78वें स्वतंत्रता दिवस के भाषण में, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के विकास को आकार देने, नवाचार को बढ़ावा देने और देश को विभिन्न क्षेत्रों में विश्‍व में अग्रणी बनाने के उद्देश्य से भविष्य के लक्ष्यों की एक रूपरेखा प्रस्‍तुत की है।

प्रधानमंत्री के संबोधन के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:

आज वो शुभ घड़ी है, जब हम देश के लिए मर-मिटने वाले, देश की आजादी के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले, आजीवन संघर्ष करने वाले, फांसी के तख्‍ते पर चढ़ करके भारत माँ की जय के नारे लगाने वाले अनगिनत आजादी के दीवानों को नमन करते हैं।
प्राकृतिक आपदा में अनेक लोगों ने अपने परिवारजन खोये हैं, सम्‍पत्ति खोई है, राष्‍ट्र ने भी बारम्बार नुकसान भोगा है। मैं आज उन सबके प्रति अपनी संवेदना व्‍यक्‍त करता हूं।

विकसित भारत 2047, ये सिर्फ भाषण के शब्‍द नहीं हैं, इसके पीछे कठोर परिश्रम चल रहा है। मुझे प्रसन्‍नता है कि मेरे देश के करोड़ों नागरिकों ने विकसित भारत 2047 के लिए अनगिनत सुझाव दिए हैं। देशवासियों का ये भरोसा सिर्फ कोई intellectual debate नहीं है, ये भरोसा अनुभव से निकला हुआ है।

ढाई करोड़ घरों में बिजली पहुंच जाती है। तब सामान्य मानवीय का भरोसा बढ जाता है। स्चच्छता की चर्चा हो, स्वच्छता के संबंध में एक दूसरे को रोक टोकने का निरंतर प्रयास चलता रहे, मैं समझता हूं कि ये भारत के अंदर आई हुई नई चेतना का प्रतिबिंब है।

जल जीवन मिशन के तहत इतने कम समय में नए 12 करोड़ परिवारों को जल जीवन मिशन के तहत नल से जल पहुंच रहा है। आज 15 करोड़ परिवार इसके लाभार्थी बन चुके हैं।

हमने वोकल फॉर लोकल का मंत्र दिया। हर डिस्ट्रिक्ट अपनी पैदावर के लिए गर्व करने लगा है। One district one product का माहौल बना है। अब one district one product को one district का one product export कैसे हो उस दिशा में सभी जिले सोचने लगे हैं।

देश गर्व करता है आज जब fintech की सफलताओं को लेकर पूरा विश्व भारत से कुछ सीखना समझना चाहता है। तब हमारा गर्व और बढ़ जाता है।

यही देश है जब आतंकवादी हमें मार के चले जाते थे। आज जब देश की सेना Surgical Strike करती है, तो उस देश के नौजवानों का सीना गर्व से भर जाता है।

मैं देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं, reforms के प्रति हमारी जो प्रतिबद्धता है वो pink paper के editorial के लिए सीमित नहीं है। reforms का हमारा मार्ग एक प्रकार से growth की blue print बना हुआ है।

हमने बैंकिंग सेक्टर को मजबूत बनाने के लिए अनेकविद रिफॉर्म्स किए। और आज उसके कारण हमारे बैंक विश्व में जो गिने चुने मजबूत बैंक हैं उसमें भारत के बैंकों ने अपना स्थान बनाया है। और जब बैंक मजबूत होती है ना तब formal economy की ताकत भी बढ़ती है। मुझे तो खुशी है कि मेरे पशुपालक भी, मेरे मछली पालन करने वाले भाई-बहन भी आज बैंकों से लाभ ले रहे हैं। मुझे खुशी है मेरे रेहड़ी-पटरी वाले लाखों भाई-बहन आज बैंक के साथ जुड़कर के अपनी नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहे हैं

हमारा एक ही संकल्प होता हैं- Nation First- राष्ट्रहित सुप्रीम। ये मेरा भारत महान बने इसी संकल्प को लेकर के हम कदम उठाते हैं।

आज हमने गवर्नेंस के model को बदला है। आज सरकार खुद लाभार्थी के पास जाती है, उसके घर गैस का चूल्हा पहुंचाती है, उसके घर पानी पहुंचाती है, उसके घर बिजली पहुंचाती है, आज सरकार खुद नौजवान के skill development के लिए अनेक कदम उठा रही है।

