मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार!
इस वर्ष बारिश की अच्छी शुरुआत हुई है। हमारे किसान भाईयों, बहनों को खरीफ की बुआई करने में अवश्य मदद मिलेगी। और एक ख़ुशी की बात मेरे ध्यान में आयी है और मुझे बड़ा आनंद हुआ। हमारे देश में दलहन की और तिलहन की - pulses की और oilseeds की - बहुत कमी रहती है। ग़रीब को दलहन चाहिये, खाने के लिये सब्ज़ी वगैरह में थोड़ा तेल भी चाहिये। मेरे लिये ख़ुशी की बात है कि इस बार जो उगाई हुई है, उसमें दलहन में क़रीब-क़रीब 50 प्रतिशत वृद्धि हुई है। और तिलहन में क़रीब-क़रीब 33 प्रतिशत वृद्धि हुई है। मेरे किसान भाई-बहनों को इसलिए सविशेष बधाई देता हूँ, उनका बहुत अभिनन्दन करता हूँ।
मेरे प्यारे देशवासियो, 26 जुलाई, हमारे देश के इतिहास में कारगिल विजय दिवस के रूप में अंकित है। देश के किसान का नाता, ज़मीन से जितना है, उतना ही देश के जवान का भी है। कारगिल युद्ध में, हमारा एक-एक जवान, सौ-सौ दुश्मनों पर भारी पड़ा। अपने प्राणों की परवाह न करके, दुश्मनों की कोशिशों को नाकाम करने वाले उन वीर सैनिकों को शत-शत नमन करता हूँ। कारगिल का युद्ध केवल सीमाओं पर नहीं लड़ा गया, भारत के हर शहर, हर गाँव में, इस युद्ध में योगदान था। ये युद्ध, उन माताओं, उन बहनों के लिए लड़ा, जिनका जवान बेटा या भाई, कारगिल में दुश्मनों से लड़ रहा था। उन बेटियों ने लड़ा, जिनके हाथों से अभी, पीहर की मेहंदी नहीं उतरी थी। पिता ने लड़ा, जो अपने जवान बेटों को देखकर, ख़ुद को जवान महसूस करता था। और उस बेटे ने लड़ा, जिसने अभी अपने पिता की उंगली पकड़कर चलना भी नहीं सीखा था। इनके बलिदान के कारण ही आज भारत दुनिया में सर उठाकर बात कर पाता है। और इसलिए, आज कारगिल विजय दिवस पर इन सभी हमारे सेनानियों को मेरा शत-शत प्रणाम।
26 जुलाई, एक और दृष्टि से भी मैं ज़रा महत्वपूर्ण मानता हूँ, क्योंकि, 2014 में हमारी सरकार बनने के बाद, कुछ ही महीनों में 26 जुलाई को हमनें MyGov को प्रारंभ किया था। लोकतंत्र में जन-भागीदारी बढ़ाने का हमारा संकल्प, जन-जन को विकास के कार्य में जोड़ना, और मुझे आज एक साल के बाद यह कहते हुए यह ख़ुशी है, क़रीब दो करोड़ लोगों ने MyGov को देखा। क़रीब-क़रीब साढ़े पांच लाख लोगों ने comments किये, और सबसे ज्यादा खुशी की बात तो ये है कि पचास हजार से ज़्यादा लोगों ने PMO applications पर सुझाव दिए, उन्होंने समय निकाला, mind apply किया, इस काम को महत्वपूर्ण माना।
और कैसे महत्वपूर्ण सुझाव आये! कानपुर से अखिलेश वाजपेयी जी ने एक अच्छा सुझाव भेजा था कि विकलांग व्यक्तियों को रेलवे के अंदर ।RCTC Website के माध्यम से कोटा वाला टिकट क्यों नहीं दिया जाना चाहिये? अगर विकलांग को भी टिकट पाने के लिए वही कठिनाइयां झेलनी पड़े, कितना उचित है? अब यूं तो बात छोटी है, लेकिन न कभी सरकार में किसी को ये ध्यान आया, न कभी इस पर सोचा गया। लेकिन भाई अखिलेश वाजपेयी के सुझाव पर सरकार ने गंभीरता से विचार किया, और आज हमारे विकलांग भाइयों-बहनों के लिए, इस व्यवस्था को लागू कर दिया गया। आज जो लोगो बनते हैं, tag-line बनते हैं, कार्यक्रम की रचना होती है, policy बनती है, MyGov पर बहुत ही सकारात्मक सुझाव आते हैं। शासन व्यवस्था में एक नयी fresh air का अनुभव होता है। एक नई चेतना का अनुभव होता है। इन दिनों मुझे MyGov पर ये भी सुझाव आने लगे हैं, कि मुझे 15 अगस्त को क्या बोलना चाहिये।
