उज्ज्वला योजना ने बिहार की भी करीब 90 लाख महिलाओं को लकड़ी के धुएं से मुक्त किया है: प्रधानमंत्री
विकास और सुशासन के मूल में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास है : जनसभा में प्रधानमंत्री मोदी

भारत माता की जय, भारत माता की जय।

महान पाटलिपुत्र के ई ज्ञान-विज्ञान, शौर्य-पराक्रमी, वैभवशाली भूमि के प्रणाम करीत हैयो !
महान सम्राट अशोक, विश्व गुरु चाणक्य, महान गणितज्ञ आर्यभट्ट और गुरु गोबिंद सिंह के ई गौरवशाली धरती पर अपने सब के अभिनंदन करीत ही !
बिहार के मुख्यमंत्री और भावी मुख्यमंत्री मेरे मित्र श्रीमान नितीश कुमार जी, केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में मेरे साथी श्री रवि शंकर प्रसाद जी, राज्य मंत्रिमंडल के अन्य साथी, सांसद श्रीमान रामकृपाल यादव जी, पूर्व सासंद डॉ. सी.पी. ठाकुर जी, मंच पर विराजमान सभी सांसदगण, सभी पार्टियों के नेतागण और मेरे प्यारे भाइयों और बहनों,
पटना, नालंदा और दूसरे जिलों के अलग-अलग क्षेत्रों से पधारे आप सभी साथियों और जो हजारों साथी डिजिटल माध्यम से जुड़े हैं, सभी को मेरा आदरपूर्वक प्रणाम !
हर बार की भांति इस बार भी आपका स्नेह और आपका जोश इस मैदान में ही नहीं, बल्कि पूरे बिहार में संदेश दे रहा है, पूरे देश में संदेश दे रहा है। मेरा आज दूसरी बार बिहार आना हुआ है। मैं जहां गया ऐसा ही अद्भुत नजारा, ऐसा ही उमंग, ऐसा ही दृढ़निश्चय मैं बिहार के लोगों में देख रहा हूं और इसलिए मैं बिहार की जनता का सर झुकाकर वंदन करता हूं।
भाइयो और बहनो, बीते डेढ़ दशकों में नितीश जी की अगुवाई में बिहार ने कुशासन से सुशासन की तरफ कदम मजबूती से बढ़ाए हैं।
NDA सरकार के प्रयासों के कारण बिहार ने, असुविधा से सुविधा की ओर, अंधेरे से उजाले की ओर, अविश्वास से विश्वास की ओर, अपहरण उद्योग से अवसरों की ओर का एक लंबा सफर तय किया है। लेकिन सुशासन और विकास एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। जब एक सुविधा सामान्य जन तक पहुंचती है तो फिर उससे भी ऊपर की सुविधा के लिए, आकांक्षा बढ़ती है।

बीते सालों में देश और बिहार की, बिहार के युवाओं की यही आकांक्षा और अपेक्षा बढ़ी है। जो कभी वंचित था, अभाव में था, निराश था, वो अब आकांक्षी बन गया है। ये बिहार की और NDA सरकार की बहुत बड़ी कामयाबी है और इसके लिए मैं नितीश जी को बधाई देता हूं।

भाइयो और बहनो, अटल जी कभी कहते थे कि बिहार में बिजली की परिभाषा ये है कि जो आती कम है, जाती ज्यादा है। लालटेन काल का अंधेरा अब छंट चुका है, लेकिन बिहार की आकांक्षा अब लगातार बिजली, LED बल्ब की है।
पहले अस्पताल में एक डॉक्टर का मिलना मुश्किल था, अब जगह-जगह मेडिकल कॉलेज और AIIMS जैसी सुविधाओं की आकांक्षा है। पहले गांव-गांव में मांग थी कि किसी तरह खड़ंजा बिछ जाए, अब हर मौसम में बनी रहने वाली चौड़ी सड़कों की आकांक्षा है। पहले सामान्य रेलवे स्टेशन भी एक सपना थे। अब स्टेशन तो आधुनिक सुविधाओं से जुड़ ही रहे हैं, नए-नए रेल रूट शुरू किए जाएं इसकी भी आकांक्षा है।
भाइयो और बहनो, बिहार के गरीब की आकांक्षा, बिहार के मध्यम वर्ग की ये आकांक्षा कौन पूरी कर सकता है? वो लोग जिन्होंने बिहार को बीमार बनाया, बिहार को लूटा, क्या वो ये काम कर सकते हैं?
जिन लोगों ने सिर्फ अपने परिवार के बारे में सोचा, बिहार के एक-एक व्यक्ति के साथ अन्याय किया, दलितों, पिछड़ों, वंचितों का हक भी हड़प लिया, क्या वो लोग बिहार की उम्मीदों को समझ भी पाएंगे?

