21वीं सदी ज्ञान की सदी है: प्रधानमंत्री मोदी
भारत में दुनिया का विनिर्माण केंद्र बनने की क्षमता है: प्रधानमंत्री मोदी
इतिहास में जब भी ज्ञान की बात हुई है, भारत का योगदान हमेशा से अहम रहा है: प्रधानमंत्री मोदी
जनसंख्या की दृष्टि से आज भारत विश्व का सबसे युवा देश है; उत्साह से लबरेज इन युवाओं के ढ़ेरों सपने हैं: प्रधानमंत्री मोदी
युवाओं की वर्तमान पीढ़ी रोजगार खोजने की बजाय रोजगार के अवसर बनाना चाहती है: प्रधानमंत्री मोदी
वैश्विक एजेंसियों ने भारत को दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था वाला देश बताया है: प्रधानमंत्री

मंच पर विराजमान सभी वरिष्‍ठ महानुभाव, नौजवान साथियों, और इस समय online नॉर्थ ईस्‍ट के कई विद्यार्थी भी इस समारोह में शरीक हैं। मैं उन सबका भी स्‍वागत करता हूं।

सब से पहले मैं आपसे क्षमा चाहता हूँ क्योंकि मुझे आने में बहुत विलंब हुआ, क्‍योंकि आज सुबह सिक्किम से मुझे चलना था। लेकिन weather साथ नहीं दे रहा था। बार बार समय बदलना पड़ रहा था। लेकिन आखिकार पहुंच ही गया। कभी-कभी देर होती है, लेकिन पहुंचता हूं। आज यहां दो महत्‍वपूर्ण कार्यक्रम हैं। एक तो IIIT का, नये भवन का शिलान्‍यास और दूसरा ICT Academy की शुरूआत। हम सुनते आए हैं कि 21वीं सदी हिन्‍दुस्‍तान की सदी है, लेकिन 21वीं सदी हिन्‍दुस्‍तान की सदी है इसका कारण क्‍या है। तो पूरा विश्‍व ये मानता है कि 21वीं सदी ये ज्ञान की सदी है। information की सदी है और इसलिए information , knowledge के क्षेत्र में जो अगुवाई करेगा वो दुनिया की अगुवाई करेगा। वो लीडरशिप करेगा और दूसरा महत्‍वपूर्ण कारण है आज भारत विश्‍व का सबसे युवा देश है। 65 प्रतिशत जनसख्‍ंया इस देश में 35 साल से कम उम्र की है, कई तो 35 से भी नीचे है। जिस देश मे सदियों से यह परंपरा रही है कि जब-जब मानव जाति नाजुक दौर से गुजरी है हमेशा हमेशा भारत ने नेतृत्‍व किया है और 21वीं सदी में demographic dividend ये हमारी ताकत है इतनी बड़ी संख्‍या में जिस देश के पास नौजवान हों उसके सपने भी नौजवान होते हैं और जवान सपनों में समर्पण का भाव भी होता है, ऊर्जा भी होती है। भारत इस परिस्थिति का फायदा कैसे उठाए, इस अवसर को भारत किस प्रकार से दुनिया के विश्‍व के पटल पर एक शक्ति के रूप में उभर सकें। ये अवसर भी है, चुनौती भी है और जिंदगी बिना चुनौतियों के कभी सफल नहीं होती है। जो चुनौतियों को पार करता है वो ही अवसर को पाता है और वही अवसर को सिद्धि में परिवर्तित कर सकता है। आज पूरे विश्‍व में जितने भी मानको पर चर्चा होती है चाहे वर्ल्‍ड बैंक का रिपोर्ट देख लीजिए। IMF का रिपोर्ट देख लीजिए। credit rating agency, global level की कुछ कहें, एक बात साफ साफ उभर करके आती है और सर्व दूर से एक ही प्रकार से आती है और वो ये कि आज बड़े देशों की सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली कोई economy है। वो economy का नाम है हिन्‍दुस्‍तान।

आए दिन खबरें आती है कि दुनिया में ये हो रहा है। वो हो रहा है। पूरे विश्‍व में आर्थिक मंदी का माहौल है। विश्‍व आर्थिक संकट में घिरा हुआ है। ऐसे संकट के काल में एक अकेला हिन्‍दुस्‍तान अपने पैरों पर स्थिर खड़ा है और तेज गति से आगे भी बढ़ रहा है और ये भी विश्‍व मानता है कि आने वाले दिनों में भारत इससे भी अधिक गति से आगे बढ़ने वाला है। ये जो अवसर आया है। इस अवसर का फायदा अगर उठाना है। तो हमें हमारी युवा शक्ति पर ध्‍यान केन्द्रित करना होगा और इसलिए सरकार ने जिन बातों पर ध्‍यान दिया है वे बिखरी हुई चीजें नहीं हैं। सरकार में हैं कुछ करना पड़ता है चलो कुछ करते रहें ऐसा भी नहीं हैं। एक के बाद एक कदम एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं, interlinked हैं। एक के बाद एक कदम अंतिम परिणाम को प्राप्‍त करने का अवसर है। पहली बार इस देश में skill development एक अलग department बनाया गया। पहले क्‍या था। हर department अपने-अपने तरीके से skill department का काम करता था। लेकिन जब इतने बड़े department के एक कोने में skill department चलता है तो उसमें focus नहीं रहता था। चीजें चलती थी, कागज पर सब दिखता था। लेकिन धरती पर नजर नहीं आता था। हमने अलग skill department बनाया और पूरे देश में 21वीं सदी के अनुकूल किस प्रकार का मैन पावर तैयार करना चाहिए, किस प्रकार का Human resource development करना चाहिए और न सिर्फ हिन्‍दुस्‍तान वैश्विक संदर्भ में global perspective में आप कल्‍पना कर सकते हैं जब दुनिया पूरी बूढ़ी हो, दुनिया के पास पैसे हों। उद्योग कारखाने लगे हुए हों। लेकिन चलाने के लिए नौजवान न हो तो क्‍या होगा। पूरी विश्‍व को 2030 के बाद बहुत बड़ी मात्रा में human resource की आवश्‍यकता पड़ने वाली है। globally man power पहुंचाने का काम अगर कोई कर सकता है तो हिन्‍दुस्‍तान कर सकता है। दूनिया के हर कोने में भारत का नौजवान जा करके उस देश के जीवन में बहुत बड़ा योगदान कर सकता है। वो दिन दूर नहीं है। जब पूरे global requirement को अगर ध्‍यान में रखें तो आज से हमारा प्रयास है कि हिन्‍दुस्‍तान में वो Human resource development हो वो man power तैयार हो जो आने वाले दिनों में global requirement को पूरी कर पाएं।

