आज देश की कोशिश है कि गांव में सामान्य मानवी के लिए भी जीवन उतना ही आसान हो जितना बड़े शहरों में है: प्रधानमंत्री
आने वाले दिनों में ‘प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना' देश के गावों में रहने वाले लोगों का भाग्य बदलने जा रही है : प्रधानमंत्री
सेवा और सत्य के पथ पर चलते हुए बड़ी से बड़ी चुनौती से भी लड़ने की प्रेरणा हमें गुरु गोविंद सिंह जी के जीवन से मिलती है : प्रधानमंत्री

आप सभी खासकर माताएं – बहनें, आप सबको बहुत-बहुत बधाई। आपका अपना घर, सपनों का घर, बहुत ही जल्द आपको मिलने वाला है। कुछ दिन पहले ही सूर्य उत्तरायण में आए हैं। कहते हैं ये समय शुभकामनाओं के लिए बहुत उत्तम होता है। इस शुभसमय में आपका घर बनाने के लिए धनराशि मिल जाए, तो आनंद और बढ़ जाता है।अभी कुछ दिन पहले ही देश ने कोरोना की वैक्सीन का, दुनिया का सबसे बड़ा अभियान चलाया है। अब ये एक और उत्साह बढ़ाने वाला काम हो रहा है। आप सभी से मुझे बातचीत करने का अवसर मिला। आपने अपने भाव भी व्यक्त किए, आर्शीवाद भी दिए और मैं देख रहा था आपके चेहरे पर एक खुशी थी, संतोष था। एक महन्त जीवन का बड़ा सपना पुरा हो रहा था। ये आपकी नजरों में मुझे दिखता था। आपकी ये खुशी, आपके जीवन में सुविधा भरे, यही मेरे लिए सबसे बड़ा आर्शीवाद होगा और प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के सभी लाभार्थियों को मैं एक बार बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।

आज के इस कार्यक्रम में उत्तर पद्रेश के राज्यपाल, आनंदीबेन पटेल जी, कार्यक्रम में मेरे साथ जुड़ रहे हमारे कैबिनेट के सहयोगी श्रीमान नरेंद्र सिंह तोमर जी, उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी, उत्तर प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह जी, अलग अलग गाँवों से जुड़े इन सभी लाभार्थी, भाइयों और बहनों, आज दशम गुरु श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी का प्रकाश पूरब भी है। इस पवित्र अवसर पर मैं गुरु गोबिन्द सिंह साहेब के चरणों में प्रणाम करता हूँ। मैं सभी देशवासियों को प्रकाशपूरब की हार्दिक बधाई भी देता हूँ। ये मेरा सौभाग्य रहा है। कि गुरू साहिब की मुझ पर बहुत कृपा रही है। गुरू साहिब मुझ सेवक से, निरंतर सेवाएं लेते रहे हैं। सेवा और सत्य के पथ पर चलते हुए बड़ी से बड़ी चुनौती से भी लड़ने की प्रेरणा हमें गुरु गोबिन्द सिंह जी के जीवन से मिलती है। "सवा लाख से एक लड़ाऊँ, चिड़ियों से मैं बाज लड़ाऊँ, तबे गोबिंदसिंह नाम कहाऊँ" इतना अदम्य साहस, सेवा और सत्य की शक्ति से ही आता है। गुरु गोबिन्द सिंह जी के दिखाए इसी मार्ग पर देश आगे बढ़ रहा है। गरीब, पीड़ित, शोषित, वंचित की सेवा के लिए, उनका जीवन बदलने के लिए आज देश में अभूतपूर्व काम हो रहा है।

पांच साल पहले मुझे यूपी के आगरा से प्रधानमंत्री आवास योजना, इसका शुभांरभ करने का सौभाग्य मिला था। इतने कम वर्षों में इस योजना ने देश के गांवों की तस्वीर बदलनी शुरू कर दी है। इस योजना के साथ करोड़ों लोगों की उम्मीद जुड़ी है, उनके सपने जुड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना ने गरीब से गरीब को भी ये विश्वास दिलाया है कि हां, आज नहीं तो कल मेरा भी अपना घर हो सकता है।