साथियो, आज बिहार जो चाहता है, बिहार के लोग जो चाहते हैं, वो एनडीए के लिए संकल्प-पत्र की तरह है शपथ-पत्र की तरह है। आज बिहार के शहरों को बिहटा जैसा नया और आधुनिक एयरपोर्ट चाहिए।
पहले महात्मा गांधी सेतु की स्थिति सुधारने की मांग होती थी, अब पूरे राज्य में ऐसी सुविधाओं की मांग होती है। पहले गंगा जी की स्वच्छता एक बहुत बड़ा विषय था, अब गंगा जी का पानी तो साफ हुआ ही है, यहां पटना में रिवर फ्रंट भी बन चुका है।
हाल में जो सरकार ने मिशन डॉल्फिन शुरू करने का फैसला किया है, ये मिशन डॉल्फिन के कारण उसका सबसे बड़ा लाभ गंगा के इस पाट पर होने वाला है, पटना और आस-पास के लोग उसके कारण बहुत रोजी-रोटी कमाने वाले हैं, सैकड़ों करोड़ रुपए का खर्च होने वाला है।

साथियो, पहले पटना में रिंग रोड की मांग होती थी। रिंग रोड बनी तो फिर मेट्रो की मांग तेज हुई। आज पटना मेट्रो पर काम चल रहा है तो दूसरे शहरों में भी ऐसी ही सुविधा की अपेक्षाएं बढ़ी हैं। आज पटना सहित बिहार के सभी शहरों में सड़क, पानी और सीवर जैसे बुनियादी मुद्दों पर तेज गति से काम किया जा रहा है।
गंगा जी में गिरने वाले गंदे नालों का पानी ट्रीट करने के लिए, साफ करने के लिए आधुनिक ट्रीटमेंट प्लांट भी लग रहे हैं। गंगा जी के घाटों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है, घाटों का सुंदरीकरण किया जा रहा है।

साथियो, एक समय था जब पासपोर्ट बनवाने के लिए पटना आने के सिवाय कोई चारा नहीं था।
अब बिहार में 33 पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र खुल चुके हैं। अब पासपोर्ट बनवाना और आसान हुआ है और ये मांग भी बढ़ी है कि और शहरों में भी ऐसे सेंटर खोले जाएं।

भाइयो और बहनो, बिहार के लोगों की इन अपेक्षाओं की पूर्ति अगर कोई कर सकता है तो आप को भी भरोसा है देश को भी भरोसा है, ये सिर्फ और सिर्फ एनडीए कर सकता है। आपकी इन अपेक्षाओं की पूर्ति एनडीए के द्वारा होना तय है।

आत्मनिर्भर भारत, आत्मनिर्भर बिहार के पीछे भी यही प्रेरणा है, यही प्रोत्साहन है। इस अभियान का सबसे बड़ा लक्ष्य देश के, बिहार के अपने सामर्थ्य को नई ऊर्जा देने का है। इस अभियान का लक्ष्य, बिहार के युवाओं को नए अवसर देने का है, नए रास्ते दिखाने का है। इसके लिए एनडीए सरकार दिन-रात काम कर रही है। बीते समय में शिक्षा से लेकर शासन तक, किसान से लेकर श्रमिक तक,
ईज ऑफ लिविंग से लेकर ईज ऑफ डूइंग बिजिनेस तक के लिए अभूतपूर्व रिफॉर्म्स किए गए हैं।
आज साढ़े 3 दशक बाद नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश को मिल चुकी है। इस शिक्षा नीति में भाषा और अवसरों के अभाव के कारण बिहार का जो हमारा गरीब और वंचित छूट जाता था, उसको सबसे ज्यादा लाभ होने वाला है।
यही नहीं, बिहार जैसे राज्यों में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट्स और क्वालिटी टीचर्स के लिए भी एक खाका इसमें खींचा गया है।

