इसका बदला उन्हें महानगरपालिका से लेकर पालिका व पंचायतों में भी जीत के रूप में हासिल हुआ है। राजनैतिक पार्टियों की ओर से वर्षो से चलाई जा रही वोट बैंक की राजनीति के दिन पूरे हो गए। अब गुजरात की ओर से शुरू की गई विकास की राजनीति जनता की चाहत बनने लगी है।
श्री मोदी ने केन्द्र सरकार को भी विकास की दिशा में आगे बढ़ रहे राज्यों के अधिकारों के साथ टकराव की राजनीति बन्द करने का सुझाव देते हुए कहा कि केन्द्र की तरह राज्यों के भी अपने अधिकार प्राप्त हैं। इससे रॉ, सीबीआई या आईबी जैसी संवैधानिक संस्थाओं की ताकत का उपयोग किसी राज्य के खिलाफ करने के बजाए पाकिस्तान के खिलाफ किया जाता तो देश से आतंकवाद आधा हो जाता।
अब गुजरात की ओर से शुरू की गई विकास की राजनीति पूरे देश में अपना स्थान बनाएगी। इस अवसर पर उन्होंने ने पोलिटिकल पंडितों को भी उनका नजरिया सुधारने का सुझाव देते हुए कहा कि वे जीत हार का आंकलन वोट बैंक राजनीति के घिसे पिटे मानदण्डों के बजाए गुजरात की ओर से शुरू की गई विकास की राजनीति के मानदण्डों पर करें, जिसके लिए राज्य सरकार का पूरा महकमा जून के 45 डिग्री तापामान के बीच गांवों में रहकर पसीना बहाता है।
यह लोगों के विश्वास के बगीचे के मेहनत के पसीने से ही सींचने का परिणाम है कि राज्य के गरीब परिवारों नेे भाजपा पर सर्वाधिक विश्वास जताया है। इतना ही नही बल्कि वर्षो से कांग्रेस का वोट बैंक रहे उमर गांव से अम्बाजी तक के 95 प्रतिशत आदिवासी निवासियों ने राज्य सरकार की उपलब्धियों से प्रभावित होकर भाजपा का समर्थन दिया। वोट बैंक की राजनीति से परेशान ईसाई व मुस्लिम समाज भी भाजपा की विकास राजनीति से प्रभावित हुआ है।
इसका परिणाम यह हुआ कि इस बार भाजपा के बैनर तले100 से ज्यादा मुसलमानों ने जीत हासिल कर सेन्चुरी बनाई है। दूसरी ओर इन्ही वर्गो के वोट बैंक की राजनीति से चनाव जीतने वाली कांग्रेस ने इस बार 1000 से ज्यादा अपने स्थल गंवा दिए।