प्रधानमंत्री ने भोपाल में पुनर्विकसित रानी कमलापति रेलवे स्टेशन राष्ट्र को समर्पित किया
प्रधानमंत्री ने उज्जैन और इंदौर के बीच दो नई मेमू रेलगाड़ियों को झंडी दिखाकर रवाना किया
रेललाइन परिवर्तन और विद्यतीकृत उज्जैन-फतेहाबाद चंद्रावतीगंज बड़ी लाइन खंड, भोपाल-बरखेड़ा खंड में तीसरी रेललाइन, रेललाइन परिवर्तन और विद्युतीकृत मथेला-निमाड़ खीरी बड़ी लाइन खंड और विद्युतीकृत गुना-ग्वालियर खंड राष्ट्र को समर्पित किया
"आज का आयोजन गौरवशाली इतिहास और समृद्ध आधुनिक भविष्य के संगम का प्रतीक है"
"जब देश अपने संकल्पों की पूर्ति के लिए ईमानदारी से जुटता है, तब सुधार आता है और परिवर्तन होता है, यह हम पिछले कई वर्षों से लगातार देख रहे हैं"
"जो सुविधाएं कभी केवल हवाई अड्डे पर उपलब्ध थीं, वे सुविधाएं अब रेलवे स्टेशन पर भी उपलब्ध हैं"
“हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि परियोजनाओं में देरी न हो और कोई बाधा न आए। पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान इस संकल्प को पूरा करने में देश की मदद करेगा”
“पहली बार, आम लोगों को उचित मूल्य पर पर्यटन और तीर्थ यात्रा का आध्यात्मिक अन

    

मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्रीमान मंगूभाई पटेल जी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी, केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव जी, यहां उपस्थित अन्य महानुभाव, भाइयों और बहनों,

आज का दिन भोपाल के लिए, मध्य प्रदेश के लिए, पूरे देश के लिए गौरवपूर्ण इतिहास और वैभवशाली भविष्य के संगम का दिन है। भारतीय रेल का भविष्य कितना आधुनिक है, कितना उज्ज्वल है, इसका प्रतिबिंब भोपाल के इस भव्य रेलवे स्टेशन मेंजो भी आएगा उसे दिखाई देगा।भोपाल के इस ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन का सिर्फ कायाकल्प ही नहीं हुआ है, बल्कि गिन्नौरगढ़ की रानी, कमलापति जी का इससे नाम जुड़ने से इसका महत्व भी और बढ़ गया है। गोंडवाना के गौरव से आज भारतीय रेल का गौरव भी जुड़ गया है। ये भी ऐसा समय में हुआ है, जब आज देश जनजातीय गौरव दिवस मना रहा है। इसके लिए मध्य प्रदेश के सभी बहनों-भाइयों को, विशेष रूप से जनजातीय समाज को बहुत-बहुत बधाईदेता हूं।

साथियों,

आज यहां इस कार्यक्रम में भोपाल-रानी कमलापति-बरखेड़ा लाइन का तिहरीकरण, गुना-ग्वालियर खंड का बिजलीकरण, फतेहाबाद चंद्रावतीगंज-उज्जैन और मथेला-निमारखेड़ी खंड का बिजलीकरण और उसे ब्रॉडगेज में बदलने के प्रोजेक्ट्स का भी लोकार्पण हुआ है। इन सभी सुविधाओं के बनने से मध्य प्रदेश के सबसे व्यस्त रेल रूट में से एक पर दबाव कम होगा, और पर्यटन-तीर्थाटन के अहम स्थानों की कनेक्टिविटी अधिक सशक्त होगी। विशेष रूप से महाकाल की नगरी उज्जैन और देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के बीच मेमू सेवा शुरु होने से, रोज़ाना सफर करने वाले हज़ारों यात्रियों को सीधा लाभ होगा। अब इंदौर वाले महाकाल के दर्शन कर समय पर लौट भी पाएंगे और जो कर्मचारी, व्यवसायी, श्रमिक साथी रोज़ अप-डाउन यात्रा करते हैं, उनको भी बहुत बड़ी सुविधा होगी।

