उल्लेखनीय उपलब्धियों और अंतरराष्ट्रीय मान्यता से भरे इस सप्ताह में, भारत ने एक बार फिर हेल्थ इनोवेशंस और स्पेस एक्सप्लोरेशन से लेकर क्लाइमेट एक्शन तथा वैश्विक मंच पर सांस्कृतिक प्रभाव तक विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रगति के लिए दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है।
देश वैश्विक मंच पर खुद को एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में साबित करता जा रहा है, जहां दुनिया भर के नेता और संगठन इसकी प्रगति और योगदान को स्वीकार कर रहे हैं। हाल ही में वैश्विक मंच पर भारत को किस तरह प्रस्तुत किया गया है, इस पर एक व्यापक नज़र डालते हैं।
सांस्कृतिक सद्भाव और ऐतिहासिक मान्यता
पुणे में “ओहेल डेविड” सिनगॉग की 160वीं वर्षगांठ पर, मुंबई में इजराइल के कौंसल जनरल कोब्बी शोशनी ने भारत के धार्मिक सहिष्णुता के लंबे समय से चले आ रहे इतिहास के लिए गहरी कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि यूरोप के कुछ हिस्सों के विपरीत, भारत 2000 से अधिक वर्षों से यहूदियों के लिए एक सुरक्षित आश्रय स्थल रहा है, जिसका प्रतीकात्मक रूप से प्राचीन "शोफार" सींग के बजाने के साथ समापन हुआ। यह क्षण भारत के “सर्व धर्म समभाव” या सभी धर्मों के लिए समान सम्मान के सिद्धांत को रेखांकित करता है, जो इसकी सभ्यतागत लोकाचार और इसके सांस्कृतिक जीवन के मूल ताने-बाने में निहित है।
अंतरराष्ट्रीय मान्यता और आर्थिक पहल
• भारत के डी. गुकेश सबसे युवा विश्व शतरंज चैंपियन बन गए हैं, उन्होंने इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है। 18 वर्षीय गुकेश ने चीन के डिंग लिरेन को हराकर 18वें अंतरराष्ट्रीय शतरंज चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया।
• रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की “मेक इन इंडिया” पहल की सराहना करते हुए इसे एक दूरदर्शी नीति बताया। एक ग्लोबल लीडर की ओर से यह स्वीकृति अंतरराष्ट्रीय आर्थिक परिदृश्य में भारत के बढ़ते कद पर जोर देती है। इसके अलावा, डेलॉइट के APAC CEO डेविड हिल ने डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी और डेवलपमेंट में इसके लाभों का हवाला देते हुए भारत को संभावित रूप से "वर्ल्ड्स चाइना-प्लस-वन” बताया है, साथ ही स्विट्जरलैंड की तुलना में इसकी कूटनीतिक तटस्थता का हवाला दिया है। यह समझने के लिए कि हिल इसे भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण मानते हैं, विस्तार से यहाँ पढ़ें।
साइंटिफिक एंड टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट्स
• सतीश धवन स्पेस सेंटर से प्रोबा-3 मिशन के लॉन्च के साथ भारत के स्पेस सेक्टर ने सुर्खियाँ बटोरीं। यूरोपियन स्पेस एजेंसी के सहयोग से इस मिशन का उद्देश्य सैटेलाइट्स का उपयोग करके आर्टिफिशियल सूर्य ग्रहण बनाना है, जो सटीक स्पेस टेक्नोलॉजी में भारत की दक्षता को दर्शाता है। एक अन्य साइंटिफिक फ्रंट पर, भारतीय एस्ट्रोनॉमर्स ने चिली में एक टेलिस्कोप का उपयोग करके 489 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित एक अद्वितीय ट्राई-स्टार सोलर सिस्टम की खोज की, जो प्लैनेटरी फॉर्मेशन्स के बारे में हमारी समझ को महत्वपूर्ण रूप से आगे बढ़ा सकता है।
