Quoteप्रधानमंत्री ने सेवा के प्रति भरवाड़ समुदाय के समर्पण, प्रकृति के प्रति प्रेम और गोरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना की
Quoteगांवों का विकास करना, विकसित भारत के निर्माण की दिशा में पहला कदम है: प्रधानमंत्री
Quoteप्रधानमंत्री ने आधुनिकता के माध्यम से समुदाय को सशक्त बनाने के लिए शिक्षा के महत्व पर जोर दिया
Quoteप्रधानमंत्री ने "सबका प्रयास" के महत्व पर प्रकाश डाला, जो राष्ट्र की सबसे बड़ी ताकत है

महंत श्री राम बापू जी, समाज के अग्रणी लोग, लाखों की संख्या में आने वाले सारे श्रद्धालु भाइयों और बहनों नमस्कार, जय ठाकर।

सबसे पहले मैं भरवाड समाज की परंपरा और सारे पूज्य संतों को, महंतों को, समग्र परंपरा के लिए जीवन अर्पण करने वाले सारे लोगों को श्रद्धापूर्वक प्रणाम करता हूँ। आज खुशी अनेक गुना बढ़ गई है। इस बार जो महाकुंभ हुआ है, ऐतिहासिक तो था ही, पर हमारे लिए गर्व की बात है कि क्योंकि महाकुंभ के पुण्य अवसर पर महंत श्री राम बापू जी को महा मंडलेश्वर की उपाधि प्राप्त हुई है। यह काफी बड़ी घटना है, और हम सब के लिए अनेक गुना खुशी का अवसर है। राम बापू जी और समाज के सारे परिवारजनों को मेरी ओर से खूब- खूब शुभकामनाएं।

पिछले एक सप्ताह में ऐसा लगा कि भावनगर की भूमि भगवान कृष्ण का वृंदावन बन गई हो, और उसमें सोने पर सुहागा ऐसे हमारे भाई जी की भागवत कथा हुई, जिस तरह का श्रद्धा भाव बहा, लोग जैसे कृष्ण में सराबोर हो गये हो ऐसा माहौल बना। मेरे प्रिय स्वजन बावलियाली स्थान केवल धार्मिक स्थल नहीं, भरवाड समाज सहित अनेकों के लिए आस्था, संस्कृति और एकता की प्रतीक भूमि भी है।

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नगा लाखा ठाकर की कृपा से इस पवित्र स्थान को, यहां से भरवाड समुदाय को हमेशा सच्ची दिशा, उत्तम प्रेरणा की असीम विरासत मिली है। आज इस धाम में श्री नगा लखा ठाकर मंदिर की पुनः प्राण प्रतिष्ठा हमारे लिए सुनहरा अवसर बना है। पिछले एक सप्ताह से तो जैसे धूमधाम मच गई है। समाज का जो उत्साह, उमंग है.. मैं तो चारो ओर वाहवाही सुन रहा है। मन में होता है कि मुझे आप लोगों के बीच पहुंचना चाहिए, पर पार्लियामेंट और काम के कारण निकल पाना मुश्किल है। पर जब मैं हमारी हजारों बहनों के रास के बारे में सुनता हूं तब लगता है कि वाह, उन्होंने वहीं पर वृंदावन को जीवंत बना लिया।

आस्था, संस्कृति और परंपरा का मेल और मिलन मन को, चित्त को प्रसन्न करने वाला है। इन सारे कार्यक्रमों के बीच कलाकार भाइयों–बहनों जिन्होंने भाग लेकर प्रसंग को जीवंत बनाया और समयानुकूल समाज को संदेश देने का काम किया। मुझे विश्वास है कि भाई जी भी हमें कथा के माध्यम से समय समय पर संदेश तो देंगे ही, इसके लिए जितने भी अभिनंदन दूं, कम है।

मैं महंत श्री राम बापू जी और बावलिया धाम के पावन अवसर पर मुझे सहभागी बनाने के लिए उनका आभार मानता हूं। मुझे तो क्षमा मांगनी चाहिए, क्योंकि इस पवित्र अवसर पर मैं आप लोगों के साथ नहीं पहुंच पाया। आप लोगों का मुझ पर बराबर अधिकार है। भविष्य में जब कभी उस ओर आऊँगा तब मत्था टेकने जरूर आऊँगा।

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मेरे प्रिय परिवारजन,

भरवाड समाज के साथ, बावलियाधाम के साथ मेरा संबंध आज कल का नहीं, काफी पुराना है। भरवाड समाज की सेवा और उनका प्रकृति प्रेम, गौ सेवा को शब्दों में बयां करना मुश्किल है। हम सब की जुबान से एक बात अचूक निकलती है,