साथियों,

मुझे आज ये भी खुशी है कि यूपी आज देश के उन राज्यों में शामिल है, जहां गांव-देहात के इलाकों में गरीबों के लिए सबसे तेजी से घर बनाए जा रहे हैं। इसी गति का उदाहरण आज का ये आयोजन भी है। आज एक साथ यूपी के 6 लाख से ज्यादा परिवारों को सीधे उनके बैंक खाते में करीब-करीब 2700 करोड़ रुपया उनके खाते में ट्रांसफर किए गए है। इनमें से 5 लाख से ज्यादा परिवार ऐसे हैं जिन्हें घर बनाने के लिए उनकी पहली किश्त मिली है। यानी, इन पाँच लाख से ज्यादा ग्रामीण परिवारों के जीवन का इंतज़ार आज खत्म हो रहा है। ये दिन आप सभी के लिए कितना बड़ा दिन है, कितना शुभ दिन है, ये मैं भलिभांति समझ सकता हूँ, महसूस भी कर सकता हूँ और मन में एक संतोष का भाव और गरीबों के लिए ज्यादा से ज्यादा काम करने की प्रेरणा मिलती है। इसी तरह, आज 80 हजार परिवार ऐसे भी हैं जिन्हें उनके मकान की दूसरी किश्त मिल रही है। अब आपके परिवार के लिए अगली सर्दी इतनी कठिन नहीं होगी। अगली सर्दी में आपका अपना घर भी होगा, और घर में सुविधाएं भी होंगी।

साथियों,

आत्मनिर्भर भारत का सीधा संबंध देश के नागरिकों के आत्मविश्वास से है। और घर एक ऐसी व्यवस्था है, एक ऐसा सम्मानजनक तोहफा है जो इंसान का आत्मविश्वास कई गुना बढ़ा देती है। अगर अपना घर होता है तो एक निश्चिंतता होती है। उसे लगता है कि जीवन में कुछ ऊपर-नीचे हो भी गया, तो भी ये घर रहेगा मदद करने लिए काम आएगा। उसे लगता है कि जब घर बना लिया है तो एक दिन अपनी गरीबी भी दूर कर लेगा। लेकिन हमने देखा है कि पहले जो सरकारें रहीं, उस दौरान क्या स्थिति थी। मैं विशेष रूप से उत्तर प्रदेश की बात कर रहा हूं। गरीब को ये विश्वास ही नहीं था कि सरकार भी घर बनाने में उसकी मदद कर सकती है। जो पहले की आवास योजनाएं थीं, जिस स्तर के घर उनके तहत बनाए जाते थे, वो भी किसी से छिपा नहीं है। गलती गलत नीतियों की थी, लेकिन 'नियति' के नाम पर भुगतना पड़ता था मेरे गरीब भाइयों और बहनों को। गांव में रहने वाले गरीबों को इसी परेशानी से मुक्ति दिलाने के लिए, गरीब को पक्की छत देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण शुरू की गई थी। देश ने आज़ादी के 75 साल पूरे होने तक हर गरीब परिवार को पक्का घर देने का लक्ष्य तय किया था। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए बीते वर्षों में लगभग 2 करोड़ घर सिर्फ ग्रामीण इलाकों में ही बनाए गए हैं। अकेले प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भी करीब सवा करोड़ घरों की चाबी, लोगों को दी जा चुकी है। इन घरों को बनाने के लिए करीब-करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपए अकेले केंद्र सरकार ने दिए हैं।

साथियों,

उत्तर प्रदेश में आवास योजना का जिक्र आते ही मुझे कुछ पुरानी बातें भी याद आ जाती हैं। जब पहले की सरकार थी, बाद में आपने तो उनको हटा दिया मुझे याद है कि 2016 में हमने ये योजना लॉन्च की थी, तो कितनी परेशानियां आईं थीं। पहले जो सरकार थी, उसे कितनी ही बार भारत सरकार की तरफ से मेरे दफ्तर से चिट्ठियां लिखी गईं थी, कि गरीबों के लाभार्थियों के नाम भेजिए, ताकि इस योजना का लाभ उनके बैंक खाते में हम पैसे भेज दें। हम पैसे भेजने के लिए तैयार थे। लेकिन केंद्र सरकार की सारी चिट्ठियों को, अनेक बैठकों के दौरान किए गए आग्रह को नजरअंदाज किया जाता रहा। उस सरकार का वो बर्ताव आज भी यूपी का गरीब भूला नहीं है। आज योगी जी की सरकार की सक्रियता का परिणाम है, उनकी पूरी टीम की मेहनत का परिणाम है कि यहां आवास योजना के काम की गति भी बदल गई, और तरीका भी बदल गया है। इस योजना के तहत यूपी में करीब 22 लाख ग्रामीण आवास बनाए जाने हैं। इनमें से साढ़े 21 लाख से ज्यादा घरों के निर्माण की स्वीकृति भी दी जा चुकी है। इतने कम समय में यूपी के गांवों में साढ़े 14 लाख गरीब परिवारों को उनका पक्का घर मिल भी गया है। और मुझे आज ये देखकर अच्छा लगता है कि यूपी में सीएम आवास योजना का ज्यादातर काम इसी सरकार में हुआ है।