चेन्नई से सुचित्रा राघवाचारी, उन्होंने काफ़ी कुछ सुझाव भेजे हैं। बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ पर बोलिये, क्लीन गंगा पर बोलिये, स्वच्छ भारत पर बोलिए। लेकिन इससे मुझे एक विचार आया, क्या इस बार 15 अगस्त को मुझे क्या बोलना चाहिये। क्या आप मुझे सुझाव भेज सकते हैं? MyGov पर भेज सकते हैं, आकाशवाणी पर चिठ्ठी लिख सकते हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय में चिठ्ठी लिख सकते हैं।
देखें! मैं मानता हूँ, शायद ये एक अच्छा विचार है कि 15 अगस्त के मेरे भाषण को, जनता जनार्दन से सुझाव लिए जायें। मुझे विश्वास है कि आप ज़रुर अच्छे सुझाव भेजेंगे।
एक बात की ओर मैं अपनी चिंता जताना चाहता हूँ। मैं कोई उपदेश नहीं देना चाहता हूँ और न ही मैं राज्य सरकार, केंद्र सरकार या स्थानीय स्वराज की संस्थाओं की इकाइयों की ज़िम्मेवारियों से बचने का रास्ता खोज रहा हूँ।
अभी दो दिन पहले, दिल्ली की एक दुर्घटना के दृश्य पर मेरी नज़र पड़ी। और दुर्घटना के बाद वो स्कूटर चालक 10 मिनट तक तड़पता रहा। उसे कोई मदद नहीं मिली। वैसे भी मैंने देखा है कि मुझे कई लोग लगातार इस बात पर लिखते रहते हैं कि भई आप road safety पर कुछ बोलिये। लोगों को सचेत कीजिये। बेंगलूरु के होशाकोटे अक्षय हों, पुणे के अमेय जोशी हों, कर्नाटक के मुरबिदरी के प्रसन्ना काकुंजे हों। इन सबने, यानि काफ़ी लोगों के हैं नाम, मैं सबके नाम तो नहीं बता रहा हूँ - इस विषय पर चिंता जताई है और कहा। है आप सबकी चिंता सही है। और जब आंकड़ों की तरफ़ देखते हैं तो हृदय हिल जाता है। हमारे देश में हर मिनट एक दुर्घटना होती है। दुर्घटना के कारण, road accident के कारण, हर 4 मिनट में एक मृत्यु होती है। और सबसे बड़ी चिंता का विषय ये भी है, क़रीब-क़रीब एक तिहाई मरने वालों में 15 से 25 साल की उम्र के नौजवान होते हैं और एक मृत्यु पूरे परिवार को हिला देती है। शासन को तो जो काम करने चाहिये वो करने ही चाहिए, लेकिन मैं माँ-बाप से गुज़ारिश करता हूँ, अपने बच्चों को - चाहे two-wheeler चलाते हों या four-wheeler चलाते हों - safety की जितनी बातें है, उस पर ज़रूर ध्यान देने का माहौल परिवार में भी बढाना चाहिए। कभी-कभी हम ऑटो-रिक्शा पर देखते हैं, पीछे लिखा होता है ‘पापा जल्दी घर आ जाना’, पढते हैं तो कितना touching लगता है, और इसलिए मैं कहता हूँ, ये बात सही है कि सरकार ने इस दिशा में काफ़ी नये initiatives लिये हैं... Road Safety के लिए चाहे education का मामला हो, रोड की रचना का engineering हो, क़ानून को enforce करने की बात हो - या accident के बाद घायल लोगों को emergency care की बात हो, इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए Road Transport and Safety Bill हम लाने जा रहे हैं। आने वाले दिनों में National Road Safety Policy और Road Safety Action Plan का implementation करने की दिशा में भी हम कई महत्वपूर्ण क़दम उठाने के लिए सोच रहे हैं।