दूसरी तरफ भारत सिर्फ सेवादार बना रहे क्‍या ? ये बात हमें मंजूर नहीं है और इसलिए हमारे देश में Make in India का अभियान चलाया है। आज देश पेट्रोलियम पैदावार के बाद सबसे ज्‍यादा इम्‍पोर्ट जो पहली तीन चार चीजें हैं देश में जिसमे हमारी सबसे ज्‍यादा धन हमारे विदेश में जाता है। उसमें एक है electronic goods का import। चाहे लैपटॉप हो, चाहे मोबाइल फोन हो, चाहे electronic medical devices हो। अब जिस देश में ऐसी बढि़या IIT हो जिस गुवाहाटी के IT के, जो गुवाहाटी यहाँ के IIT के कारण पहचाना जाता है। यहां के IIT ने गुवाहाटी को एक नई पहचान दी है। लेकिन उस देश में electronic goods भी हमें इम्‍पोर्ट करना पड़े । ये अच्‍छी बात है क्‍या। Thermometer भी बाहर से लाना है। बीपी कम हुआ ठीक हुआ नहीं ठीक हुआ वो भी foreign का instrument तय करेगा क्‍या।

दोस्‍तों ये चीजे बदलनी है। मैं आज आपके बीच आया हूं चुनौती को ले करके, कम से कम electronic goods ये तो हम बना सकते हैं ऐसा नहीं हम दुनिया को दे सकते हैं। इस देश के पास टेलेंट की कमी नहीं है, इरादों की भी कमी नहीं है। हर नौजवान के पास कुछ न कुछ करने का इरादा है तो क्‍यों न हम हमारे देश की इस requirement को ध्यान में रखते हुए मेक इन इंडिया की बात को आगे बढ़ाएं। और दुनिया ने भारत के लोगों का लोहा माना है। आज सिलिकॉन मेले में जाइए। Address तो यूएसए का है। लेकिन चेहरा हिन्‍दुस्‍तानी है। हर तीसरी चौथी कंपनी का सीईओ हिन्‍दुस्‍तानी है। 50 परसेंट 60 परसेंट काम करने वाले नौजवान हिन्‍दुस्‍तानी है। इस देश के पास टेलेंट भी है।

भारत ने Mars Mission किया। ऑरबिट में हम पहुंचे। दूनिया में हम पहले देश हैं जो Mars Orbit Mission में पहले ही ट्रायल में सफल हो गये। दुनिया के और देशों में सफलता 20-20-25 बार ट्रायल करने पर मिली। भारत को पहली बार मिल गई। और खर्चा कितना आप गुवाहाटी में एक किलोमीटर ऑटो रिक्‍शा में जाए तो दस रुपया लगता होगा। हम मार्स मिशन में सिर्फ सात रुपए किलोमीटर पर गए। हॉलीवुड की फिल्‍म का जो खर्चा होता है उससे कम खर्चें में हम मार्स मिशन पर पहुंचे। ये कैसे संभव हुआ। हमारे नौजवानों के talent के कारण, तजुर्बे के कारण। कुछ कर गुजरने के इरादे के कारण। जिस देश के पास ये सामर्थ्‍य हो तो वो देश का प्रधानमंत्री make in India का सपना क्‍यों न देखे। हमारा दूसरा क्षेत्र है Defence. क्‍या भारत अपनी सुरक्षा के लिए आजादी के 70 साल के बाद भी औरों पर dependent रहे। अश्रु गैस है न अश्रु गैस, रोने के लिए भी tear gas, वो भी बाहर से लाना पड़ता है। ये स्‍थिति अब बदलनी है दोस्‍तों। हम हमारी रक्षा के लिए जो आवश्‍यकताएं हैं वो तो हम बनाएं। इतना ही नहीं दुनिया को हम supply भी करे, ये ताकत हमारी होनी चाहिए।

हम मोबाइल के बिना जी नहीं सकते और आप में से कई लोग है, मेरे से जुड़े हुए हैं, फेसबुक पर, ट्वीटर पर। कुछ लोग मेरी Narendra Modi app पर भी कुछ न कुछ लिखते रहते हैं गुवाहाटी से। लेकिन मोबाइल फोन बाहर से लाना पड़ता है और इसलिए दोस्‍तों हमारे जो IITs है। हमारी IIIT है। हमारी technical institutions है। वहां make in India का मुझे माहौल create करना है। अभी से विद्यार्थी के मन में विचार होना चाहिए कि मैं शस्‍त्रार्थों की दुनिया में भारत को ये अमानत दूंगा ताकि दुनिया हमें कुछ न कर पाए।

हम ICT के क्षेत्र में जा रहे हैं। ICT हम व्‍यापार-धंधे के लिए नए-नए सॉफ्टवेयर बनाने की ताकत create कर रहे हैं, लेकिन दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती है और सारी दुनिया के सामने है। वो चुनौती है, cyber security की। हर कोई परेशान है, कहीं कोई हाई-जैक तो नहीं कर लेगा। मेरी पूरी फाइल चली तो नहीं जाएगी। मैं research कर रहा हूं, कोई उठा तो नहीं ले जाएगा। दुनिया को कोई ठप्‍प तो नहीं कर देगा। हवाई जहाज उड़ता होगा और cyber attack करके उसको वही रोक दिया जा सकता है और फिर वो नीचे ही आएगा। ये संकट है, दुनिया डरी हुई है। technology ने जहां-जहां पर हमको पहुंचाया है तो उसके साथ हमारे सामने चुनौतियां भी आई हैं। क्‍या हमारे विद्यार्थी, हमारे नौजवान विश्‍व को cyber security देने के लिए नेतृत्‍व नहीं कर सकते क्‍या? अगर दुनिया में किसी को भी cyber security की जरूरत होगी, भारत के नौजवान पर उसको भरोसा करना पड़ेगा, तब जाकर के उसका काम होगा। ये नहीं कर सकते क्‍या?