साथियों,

हमारे देश में हाउसिंग स्कीम्स का इतिहास दशकों पुराना है। पहले भी गरीबों को अच्छे घर, सस्ते घर की जरूरत थी। लेकिन उन योजनाओं के अनुभव गरीबों के लिए बहुत ही खराब रहे हैं। इसलिए जब चार-पांच साल पहले केंद्र सरकार इस आवास योजना पर काम कर रही थी, तो हमने उन सारी गलतियों से मुक्ति पाने के लिए, गलत नीतियों से मुक्ति पाने के लिए और नए उपाय खोजने के लिए, नए तरीके खोजने के लिए, नई नीतियां बनाने के लिए उन बातों पर हमने विशेष ध्यान दिया है। और उसमें गांव के उन गरीबों तक सबसे पहले पहुंचे जो घर की उम्मीद छोड़ चुके हैं। जिन्होंने मान लिया था अब तो जिन्दगी बस फुटपाथ पर ही जाएगी, झोपड़ी में जाएगी। सबसे पहले उनकी चिंता करो। दूसरा हमने कहा आवंटन में पूरी पारदर्शिता हो, कोई भाई-भतीजावाद नहीं, कोई वोट बैंक नही, कोई जाति नहीं, ढिगना नहीं, फलाना नहीं, कुछ नहीं। गरीब है, हकदार है तीसरा- महिलाओं का सम्मान, महिलाओं का स्वाभिमान, महिलाओं का अधिकार और इसलिए हमने जो घर देंगे महिलाओं को घर का मालिक बनाने का प्रयास उसमें होना चाहिए। चौथा- जो घर बने उसकी टेक्नोलॉजी के माध्यम से मॉनीटरिंग हो। सिर्फ ईंट-पत्थर जोड़कर मकान नहीं बनें बल्कि हमारा ये भी लक्ष्य रहा कि घर के साथ चार दीवारे नहीं, सच्चे अर्थ में जिंदगी जीने का वो एक बहुत बड़ा स्वपनों का वहां अम्बार सजना चाहिए और इसलिए सारी सुविधाओं से जोड़कर गरीब को घर दिया जाए। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ये घर ऐसे परिवारों को मिल रहे हैं जिनके पास अपना पक्का घर नहीं था। जो झोपड़ी में, कच्चे मकान में या टूटे-फूटे खंडहर में रहते थे। इनमें गाँव के सामान्य कारीगर हैं, हमारे दिहाड़ी मजदूर हैं। हमारे खेत मजदूर हैं। इसका बहुत बड़ा लाभ गाँवों में रहने वाले उन छोटे किसानों को भी मिल रहा है, जिनके पास बीघे दो बीघे जमीन होती है। हमारे देश में बड़ी संख्या में भूमिहीन किसान भी हैं जो किसी तरह अपना गुजारा करते हैं। इनकी पीढ़ी दर पीढ़ी गुजरती रहीं, ये अपनी मेहनत से देश का पेट भरते रहे, लेकिन अपने लिए पक्के मकान और छत का इंतजाम नहीं कर पाते। आज ऐसे सभी परिवारों की पहचान करके भी उन्हें इस योजना से जोड़ा जा रहा है। ये आवास ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के सशक्तिकरण का भी एक बहुत बड़ा माध्यम बन रहे हैं, क्योंकि अधिकतर आवास घर की महिलाओं के नाम पर ही आवंटित किए जा रहे हैं। जिनके पास जमीन नहीं है, उन्हें जमीन का पट्टा भी दिया जा रहा है। इस पूरे अभियान की सबसे खास बात है कि जितने भी घर बन रहे हैं, सबके लिए पैसा सीधे गरीबों के बैंक खातों में दिया जा रहा है। किसी भी लाभार्थी को तकलीफ न हो, भ्रष्टाचार का शिकार न होना पड़े, केंद्र और यूपी सरकार मिलकर इसके लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आज देश की कोशिश है कि मूलभूत सुविधाओं में गाँव और शहर के बीच का अंतर कम किया जा सके। गाँव में सामान्य मानवी के लिए, गरीब के लिए भी जीवन उतना ही आसान हो जितना बड़े शहरों में है। इसीलिए, प्रधानमंत्री आवास योजना को शौचालय, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से भी जोड़ा जा रहा है। बिजली कनेक्शन, गैस कनेक्शन, शौचालय, ये सब घर के साथ ही दिए जा रहे हैं। अब देश गाँव-गाँव पाइप कनैक्शन से स्वच्छ पानी पहुंचाने के लिए 'जल जीवन मिशन' चला रहा है। मकसद यही है कि किसी गरीब को जरूरी सुविधाओं के लिए तकलीफ न उठानी पड़े, इधर उधर दौड़ना न पड़े।