साथियो, पढ़ाई ही नहीं, सरकारी भर्तियों में पारदर्शिता के लिए निरंतर कदम उठाए जा रहे हैं। अगर एससी, एसटी के आरक्षण को 10 साल के लिए आगे बढ़ाया गया है, इसी पार्लियामेंट के सत्र में हमने समाज के प्रति सामाजिक न्याय का ये कदम उठाया है तो सामान्य वर्ग के गरीबों को भी सामाजिक न्याय का हक है और इसलिए सामान्य वर्ग के गरीबों को भी 10 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है।
केंद्र सरकार ग्रुप बी और ग्रुप सी की सेवाओं से इंटरव्यू पहले ही खत्म किया जा चुका है। वो भ्रष्टाचार का बहुत बड़ा मायाजाल था, उसे खत्म कर दिया। अब और एक बड़ा महत्वपूर्ण कदम लिया है, अब कंपीटिटिव एग्जाम की व्यवस्था में भी अभूतपूर्व सुधार किए गए हैं।
नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी के तहत अब रेलवे, बैंक और दूसरी अनेक सरकारी भर्तियों के लिए एक ही कॉमन एंट्रेंस एग्जाम की व्यवस्था, ये बहुत बड़ा सुधार है।
अलग-अलग एग्ज़ाम खत्म होने से युवाओं की ऊर्जा, कोचिंग में लगने वाला धन और समय, परेशानी, सब कुछ बहुत कम हो जाएगा।
इससे भर्तियों में पारदर्शिता भी बढ़ेगी। वरना पहले तो हर एक के लिए अलग फार्म भरो, हर एक के लिए अलग एग्जाम दो और एक ही डेट में दो एग्जाम आ गई तो कहां जाओ कहां ना जाओ परेशानी, ये सब अब खत्म कर दिया गया है और अब दूर-दूर तक जाना भी नहीं पड़ेगा, अपने जिले में व्यवस्था मिल जाएगी ताकि आप हिंदुस्तान की किसी भी बड़ी से बड़ी जगह भी जाना चाहते हैं आपका रास्ता खुल जाएगा।
आज आत्मनिर्भर बिहार के माध्यम से अगर भाजपा और NDA नए रोजगार निर्माण का रोडमैप रख रही है, तो इसके पीछे इन्हीं सुधारों का आत्मविश्वास है।

साथियो, बिहार में आईटी हब बनने की, पूरी संभावना है। यहां पटना में भी I.T की बड़ी कंपनी ने अपना ऑफिस खोला है। सिर्फ ऑफिस ही नहीं खुला है, बिहार के नौजवानों के लिए नए अवसर भी खुले हैं।
बीते सालों में दर्जन भर BPO, पटना, मुजफ्फरपुर और गया में खुल चुके हैं। इससे भी अनेकों युवाओं को रोजगार मिला है। मैं पटना के लोगों से जानना चाहता हूं, बिहार के लोगों से जानना चाहता हूं, क्या जंगलराज में बिहार IT HUB बनने का सपना भी देख सकता था?
मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, पुरानी चीजें याद करके एक बार जरूर अपने मन को सवाल पूछिए आप मन में सोचिए।
‘जंगलराज के युवराज’, क्या वो बिहार को IT के क्षेत्र में, या आधुनिकता के किसी भी क्षेत्र में आगे ले जा सकते हैं?
इसका जवाब मुझसे ज्यादा बिहार की जनता जानती है, पंद्रह-पंद्रह साल तक वो जुल्म झेला है।
भाइयो और बहनो, आज देश में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ाने में उन लोगों की बहुत बड़ी भूमिका है जिन्हें जंगलराज के दौर में यहां से पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा था। आज जब देश में एक नई टेक्नोलॉजी क्रांति आ रही है, तो बिहार का युवा, अपने घर पर रहते हुए भी बहुत बड़ी भूमिका निभा सकता है।
साथियो, आज एनडीए सरकार का जोर है कि सरकारी सेवाओं, अरे आपका उत्साह मुझे मंजूर है भइया, मेरी आपसे प्रार्थना है अभी काफी दिन काम करना है।
साथियो, आज एनडीए सरकार का जोर है कि सरकारी सेवाओं और सरकारी सुविधाओं से कुछ क्षेत्र या कोई व्यक्ति छूट ना जाए। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा टेक्नॉलॉजी का उपयोग किया जा रहा है। पटना में ही शहरी गरीबों को 28 हज़ार पक्के घर टेक्नॉलॉजी के उपयोग से स्वीकृत हुए हैं।
आज सैलरी हो, पेंशन हो, प्रमाण पत्र हो, स्कॉलरशिप हो, सब्सिडी हो, टैक्स हो, ऐसी सैकड़ों सुविधाएं, हर जानकारी आपके फोन पर उपलब्ध हैं, पूरी सरकार आपकी हथेली में है।
बिहार में गांव में खुले 34 हजार कॉमन सर्विस सेंटर्स ये सुविधाएं सामान्य नागरिकों को दे रहे हैं। आज व्यापार-कारोबार के लिए भी ज्यादातर परमिशन ऑनलाइन कर दी गई है, सिंगल विंडो की सुविधाएं दी जा रही हैं। अभी सरकार ने एक और योजना शुरू की है जिसे यहां एनडीए सरकार बनने के बाद लागू करने की पूरी तैयारी है। ये योजना है, स्वामित्व योजना।
स्वामित्व योजना के तहत ड्रोन टेक्नॉलॉजी से गांवों में ज़मीन की, घरों की, प्रॉपर्टी की मैपिंग हो रही है। एक बार मैपिंग होने के बाद, लोगों को जमीनों का, घरों का प्रॉपर्टी कार्ड भी दिया जा रहा है। ये प्रॉपर्टी कार्ड मिलने के बाद आपको अनेक झगड़ों से मुक्ति मिलेगी, बैंकों से कर्ज आसानी से मिलेगा।

