अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के महानिदेशक श्री युकिया अमानो ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने दुनिया में शांति और विकास के लिए परमाणु विज्ञान के संरक्षित और सुरक्षित उपयोग को बढ़ावा देने में विस्तृत योगदान देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की सराहना की। इस दिशा में भारत का भी यही लक्ष्य है। उन्होंने मानव विकास के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य; परमाणु ऊर्जा संयंत्रों और अन्य सुविधाओं में सुरक्षा मानकों को बढ़ाने; और विनियामक भूमिका में एजेंसी के उच्च मानकों के लिए अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रयासों में महानिदेशक अमानो को उनके नेतृत्व के लिए धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने जन जागरूकता और सुरक्षा पहलुओं में विश्वास पैदा करने और परमाणु ऊर्जा को और अधिक किफायती बनाने के सम्मिलित प्रयासों में एजेंसी की भूमिका को विशेष रूप से महत्वपूर्ण बताया।
प्रधानमंत्री ने भारत के अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के एक संस्थापक सदस्य बनने के बाद से ही ऊर्जा एजेंसी के साथ भारत के अच्छे संबंधों की चर्चा की। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी, भारत के गवर्नर बोर्ड के एक सदस्य के रूप में उन्होंने उर्जा एजेंसी के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के अत्यंत महत्व पर बल दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वे भारत के आर्थिक विकास, भारत के लोगों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने और जलवायु परिवर्तन की चुनौती का हल निकालने में परमाणु ऊर्जा की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण मानते हैं। साथ-ही-साथ उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल, कृषि, खाद्य संरक्षण, साफ पानी और कचरा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में इसे कार्यान्वित कर आम नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने में परमाणु विज्ञान के प्रयोग पर विशेष जोर दिया जाये। उन्होंने कहा कि परमाणु संरक्षण और सुरक्षा के उच्चतम वैश्विक मानकों को बनाए रखने के लिए भारत प्रतिबद्ध है।
महानिदेशक अमानो ने परमाणु विज्ञान और प्रौद्योगिकीमें भारत की प्रगति, विकासात्मक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने,सुरक्षा मानकों में उच्चतम स्तर की प्रतिबद्धता बनाये रखने,और एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति के रूप में अपनी पहचान बनाने, अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी और भारत के बीच अच्छे संबंधों;अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के कार्यों में भारत के योगदान;औरपरमाणु विज्ञान के शांतिपूर्ण और विकासात्मक पहलुओं में पड़ोसी और अन्य देशों को भारत द्वारा सहायता प्रदान करने के लिए भारत की सराहना और इसकी प्रशंसा की।