- मैं आप सभी का बहुत आभारी हूँ कि आप सभी ने मेरे साथ अपने विचारों को साझा किया। आज जो भी मुद्दे उठाए गए हैं वे सभी हम सभी के लिए रोचक हैं।
- आपकी टिप्पणियों से मुझे आपकी धारणाओं एवं प्राथमिकताओं के बारे में अच्छी तरह पता चल गया है।
- भारत आपकी विकास की प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने के लिए भारत ने हमेशा से आपके साथ निकटता से काम किया है।
- भारत प्रशांत द्वीपसमूह का एक करीबी साझेदार बनना चाहता है।
- इस साझेदारी को सुदृढ़ करने के लिए मैं अनेक उपायों की घोषणा करना चाहता हूँ।
- जलवायु परिवर्तन प्रशांत द्वीपसमूह के देशों की चिंता का एक प्रमुख कारण है।
- इस निधि को स्थापित करके भारत को एशिया प्रशांत के हमारे साझेदारों को क्षमता निर्माण के लिए तकनीकी सहायता एवं प्रशिक्षण प्रदान करके बहुत प्रसन्नता होगी।
- द्वीपसमूहों के बीच दूरी एवं अच्छी संयोजकता न होने की वजह से ई-नेटवर्क समन्वय के लिए एक कारगर साधन है।
- अखिल अफ्रीका परियोजना में हुई सफलता को ध्यान में रखते हुए हम टेली-मेडिसीन एवं टेली-एजुकेशन के लिए एक अखिल प्रशांत द्वीपसमूह परियोजना विकसित करने का प्रस्ताव करते हैं।
- हम समुदाय के स्तर पर प्रशांत द्वीपसमूह के साथ एक सौर ऊर्जा परियोजना पर भी काम कर रहे हैं। प्रशांत द्वीपसमूह में क्षेत्रीय केंद्रों का विकास किया जाएगा।
- मैंने वीजा से जुड़ी समस्याओं की वजह से यात्रा में असुविधा को देखा है।
- मैं प्रशांत द्वीपसमूह के सभी देशों अर्थात, कुक द्वीपसमूह, किंगडम ऑफ टोंगा, टुवालू, नौरू गणराज्य, किरिबाटी गणराज्य, वनातू, सोलोमन द्वीपसमूह, समोया, नियू, पलाऊ गणराज्य, माइक्रोनेसिया संघीय गणराज्य, मार्शल गणराज्य द्वीपसमूह, फिजी और पपुआ न्यू गिनिया के सभी नागरिकों को आगमन पर वीजा प्रदान करना चाहता हूँ।
- मुझे यकीन है कि इससे आदान – प्रदान में सुगमता होगी तथा हमारे लोगों के बीच आपसी समझ में वृद्धि होगी।
- इस समय, हम आप द्वारा चुनी गई सामुदायिक परियोजनाओं के लिए प्रशांत द्वीपसमूह के प्रत्येक देश को हर साल 125 हजार अमरीकी डालर का सहायता अनुदान दे रहे हैं।
- मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि हम इस अनुदान को बढ़ाकर दो लाख डालर प्रतिवर्ष कर रहे हैं। इसे वार्षिक आधार पर प्रदान किया जाएगा।
- लंबे समय से आप सभी यह अनुरोध करते आ रहे हैं कि भारत तथा प्रशांत द्वीपसमूह के देशों के बीच व्यापार में वृद्धि हो।
- हम नई दिल्ली में किसी विद्यमान राजनयिक केंद्र में एक व्यापार कार्यालय स्थापित करने के लिए सहायता प्रदान करने हेतु तैयार हैं।
- हम आपके उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए आईटीपीओ द्वारा आयोजित प्रदर्शनी के दौरान प्रशांत द्वीपसमूह के देशों को पूरक स्थान भी उपलब्ध कराएंगे।
- हमें अपने व्यापार में संपूरकताओं का पता लगाने की जरूरत है।
- भारत कम लागत वाली दवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत हो सकता है।
- ह परंपरागत दवाओं में संयुक्त रूप से अनुसंधान कर सकते हैं, इस क्षेत्र के लोगों के लाभ के लिए स्वास्थ्य देखभाल की सुविधाएं विकसित करने के विकल्पों का पता लगा सकते हैं।
- हम आप सभी के साथ अपना अनुभव एवं विशेषज्ञता साझा करना जारी रखेंगे।
- इस संदर्भ में, मेरा यह प्रस्ताव है कि हम आपके देशों में तकनीकी विशेषज्ञ प्रतिनियुक्त करेंगे जिसके तहत कृषि, स्वास्थ्य देखरेख एवं सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
- आपके राजनयिकों के लिए अपने प्रयासों का विस्तार करके हमें बड़ी प्रसन्नता होगी।
- इस संदर्भ में, विदेश सेवा प्रशिक्षण संस्थान प्रशांत द्वीपसमूह के देशों के राजनयिकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करेगा। ये प्रशिक्षण कार्यक्रम यहां आयोजित किए जाएंगे और भारत में भी आयोजित किए जाएंगे।
- मेरा यह प्रस्ताव है कि एक विशिष्ट आगंतुक कार्यक्रम शुरू किया जाए।
- इस कार्यक्रम के तहत हम सेमिनारों का आयोजन कर सकते हैं तथा इस क्षेत्र से दोस्तों को आमंत्रित कर सकते हैं। इससे नए विचारों का पता लगाने में मदद मिलेगी जिससे हमारा परस्पर लाभप्रद आर्थिक सहयोग और सुदृढ़ होगा।
- हम अपने लोगों के जीवन की गुणवत्ता तथा संचार में सुधार के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोगों के प्रयोग में सहयोग का प्रस्ताव करते हैं।
- हम डाटा का आदान – प्रदान करने की संभावनाओं पर विचार कर सकते हैं जिसका प्रयोग जलवायु परिवर्तन की निगरानी करने, आपदा जोखिम कटौती एवं प्रबंधन तथा संसाधन प्रबंधन के लिए हो सकता है।
- अंत में, आज मुझे जो प्रत्युत्तर मिला है, उसे देखते हुए मेरा यह प्रस्ताव है कि भारत – प्रशांत द्वीपसमूह सहयोग मंच (एफ आई पी आई सी) का आयोजन नियमित रूप से होना चाहिए। अगली बैठक 2015 में भारत के किसी तटवर्ती स्थान में हो सकती है।
- आज यहां उपस्थित होने के लिए आप सभी का एक बार पुन: धन्यवाद करना चाहता हूँ। मुझे उम्मीद है कि अगले साल भारत में आप सभी जरूर आएंगे।