बहनों और भाइयों,

भारत कैसे बदल रहा है, सपने कैसे सच हो सकते हैं, ये देखना हो तो आज इसका एक उत्तम उदाहरण भारतीय रेलवे भी बन रही है। 6-7 साल पहले तक, जिसका भी पाला भारतीय रेल से पड़ता था, तो वो भारतीय रेल को ही कोसते हुए, हमेशा कुछ न कुछ बोलते हुएज्यादा नजर आता था। स्टेशन पर भीड़-भाड़, गंदगी, ट्रेन के इंतज़ार में घंटों की टेंशन, स्टेशन पर बैठने की, खाने-पीने की असुविधा, ट्रेन के भीतरभीगंदगी, सुरक्षा कीभीचिंता, आपने देखा होगा लोग बैग के साथ चेन ले करके आते थे, ताला लगाते थे, दुर्घटना का डर, ये सब कुछ...यानी रेलवे बोलते ही सब ऐसा ही ध्‍यान में आता था। मन में यही एक छवि उभर करके आती थी। लेकिन स्थिति यहां तक पहुंच गई थी किलोगों ने स्थितियों के बदलने की उम्मीद तक छोड़ दी थी।लोगों ने मान लिया था कि चलो भई ऐसे ही गुजारा करो ये सब ऐसे ही चलने वाला है।लेकिन जब देश ईमानदारी से संकल्पों की सिद्धि के लिए जुड़ता है, तो सुधार आताही आताहै, परिवर्तन होताही होताहै, ये हम बीते सालों से निरंतर देख रहे हैं।

साथियों,

देश के सामान्य मानवी को, आधुनिक अनुभव देने का जो बीड़ा हमने उठाया है, इसके लिए जो परिश्रम दिन रात किया जा रहा है, उसके परिणाम अब दिखाई देने लगे हैं। कुछ महीने पहलेगुजरात मेंगांधीनगर रेलवे स्टेशन का नया अवतार देश और दुनिया ने देखा था। आजमध्‍यप्रदेश में भोपाल मेंरानी कमलापति रेलवे स्टेशन के रूप में देश का पहला ISO सर्टिफाइड, देश का पहला पीपीपी मॉडल आधारित रेलवे स्टेशन देश को समर्पित किया गया है। जो सुविधाएं कभी एयरपोर्ट में मिला करती थीं, वो आज रेलवे स्टेशन में मिल रही हैं। आधुनिक टॉयलेट, बेहतरीन खाना-पीना, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, होटल, म्यूजियम, गेमिंग जोन, हॉस्पिटल, मॉल, स्मार्ट पार्किंग, ऐसी हर सुविधा यहां विकसित की जा रही है। इसमें भारतीय रेलवे का पहला सेंट्रल एयर कॉनकोर्स बनाया गया है। इस कॉनकोर्स में सैकड़ों यात्री एक साथ बैठकर ट्रेन का इंतजार कर सकते हैं और खास बात ये भी है कि सारे प्लेटफार्म इस कॉनकोर्स से जुड़े हुए हैं। इसलिए यात्रियों को अनावश्यक भागदौड़ करने की ज़रूरत नहीं होगी।

भाइयों और बहनों,

ऐसे ही इंफ्रास्ट्रक्चर की, ऐसी ही सुविधाओं की, देश के सामान्य टैक्स पेयर को, देश के मध्यम वर्ग को हमेशा उम्मीद रही है। यही टैक्सपेयर का असली सम्मान है। VIP कल्चर से EPI यानि Every Person Is Important की तरफ ट्रांस्फॉर्मेशन का यही मॉडल है। रेलवे स्टेशंस के पूरे इकोसिस्टम को इसी प्रकार ट्रांस्फॉर्म करने के लिए आज देश के पौने 2 सौ से अधिक रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प किया जा रहा है।

साथियों,

आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ आज भारत, आने वाले वर्षों के लिए खुद को तैयार कर रहा है, बड़े लक्ष्यों पर काम कर रहा है। आज का भारत, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए रिकॉर्ड Investment तो कर ही रहा है, ये भी सुनिश्चित कर रहा है कि प्रोजेक्ट्स में देरी ना हो, किसी तरह की बाधा ना आए।हाल में शुरू हुआ, पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान, इसी संकल्प की सिद्धि में देश की मदद करेगा। इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी सरकार की नीतियां हों, बड़े प्रोजेक्ट्स की प्लानिंग हो, उन पर काम किया जाना हो, गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान सभी का मार्गदर्शन करेगा। जब हम मास्टर प्लान को आधार बनाकर चलेंगे, तो देश के संसाधनों का भी सही उपयोग होगा।पीएम गति-शक्ति नेशनल मास्टर प्लानके तहत सरकार अलग-अलग मंत्रालयों को एक प्लेटफॉर्म पर ला रही है। अलग-अलग प्रोजेक्ट्स की जानकारी, हर डिपार्टमेंट को समय पर मिले, इसके लिए भी व्यवस्था बनाई गई है।