भाइयों और बहनों,

एक और प्रयास जिसका लाभ हमारे गाँव के लोगों को मिलना शुरू हुआ है और मैं चाहता हूं गाव को लोग इसका भरपूर फायदा उठाएं और वो है प्रधानमंत्री 'स्वामित्व योजना'। आने वाले दिनों में ये योजना, देश के गावों में रहने वाले लोगों का भाग्य बदलने जा रही है। और यूपी देश के उन शुरुआती राज्यों में से एक है जहां ये प्रधानमंत्री 'स्वामित्व योजना' लागू की गई है, काम चल रहा है गावों में। इस योजना के तहत गांव में रहने वाले लोगों को उनकी जमीन, उनके घर के मालिकाना हक के कागज टेक्नॉलाजी के माध्यम से नापकर ये हक उनको दिया जा रहा है। आजकल यूपी के भी हजारों गावों में ड्रोन से सर्वे किया जा रहा है, मैपिंग कराई जा रही है ताकि लोगों की संपत्ति सरकारी रेकॉर्ड में आपके नाम से ही दर्ज रहे। इस योजना के बाद जगह-जगह जमीनों को लेकर गाँव में होने वाले विवाद समाप्त हो जाएंगे। इसका सबसे बड़ा लाभ ये होगा कि आप गांव की जमीन या गांव का कागज घर दिखाकर जब चाहें बैंक से लोन भी ले पाएंगे। और आप जानते हैं कि जिस प्रॉपर्टी पर बैंक से लोन मिल जाए, उसकी कीमत हमेशा ज्यादा होती है। यानि स्वामित्व योजना का अच्छा प्रभाव अब गांव में बने घरों और जमीनों की कीमतों पर भी होगा। स्वामित्व योजना से गांव के हमारे करोड़ों गरीब भाइयों और बहनों को एक नई ताकत मिलने वाली है। यूपी में साढ़े आठ हजार से ज्यादा गाँवों में ये काम पूरा भी हो गया है। सर्वे के बाद लोगों को जो डिजिटल सर्टिफिकेट मिल रहा है, उसे यूपी में घरौनी कहा जा रहा है। मुझे बताया गया है कि 51 हजार से ज्यादा घरौनी प्रमाणपत्र बांटें जा चुके हैं और बहुत जल्द एक लाख और हमारे ये जो गांव के लोग हैं। उनको भी ये घरौनी प्रमाणपत्र मिलने वाले हैं।

साथियों,

आज जब इतनी सारी योजनाएँ गांवों तक पहुंच रही हैं, तो इनसे केवल सुविधा ही नहीं बढ़ रही है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी गति मिल रही है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत यूपी में 60 हजार किमी से ज्यादा ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया गया है। ये सड़कें गांव के लोगों का जीवन आसान बनाने के साथ ही वहां विकास का भी माध्यम बन रही हैं। अब आप देखिए, गाँव में ऐसे कितने युवा होते थे जो थोड़ा बहुत राज मिस्त्री का काम सीखते थे, लेकिन उन्हें उतने मौके नहीं मिलते थे। लेकिन अब गांवों में इतने सारे घर बन रहे हैं, सड़कें बन रही हैं तो राज मिस्त्री के कितने अवसर तैयार हुये हैं। सरकार इसके लिए स्किल डेव्लपमेंट की ट्रेनिंग भी दे रही है। यूपी में भी हजारों युवाओं ने इसकी ट्रेनिंग ली है। और अब तो महिलाएं भी रानी मिस्त्री के तौर पर मकान बना रही हैं। उनके लिए भी रोजगार के अवसर खुले हैं। इतना सारा काम हो रहा है तो सीमेंट, सरिया, बिल्डिंग मैटेरियल की दुकान, इन जैसी सेवाओं की भी जरूरत पड़ी है और वो भी बढ़ी रही है। इससे भी युवाओं को रोजगार मिला है। अभी कुछ महीने पहले देश ने एक और अभियान शुरू किया है जिसका लाभ हमारे गांव के लोगों को होने जा रहा है। ये अभियान है, देश के 6 लाख से ज्यादा गांवों तक तेज गति वाला इंटरनेट पहुंचाने का। इस अभियान के तहत लाखों गांवों में ऑप्टिकल फाइबर बिछाए जाएंगे। ये काम भी गांव के लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर बनाएगा।