साथियो, टेक्नॉलॉजी के माध्यम से कैसे समाज के हर क्षेत्र, हर व्यक्ति को तेजी से लाभ सुनिश्चित होता है, ये कोरोना काल में भी देखने को मिला है। आप कल्पना कर सकते हैं, अगर मोबाइल को आधार और बैंक खातों से न जोड़ा गया होता, तो इस संकट काल में बिहार की गरीब बहनों के खाते में करोड़ों रुपए सीधे कैसे पहुंच पाते?
अगर पीएम किसान सम्मान निधि को टेक्नोलॉजी से न जोड़ा गया होता तो क्या बिहार के किसानों के बैंक खाते में हजारों करोड़ रुपए क्या पहुंच पाते?
श्रमिकों, संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों, पेंशनधारकों, ऐसे अनेक साथियों की सीधी मदद अगर ये सब ना होता तो संभव नहीं होती इस कालखंड में।

साथियो, जनधन, आधार, मोबाइल की त्रिशक्ति अगर ना होती तो बिहार के लाखों गरीब परिवारों के हक का राशन पहले की तरह, जो पंद्रह साल पहल होता था, कोई और हड़प लेता। कोरोना के इस काल में गरीब और मध्यम वर्ग के वो साथी जिन्होंने होम लोन, ऑटो लोन, एजुकेशन लोन, क्रेडिट कार्ड या MSMEs के लिए लोन ले रखा है उनको भी बड़ी राहत दी गई है।
भाई आपका उत्साह मुझे मंजूर है, आपका प्यार मेरे सर-आंखों पर।

मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, ऐसे साथी जो पहले नियमित रूप से किश्त चुका रहे थे लेकिन कोरोना के कारण वो ऐसा नहीं कर पाए, उनको ब्याज़ में राहत दी गई है। ये काम भी टेक्नॉलॉजी के उपयोग से पूरी पारदर्शिता के साथ, तेजी से किया जा रहा है।
भाइयो और बहनो, कुछ देर पहले मैं रविशंकर जी से चर्चा कर रहा था। उन्होंने भी बड़ी अच्छी जानकारी मुझे दी है। लॉकडाउन के दौरान जब बैंक या ATM जाना मुश्किल था, तब डाक विभाग ने बिहार के 23 लाख बड़ी आयु के साथियों को घर बैठे बैंक से लेनदेन की सुविधा दी है।
कुछ साल पहले तक भारत में मोबाइल फोन चलाना, इंटरनेट चलाना, सिर्फ साधन संपन्न लोगों का ही विषय माना जाता था। आज गरीब से गरीब के पास भी, दलित, वंचित, पिछड़ा, समाज के हर वर्ग के युवाओं के पास अपना मोबाइल फोन है। सिर्फ मोबाइल फोन ही नहीं है, कॉल करना और इंटरनेट चलाना इतना सस्ता है। ये भी एनडीए सरकार की ही देन है।