एक और project हम लिए है, आगे चलकर इसका विस्तार भी होने वाला है, Cashless Treatment... गुडगाँव, जयपुर और वड़ोदरा... वहाँ से लेकर के मुंबई, राँची, रणगाँव, मौंडिया राजमार्गों के लिए, हम एक Cashless Treatment... और उसका अर्थ है कि पहले पचास घंटे - पैसे हैं कि नहीं, पैसे कौन देगा, कौन नहीं देगा, इन सारी चिंता छोड़कर के - एक बार road accident में जो घायल है, उसको उत्तम से उत्तम सेवा कैसे मिले, सारवार कैसे मिले, उसको हम प्राथमिकता दे रहे हैं। देशभर में हादसों के संबंध में जानकारी देने के लिए टोल-फ्री 1033 नंबर, ambulance की व्यवस्था, ये सारी बातें... लेकिन ये सारी चीज़ें accident के बाद की हैं। Accident न हो इसके लिए तो हम सबने सचमुच में... एक-एक जान बहुत प्यारी होती है, एक-एक जीवन बहुत प्यारा होता है, उस रूप में उसको देखने की आवश्यकता है।
कभी-कभी मैं कहता हूँ, कर्मचारी कर्मयोगी बनें। पिछले दिनों कुछ घटनाएं मेरे ध्यान में आई, मुझे अच्छा लगा कि मैं आपसे बात करूँ, कभी-कभार नौकरी करते-करते इंसान थक जाता है, और कुछ सालों की बात तो “ठीक है, तनख़्वाह मिल जाती है, काम कर लेंगे”, यही भाव होता है। लेकिन मुझे पिछले दिनों, रेलवे के कर्मचारी के विषय में एक जानकारी मिली, नागपुर डिवीज़न में विजय बिस्वाल करके एक TTE हैं, अब उनको painting का शौक़ है, अब वो कहीं पर भी जाके painting कर सकते थे, लेकिन उन्होंने रेलवे को ही अपना आराध्य माना और वे रेलवे में नौकरी करते हैं और रेलवे के ही संबंधित भिन्न-भिन्न दृश्यों का painting करते रहते हैं, उनको एक आनंद भी मिलता है और उस काम के अंदर इतनी रूचि बढ़ जाती है। मुझे बड़ा ये उदाहरण देख कर के अच्छा लगा कि अपने काम में भी कैसे प्राणतत्व लाया जा सकता है। अपनी रूचि, अपनी कला, अपनी क्षमता को अपने कार्य के साथ कैसे जोड़ा जा सकता है, ये विजय बिस्वाल ने बताया है। हो सकता है अब विजय बिस्वाल के painting की चर्चा आने वाले दिनों में ज़रुर होगी।
और भी मेरे ध्यान में एक बात आई - मध्य प्रदेश के हरदा ज़िले के सरकारी अधिकारियों की पूरी टीम, पूरी टोली ने एक ऐसा काम शुरू किया जो मेरे मन को छू गया और मुझे बहुत पसंद है उनका ये कामI उन्होंने शुरू किया “ऑपरेशन मलयुद्ध” - अब ये कोई, इसका सुनते हुए लगेगा कुछ और ही बात होगीI लेकिन मूल बात ये है उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान को नया मोड़ दिया है और उन्होंने पूरे ज़िले में एक अभियान चलाया है ‘Brother Number One’, यानि वो सबसे उत्तम भाई जो अपनी बहन को रक्षाबंधन पर एक toilet भेंट करे, और उन्होंने बीड़ा उठाया है कि ऐसे सभी भाइयों को प्रेरित करके उनकी बहनों को toilet देंगे और पूरे ज़िले में खुले में कहीं माताओं-बहनों को शौच ना जाना पड़े, ये काम रक्षाबंधन के पर्व पर वो कर रहे हैं। देखिये रक्षाबंधन का अर्थ कैसा बदल गया, मैं हरदा ज़िले के सरकारी अधिकारियों की पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।