आज विश्‍वभर में भारत की साख बढ़ी है, भारत के प्रति देखने का नजरिया बदला है। आज विश्‍व में युवाओं के लिए संभावनाओं के द्वार खुले हैं। मैं कहना चाहूंगा भारत के लिए Golden Era है। यह हमारा स्‍वर्णिम कालखंड है।

आज Tourism, MSMEs, Education, Health sector, Transport sector, खेती और किसानी का सेक्‍टर, हर सेक्‍टर में एक नया आधुनिक सिस्‍टम बन रहा है। हम विश्‍व की best practices को आगे रखते हुए अपने देश की परिस्थितियों के अनुसार आगे बढ़ना चाहते हैं।

बीते वर्षों में Women led development Model पर हमने काम किया है। Innovation, Employment, Entrepreneurship, हर सेक्‍टर में महिलाओं के कदम बढ़ते जा रहे हैं।

आज 10 साल में हमारी 10 करोड़ बहनें women self help में जुड़ी है। वे बहुत बड़े सामाजिक परिवर्तन की गारंटी ले करके आती हैं। मेरी सामान्‍य परिवार की माताएं-बहनें लखपति दीदी बनती हैं, मेरे लिए ये भी उतनी ही गर्व की बात है।

अब हमने self help group को 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये देने का निर्णय किया है। अब तक 9 लाख करोड़ रुपये बैंकों के माध्‍यम से हमारे इन women self help groups क मिले हैं और जिसकी मदद से वो अपने अनेकविद् कामों को बढ़ा रहे हैं।

जब हम Working women के लिए paid maternity leave 12 हफ्ते से बढ़ाकर के 26 हफ्ते कर देते हैं। तब सिर्फ नारी सम्मान ही नहीं करते हैं बल्कि, नारी के प्रति संवेदनशील भाव से निर्णय करते हैं और उसकी गोद में जो बच्चा पला है उसको एक उत्तम नागरिक बनाने के लिए मां की जो जरूरत है, उसमें सरकार रूकावट न बने, इस संवेदनशील भावना से हम निर्णय करते हैं।

दूसरी तरफ कुछ चिंता की बातें भी आती हैं, हमे गंभीरता से सोचना होगा कि हमारी माताओं-बहनों बेटियों के प्रति जो अत्‍याचार हो रहे हैं, उसके प्रति देश का आक्रोश है। इस आक्रोश को मैं महसूस कर रहा हूं। इसको देश को, समाज को, हमारी राज्‍य सरकारों को गंभीरता से लेना होगा।

मुझे गर्व इस बात का भी है कि हमारे C.E.O. आज दुनिया भर के अंदर अपनी धाक जमा रहे हैं।

स्‍पेस सेक्‍टर एक फ्यूचर है हमारे साथ जुड़ा हुआ, एक महत्‍वपूर्ण पहलू है, हम उस पर भी बल दे रहे हैं। हमने स्‍पेस सेक्‍टर में बहुत reform किए हैं। जिन बंधनों में स्‍पेस सेक्‍टर को बांध कर रखा था, उसे हमने खोल दिया है। आज सैंकड़ों Startups स्‍पेस के सेक्‍टर में आ रहे हैं।

पिछले एक दशक में अभूतपूर्व इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर का विकास हुआ है। रेल हो, रोड हो, एयरपोर्ट हो, पोर्ट हो, Government connectivity हो, गांव-गांव नए स्कूल बनाने की बात हो, जंगलों में स्‍कूल बनाने की बात हो, दूर-सुदूर इलाकों में अस्‍पताल बनाने की बात हो, आरोग्‍य मंदिर बनाने की बात हो, मेडिकल कॉलेजों का काम हो, आयुष्‍मान आरोग्‍य मंदिरों का निर्माण चलता हो, 60 हजार से ज्‍यादा अमृत सरोवर बने हों, दो लाख पंचायतों तक Optical fiber network पहुंचा हो, नहरों का एक बहुत बड़ा जाल बिछाया जा रहा हो, चार करोड़ पक्‍के घर बनना, गरीबों को एक नया आश्रय मिलना, तीन करोड़ नए घर बनाने के संकल्‍प के साथ आगे बढ़ने की हमारी कोशिश हो।

हमारा पूर्वी भारत-नॉर्थ ईस्‍ट उसका इलाका आज इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के लिए जाना जाने लगा है और हमने ये जो कायाकल्‍प किया है, उसका सबसे बड़ा लाभ यह हुआ है कि हम समाज के उन वर्गों तक पहुंचे हैं।

