक्लियर रिएक्टर (SMRs) विकसित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जो लो-कार्बन अर्थव्यवस्था में बदलाव की दिशा में एक पैराडाइम शिफ्ट है। भारत की रणनीति के केंद्र में ऊर्जा सुरक्षा के साथ, यह सहयोग दीर्घकालिक स्थिरता की दिशा में एक कदम है।

गगनयान: भारत का स्पेस ड्रीम अब और करीब

अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने की भारत की महत्वाकांक्षाओं को एक बड़ी छलांग मिली है क्योंकि गगनयान मिशन के लिए  बजट को बढ़ाकर 2.32 बिलियन डॉलर कर दिया गया है।. यह सिर्फ़ एक साइंटिफिक माइलस्टोन नहीं है - यह साबित करने के बारे में है कि भारत दुनिया की अग्रणी अंतरिक्ष शक्तियों के साथ खड़ा होने के लिए तैयार है। एक सफल मानव अंतरिक्ष उड़ान भविष्य के अंतरग्रहीय मिशनों के लिए मंच तैयार करेगी, जिससे भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम नई सीमाओं पर पहुंचेगा।

भारत का सेमीकंडक्टर क्षेत्र में कदम: लैम रिसर्च का बड़ा दांव

सेमीकंडक्टर उद्योग आधुनिक तकनीक की रीढ़ है और भारत इसमें बड़ी हिस्सेदारी चाहता है। अमेरिकी चिप टूलमेकर लैम रिसर्च ने भारत में 1 बिलियन डॉलर के निवेश की घोषणा की है जो ग्लोबल चिप मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की देश की क्षमता में विश्वास का संकेत है। जैसे-जैसे प्रमुख कंपनियां ताइवान जैसे पारंपरिक सेमीकंडक्टर स्ट्रॉन्गहोल्ड्स के विकल्प तलाश रही हैं, भारत ग्लोबल सप्लाई चेन में खुद को एक गंभीर दावेदार के रूप में स्थापित कर रहा है।

रक्षा साझेदारी: अमेरिका-भारत सैन्य संबंधों में एक नया युग

अमेरिका और भारत अपने रक्षा सहयोग का विस्तार कर रहे हैं,  भविष्य में F-35 लड़ाकू विमान सौदे पर चर्चा हो सकती है।. नवीनतम समझौतों में भारत को अमेरिकी सैन्य बिक्री में वृद्धि भी शामिल है, जो दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करती है। इस बीच, भारत अमेरिका के साथ अपने ऊर्जा सहयोग को भी गहरा कर रहा है, नए तेल और गैस आयात समझौते हासिल कर रहा है जो आर्थिक और सुरक्षा संबंधों को मजबूत करते हैं।

एनर्जी सिक्योरिटी: भारत ने संयुक्त अरब अमीरात से LNG सप्लाई सुनिश्चित की

ग्लोबल एनर्जी मार्केट्स में अस्थिरता के कारण भारत दीर्घकालिक एनर्जी स्टेबिलिटी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रहा है। ADNOC के साथ नए  मल्टी-बिलियन डॉलर के LNG समझौते भारत को प्राकृतिक गैस की स्थिर और विश्वसनीय आपूर्ति प्रदान करेंगे, जिससे कीमतों में उतार-चढ़ाव का जोखिम कम होगा। जैसे-जैसे भारत क्लीन एनर्जी फ्यूचर की ओर बढ़ रहा है, लागत को नियंत्रित रखते हुए एनर्जी सिक्योरिटी बनाए रखने के लिए ऐसी साझेदारियाँ महत्वपूर्ण हैं।

यूएई वीजा छूट: भारतीय यात्रियों के लिए वरदान

सिंगापुर, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा में रहने वाले भारतीयों के लिए यूएई की यात्रा करना अब बहुत आसान हो गया है। 13 फरवरी से लागू होने वाली नई वीजा छूट से  प्रति व्यक्ति 750 दिरहम की बचत होगी और लंबी स्वीकृति प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी। इस कदम से यूएई की यात्रा अधिक सुलभ हो गई है और दोनों देशों के बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध मजबूत हुए हैं।

दोस्ती का उपहार: मोदी के लिए ट्रंप की सद्भावना

अमेरिका की यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी को डोनाल्ड ट्रम्प ने अपनी दीर्घकालिक मित्रता का विवरण देने वाली एक व्यक्तिगत पुस्तक भेंट की। सामान्य कूटनीतिक औपचारिकताओं से परे, यह आदान-प्रदान व्यक्तिगत संबंधों को दर्शाता है जो कभी-कभी नीतियों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों को भी आकार देते हैं।