अभी एक समाचार मेरे कान पे आये थे, कभी-कभी ये छोटी-छोटी चीज़ें बहुत मेरे मन को आनंद देती हैं। इसलिए मैं आपसे शेयर कर रहा हूँ। छत्तीसगढ़ के राजनंदगाँव में केश्ला करके एक छोटा सा गाँव है। उस गाँव के लोगों ने पिछले कुछ महीनों से कोशिश करके toilet बनाने का अभियान चलाया। और अब उस गाँव में किसी भी व्यक्ति को खुले में शौच नहीं जाना पड़ता है। ये तो उन्होंने किया, लेकिन, जब पूरा काम पूरा हुआ तो पूरे गाँव ने जैसे कोई बहुत बड़ा उत्सव मनाया जाता है वैसा उत्सव मनाया। गाँव ने ये सिद्धि प्राप्त की। केश्ला गाँव समस्त ने मिल कर के एक बहुत बड़ा आनंदोत्सव मनाया। समाज जीवन में मूल्य कैसे बदल रहे हैं, जन-मन कैसे बदल रहा है और देश का नागरिक देश को कैसे आगे ले जा रहा है इसके ये उत्तम उदाहरण मेरे सामने आ रहे हैं।
मुझे भावेश डेका, गुवाहाटी से लिख रहे हैं, नॉर्थ-ईस्ट के सवालों के संबंध में। वैसे नॉर्थ-ईस्ट के लोग active भी बहुत हैं। वो काफ़ी कुछ लिखते रहते हैं, अच्छी बात है। लेकिन मैं आज ख़ुशी से उनको कहना चाहता हूँ कि नॉर्थ-ईस्ट के लिए एक अलग Ministry बनी हुई है। जब अटल बिहारी वाजपेयी जी प्रधानमंत्री थे तब एक DONER Ministry बनी थी ‘Development of North-East Region’. हमारी सरकार बनने के बाद, हमारे DONER Department में बड़ा महत्वपूर्ण निर्णय किया है कि नॉर्थ-ईस्ट का भला दिल्ली में बैठ कर के हो जाएगा क्या? और सबने मिल कर के तय किया कि भारत सरकार के अधिकारियों की टीम नॉर्थ-ईस्ट के उन राज्यों में जाएगी... नागालैंड हो, मणिपुर हो, अरुणाचल हो, त्रिपुरा हो, असम हो, सिक्किम हो और सात दिन वहाँ camp करेंगे। ज़िलों में जायेंगे, गांवों में जायेंगे, वहां के स्थानीय सरकार के अधिकारियों से मिलेंगे, जनप्रतिनिधियों से बातें करेंगे, नागरिकों से बातें करेंगे। समस्याओं को सुनेंगे, समस्याओं का समाधान करने की दिशा में भारत सरकार को जो करना है, उसको भी करेंगे। ये प्रयास आने वाले दिनों में बहुत अच्छे परिणाम लाएगा। और जो अधिकारी जा कर के आते हैं, उनको भी लगता है कितना सुंदर प्रदेश, कितने अच्छे लोग, अब इस इलाक़े को विकसित करके ही रहना है, उनकी समस्याओं का समाधान करके ही रहना है। इस संकल्प के साथ लौटते हैं तो दिल्ली आने के बाद भी अब उनको वहाँ की समस्याओं को समझना भी बहुत सरल हो गया है। तो एक अच्छा प्रयास, दिल्ली से दूर-दूर पूरब तक जाने का प्रयास, जो मैं ‘Act East Policy’ कह रहा हूँ ना, यही तो act है।
मेरे प्यारे देशवासियो, हम सब इस बात के लिए गर्व करते हैं कि ‘Mars Mission’ की सफलता का हमें आनंद होता है। अभी पिछले दिनों भारत के PSLV C-28 ने UK के पाँच satellite launch किये। भारत ने अब तक लॉन्च किये हुए ये सबसे ज़्यादा Heavyweight satellite launch किये हैं। ये ख़बरें ऐसी होती है कि कुछ पल के लिए आती हैं, चली जाती हैं, इस पर हमारा ध्यान नहीं जाता। लेकिन ये बहुत बड़ा achievement है। लेकिन कभी-कभी ये भी विचार आता है, आज हम युवा पीढ़ी से अगर बात करते हैं और उनको पूछें कि आप आगे क्या बनना चाहते हो, तो 100 में से बड़ी मुश्किल से एक-आध कोई student मिल जाएगा जो ये कहेगा कि मुझे scientist बनना है। Science के प्रति रुझान कम होना ये बहुत चिंता का विषय है।