जो मध्‍यम वर्गीय परिवार है, वो देश के लिए बहुत देता है, मध्‍यम वर्गीय परिवार को Quality of Life, की स्‍वाभाविक अपेक्षा रहती है। मैंने 2047 के लिए विकसित भारत का जो सपना सपना देखा है उसकी एक इकाई ये भी होगी कि सामान्‍य मानवीय के जीवन में सरकार की दखलें कम हों।

लोगों के जीवन में सरकार की दखल कम हो, उस दिशा में हमने डेढ़ हजार से ज्‍यादा कानूनों को खत्‍म कर दिया ताकि कानूनों के जंजाल कें अंदर देशवासियों को फंसना न पड़े।

सदियों से हमारे पास जो क्रिमिनल लॉ थे, आज हमने उसको नए क्रिमिनल लॉ जिसको हमने न्‍याय संहिता के रूप में और जिसके मूल में दंड नहीं, नागरिक को न्‍याय, इस भाव को हमने प्रबल बनाया है।

आज देश आकांक्षाओं से भरा हुआ है। हमारे देश का नौजवान नई सिद्धियों को चूमना चाहता है। नए-नए शिखरों पर वो कदम रखना चाहता है। और इसलिए हमारी कोशिश है हर सेक्टर में कार्य को हम गति दें, तेज गति दें और उसके द्वारा पहले हम हर सेक्टर में नए अवसर पैदा करें।

मुझे विश्वास है रोजगार और स्वरोजगार नए रिकॉर्ड के अवसर पर हमने काम किया है। प्रति व्यक्ति आज आय दोगुनी करने में हम सफल हुए हैं। Global growth में भारत का योगदान बड़ा है। भारत का एक्सपोर्ट लगातार बढ़ रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार लगातार बढ़ा हुआ है, पहले से दोगुना पहुंचा है। ग्लोबल संस्थानों का भारत के प्रति भरोसा बढ़ा है। मुझे विश्वास है भारत की दिशा सही है, भारत की गति तेज है और भारत के सपनों में सामर्थ्य है।

मैं जब कोरोनाकाल को याद करता हूं। कोरोना की वैश्विक महामारी के बीच सबसे तेजी से इकोनॉमी को बेहतर बनाने वाला कोई देश है तो वो देश भारत है। तब लगता है कि हमारी दिशा सही है।

जब 100 से अधिक आकांक्षी जिले अपने-अपने राज्य के अच्छे जिलों की स्पर्धा कर रहे हैं, तो हमें लगता है कि हमारी दिशा और गति दोनों सामर्थ्यवान हैं।

जब जात पात मत पंथ से ऊपर उठकर हर घर तिरंगा फहराया जाता है, तब लगता है कि देश की दिशा सही है। आज पूरा देश तिरंगा है, हर घर तिरंगा है, न कोई जात है, न कोई पात है, न कोई ऊंच है, न कोई नीच है, सभी भारतीय हैं।

60 साल बाद आपने लगातार तीसरी बार हमें देश सेवा का मौका दिया है। मेरे 140 करोड़ देशवासी आपके इस आशीर्वाद में मेरे लिए एक ही संदेश है जन-जन की सेवा, हर परिवार की सेवा, हर क्षेत्र की सेवा और सेवा भाव से समाज की शक्ति को साथ लेकर के विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचना। मैं कोटि-कोटि देशवासियों का सर झुकाकर के आभार व्यक्त करता हूं,

आज नई शिक्षा नीति में कई राज्यों ने अच्छे initiative लिए हैं। नई शिक्षा नीति ने मातृभाषा पर बल दिया है। मैं राज्‍य सरकारों से कहूंगा, मैं देश की सभी संस्‍थानों से कहूंगा कि भाषा के कारण हमारे देश के टैलेंट को रूकावट नहीं आनी चाहिए।

बिहार का हमारा गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। अभी-अभी हमने नालंदा यूनिवर्सिटी का पुनर्निर्माण किया है। हमें शिक्षा के क्षेत्र में फिर से एक बार सदियों पुराने उस नालंदा स्पिरिट को जगाना होगा, उसे ले करके बड़े विश्‍वास के साथ विश्‍व की ज्ञान की परंपराओं को नई चेतना देने का काम हमें करना होगा।

