सितंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पूरे विश्व को एक साथ आने का आह्वान किया था। यह भारत में योग की गौरवशाली परंपरा के प्रति एक विशेष सम्मान होगा। 



दिसंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।  177 देशों ने एक साथ 21 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में घोषित करने के प्रस्ताव का समर्थन किया। सभी महाद्वीपों में फैले दुनिया भर के 177 देश इसमें शामिल थे। 



21 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में मनाये जाने से दुनिया भर में योग की लोकप्रियता और अधिक बढ़ेगी। प्रधानमंत्री मोदी स्वयं निरंतर योग करते रहे हैं और वे इसे ज्ञान, कर्म और भक्ति का एक अद्भुत संगम बताते हैं जो ‘रोग मुक्ति’ और ‘भोग मुक्ति’ प्राप्त करने का एक साधन है। यहाँ तक कि गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने विशेष रूप से योग विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया था ताकि युवाओं के बीच योग को और अधिक लोकप्रिय किया जा सके।

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5 मई 2017, एक ऐतिहासिक दिन जब दक्षिण एशियाई सहभागिता को मजबूती मिली। यह वह दिन था जब भारत ने दो वर्ष पहले की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करते हुए दक्षिण एशिया उपग्रह को सफलतापूर्वक लॉन्च किया।

दक्षिण एशिया उपग्रह के साथ, दक्षिण एशियाई देशों ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी अपना सहयोग बढ़ा दिया है!

इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका के नेताओं ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस कार्यक्रम में भाग लिया।

कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दक्षिण एशिया उपग्रह की क्षमताओं के बारे में विस्तार से बताया।

उन्होंने कहा कि उपग्रह से बेहतर प्रशासन, प्रभावी संचार, दूरसंचार क्षेत्रों में बेहतर बैंकिंग और शिक्षा, मौसम के सही पूर्वानुमान के साथ-साथ लोगों को टेली-मेडिसिन से जोड़ते हुए उन्हें बेहतर उपचार उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।

श्री मोदी ने ठीक ही कहा, “अगर हम एक साथ आगे बढ़ें और ज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं विकास के लाभों को एक-दूसरे के साझा करें तो हम अपने विकास और समृद्धि को गति दे सकते हैं।”