Science and Technology एक प्रकार से विकास का DNA है। हमारी नई पीढ़ी scientist बनने के सपने देखे, Research, Innovation में रूचि ले, उनको प्रोत्साहन मिले, उनकी क्षमताओं को जाना जाये, एक बहुत बड़ी आवश्यकता है। अभी भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय ने एक राष्ट्रीय आविष्कार अभियान शुरू किया है। हमारे राष्ट्र के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम जी ने इसका आरम्भ किया है। इस अभियान के तहत IIT, NIT, Central और State Universities एक mentor के तौर पर, जहां-जहां इस प्रकार की संभावनाएं हैं, वहां उन बालकों को प्रोत्साहित करना, उनको मार्गदर्शन करना, उनको मदद करना, उस पर ध्यान केन्द्रित करने वाले हैं। मैं तो सरकार के IAS अफसरों को भी कहता रहता हूँ कि आप इतना पढ़ लिखकर आगे बढ़े हो तो आप भी तो कभी सप्ताह में दो चार घंटे अपने नज़दीक के किसी स्कूल-कॉलेज में जा करके बच्चों से ज़रुर बात कीजिये। आपका जो अनुभव है, आपकी जो शक्ति है वो ज़रुर इस नई पीढ़ी के काम आयेगी।
हमने एक बहुत बड़ा बीड़ा उठाया हुआ है, क्या हमारे देश के गाँवों को 24 घंटे बिजली मिलनी चाहिये कि नहीं मिलनी चाहिये? काम कठिन है, लेकिन करना है। हमने इसका शुभारम्भ कर दिया है। और आने वाले वर्षों में, हम गाँवों को 24 घंटे बिजली प्राप्त हो। गाँव के बच्चों को भी, परीक्षा के दिनों में पढ़ना हो तो बिजली की तकलीफ़ न हो। गाँव में भी छोटे-मोटे उद्योग लगाने हों तो बिजली प्राप्त हो। आज तो मोबाइल charge करना हो तो भी दूसरे गाँव जाना पड़ता है। जो लाभ शहरों को मिलता है वो गांवों को मिलना चाहिये। ग़रीब के घर तक जाना चाहिये। और इसीलिये हमने प्रारंभ किया है ‘दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति कार्यक्रम’। मैं जानता हूँ इतना बड़ा देश, लाखों गाँव, दूर-दूर तक पहुँचना है, घर-घर पहुँचना है। लेकिन, ग़रीब के लिए ही तो दौड़ना है। हम इसको करेंगे, आरम्भ कर दिया है। ज़रुर करेंगे। आज मन की बात में भांति-भांति की बातें करने का मन कर गया।
एक प्रकार से हमारे देश में अगस्त महीना, सितम्बर महीना, त्योहारों का ही अवसर रहता है। ढेर सारे त्यौहार रहते हैं। मेरी आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं। 15 अगस्त के लिए ज़रुर मुझे सुझाव भेजिये। आपके विचार मेरे बहुत काम आयेंगे।
बहुत-बहुत धन्यवाद।
PM Modi's Visionary Leadership: A Guiding Light for the Global South
PM @narendramodi Ji’s visionary leadership continues to shine on the global stage! In just 5 days, he received 4 prestigious honors, reinforcing his role as the trusted voice of the Global South. India’s respect under his guidance are truly remarkable! 🇮🇳https://t.co/H2STBhL0x9
— SIDDHANT GAUTAM (@Siddhant911g) November 22, 2024
Wow👏
— 🇮🇳 Sangitha Varier 🚩 (@VarierSangitha) November 22, 2024
Hon #PM @narendramodi Ji’s Govt’s digital verification drive has successfully weeded out 5.8cr fake ration cards!