हम Industry 4.O को ध्‍यान में रख करके हम skill development चाहते हैं। skill development में भी हमने नए model तय किए हैं। हमने जनभागीदारी को जोड़ा है ताकि तुरंत requirement के अनुसार skill development हम कर सकें। मैं लाल किले की प्राचीर से कह रहा हूं वो दिन दूर नहीं होगा जब भारत Industrial manufacturing का हब होगा, दुनिया उसकी तरफ देखती होगी।

विश्‍व जिस तेजी से बदल रहा है, जीवन के हर क्षेत्र में Science और Technology का महात्मय बढ़ता चला जा रहा है। हमें Science पर बहुत बल देने की आवश्‍यकता है। और मैंने देखा चंद्रयान की सफलता के बाद हमारे स्‍कूल, कॉलेज के अंदर Science और Technology के प्रति एक नई रूचि का वातावरण बना है, नई दिलचस्‍पी बढ़ी है।

आज भी हमारे देश में Medical Education के लिए बच्‍चे बाहर जा रहे हैं। वो ज्‍यादातर मध्‍यम वर्ग परिवार के हैं। उनके लाखों-करोड़ों रुपये खर्च हो जाते हैं और तब जा करके हमने पिछले 10 साल में Medical सीटों को करीब-करीब एक लाख कर दिया है। हमने तय किया है कि अगले 5 साल में, Medical line में 75 हजार नई सीटें बनाई जाएंगी।

हमारी कृषि व्‍यवस्‍था को transform करना बहुत जरूरी है, समय की मांग है। हम उसको transform करने की दिशा में लगातार काम करते आए हैं। आसान ऋण दे रहे हैं, किसानों को, टेक्‍नोलॉजी की मदद दे रहे हैं।

आज दुनिया की स्थिति मैं देखता हूं, पूरा विश्‍व Holistic Health Care की तरफ मुड़ रहा है और तब उनको Organic Food जो उनकी प्रथम पसंद बनी है, आज विश्‍व के लिए Organic Food का अगर कोई Food Basket बन सकता है तो मेरे देश का किसान बना सकता है।

मेरे देश के खिलौने दुनिया के बाजार में अपनी धमक लेकर के पहुंच रहे हैं। खिलौने हमारे एक्‍सपोर्ट होने शुरू हुए हैं। कोई एक जमाना था, हम मोबाइल फोन इम्‍पोर्ट करते थे, आज मोबाइल फोन के Manufacturing का Ecosystem बना है, एक बहुत बड़ा हब बना है और आज हम मोबाइल फोन दुनिया में एक्‍सपोर्ट करने लगे हैं। ये भारत की ताकत है।

भविष्‍य के साथ Semiconductor जुड़ा हुआ है। आधुनिक टेक्‍नोलोजी जुड़ी हुई है, AI जुड़ा हुआ है। हमने Semiconductor मिशन पर काम शुरू किया है और उपकरण में Made in India Cheap क्यूँ न हो, क्‍यों ये सपना मेरे देश का नौजवान देखे, टेलेंट यहां है। सारे इस प्रकार के रिसर्च के काम हिन्‍दुस्‍तान में होते हैं तो अब प्रोडक्‍शन भी हिन्‍दुस्‍तान में होगा। Semiconductor का काम भी हिन्‍दुस्‍तान में होगा।

आज Defence Manufacturing में, भारत की पहचान बनीं है और मैं खुशी से कह सकता हूं कि जो देश कभी Defence की हर छोटी मोटी चीज बाहर से लाता था, आज हम Defence के Equipment Manufacturing कर रहे हैं, और Export भी करने लगे हैं। दुनिया में Defence Hub Manufacturing के रूप में हम धीरे-धीरे उभर रहे हैं।

हम manufacturing क्षेत्र को बढ़ावा देना चाहते हैं क्योंकि बेरोजगार के लिए सर्वाधिक आवश्यक है। आज PLI Scheme को बहुत बड़ी सफलता मिली है। FDI Reforms उसने भी हमें बहुत बड़ी ताकत दी है। MSME’s को बहुत बड़ा बल मिला है।

मेरे तीसरे कार्यकाल में जितने लोग मुझसे मिलने के लिए मांग कर रहे हैं वो ज्यादातर निवेशक लोग हैं। विश्वभर के निवेशक हैं, वो आना चाहते हैं, भारत में निवेश करना चाहते हैं। ये एक बहुत बड़ी golden opportunity है।