और इसलिए दोस्‍तों skill development से लेकर के make in India. दो दिन पहले आप में से कई लोग शायद मेरे साथ वीडियो कॉंफ्रेंस में जुड़े हुए होंगे। जब मैं दो दिन पहले दिल्‍ली में ‘स्‍टार्ट-अप’ का आरंभ किया। जब मैं पहले ‘स्‍टार्ट-अप’ कह रहा था तो कुछ लोगों को तो पता ही नही पड़ता, क्‍या कह रहा है ये। ‘स्‍टार्ट-अप इंडिया, स्‍टैंड-अप इंडिया’. जब लालकिले से हमने कहा तो ऐसे ही आकर के चला गया विषय। पता ही नहीं चला, कहीं रजिस्‍टर्ड ही नहीं हुआ। लेकिन अभी जब ‘स्‍टार्ट-अप’ का कार्यक्रम हुआ, लाखों नौजवानों ने रजिस्‍ट्रेशन कराया। एक नया mood बना है, देश में। नौजवान सोच रहा है मैं रोजगार के लिए apply नहीं करूंगा, मैं अपने पैरों पर नई चीज खोजकर के दुनिया के बाजार में ले आऊंगा, नए तरीके से ले आऊंगा।

‘स्‍टार्ट-अप’ का एक माहौल बना है। वर्तमान में जो नई पीढ़ी है वो job-seeker नहीं बनना चाहती है, वो job-creator बनना चाहती है और सरकार ‘स्‍टार्ट-अप इंडिया, स्‍टैंड-अप इंडिया’ के भरोसे उसे बल देना चाहती है और इसलिए अभी आपने देखा होगा, हमने कई नई योजनाएं घोषित की है, नए initiative लिए हैं क्‍योंकि भारत दुनिया का ‘स्‍टार्ट-अप’ का capital बन सकता है जिस देश के पास इतनी talent हो, वो दुनिया का capital बन सकता है और मैंने ये देखा, आपने भी शायद टीवी पर इन चीजों को ध्‍यान से देखा होगा, नहीं देखा होगा तो इंटरनेट पर सारी चीजें इन दिनों available है। 22-25-27-30 साल के नौजवान अरबों-खरबों रुपयों का व्‍यापार करने लगे हैं और दो-तीन साल में करने लगे हैं और पांच हजार- दस हजार- 25 हजार लोगों को रोजगार दे रहे हैं just अपना दिमाग और technology का उपयोग करते हुए।

और जमाना App का है, हर चीज का App बनता है और दुनिया जुड़ जाती है। मैं भी अब जुड़ गया लेकिन हमारे नौजवानों की जो बुद्धिमत्‍ता है वो कुछ कर गुजरने की बुद्धिमत्‍ता है और इसलिए skill development से लेकर के ‘स्‍टार्ट-अप’ तक की यात्रा Make in India. पहले Make for India और बाद में Make for Global, ये requirement को पूरा करने के लिए हम आगे बढ़ना चाहते हैं और उसमें technical force एक बहुत बड़ी आवश्‍यकता है। हर हाथ में हुनर होना चाहिए। कभी-कभी हम लोग रोते बैठते हैं। हमारे देश में कुछ ये भी आदत है। समस्‍याएं होती है। हर किसी के नसीब में मक्‍खन पर लकीर करने का सौभाग्‍य नहीं होता है। पत्‍थर पर लकीर करने की ताकत होनी चाहिए और अगर हम अपने आप को युवा कहते हैं तो उसकी पहली शर्त यह होती है कि वो मक्‍खन पर लकीर करने के रास्‍ते न ढूंढे, वो पत्‍थर पर लकीर करने की ताकत के लिए सोचे। अगर यही इरादे लेकर के हम चलते हैं तो हम अपनी तो जिन्‍दगी बनाते हैं लेकिन कइयों की जिन्‍दगी में बदलाव लाने के लिए कारण भी बनते हैं।

तो भारत में हमारी जितनी भी academic institutions है, technical institutions है, हमारी Universities है। चाहे हमारी आईआईटी हो या हमारी आईटीआई हो, छोटी से छोटी technical इकाई से लेकर के, top most technical venture, इन दोनों के अंदर एकसूत्रता होनी चाहिए और हम देश की आवश्‍यकताओं की पूर्ति करने के लिए सामर्थ्‍यवान बने। समस्‍याएं अपने आप उसका रास्‍ता भी खोजकर के आती है। कोई समस्‍या ऐसी नहीं होती जिसकी कोख में समाधान भी पलता न हो। सिर्फ पहचानने वाला चाहिए। हर समस्‍या की कोख में समाधान भी पलता है, उस समाधान को पकड़ने वाला चाहिए, समस्‍या का समाधान निकल आता है।

मैं चाहूंगा मेरे नौजवान चीजों को देखे तो उसके मन में पहले ये न आए कि यार ऐसा क्यों है। जो सो है सो है, यार ये है ऐसा करेंगे तो ये नहीं रहेगा। हम बदलाव ला सकते हैं। हमारी विचार प्रक्रिया को हम बदले।

पिछले दिनों राष्‍ट्रपति भवन में स्‍कूल के कुछ बच्‍चों को बुलाया गया था। हमारे राष्‍ट्रपति जी ऐसे लोगों को काफी encourage करने के अनेक कार्यक्रम करते रहते हैं। तो उन्‍होंने कहा, मोदी जी एक बार आइए, जरा देखिए। आठवीं, नौवीं, दसवीं कक्षा के बच्‍चे थे और मैंने देखा कि ‘स्‍वच्‍छ भारत’ के विषय में technology क्‍या role कर सकती है, कौन-सी innovative equipment create किया जा सकता है जो स्‍वच्‍छ भारत के लिए next requirement जो process है उसको पूरा कर सके। आठवीं-नौवी कक्षा के बच्‍चों ने ऐसी-ऐसी चीजें बनाई थी, मैं हैरान था। इसका मतलब यह हुआ कि हर समस्‍या का समाधान करने के लिए हमारे पास सामर्थ्‍य होता है।

अगर इंडिया के पास million problem है तो हिन्‍दुस्‍तान के पास billion brain भी है और इसलिए दोस्‍तों नया भवन तो मिलेगा। हिन्‍दुस्‍तान के पूर्वी छोर में ये ज्ञान का सूरज ऐसा तेज होकर के निकले कि पूरे हिन्‍दुस्‍तान को ज्ञान से प्रकाशित कर दे, ये मेरी आप सबको शुभकामनाएं हैं। बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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श्री मोदी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें आज सुशासन का प्रतीक बन रही हैं
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भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

गोविन्द की नगरी में गोविन्ददेव जी नै म्हारो घणो- घणो प्रणाम। सबनै म्हारो राम-राम सा!