स्वास्थ्य और पर्यावरणीय प्रभाव
सुपरबग्स के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत द्वारा Enmetazobactam और Nafithromycin जैसी “ब्लॉकबस्टर” दवाओं के डेवलपमेंट के साथ एक सफलता देखी गई है। ये दवाएँ, जिन्हें अब इंटरनेशनल रेगुलेटर्स द्वारा अप्रूव किया गया है, एंटीबायोटिक-रेसिस्टेंट बैक्टीरिया से निपटने में महत्वपूर्ण हैं, जो ग्लोबल हेल्थ इनोवेशन में भारत की भूमिका को उजागर करती हैं। पर्यावरण की दृष्टि से, भारत ने क्लाइमेट-एक्शन में नेतृत्व दिखाया है, जैसा कि द गार्जियन ने उल्लेख किया है। पेरिस एग्रीमेंट के बाद प्रभावी क्लाइमेट पॉलिसीज को लागू करने में अमेरिका के साथ-साथ भारत G20 देशों का नेतृत्व कर रहा है, जिसका लक्ष्य 2030 तक CO₂ उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी लाना है।
इंफ्रास्ट्रक्चर से एंपावरमेंट
जल जीवन मिशन का भारत में गहरा सामाजिक-आर्थिक प्रभाव पड़ा है, खास तौर पर महिलाओं की वर्कफोर्स भागीदारी को बढ़ावा देने में। घर के बाहर से पानी लाने की ज़रूरत में 8.3 प्रतिशत की उल्लेखनीय कमी से महिलाओं की वर्कफोर्स भागीदारी में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बिहार, असम और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में महिला वर्कफोर्स भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जो दर्शाता है कि कैसे इंफ्रास्ट्रक्चर के डेवलपमेंट से सामाजिक सशक्तीकरण हो सकता है। इस पहल के बारे में विस्तार से यहाँ पढ़ें।
आर्थिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान
आर्थिक और सांस्कृतिक कूटनीति के संदर्भ में, भारत संभवतः 2025 के वसंत में शुरू होने वाले वीजा-फ्री ट्रैवल एग्रीमेंट के माध्यम से रूस के साथ अपने संबंधों को बढ़ाने के लिए तैयार है। इस कदम से मॉस्को में भारतीय पर्यटकों की संख्या में और वृद्धि होने की उम्मीद है, जिसमें 2022 की तुलना में 2023 में 26% की वृद्धि देखी गई। सांस्कृतिक मोर्चे पर, भारत की खान-पान विरासत को टेस्ट एटलस द्वारा विश्व स्तर पर मनाया गया है, जिसमें भारतीय व्यंजन अब अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए दुनिया में 12वें स्थान पर है। भारत के चार व्यंजनों ने देश के समृद्ध और डाइवर्स फूड कल्चर को प्रदर्शित करते हुए “दुनिया के 100 सर्वश्रेष्ठ व्यंजनों” में जगह बनाई।
ई-कॉमर्स का उदय
टेक सेक्टर में, Amazon ने भारत के क्विक कॉमर्स क्षेत्र में प्रवेश किया है, जिसकी योजना 15 मिनट या उससे कम समय में ग्रॉसरीज डिलीवर करने की है। यह पहल भारत में ई-कॉमर्स के तेज गति से विकास को दर्शाती है, जहाँ स्पीड और एफिशिएंसी; सर्विस के लिए नए बेंचमार्क्स बन रहे हैं। विस्तृत यहाँ जानें।
इस सप्ताह भारत पर इंटरनेशनल कवरेज और कॉमेंट्स एक ऐसे राष्ट्र की तस्वीर पेश करते हैं जो न केवल आर्थिक रूप से बल्कि सांस्कृतिक और वैज्ञानिक रूप से भी उन्नति कर रहा है। धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने से लेकर ग्लोबल हेल्थ और एनवायर्नमेंटल इनीशिएटिव्स में अग्रणी होने तक, भारत परंपरा और आधुनिकता के मिश्रण को अपनाते हुए वर्ल्ड स्टेज पर अपना प्रभाव और उपस्थिति कायम रख रहा है।