भारत अपनी best quality के लिए पहचाना जाए ये बहुत जरूरी है। अब विश्व के लिए हमें डिजाइन का क्षेत्र design in India इस पर हमें बल देना है। हमें कोशिश करनी है कि Indian Standard International Standard बनने चाहिए।

मैं देख रहा हूं gaming की दुनिया का बहुत बड़ा मार्केट खड़ा हुआ है। भारत के पास बहुत बड़ी विरासत है। हम gaming की दुनिया में बहुत नई talent को लेकर के आ सकते हैं।

आज मैं लालकिले की प्राचीर से मेरे देशवासियों की ताकत दुनिया को बताना चाहता हूं। जी-20 देश के समूह जो नहीं कर पाए वो मेरे देश के नागरिकों ने करके दिखाया है, हिन्दुस्तान ने करके दिखाया है। Paris accord के अंदर जो टारगेट हमने तय किए थे, उन टारगेट को समय से पहले पूरा करने वाला जी-20 देशों के समूह में अगर कोई है तो एकमात्र मेरा हिन्दस्तान है, एकमात्र मेरा भारत है।

पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना उसको एक नई ताकत मिलने वाली है और ये बदलाव का फल मेरे देश के सामान्य परिवार को मिला है, विशेषकर के मेरे मध्यम वर्ग को मिलेगा, जब उसका बिजली का बिल मुफ्त हो जाएगा।

हम Green Hydrogen Mission लेकर के एक global hub बनना चाहते हैं। बहुत तेजी से नीतियां बनाई गई हैं, बहुत तेजी से उसका implementation का काम हो रहा है और भारत green hydrogen एक new energy की दिशा में हम जाना चाहते हैं।

आज हमारे साथ इस तिरंगे झंडे के नीचे वो नौजवान बैठे हैं जिन्होंने ओलंपिक की दुनिया में भारत का परचम लहराया है। मैं, देश के सभी एथलीट्स को, सभी खिलाड़ियों को 140 करोड़ देशवासियों की तरफ से बधाई देता हूं। भारत को, किसी को भी hospitality का सार्म्‍थय सबसे ज्‍यादा है। अगर यह सिद्ध हो चुका है, तो साथियों हिंदुस्‍तान का सपना है कि 2036 में जो Olympic होगा, वो मेरे हिंदुस्‍तान की धरती पर हो, इसके लिए हम तैयारी कर रहे हैं, उसके लिए हम आगे बढ़ रहे हैं।

भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती आ रही है। यह हम सबके लिए प्रेरणा का कारण बनें। समाज के प्रति छोटा सा छोटा व्‍यक्ति भी देश के लिए कैसे जज्‍़बात रखता है उससे बड़ी प्रेरणा भगवान बिरसा मुंडा से कौन अधिक कौन हो सकता है।

हम संकल्‍प के साथ बढ़ तो रहे हैं, लेकिन यह भी सच है कि कुछ लोग होते हैं जो प्रगति देख नहीं सकते हैं, कुछ लोग होते हैं जो भारत का भला सोच नहीं सकते हैं जब तक खुद का भला न हो, तब तक उनको किसी का भला अच्‍छा नहीं लगता है। ऐसे विकृत मानसिकता से भरे हुए लोगों की कमी नहीं होती है। देश को ऐसे लोगों से बचना होगा।

मैं देशवासियों को कहना चाहता हूं कि हम अपनी नेक नियत से, अपनी ईमानादारी से, राष्‍ट्र के प्रति समर्पण से, हम सारी परिस्‍थितियों के बावजूद भी विपरीत मार्ग पर जाने वालों के लिए भी उनके भी दिल जीत करके, हम देश को आगे बढ़ाने के संकल्‍प में कभी भी पीछे नहीं हटेंगे, यह मैं विश्‍वास देना चाहता हूं।

चुनौतियां हैं, अनगिनत चुनौतियां हैं, चुनौतियां भीतर भी हैं, चुनौतियां बाहर भी हैं और जैसे-जैसे हम ताकतवर बनेंगे, जैसे-जैसे हमारा तवज्‍जो बढ़ेगा तो चुनौतियां भी बढ़ने वाली हैं। बाहर की चुनौतियां और बढ़ने वाली हैं और मुझे उसका भलीभांति अंदाज है। लेकिन मैं ऐसी शक्तियों को कहना चाहता हूं भारत का विकास किसी के लिए संकट ले करके नहीं आता है।