राजस्थान के गवर्नर श्री हरिभाऊ बागड़े जी, राजस्थान के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा जी, मध्य प्रदेश से विशेष रूप से आज पधारे हुए हमारे लाडले मुख्यमंत्री मोहन यादव जी, केंद्र में मंत्री परिषद के मेरे साथी श्रीमान सी. आर. पाटिल जी, भागीरथ चौधरी जी, राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी जी, प्रेम चंद भैरवा जी, अन्य मंत्रिगण, सांसदगण, राजस्थान के विधायक, अन्य महानुभाव और राजस्थान के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों। और जो वर्चुअली हमारे साथ जुड़े हुए हैं, राजस्थान की हजारों पंचायतों में एकत्र आए हुए सभी मेरे भाई-बहन।

मैं राजस्थान की जनता को, राजस्थान की भाजपा सरकार को, एक साल पूरा करने के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। और इस एक साल की यात्रा के बाद आप जब लाखों की तादाद में आशीर्वाद देने के लिए आए हैं, और मैं उस तरफ देख रहा था जब खुली जीप में आ रहा था, शायद जितने लोग पंडाल में हैं तीन गुना लोग बाहर नजर आ रहे थे। आप इतनी बड़ी तादाद में आशीर्वाद देने आए हैं, मेरा भी सौभाग्य है कि मैं आज आपके आशीर्वाद को प्राप्त कर सका। बीते एक वर्ष में राजस्थान के विकास को नई गति, नई दिशा देने में भजनलाल जी और उनकी पूरी टीम ने बहुत परिश्रम किया है। ये पहला वर्ष, एक प्रकार से आने वाले अनेक वर्षों की मज़बूत नींव बना है। और इसलिए, आज का उत्सव सरकार के एक साल पूरा होने तक सीमित नहीं है, ये राजस्थान के फैलते प्रकाश का भी उत्सव है, राजस्थान के विकास का भी उत्सव है।

अभी कुछ दिन पहले ही मैं इंवेस्टर समिट के लिए राजस्थान आया था। देश और दुनियाभर के बड़े-बड़े निवेशक, यहां जुटे थे। अब आज यहां 45-50 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। ये प्रोजेक्ट, राजस्थान में पानी की चुनौती का स्थाई समाधान करेंगे। ये प्रोजेक्ट, राजस्थान को देश के सबसे कनेक्टेड राज्यों में से एक बनाएंगे। इससे राजस्थान में निवेश को बल मिलेगा, रोजगार के अनगिनत अवसर बनेंगे। राजस्थान के टूरिज्म को, यहां के किसानों को, मेरे नौजवानों साथियों को इससे बहुत फायदा होगा।

साथियों,

आज भाजपा की डबल इंजन की सरकारें सुशासन का प्रतीक बन रही हैं। भाजपा जो भी संकल्प लेती है, वो पूरा करने का ईमानदारी से प्रयास करती है। आज देश के लोग कह रहे हैं कि भाजपा, सुशासन की गारंटी है। और तभी तो एक के बाद, एक के बाद एक राज्यों में आज भाजपा को इतना भारी जन-समर्थन मिल रहा है। देश ने लोकसभा में भाजपा को लगातार तीसरी बार देश की सेवा करने का अवसर दिया है। बीते 60 सालों में हिन्दुस्तान में ऐसा नहीं हुआ। 60 साल के बाद भारत की जनता ने तीसरी बार केंद्र में सरकार बनाई है, लगातार तीसरी बार। हमे देशवासियों की सेवा करने का अवसर दिया है, आशीर्वाद दिए हैं। अभी कुछ दिन पहले ही, महाराष्ट्र में भाजपा ने लगातार दूसरी बार सरकार बनाई। और चुनाव नतीजों के हिसाब से देखें तो वहां भी ये लगातार तीसरी बार बहुमत मिला है। वहां भी पहले से कहीं अधिक सीटें भाजपा को मिली हैं। इससे पहले हरियाणा में लगातार तीसरी बार भाजपा की सरकार बनी है। हरियाणा में भी पहले से भी ज्यादा बहुमत लोगों ने हमें दिया है। अभी-अभी राजस्थान के उपचुनाव में भी हमने देखा है कि कैसे भाजपा को लोगों ने ज़बरदस्त समर्थन दिया है। ये दिखाता है कि भाजपा के काम और भाजपा के कार्यकर्ताओं की मेहनत पर आज जनता-जनार्दन का कितना विश्वास है।

साथियों,

राजस्थान तो वो राज्य है जिसकी सेवा का भाजपा को लंबे समय से सौभाग्य मिलता रहा है। पहले भैरों सिंह शेखावत जी ने, राजस्थान में विकास की एक सशक्त नींव रखी। उनसे वसुंधरा राजे जी ने कमान ली और सुशासन की विरासत को आगे बढ़ाया, और अब भजन लाल जी की सरकार, सुशासन की इस धरोहर को और समृद्ध करने में जुटी है। बीते एक वर्ष के कार्यकाल में इसी की छाप दिखती है, इसी की छवि दिखती है।

साथियों,

बीते एक वर्ष के दौरान क्या-क्या काम हुए हैं, उसके बारे में विस्तार से यहां कहा गया है। विशेष रूप से गरीब परिवारों, माताओं-बहनों-बेटियों, श्रमिकों, विश्वकर्मा साथियों, घूमंतु परिवारों के लिए अनेक फैसले लिए गए हैं। यहां के नौजवानों के साथ पिछली कांग्रेस सरकार ने बहुत अन्याय किया था। पेपरलीक और भर्तियों में घोटाला, ये राजस्थान की पहचान बन चुकी थी। भाजपा सरकार ने आते ही इसकी जांच शुरु की और कई गिरफ्तारियां भी हुई हैं। इतना ही नहीं, भाजपा सरकार ने यहां एक साल में हज़ारों भर्तियां भी निकालीं हैं। यहां पूरी पारदर्शिता से परीक्षाएं भी हुई हैं, नियुक्तियां भी हो रही हैं। पिछली सरकार के दौरान राजस्थान के लोगों को, बाकि राज्यों की तुलना में महंगा पेट्रोल-डीज़ल खरीदना पड़ता था। यहां भाजपा सरकार बनते ही, राजस्थान के मेरे भाइयों-बहनों को राहत मिली। केंद्र सरकार पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के बैंक खाते में सीधे पैसे भेजती है। अब डबल इंजन की राजस्थान भाजपा सरकार उसमें इजाफा करके, अतिरिक्त पैसे जोड़कर किसानों को मदद पहुंचा रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कामों को भी यहां डबल इंजन की सरकार तेजी से जमीन पर उतार रही है। भाजपा ने जो वायदे किए थे, उन्हें वो तेजी से पूरा कर रही है। आज का ये कार्यक्रम भी इसी की एक अहम कड़ी है।