साथियों,

रेलवे स्टेशंस के रीडेवलपमेंट का ये अभियान भी सिर्फ स्टेशन की सुविधाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि इस तरह का निर्माण, गतिशक्ति नेशनल मास्टरप्लानका भी हिस्सा है। ये आज़ादी के अमृतकाल में, ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण का अभियान है, जो देश के विकास को अभूतपूर्व गति दे सके। ये गतिशक्ति मल्टीमोडल कनेक्टिविटी की है, एक होलिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर की है। अब जैसे रानी कमलापति रेलवे स्टेशनको अप्रोच रोड से जोड़ा गया है। यहां बड़ी संख्या में पार्किंग की सुविधा बनाई गई है। भोपाल मेट्रो से भी इसकी कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जा रही है। बस मोड के साथ रेलवे स्टेशन के एकीकरण के लिए स्टेशन के दोनों तरफ से BRTS लेन की सुविधा है। यानि Travel हो या logistics, सब कुछ सरल, सहज हो, सीमलेस हो, ये प्रयास किया जा रहा है। ये सामान्य भारतीय के लिए, सामान्‍य हिंदुस्‍तानी के लिएEase of living सुनिश्चित करने वाला है।मुझे खुशी है कि रेलवे के अनेकों प्रोजेक्ट्स को इसी तरह गतिशक्ति नेशनल मास्टरप्लान से जोड़ा जा रहा है।

साथियों,

एक ज़माना था, जब रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को भी ड्रॉइंग बोर्ड से ज़मीन पर उतरने में ही सालों-साल लग जाते थे।मैं एक हर महीना प्रगति कार्यक्रम में रिव्‍यू करता हूं कि कौन सा प्रोजेक्‍ट कहां पहुंचा। आप हैरान हो जाएंगे मेरे सामने रेलवे के कुछ प्रोजेक्‍ट ऐसे आए जो 35-40 साल पहले घोषित हो चुके थे। लेकिन कागज पर लकीर भी नहीं बनाई गई- 40 साल हो गए। अब खैर ये काम भी मुझे करना पड़ रहा है, मैं करूंगा, आपको भरोसा देता हूं।लेकिन आज भारतीय रेलवे में भी जितनी अधीरता नए प्रोजेक्ट्स की प्लानिंग की है, उतना ही गंभीरता उनको समय पर पूरा करने की है।

ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर इसका एक बहुत सटीक उदाहरण हैं। देश में ट्रांसपोर्टेशन की तस्वीर बदलने की क्षमता रखने वाले इन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर अनेक वर्षों तक तेज गति से काम नहीं हो पाया था। लेकिन बीते 6-7 सालों के दौरान 1100 किलोमीटर से अधिक रूट को पूरा किया जा चुका है और बाकी के हिस्से पर तेज़ गति से काम चल रहा है।

साथियों,

काम की यही गति आज दूसरे प्रोजेक्ट्स में भी दिखती है। बीते 7 सालों में हर वर्ष औसतन ढाई हज़ार किलोमीटर ट्रैक कमीशन किया गया है। जबकि उससे पहले के सालों में ये 15 सौ किलोमीटर के आसपास होता था। पहले की तुलना में इन वर्षों में रेलवे ट्रैक के बिजलीकरण की रफ्तार 5 गुना से अधिक हुई है। मध्य प्रदेश में भी रेलवे के 35 प्रोजेक्ट्स में से लगभग सवा 11 सौ किलोमीटर के प्रोजेक्ट्स कमीशन हो चुके हैं।