भाइयो और बहनो, निरंतर आगे बढ़ना, नए आयाम तय करना ही विकास है। अब देश के, बिहार के गांवों के करोड़ों साथियों को गांव में तेज इंटरनेट चाहिए।
1 हजार दिनों के भीतर गांव-गांव ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाने का अभियान भी बिहार से ही शुरु हो चुका है। लक्ष्य ये है कि बिहार के गांव-गांव में ये काम आने वाले कुछ महीनों में ही पूरा कर लिया जाए। इससे हर गांव में सार्वजनिक वाई-फाई सेवा मिलेगी।
प्राइमरी स्कूल, आंगनबाड़ी, आशा वर्कर और जीविका दीदियों को एक साल के लिए मुफ्त इंटरनेट सुविधा दी जाएगी। इससे गांव में बच्चों की पढ़ाई, युवाओं की कमाई और मरीजों की दवाई के लिए अवसर ज्यादा बढ़ेंगे।
भाइयो और बहनो, डिजिटल इंडिया के इस विस्तार से गांव और गरीब को सस्ता और प्रभावी इलाज देना भी आसान होगा और अस्पतालों में होने वाली परेशानियां भी कम होंगी। टेलिमेडिसिन के माध्यम से घर-घर इलाज पहुंचाना आने वाले दिनों में संभव होगा।
टेक्नॉलॉजी का उपयोग करते हुए अब नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन भी शुरु किया जा रहा है। इसके तहत बिहार के सभी नागरिकों का हेल्थ रिकॉर्ड बनेगा। इससे गरीब को, मध्यम वर्ग के साथियों को अस्पतालों में लंबी कतारों में खड़ा होने की जरूरत नहीं रहेगी।
इससे डॉक्टरों की, अस्पतालों की पारदर्शिता बढ़ेगी और गरीब, मध्यम वर्ग को होने वाली परेशानी इससे कम होने वाली है।
आयुष्मान भारत, जन औषधि केंद्र और AIIMS जैसे आधुनिक मेडिकल संस्थानों के बाद इस योजना का भी बिहार के सामान्य नागरिकों को बहुत लाभ होगा।
साथियो, केंद्र की ऐसी अनेक लाभकारी और जनहित की योजनाओं का बिहार को तेजी से लाभ मिले इसके लिए नितीश जी के नेतृत्व में यहां NDA को जिताना बहुत जरूरी है।
अगर अटकाने, लटकाने और भटकाने वाले लोगों को, जंगलराज वालों को जरा भी अवसर मिलेगा तो जमीन पर इन योजनाओं को पहुंचाने में शायद मुश्किल हो जाएगा असंभव हो जाएगा।
आप याद रखिए, बिहार के सामने आज दो बड़े खतरे हैं। एक खतरा जो पूरी दुनिया के सामने है, उससे बिहार अछूता नहीं रह सकता है, पूरी मानवजाति के सामने खतरा है और वो है कोरोना का खतरा, जो आपके परिवार को बीमार कर सकता है।
दूसरा खतरा, बिहार को बीमार करने वाली ताकतों से है। अपने परिवार को, अपने बिहार को बचाने के लिए, बिहार को स्वस्थ और सशक्त बनाने के लिए आपका वोट इस बार भी एनडीए को ही मिलना चाहिए, ये मेरी आपसे प्रार्थना है। आपका जैसे मास्क पहनने से, दो गज की दूरी रखने से आप अपने आप को और अपने परिवार को बीमारी से बचा सकते हैं, वैसे ही आप अपने एक वोट से बिहार को बीमार बनाने से बचा सकते हैं।

मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, जब मैं एनडीए की बात करता हूं, इसका मेरा सीधा-सीधा मतलब है, भाजपा, जेडीयू, हम पार्टी और VIP इन चारों दलों के हर उम्मीदवार को भारी मतों से जिताना है।
इसी आग्रह के साथ फिर से आपका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए।
भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, बहुत-बहुत धन्यवाद।

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
25% of India under forest & tree cover: Government report

Media Coverage

25% of India under forest & tree cover: Government report
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
सोशल मीडिया कॉर्नर 21 दिसंबर 2024
December 21, 2024

Inclusive Progress: Bridging Development, Infrastructure, and Opportunity under the leadership of PM Modi