साथियों,

राजस्थान के लोगों के आशीर्वाद से, बीते 10 साल से केंद्र में बीजेपी की सरकार है। इन 10 सालों में हमने देश के लोगों को सुविधाएं देने, उनके जीवन से मुश्किलें कम करने पर बहुत जोर दिया है। आजादी के बाद के 5-6 दशकों में कांग्रेस ने जो काम किया, उससे ज्यादा काम हमने 10 साल में करके दिखाया है। आप राजस्थान का ही उदाहरण लीजिए...पानी का महत्व राजस्थान से बेहतर भला कौन समझ सकता है। यहां कई क्षेत्रों में इतना भंयकर सूखा पड़ता है। वहीं दूसरी तरफ कुछ क्षेत्रों में हमारी नदियों का पानी बिना उपयोग के ऐसे ही समंदर में बहता चला जा रहा है। और इसलिए ही जब अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार थी, तो अटल जी ने नदियों को जोड़ने का विजन रखा था। उन्होंने इसके लिए एक विशेष कमेटी भी बनाई। मकसद यही था कि जिन नदियों में ज़रूरत से ज्यादा पानी है, समुद्र में बह रहा है, उसको सूखाग्रस्त क्षेत्रों तक पहुंचाया जा सके। इससे बाढ़ की समस्या और दूसरी तरफ सूखे की समस्या, दोनों का समाधान संभव था। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसके समर्थन में कई बार अपनी बातें बताई हैं। लेकिन कांग्रेस कभी आपके जीवन से पानी की मुश्किलें कम नहीं करना चाहती। हमारी नदियों का पानी बहकर सीमापार चला जाता था, लेकिन हमारे किसानों को इसका लाभ नहीं मिलता था। कांग्रेस, समाधान के बजाय, राज्यों के बीच जल-विवाद को ही बढ़ावा देती रही। राजस्थान ने तो इस कुनीति के कारण बहुत कुछ भुगता है, यहां की माताओं-बहनों ने भुगता है, यहां के किसानों ने भुगता है।

मुझे याद है, मैं जब गुजरात में मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करता था, तब वहां सरदार सरोवर डेम पूरा हुआ, मां नर्मदा का पानी गुजरात के अलग-अलग हिस्सों तक पहुंचाने का बड़ा अभियान चलाया, कच्छ में सीमा तक पानी ले गए। लेकिन तब उसे रोकने के लिए भी कांग्रेस द्वारा और कुछ NGO के द्वारा तरह-तरह के हथकंडे अपनाए गए। लेकिन हम पानी का महत्व समझते थे। और मेरे लिए तो मैं कहता हूं पानी पारस है, जैसे पारस लोहे को स्पर्श करे और लोहा सोना हो जाता है, वैसा पानी जहां भी स्पर्श करे वो एक नई ऊर्जा और शक्ति को जन्म दे देता है।

साथियों,

पानी पहुंचाने के लिए, इस लक्ष्य पर मैं लगातारे काम करता रहा, विरोधों को झेलता रहा, आलोचनाएं सहता रहा, लेकिन पानी के महत्मय को समझता था। नर्मदा के पानी का लाभ सिर्फ गुजरात को ही मिले इतना नहीं नर्मदा जी का पानी राजस्थान को भी इसका फायदा हो। और कभी कोई तनाव नहीं, कोई रुकावट नहीं, कोई मेमोरेंडम नहीं, आंदोलन नहीं जैसे ही डेम का काम पूरा हुआ, और गुजरात को हो जाए उसके बाद राजस्थान को देंगे वो भी नहीं, एक साथ गुजरात में भी पानी पहुंचाना, उसी समय राजस्थान को भी पानी पहुंचाना, ये काम हमने शुरू किया। और मुझे याद है जिस समय नर्मदा जी का पानी राजस्थान में पहुंचा राजस्थान के जीवन में एक उमंग और उत्साह था। और उसके कुछ दिन बाद अचानक मैं, मुख्यमंत्री के कार्यालय में मैसेज आया कि भैरों सिंह जी शेखावत और जसवंत सिंह जी वो गुजरात आए हैं और मुख्यमंत्री जी को मिलना चाहते हैं। अब मुझे पता नहीं था वो आए हैं, किस काम के लिए आए हैं। लेकिन वो मेरे दफ्तर आए, मैंने पूछा कैसे आना हुआ, क्यों...नहीं बोले कोई काम नहीं था, आपको मिलने आए हैं। मेरे वरिष्ठ नेता थे दोनों, भैरों सिंह जी की तो उंगली पकड़कर के हम कई लोग बड़े हुए हैं। और वो आकर के मेरे सामने बैठ नहीं हैं, वो मेरा सम्मान करना चाहते थे, मैं भी थोड़ा भौचक्का था। लेकिन उन्होंने मेरा मान-सम्मान तो किया, पर वो दोनों इतने भावुक थे, उनकी आंखें नम हो गई थी। और उन्होंने कहा मोदी जी आपको पता है पानी देने का मतलब क्या होता है, आप इतनी सहज-सरलता से गुजरात नर्मदा का पानी राजस्थान को दें दें, ये बाले, ये मेरे मन को छू गया। और इसीलिए करोड़ राजस्थान वासियों की भावना को प्रकट करने के लिए आज मैं आपके दफ्तर तक चला आया हूं।

साथियों,

पानी में कितना सामर्थ्य होता है इसका एक अनुभव था। और मुझे खुशी है कि माता नर्मदा आज जालौर, बाड़मेर, चूरु, झुंझुनू, जोधपुर, नागौर, हनुमानगढ़, ऐसे कितने ही जिलों को नर्मदा का पानी मिल रहा है।

साथियों,

हमारे यहां कहा जाता था कि नर्मदा जी में स्नान करें, नर्मदा जी की परिक्रमा करें तो अनेक पीढ़ी का पाप धुलकर के पुण्य प्राप्त होता है। लेकिन विज्ञान का कमाल देखिए, कभी हम माता नर्मदा की परिक्रमा करने जाते थे, आज स्वयं माता नर्मदा परिक्रमा करने के लिए निकली है और हनुमानगढ़ तक चली जाती है।

साथियों,

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना...ERCP को कांग्रेस ने कितना लटकाया, ये भी कांग्रेस की नीयत का प्रत्यक्ष प्रमाण है। ये किसानों के नाम पर बातें बड़ी-बड़ी करते हैं। लेकिन किसानों के लिए ना खुद कुछ करते हैं और ना ही दूसरों को करने देते हैं। भाजपा की नीति, विवाद की नहीं संवाद की है। हम विरोध में नहीं, सहयोग में विश्वास करते हैं। हम व्यवधान में नहीं, समाधान पर यकीन करते हैं। इसलिए हमारी सरकार ने, पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को स्वीकृत भी किया है और विस्तार भी किया है। जैसे ही एमपी और राजस्थान में भाजपा सरकार बनी तो, पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना, एमपीकेसी लिंक परियोजना पर समझौता हो गया।

