प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज स्वास्थ्य मंत्रालय को डॉक्टरों और सार्वजनिक क्षेत्र के स्वास्थ्य अधिकारियों के बीच जवाबदेही सुनिश्चित करने की व्यवस्था कायम करने का निर्देश दिया। स्वास्थ्य सेवा पर एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी के लिए स्वास्थ्य के अपेक्षित लक्ष्य को पाने के लिए मौजूदा व्यवस्था एवं योजनाओं को व्यापक रूप से कारगर बनाने की जरूरत है। बीमा का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने केन्द्र एवं राज्य सरकारों द्वारा संचालित की जाने वाली सभी स्वास्थ्य योजनाओं में सामंजस्य बैठाने को कहा।
पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर और मातृत्व मृत्यु अनुपात जैसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संकेतकों के मोर्चे पर हुई प्रगति की समीक्षा करते हुए प्रधानमंत्री ने सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों और यहां तक कि जिलों के दायरे में आने वाले ऐसे खंडों की पहचान करने को कहा, जिन पर सर्वाधिक ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दो उपायों के जरिये इन क्षेत्रों को लक्षित करना चाहिए - बेहतर स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता के आधार पर मुहैया कराकर और प्रगति में बाधक स्थानीय धारणाओं एवं रीति-रिवाजों को हटाने के लिए सामाजिक तौर पर समुचित कदम उठाना। उन्होंने कहा कि अच्छी सेहत और पोषण की आदतों को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रसव के तत्काल बाद महिलाओं को एनिमेशन फिल्में दिखाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश भर में फैले आशा कार्यकर्ताओं तक वास्तवित समय में पहुंचने के लिए सरल तकनीकों जैसे एसएमएस का उपयोग किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि स्वच्छता अभियान का असर देश भर में फैले अस्पतालों और जन स्वास्थ्य केन्द्रों में भी नजर आना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि स्वास्थ्य लक्ष्यों को पाने में स्वच्छता अभियान व्यापक योगदान देगा। प्रधानमंत्री ने जन स्वास्थ्य केन्द्रों में इस्तेमाल किये जाने वाले सभी चिकित्सा उपकरणों का व्यापक ऑडिट कराने को कहा।
स्वास्थ्य को दुरुस्त बनाये रखने में योग को बेहद उपयोगी करार देते हुए प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की योजनाएं तैयार करने को कहा।
प्रधानमंत्री ने विशेषकर बच्चों के बीच एन्सेफ्लाइटिस जैसी बीमारियां फैलने पर गंभीर चिंता जताते हुए अधिकारियों से कहा कि प्राकृतिक आपदाओं और अन्य राष्ट्रीय आपदाओं की ही भांति इन बीमारियों से भी निपटने का खाका तैयार किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने पूर्व में की गई अपनी एक घोषणा का जिक्र किया, जिसमें समूचे सार्क क्षेत्र को पोलियो मुक्त बनाने में भारत की ओर से मदद देने का वादा किया गया था। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय से इस संबंध में एक समुचित कार्य योजना बनाने को कहा।
प्रधानमंत्री ने एक ऐसे व्यापक डाटाबेस को संस्थागत रूप देने को कहा, जिसमें व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड हों और जिसे अंतत: आधार प्रणाली से जोड़ा जा सके।
स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारीगण इस अवसर पर उपस्थित थे।