मैंने व्‍यापक रूप से भ्रष्‍टाचार के खिलाफ एक जंग छेड़ी है। मैं जानता हूं, इसकी कीमत मुझे चुकानी पड़ती है, मेरी प्रतिष्‍ठा को चुकानी पड़ती है, लेकिन राष्‍ट्र से बड़ी मेरी प्रतिष्‍ठा नहीं हो सकती है, राष्‍ट्र के सपनों से बड़ा मेरा सपना नहीं हो सकता है। और इसलिए ईमानदारी के साथ भ्रष्‍टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई जारी रहेगी, तीव्र गति से जारी रहेगी और भ्रष्‍टाचारियों पर कार्रवाई जरूर होगी।

देश में, इतना महान संविधान हमारे पास होने के बावजूद भी कुछ ऐसे लोग निकल रहे हैं जो भ्रष्‍टाचार का महिमामंडन कर रहे हैं। भ्रष्‍टाचारियों की स्‍वीकार्यता बढ़ाने का जो निरंतर प्रयास चल रहा है, वो स्‍वस्‍थ समाज के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन गया है, बहुत बड़ी चिंता का विषय बन गया है।

बांग्‍लादेश में जो कुछ भी हुआ है, उसको लेकर पड़ोसी देश के नाते चिंता होना, मैं इसको समझ सकता हूं। मैं आशा करता हूं कि वहां पर हालात जल्‍द ही सामान्‍य होंगे। खासकर के 140 करोड़ देशवासियों की चिंता कि वहां हिंदू, वहां के अल्‍पसंख्‍यक, उस समुदाय की सुरक्षा सुनिश्‍चित हो। भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश सुख और शांति के मार्ग पर चलें।

अब जब संविधान के 75 वर्ष हम मनाने जा रहे हैं। देशवासियों को संविधान में निर्दिष्‍ट कर्तव्‍य के भाव पर बल देना बहुत जरुरी है और जब मैं कर्तव्‍य की बात करता हूं तब मैं सिर्फ नागरिकों पर बोझ बनाना नहीं चाहता। कर्तव्‍य केंद्र सरकार के भी हैं, कर्तव्‍य केंद्र सरकार के हर मुलाजिम के भी हैं, कर्तव्‍य राज्‍य सरकारों के भी हैं, राज्‍य सरकार के मुलाजिम के हैं।

देश की मांग है, कि अब देश में एक Secular Civil Code हो, हमने Communal Civil Code में 75 साल बिताएं हैं। अब हमें Secular Civil Code की तरफ जाना होगा, और तब जाकर के देश में धर्म के आधार पर जो भेदभाव हो रहें हैं, सामान्‍य नागरिकों को दूरी महसूस होती है, उससे हमें मुक्‍ति मिलेगी।

मैं देश में एक चिंता के बारे में हमेशा कहता हूं परिवारवाद, जातिवाद भारत के लोकतंत्र को बहुत नुकसान कर रहा है। देश को, राजनीति को हमें परिवारवाद और जातिवाद से मुक्ति दिलानी होगी। हम जल्द से जल्द देश में राजनीतिक जीवन में, शुरूआत में जनप्रतिनिधि के रूप में एक लाख ऐसे नौजवानों को आगे लाना चाहते हैं जिनके परिवार में किसी का भी कोई राजनीतिक background न हो।

बार-बार चुनाव, इस देश की प्रगति में रूकावट बन रहे हैं, गतिरोध पैदा कर रहे हैं। आज किसी भी योजना को चुनाव के साथ जोड़ देना आसान हो गया है। ऐसे में One Nation One Election के लिए देश को आगे आना होगा। हर काम को चुनाव के रंग से रंग दिया गया है। इस पर देश में व्यापक चर्चा हुई है। सभी राजनीति दलों ने अपने विचार रखे हैं। एक committee ने बहुत बढ़िया अपना रिपोर्ट तैयार किया है।

मैंने पहले भी कहा था कि मेरे तीसरे term में देश तीसरी Economy तो बनेगा ही, लेकिन मैं तीन गुना काम करूंगा। मैं देशवासियों को आह्वान करता हूं, हमारे पूर्वजों ने जो सपनें देखे थे, उन सपनों को हम संकल्‍प बनाएं, अपने सपनों को जोड़े, अपने पुरूषार्थ को जोड़े और 21वीं सदी जो भारत की सदी है, उस सदी में स्‍वर्णिम भारत बना करके रहें।

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