ये जो तस्वीर आप देख रहे थे ना, केंद्र के जल मंत्री और दो राज्यों के मुख्यमंत्री, ये तस्वीर सामान्य नहीं है। आने वाले दशकों तक हिंदुस्तान के हर कोने में ये तस्वीर राजनेताओं को सवाल पूछेगी, हर राज्य को पूछा जाएगा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान मिलकर पानी की समस्या को, नदी के पानी के समझौते को आगे बढ़ा सकते हैं, तुम ऐसी कौन-सी राजनीति कर रहे हो कि पानी समु्द्र में बह रहा है तब तुम एक कागज पर हस्ताक्षर नहीं कर पा रहे हो। ये तस्वीर, ये तस्वीर पूरा देश आने वाले दश्कों तक देखने वाला है। ये जो जलाभिषेक हो रहा था ना, ये दृश्य भी मैं सामान्य दृश्य नहीं देखता हूं। देश का भला करने के लिए सोचने वाले विचार से काम करने वाले लोग उनको जब सेवा करने का मौका मिलता है तो कोई मध्य प्रदेश का पानी लेकर आता है, कोई राजस्थान का पानी लेकर आता है, उन पानी का इकट्ठा किया जाता है और मेरे राजस्थान को सुजलाम-सुफलाम बनाने के लिए पुरूषार्थ की परंपरा शुरू कर दी जाती है। ये असाधाारण दिखता है, एक साल का उत्सव तो है ही लेकिन आने वाली सदियों का उज्जवल भविष्य आज इस मंच से लिखा जा रहा है। इस परियोजना में चंबल और इसकी सहायक नदियां पार्वती, कालीसिंध, कुनो, बनास, बाणगंगा, रूपरेल, गंभीरी और मेज जैसी नदियों का पानी आपस में जोड़ा जाएगा।

साथियों,

नदियों को जोड़ने की ताकत क्या होती है वो मैं गुजरात में करके आया हूं। नर्मदा का पानी गुजरात की अलग-अलग नदियों से जोड़ा गया। आप कभी अहमदाबाद जाते हैं तो साबरमती नदी देखते हैं। आज से 20 साल पहले किसी बच्चें को अगर कहा जाए तुम साबरमती के ऊपर निबंध लिखो। तो वो लिखता की साबरमती में सर्कस के तंबू लगते हैं। बहुत अच्छे सर्कस के शो होते हैं। साबरमती में क्रिकेट खेलने का मजा आता है। साबरमती में बहुत अच्छी मिट्टी धूल होती रहती है। क्योंकि साबरमती में पानी देखा नहीं था। आज नर्मदा के पानी से साबरमती जिंदा हो गई और अहमदाबाद में रिवर front आप देख रहे हैं। ये नदियों को जोड़ने से ये ताकत है और मैं राजस्थान का वैसा ही सुंदर दृश्य मेरी आंखों में कल्पना कर सकता हूं।

साथियों,

मैं वो दिन देख रहा हूं जब राजस्थान में पानी की कमी नहीं होगी, राजस्थान में विकास के लिए पर्याप्त पानी होगा। पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना, इससे राजस्थान के 21 जिलों में सिंचाई का पानी भी मिलेगा और पेयजल भी पहुंचेगा। इससे राजस्थान और मध्य प्रदेश, दोनों के विकास में तेजी आएगी।

साथियों,

आज ही ईसरदा लिंक परियोजना का भी शिलान्यास हुआ है। ताजेवाला से शेखावाटी के लिए पानी लाने पर भी आज समझौता हुआ है। इस पानी से, इस समझौते से भी हरियाणा और राजस्थान दोनों राज्यों को फायदा होगा। मुझे विश्वास है कि राजस्थान में भी जल्द से जल्द शत-प्रतिशत घरों तक नल से जल पहुंचेगा।

साथियों,

हमारे सीआर पाटिल जी के नेतृत्व में एक बहुत बड़ा अभियान चल रहा है। अभी ज्यादा उसकी मीडिया में और बाहर चर्चा कम है। लेकिन मैं उसकी ताकत भलिभांति समझता हूं। जनभागीदारी से अभियान चलाया गया है। Rain water harvesting के लिए recharging wells बनाये जा रहे हैं। शायद आपाको भी पता नहीं होगा, लेकिन मुझे बताया गया कि जनभागीदारी से राजस्थान में आज daily rain harvesting structure तैयार हो रहे हैं। भारत के जिन राज्यों में पानी की किल्लत है, उन राज्यों में पिछले कुछ महीनों में अब तक करीब-करीब तीन लाख rain harvesting structures बन चुके हैं। मैं पक्का मानता हूं कि वर्षा के पानी को बचाने का ये प्रयास आने वाले दिनों में हमारी इस धरती मां की प्यास को बुझाएगा। और यहां बैठा हुआ हिन्दुस्तान में बैठा हुआ कोई भी बेटा, कोई भी बेटी कभी भी अपनी धरती मां को प्यासा रखना नहीं चाहेगा। जो प्यास की तड़प हमें होती है, वो प्यास हमें जितना परेशान करती है, वो प्यास उतना ही हमारी धरती मां को परेशान करती है। और इसलिए इस धरती की संतान के नाते हम सबका दायित्व बनता है कि हम अपनी धरती मां की प्यास बुझाएं। वर्षा के एक एक बूंद पानी को धरती मां की प्यास बुझाने के लिए काम लाए। और एक बार धरती मां का आशीर्वाद मिल गया ना फिर दुनिया की कोई ताकत हमें पीछे नहीं रख सकती।

मुझे याद है गुजरात में एक जैन महात्मा हुआ करते थे। करीब 100 साल पहले उन्होंने लिखा था, बुद्धि सागर जी महाराज थे, जैन मुनि थे। उनहोंने करीब 100 साल पहले लिखा था और उस समय शायद कोई पढ़ता तो उनकी बातों में विश्वास नहीं करता। उन्होंने लिखा था 100 साल पहले – एक दिन ऐसा आएगा जब किराने की दुकान में पीने का पानी बिकेगा। 100 साल पहले लिखा था आज हम किराने की दुकान से बिस्लेरी की बॉटल खरीदकर पानी पीने के लिए मजबूर हो गए हैं, 100 साल पहले कहा गया था।

साथियों,

ये दर्द भरी दास्तां है। हमारे पूवर्जों ने हमें विरासत में बहुत कुछ दिया है। अब हमारा दायित्व है कि हमारी आने वाली पीढ़ी को पानी के अभाव में मरने के लिए मजबूर न करें। हम उन्हें सुजलाम सुफलाम ये हमारी धरती माता, हमारी आने वाली पीढ़ियों को सुपुर्द करें। और उसी पवित्र कार्य को करने की दिशा में, मैं आज मध्यप्रदेश सरकार को बधाई देता हूं। मैं मध्य प्रदेश की जनता को बधाई देता हूं। मैं राजस्थान की सरकार और राजस्थान की जनता को बधाई देता हूं। अब हमारा काम है कि बिना रुकावट इस काम को हम आगे बढ़ाएं। जहां जरूरत पड़े, जिस इलाके से ये योजना बनती है। लोग सामने से आकर के समर्थन करें। तब समय से पहले योजनाएं पूरी हो सकती हैं और इस पूरे राजस्थान का भाग्य बदल सकता है।