मेमोरी लीग चैंपियन: मेंटल स्पीड का भारत का नया स्टार

भारत भी अप्रत्याशित तरीकों से अपनी पहचान बना रहा है। 20 वर्षीय भारतीय कॉलेज स्टूडेंट विश्वा राजकुमार ने मात्र  13.5 सेकंड में 80 रैंडम नंबर्स को याद करके दुनिया को चौंका दिया, और मेमोरी लीग वर्ल्ड चैंपियनशिप जीत ली। उनकी अविश्वसनीय उपलब्धि वैश्विक मंच पर मानसिक चपलता और संज्ञानात्मक उत्कृष्टता के लिए भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा को रेखांकित करती है।

ग्लोबल स्टेज पर एक्सीलेंस

भारत सिर्फ वैश्विक मामलों में भाग नहीं ले रहा है - बल्कि उन्हें आकार भी दे रहा है। चाहे वह एथिकल एआई स्टैंडर्ड्स स्थापित करना हो, ऊर्जा स्वतंत्रता हासिल करना हो, स्पेस एक्सप्लोरेशन में अग्रणी होना हो या रक्षा साझेदारी का विस्तार करना हो, देश साहसिक, रणनीतिक कदम उठा रहा है जो ग्लोबल लीडर के रूप में उसकी भूमिका को मजबूत करता है।

जबकि दुनिया भारत के उत्थान पर ध्यान दे रही है, एक बात स्पष्ट है: यह यात्रा अभी शुरू ही हुई है।

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पीएम मोदी का BRICS सेशन में संबोधन: ‘शांति और सुरक्षा’
July 06, 2025

Friends,

वैश्विक शांति और सुरक्षा केवल एक आदर्श नहीं है,ये हम सभी के साझा हितों और भविष्य की बुनियाद है। एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित वातावरण में ही मानवता का विकास संभव है। इस उद्देश्य को पूरा करने में ब्रिक्स की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। हमारी साझा चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें एकजुट होकर, सामूहिक प्रयास करने होंगे। मिलकर आगे बढ़ना होगा।

Friends,

आतंकवाद, आज मानवता के लिए सबसे गंभीर चुनौती बनकर खड़ा है। हाल ही में भारत ने एक अमानवीय और कायरतापूर्ण आतंकी हमले का सामना किया। 22 अप्रैल को, पहलगाम में हुआ आतंकी हमला, भारत की आत्मा, अस्मिता और गरिमा पर सीधा प्रहार था। यह हमला केवल भारत पर नहीं, पूरी मानवता पर आघात था। इस दुख की घड़ी में, जो मित्र देश हमारे साथ खड़े रहे, जिन्होंने समर्थन और संवेदना व्यक्त की, मैं उनका हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ।

आतंकवाद की निंदा हमारा ‘सिद्धांत’ होना चाहिए, केवल ‘सुविधा’ नहीं। अगर पहले यह देखेंगे कि हमला किस देश में हुआ, किसके विरुद्ध हुआ, तो यह मानवता के खिलाफ विश्वासघात होगा।

Friends,

आतंकवादियों के खिलाफ sanctions लगाने पर कोई संकोच नहीं होना चाहिए। आतंकवाद के victims और supporters को एक ही तराजू में नहीं तौल सकते। निजी या राजनीतिक स्वार्थ के लिए, आतंकवाद को मूक सम्मति देना, आतंक या आतंकियों का साथ देना, किसी भी अवस्था में स्वीकार्य नहीं होना चाहिए। आतंकवाद को लेकर कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं होना चाहिए। अगर हम यह नहीं कर सकते तो यह प्रश्न स्वाभाविक है कि क्या आतंकवाद के खिलाफ ल़डाई को लेकर हम गंभीर हैं भी या नहीं?

Friends,

पश्चिम एशिया से लेकर यूरोप तक, आज विश्व विवादों और तनावों से घिरा हुआ है। गाजा में जो मानवीय स्थिति है, वह बड़ी चिंता का कारण है।भारत का अडिग विश्वास है, कि परिस्थितियाँ चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हों, मानवता की भलाई के लिए शांति का पथ ही एकमात्र विकल्प है।

भारत भगवान् बुद्ध और महात्मा गांधी की भूमि है। हमारे लिए युद्ध और हिंसा का कोई स्थान नहीं है। भारत हर उस प्रयास का समर्थन करता है, जो विश्व को, विभाजन और संघर्ष से बाहर निकालकर, संवाद, सहयोग और समन्वय की ओर अग्रसर करे, एकजुटता और विश्वास बढ़ाए।इस दिशा में, हम सभी मित्र देशों के साथ, सहयोग और साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं।धन्यवाद ।

Friends,

अंत में, अगले वर्ष भारत की अध्यक्षता में होने जा रही ब्रिक्स समिट के लिए मैं आप सभी को भारत आने के लिए आमंत्रित करता हूँ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।