साथियों,

कोरोना का ये कालखंड जिसका प्रभाव पूरे देश पर पड़ा, दुनिया पर पड़ा, मानवजात पर पड़ा। प्रत्येक व्यक्ति पर पड़ा, उत्तर प्रदेश ने विकास के लिए अपने प्रयासों को रूकने नहीं दिया, जारी रखा, तेज गति से आगे बढ़ाया। जो प्रवासी बन्धु हमारे गाँव लौटकर आए थे, उनकी सुरक्षित घर वापसी के लिए यूपी ने जो काम किया, उसकी भी काफी प्रशंसा हुई है। यूपी ने तो गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत 10 करोड़ Man Days का रोजगार पैदा किया है, और देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। इससे बड़ी संख्या में ग्रामीण लोगों को गाँव में ही रोजगार मिला, इससे भी उनका जीवन आसान हुआ है।

साथियों,

आज सामान्य मानवी के जीवन को आसान बनाने के लिए यूपी में जो काम हो रहा हैं, उन्हें पूरब से लेकर पश्चिम तक, अवध से लेकर बुंदेलखंड तक हर कोई अनुभव कर रहा है। आयुष्मान भारत योजना हो या राष्ट्रीय पोषण मिशन, उज्जवला योजना हो या फिर उजाला योजना के तहत दिए गए लाखों सस्ते LED बल्ब, ये लोगों के पैसे भी बचा रही हैं और उनके जीवन को आसान भी बना रही हैं। बीते चार वर्षों में यूपी की सरकार ने केंद्र सरकार की योजनाओं को जिस तेजी से आगे बढ़ाया है, उससे यूपी को एक नई पहचान भी मिली है और नई उड़ान भी मिली है। एक तरफ अपराधियों और दंगाइयों पर सख्ती और दूसरी तरफ कानून व्यवस्था पर नियंत्रण, एक तरफ अनेक एक्सप्रेसवे का तेजी से चल रहा काम तो दूसरी तरफ एम्स जैसे बडे संस्थान, मेरठ एक्सप्रेसवे से लेकर बुंदेलखंड-गंगा एक्सप्रेसवे तक, यूपी में विकास की रफ्तार तेज करेंगे। यही वजह है कि आज यूपी में बड़ी बड़ी कंपनियाँ भी आ रही हैं, और छोटे – छोटे उद्योगों के लिए भी रास्ते खुले हैं। यूपी की 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रॉडक्ट' इस योजना से स्थानीय कारीगरों को फिर से काम मिलने लगा है। हमारे गांव में रहने वाले स्थानीय कारीगरों की, गरीबों की, श्रमिकों की यही आत्मनिर्भरता आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को भी पूरा करेगी और इन प्रयासों के बीच प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से ये जो घर मिला है, ये घर उनके लिए बहुत बड़े संबल का काम करेगा।

आप सभी को उत्तरायण के बाद आपका जीवन का कालखंड भी सब सपनों को पूरा करने वाला बने। घर अपने आप में बहुत बडी व्यवस्था होती है। अब देखिए बच्चों की जिन्दगी बदलेगी। उनकी पढ़ाई- लिखाई में बदलाव आएगा, एक नया आत्मविशवास आएगा। और इस सबके लिए मेरी तरफ से आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं। आज सब माताओं – बहनों ने मुझे आर्शीवाद दिया, मैं हृदयपूवर्क उनका आभार व्यक्त करता हूं और आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

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President of the European Council, Antonio Costa calls PM Narendra Modi
January 07, 2025
PM congratulates President Costa on assuming charge as the President of the European Council
The two leaders agree to work together to further strengthen the India-EU Strategic Partnership
Underline the need for early conclusion of a mutually beneficial India- EU FTA

Prime Minister Shri. Narendra Modi received a telephone call today from H.E. Mr. Antonio Costa, President of the European Council.

PM congratulated President Costa on his assumption of charge as the President of the European Council.

Noting the substantive progress made in India-EU Strategic Partnership over the past decade, the two leaders agreed to working closely together towards further bolstering the ties, including in the areas of trade, technology, investment, green energy and digital space.

They underlined the need for early conclusion of a mutually beneficial India- EU FTA.

The leaders looked forward to the next India-EU Summit to be held in India at a mutually convenient time.

They exchanged views on regional and global developments of mutual interest. The leaders agreed to remain in touch.