साथियों,

21वीं सदी के भारत के लिए नारी का सशक्त होना बहुत जरूरी है। भई वो कैमरा, कैमरा को शौक इतना है कि उनका उत्साह बढ़ गया है। जरा वो कैमरा वाले को जरा दूसरी तरफ ले जाइये, वो थक जाएंगे।

साथियों,

आपका ये प्यार मेरे सर आंखों पर मैं आपका आभारी हूं इस उमंग और उत्साह के लिए साथियों नारीशक्ति का सामर्थ्य क्या है, ये हमने विमन सेल्फ हेल्प ग्रुप स्वयं सहायता समूह के आंदोलन में देखा है। बीते दशक में देश की 10 करोड़ बहनें सेल्फ हेल्प ग्रुप्स से जुड़ी हैं। इनमें राजस्थान की भी लाखों बहनें शामिल हैं। इन समूहों से जुड़ी बहनें, उनको मजबूत बनाने के लिए भाजपा सरकार ने दिन रात मेहनत की है। हमारी सरकार ने इन समूहों को पहले बैंकों से जोड़ा, फिर बैंकों से मिलने वाली मदद को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख किया। हमने उन्हें मदद के तौर पर करीब 8 लाख करोड़ रुपए दिए हैं। हमने उन्हें ट्रेनिंग की व्यवस्था कराई है। महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप में बने सामानों के लिए नए बाजार उपलब्ध कराए।

आज इसी का नतीजा है कि ये सेल्फ हेल्प ग्रुप, ग्रामीण अर्थव्यवस्था की बहुत बड़ी ताकत बने हैं। और मेरे लिए खुशी है, मैं यहा आ रहा था सारे ब्लॉक के ब्लॉक माताओं बहनों से भरे हुए हैं। और इतना उमंग इतना उत्साह। अब हमारी सरकार, सेल्फ हेल्प ग्रुप की तीन करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने पर काम कर रही है। मुझे खुशी है कि करीब सवा करोड़ बहनें लखपति दीदी बन भी चुकी हैं। यानि इन्हें साल में एक लाख रुपए से ज्यादा की कमाई होने लगी है।

साथियों,

नारी शक्ति को मजबूत करने के लिए हम अनेक नई योजनाएं बना रहे हैं। अब जैसे नमो ड्रोन दीदी योजना है। इसके तहत हजारों बहनों को ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग दी जा रही है। हज़ारों समूहों को ड्रोन मिल भी चुके हैं। बहनें ड्रोन के माध्यम से खेती कर रही हैं, उससे कमाई भी कर रही हैं। राजस्थान सरकार भी इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए अनेक प्रयास कर रही है।

साथियों,

हाल में ही हमने बहनों-बेटियों के लिए एक और बड़ी योजना शुरु की है। ये योजना है बीमा सखी स्कीम। इसके तहत, गांवों में बहनों-बेटियों को बीमा के काम से जोड़ा जाएगा, उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके तहत प्रारंभिक वर्षों में जब तक उनका काम जमें नहीं उनको कुद राशि मानदंड के रूप में दी जाएगी। इसके तहत बहनों को पैसा भी मिलेगा और साथ साथ देश की सेवा करने का अवसर भी मिलेगा। हमने देखा है कि हमारी जो बैंक सखियां हैं, उन्होंने कितना बड़ा कमाल किया है। देश के कोने-कोने तक, गांव-गांव में हमारी बैंक सखियों ने बैंक सेवाएं पहुंचा दी है, खाते खुलवाए हैं, लोन की सुविधाओं से लोगों को जोड़ा है। अब बीमा सखियां, भी भारत के हर परिवार को बीमा की सुविधा से जोड़ने में मदद करेंगी। जरा ये जो कैमरामेन है उनको मेरी रिक्वेस्ट है कि आप अपना कैमरा दूसरी तरफ मोड़िये प्लीज, यहां लाखों लोग हैं उनकी तरफ ले जाइये ना।

साथियों,

भाजपा सरकार का निरंतर प्रयास है कि गांव की आर्थिक स्थिति बेहतर हो। ये विकसित भारत बनाने के लिए बहुत ज़रूरी है। इसलिए गांव में कमाई के, रोजगार के हर साधन पर हम बल दे रहे हैं। राजस्थान में बिजली के क्षेत्र में अनेक समझौते यहां भाजपा सरकार ने किए हैं। इनका सबसे अधिक फायदा हमारे किसानों को होने वाला है। राजस्थान सरकार की योजना है कि यहां के किसानों को दिन में भी बिजली उपलब्ध हो सके। किसान को रात में सिंचाई की मजबूरी से मुक्ति मिले, ये इस दिशा में बहुत बड़ा कदम है।

साथियों,

राजस्थान में सौर ऊर्जा की पर्याप्त संभावनाएं हैं। राजस्थान इस मामले में देश का सबसे आगे रहने वाला राज्य बन सकता है। हमारी सरकार ने सौर ऊर्जा को आपका बिजली बिल ज़ीरो करने का माध्यम भी बनाया है। केंद्र सरकार, पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना चला रही है। इसके तहत घर की छत पर सौलर पैनल लगाने के लिए करीब करीब 75-80 हज़ार रुपए की मदद केंद्र सरकार दे रही है। इससे जो बिजली पैदा होगी, वो आप उपयोग करें और आपकी जरूरत से ज्यादा है, तो आप बिजली बेच सकते हैं और सरकार वो बिजली खरीदेगी भी। मुझे खुशी है कि अब तक देश के 1 करोड़ 40 लाख से ज्यादा परिवार इस योजना के लिए रजिस्टर करा चुके हैं। बहुत ही कम समय में करीब 7 लाख लोगों के घरों में सोलर पैनल सिस्टम लग चुका है। इसमें राजस्थान के भी 20 हज़ार से अधिक घर शामिल हैं। इन घरों में सोलर बिजली पैदा होनी शुरू हो चुकी है और लोगों के पैसे भी बचने शुरू हो गए हैं।