साथियों,

देश के मजबूत होते रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर का लाभ किसानों को होता है, विद्यार्थियों को होता है, व्यापारियों-उद्यमियों को होता है। आज हम देखते हैं कि किस तरह किसान रेल केमाध्यम से, देश के कोने-कोने के किसान, दूर-दराज तक अपनी उपज भेज पा रहे हैं। रेलवे द्वारा इन किसानों को माल ढुलाई में बहुत छूट भी दी जा रही है। इसका बहुत लाभ देश के छोटे किसानों को भी हो रहा है। उन्हें नए बाजार मिले हैं, उन्हें नया सामर्थ्य मिला है।

साथियों,

भारतीय रेल सिर्फ दूरियों को कनेक्ट करने का माध्यम नहीं है, बल्कि ये देश की संस्कृति, देश के पर्यटन, देश केतीर्थाटन को कनेक्ट करने का भी अहम माध्यम बन रही है। आज़ादी के इतने दशकों बाद पहली बार भारतीय रेल के इस सामर्थ्य को इतने बड़े स्तर पर एक्सप्लोर किया जा रहा है। पहले रेलवे को टूरिज्म के लिए अगर उपयोग किया भी गया, तो उसको एक प्रीमियम क्लब तक ही सीमित रखा गया।

पहली बार सामान्य मानवी को उचित राशि पर पर्यटन और तीर्थाटन का दिव्य अनुभव दिया जा रहा है। रामायण सर्किट ट्रेन ऐसा ही एक अभिनव प्रयास है। कुछ दिन पहले पहली रामायण एक्सप्रेस ट्रेन, देशभर में रामायण काल के दर्जनों स्थानों के दर्शन कराने के लिए निकल चुकी है। इस ट्रेन की यात्रा को लेकर बहुत अधिक उत्साह देशवासियों में देखने को मिल रहा है।

आने वाले दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों से कुछ और रामायण एक्सप्रेस ट्रेनें भी चलने वाली हैं। यही नहीं विस्टाडोम ट्रेनों का अनुभव भी लोगों को बहुत पसंद आ रहा है। भारतीय रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर, ऑपरेशन और अप्रोच में हर प्रकार से व्यापक रिफॉर्म किए जा रहे हैं। ब्रॉडगेज नेटवर्क से मानवरहित फाटकों को हटाने से गति भी सुधरी है और दुर्घटनाओं में भी बहुत कमी आई है। आज सेमी हाईस्पीड ट्रेनें रेल नेवटर्क का हिस्सा बनती जा रही हैं। आज़ादी के अमृत महोत्सव में, आने वाले 2 सालों में 75 नई वंदे भारत ट्रेनें देशभर में चलाने के लिए रेलवे प्रयासरत है। यानि भारतीय रेल अब अपनी पुरानी विरासत को आधुनिकता के रंग में ढाल रही है।

साथियों,

बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर भारत की आकांक्षा ही नहीं बल्कि आवश्यकता है। इसी सोच के साथ हमारी सरकार रेलवे समेत इंफ्रास्ट्रक्चर के हजारों प्रोजेक्ट्स पर अभूतपूर्व निवेश कर रही है। मुझे विश्वास है, भारत का आधुनिक होता इंफ्रास्ट्रक्चर, आत्मनिर्भरता के संकल्पों को और तेजी से देश के सामान्यव्‍यक्तितक पहुंचाएगा।

एक बार फिर आप सभी को आधुनिक रेलवे स्टेशन की औरसाथ-साथ अनेकनई रेल सेवाओं की बधाईदेता हूं। रेलवे की पूरी टीम को भी इस परिवर्तन को स्‍वीकार करने के लिए, इस परिवर्तन को साकार करने के लिए, रेलवे की जो पूरी टीम नए उत्‍साह के साथ जुटी है मैं उनका भी अभिनंदन करता हूं, उनको भी बहुत-बहुत धन्‍यवाद देता हूं।आप सबको अनेक-अनेक शुभकामनाएं।बहुत-बहुत धन्यवाद !

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Prime Minister Shri Narendra Modi paid homage today to Mahatma Gandhi at his statue in the historic Promenade Gardens in Georgetown, Guyana. He recalled Bapu’s eternal values of peace and non-violence which continue to guide humanity. The statue was installed in commemoration of Gandhiji’s 100th birth anniversary in 1969.

Prime Minister also paid floral tribute at the Arya Samaj monument located close by. This monument was unveiled in 2011 in commemoration of 100 years of the Arya Samaj movement in Guyana.