With 99.8% of beneficiaries now digitally verified,the system has become secure,transparent& has set a global benchmark for efficient food security initiatives. pic.twitter.com/XgUn5aL7WM
Transforming governance with a Digital Revolution!
— Siddaram 🇮🇳 (@Siddaram_Sg) November 22, 2024
PM Shri @narendramodi ji's government has eliminated 5.8 crore fake ration cards through digital verification, ensuring that welfare funds directly benefit the needy.
A remarkable step towards transparency & efficiency! pic.twitter.com/iVgmjOxumM
#I4C, in partnership with DoT, has effectively blocked 17,000 WhatsApp accounts linked to cybercriminals from Southeast Asia. This effort strengthens India's #DigitalSecurity by disrupting offshore crime networks.
— shruti verma (@vshruti58) November 22, 2024
Kudos to the team! @narendramodi 👏👏 pic.twitter.com/1tvqrnp68b
A leader par excellance, known n liked d world over is none other than our PM Modi..So far, 19 Nations have conferred their highest State honour, on PM Modi. He has addressed many Parliaments, in d world. Congrats n proud of you Sir.! #ModiHaiThoMumkinHai pic.twitter.com/wFBXxOiIrm
— Rukmani Varma 🇮🇳 (@pointponder) November 22, 2024
Under PM @narendramodi Ji's leadership, India truly embraces the mantra of 'Every Nation Matters. Time and again,India has stepped up as a First Responder during global crises, showcasing unwavering commitment to humanity Thank you,Sir, for guiding us with compassion and vision! pic.twitter.com/D0Yp8sXvVU
— Harshit (@Harshit80048226) November 22, 2024
मोदी सरकार ग्रामीण भारत में हर गरीब के लिए पक्की छत और सम्मानपूर्ण जीवन सुनिश्चित कर रही है। 🏠✨
— Nial Vidyarthi (@NialVidyarthi) November 22, 2024
UPA (2004-14) के मुकाबले, NDA सरकार ने ग्रामीण आवासों के लिए केंद्रीय निधि में अभूतपूर्व वृद्धि की है।
धन्यवाद PM @narendramodi जी, समावेशी विकास के इस दृष्टिकोण के लिए! 🙏 pic.twitter.com/HW5D0wbOYK
'PLI Scheme: Transforming India's manufacturing sector into a global powerhouse'
— दिनेश चावला (@iDineshChawlaa) November 22, 2024
The scheme has started to show significant benefits as the scheme has generated revenue 19 times the amount allocated to it.
Kudos team @narendramodi
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Kudos to PM @narendramodi for driving India's digital revolution! Our country's digital public infrastructure is a shining example of innovation & competition, thanks to his visionary leadership #DigitalIndia #Innovation https://t.co/HmIGLDCFWr
— Aditya Sethi (@BIKASHC85165894) November 22, 2024
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— Zahid Patka (Modi Ka Parivar) (@zahidpatka) November 22, 2024
Thanks PM @narendramodi Ji
Indian Railways is set to achieve significant milestone in its journey toward sustainability with the launch of its first
hydrogen-powered train trials in December 2024 on the Jind-Sonipat route to achieve net-zero carbon emissions@PMOIndia pic.twitter.com/Nqfg9yz4ds