साथियों,

घर की छत पर ही नहीं, खेत में भी सौर ऊर्जा प्लांट लगाने के लिए सरकार मदद दे रही है। पीएम कुसुम योजना के तहत, राजस्थान सरकार आने वाले समय में सैकड़ों नए सोलर प्लांट्स लगाने जा रही है। जब हर परिवार ऊर्जादाता होगा, हर किसान ऊर्जादाता होगा, तो बिजली से कमाई भी होगी, हर परिवार की आय भी बढ़ेगी।

साथियों,

राजस्थान को रोड, रेल और हवाई यात्रा में सबसे कनेक्टेड राज्य बनाना, ये हमारा संकल्प है। हमारा राजस्थान,दिल्ली, वडोदरा और मुंबई जैसे बड़े औद्योगिक केंद्रों के बीच में स्थित है। ये राजस्थान के लोगों के लिए, यहां के नौजवानों के लिए बहुत बड़ा अवसर है। इन तीन शहरों को राजस्थान से जोड़ने वाला जो नया एक्सप्रेसवे बन रहा है, ये देश के सर्वश्रेष्ठ एक्सप्रेसवे में से एक है। मेज नदी पर बड़ा पुल बनने से, सवाईमाधोपुर, बूंदी, टोंक और कोटा जिलों को लाभ होगा। इन जिलों के किसानों के लिए दिल्ली, मुंबई और वड़ोदरा की बड़ी मंडियों, बड़े बाज़ारों तक पहुंचना आसान हो जाएगा। इससे जयपुर और रणथंभौर टाइगर रिजर्व तक पर्यटकों के लिए पहुँचना भी आसान हो जाएगा। हम सभी जानते हैं कि आज के समय में, समय की बहुत कीमत है। लोगों का समय बचे, उनकी सहूलियत बढ़े, यही हम सभी का प्रयास है।

साथियों,

जामनगर - अमृतसर इकोनामिक कॉरिडोर जब दिल्ली-अमृतसर- कटरा एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा तो राजस्थान को मां वैष्णो देवी धाम से कनेक्ट करेगा। इससे उत्तरी भारत के उद्योगों को कांडला और मुंद्रा बंदरगाहों से सीधा संपर्क बनेगा। इसका फायदा राजस्थान में ट्रांसपोर्ट से जुड़े सेक्टर को होगा, यहां बड़े-बड़े वेयर हाउस बनेंगे। इनमें ज्यादा काम राजस्थान के नौजवानों को मिलेगा।

साथियों,

जोधपुर रिंग रोड से जयपुर, पाली, बाड़मेर, जैसलमेर, नागौर और अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से कनेक्टिविटी बेहतर होने वाली है। इससे शहर को अनावश्यक जाम से मुक्ति मिलेगी। जोधपुर आने वाले पर्यटकों, व्यापारियों-कारोबारियों को इससे बहुत सुविधा होगी।

साथियों,

आज यहां इस कार्यक्रम में हजारों भाजपा कार्यकर्ता भी मेरे सामने मौजूद हैं। उनके परिश्रम से ही हम आज का ये दिन देख रहे हैं। मैं भाजपा कार्यकर्ताओं से कुछ आग्रह भी करना चाहता हूं। भाजपा दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक दल तो है ही, भाजपा एक विराट सामाजिक आंदोलन भी है। भाजपा के लिए दल से बड़ा देश है। हर भाजपा कार्यकर्ता, देश के लिए जागरुक और समर्पित भाव से काम कर रहा है। भाजपा कार्यकर्ता सिर्फ राजनीति से नहीं जुड़ता,वो सामाजिक समस्याओं के समाधान से भी जुड़ता है। आज हम एक ऐसे कार्यक्रम में आए हैं, जो जल संरक्षण से बहुत गहराई से जुड़ा है। जल संसाधानों का संरक्षण और जल की हर बूंद का सार्थक इस्तेमाल सरकार समेत पूरे समाज की, हर नागरिक की जिम्मेदारी है। और इसीलिए मैं अपने भाजपा के हर कार्यकर्ता, हर साथी से कहूंगा कि वे भी अपनी रोज की दिनचर्या में जल संरक्षण के काम के लिए अपन कुद समय समर्पित कर दें और बड़ी श्रद्धाभाव से काम करें। माइक्रो इरीगेशन, ड्रिप इरीगेशन से जुड़ें अमृत सरोवर की देखरेख में मदद करें, जल प्रबंधन के साधन बनाएं और जनता को जागरूक भी करें। आप प्राकृतिक खेती नैचुरल फार्मिंग के प्रति भी किसानों को जागरूक करें।

हम सब जानते हैं कि जितने ज्यादा पेड़ होंगे, धरती को पानी का भंडारण करने में उतनी मदद मिलेगी। इसीलिए एक पेड मां के नाम अभियान बहुत मदद कर सकता है। इससे हमारी मां का भी सम्मान बढ़ेगा और धरती मां का भी मान बढ़ेगा। पर्यावरण के लिए ऐसी बहुत से काम हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, मैंने पहले ही पीएम सूर्य घर अभियान की बात कही। बीजेपी के कार्यकर्ता लोगों को सौर ऊर्जा के प्रयोग के लिए जागरुक कर सकते हैं, उन्हें इस योजना और उसके लाभ के विषय में बता सकते हैं। हमारे देश के लोगों का एक स्वभाव है। जब देश देखता है कि किसी अभियान की नीयत सही है, इसकी नीति सही है, तो लोग उसको अपने कंधे पर उठा लेते हैं, इससे जुड़ जाते हैं और खुद को भी एक मिशन के काम से जोड़कर के खपा देते हैं। हमने स्वच्छ भारत में ये देखा है। हमने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में ये देखा है। मुझे विश्वास है कि हमें पर्यावरण संरक्षण में भी, जल संरक्षण में भी ऐसी ही सफलता मिलेगी।

साथियों,

आज राजस्थान में विकास के जो आधुनिक काम हो रहे हैं, जो इंफ्रास्ट्रक्चर बन रहा है, ये वर्तमान और भावी पीढ़ी सबके काम आएगा। ये विकसित राजस्थान बनाने के काम आएगा और जब राजस्थान विकसित होगा, तो भारत भी तेजी से विकसित होगा। आने वाले वर्षों में डबल इंजन की सरकार और तेज गति से काम करेगी। मैं भरोसा देता हूं, कि केंद्र सरकार की तरफ से भी राजस्थान के विकास के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। एक बार फिर इतनी बड़ी तादाद में आप लोग आशीर्वाद देने आएं, विशेष रूप से माताएं बहनें आईं, मैं आपका सर झुकाकर के धन्यवाद करता हूं, और आज का ये अवसर आपके कारण है और आज का ये अवसर आपके लिए है। मेरी आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं। पूरी शक्ति से दोनों हाथ ऊपर कर मेरे साथ बोलिये –

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

बहुत-बहुत धन्यवाद !