नगा लाखा नर भला,

पच्छम धरा के पीर।

खारे पानी मीठे बनाये,

सूकी सूखी नदियों में बहाये नीर।

यह केवल शब्द नहीं है। उस युग में सेवाभाव, कठिन काम (नेवा के पानी मोभे लगा लिए- गुजराती कहावत है) सेवा के काम में प्रकृतिकरण दिखता है, कदम-कदम पर सेवा की सुगंध फैलाई और आज सदियों बाद भी लोग उन्हें याद कर रहे है यह बात काफी बड़ी है। पूज्य इसु बापू के द्वारा हुई सेवाओं का मैं प्रत्यक्ष साक्षी बना हूं, उनकी सेवाओं को मैंने देखा है। हमारे गुजरात में सूखा पड़ना नई बात नहीं। एक समय था, दस में से सात साल सूखा पड़ता था। गुजरात में तो कहा जाता था कि पुत्री का धंधूका (सूखाग्रस्त इलाका) में ब्याह मत कराना। (गुजराती– बंदूके देजो पण धंधूके न देता का अर्थ है कि पुत्री का ब्याह धंधूका 9 (सूखाग्रस्त इलाका) में मत करवाना, जरूर हो तो गोली से उडा देना (बंदूके देजो) पर धंधूका (सूखाग्रस्त इलाका) में ब्याह मत करवाना ... (इसका कारण था कि तब धंधूका में सूखा पड़ता था) धंधूका, राणपुर भी पानी के लिए तड़पने वाला स्थान था। और उस समय, पूज्य इसु बापू ने जो सेवा की है, पीड़ितों की जो सेवा की है वह प्रत्यक्ष नजर आती है। केवल मैं नहीं, पूरे गुजरात में लोग उनके कार्यों को देवकार्य के रूप में मानते हैं। उनकी तारीफ करते लोग रुकते नहीं। स्थानांतरित जाति के भाई-बहनों की सेवा, उनके बच्चों की शिक्षा का कार्य हो, पर्यावरण के लिए समर्पण, गीर-गायों की सेवा चाहे कोई भी कार्य ले लीजिए, उनके हर कार्यों में हमें उनकी इस सेवाभावी परंपरा के दर्शन होते है।

मेरे प्रिय स्वजन,

भरवाड समाज के लोग हंमेशा कभी भी परिश्रम और त्याग के विषय में पीछे नहीं हटे, हमेशा आगे रहे हैं। आप लोगों को पता है कि जब मैं आपके बीच आया हूँ मैंने कड़वी बात कही है। मैंने भरवाड समाज से कहा है कि अब लठ्ठ का ज़माना नहीं है, लठ्ठ लेकर काफी घूम लिये आप लोग, अब कलम का ज़माना है। और मुझे गर्व के साथ कहना होगा कि गुजरात में जितना भी समय मुझे सेवा का अवसर मिला है, भरवाड समाज की नई पीढ़ी ने मेरी बात को स्वीकार किया है। बच्चे पढ़-लिखकर आगे बढ़ने लगे हैं। पहले कहता था कि, लठ्ठ छोड़कर कलम पकड़ो। अब मैं कहता हूं कि मेरी बच्चियों के हाथ में भी कम्प्यूटर होना चाहिए। बदलते समय में हम काफी कुछ कर सकते हैं। यही हमारी प्रेरणा बनती है। हमारा समाज प्रकृति संस्कृति का रक्षक है। आपने तो सच में अतिथि देवो भवः को जीवंत बनाया है। हमारे यहां चरवाह, बलुवा समाज की परंपरा के बारे लोगों को कम पता है। भरवाड समाज के बड़े-बुजुर्ग वृद्धाश्रम में नहीं मिलेंगे। संयुक्त परिवार, बड़ों की सेवा का भाव जैसे कि परमात्मा की सेवा का भाव है उनमें। बड़ों को वृद्धाश्रम में नहीं भेजते, वे लोग उनकी सेवा करते हैं। यह संस्कार जो नई पीढ़ी को दिए हैं, यह बहुत बड़ी बात है। भरवाड समाज के सामाजिक जीवन के नैतिक मूल्य, उनमें पारिवारिक मूल्यों को हमेशा मजबूत बनाने के लिए पीढ़ी दर पीढ़ी प्रयास हुआ है। मुझे संतोष है कि हमारा समाज हमारी परंपराओं को संभाल भी रहा है और आधुनिकता की ओर तेज गति से आगे भी बढ़ रहा है। स्थानांतरित जाति के परिवार के बच्चे पढ़े, उनके लिए छात्रावास की सुविधा बने, यह भी एक प्रकार की बडी सेवा है। समाज को आधुनिकता के साथ जोड़ने का काम, देश को दुनिया के साथ जोड़ने वाले नये अवसर बने, यह भी सेवा का बड़ा कार्य है। अब मेरी इच्छा है कि हमारी लड़कियां खेल-कूद में भी आगे आये उसके लिए हमें काम करना होगा। मैं गुजरात में था तब खेल महाकुंभ में देखता था कि छोटी बच्चियां स्कूल जाती और खेल-कूद में नंबर लाती थीं। अब उनमें शक्ति है परमात्मा ने उन्हें विशेष दिया है तो अब उनकी भी चिंता करने की जरूरत है। पशुपालन की चिंता करते है, हमारे पशु को कुछ होता है तब उसके स्वस्थता के लिए लग जाते है। बस अब हमारे बच्चों के लिए भी ऐसे ही भाव और चिंता करनी है। बावलियाधाम तो पशुपालन में सही है पर, विशेष रूप से यहाँ गीर गायों की नस्ल की देखरेख की गई है उसका गर्व पूरे देश को होता है। आज विश्व में गीर गायों की वाहवाही होती है।

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मेरे प्रिय परिवारजन,

भाइयों-बहनों हम भिन्न नहीं, हम सब साथी हैं, मुझे हमेशा लगा है कि परिवार के सदस्य हैं। मैं आपके बीच हमेशा परिवार के सदस्य की तरह ही रहा हूँ। आज बावलियाधाम में जितने भी परिवारजन आये हैं, लाखों लोग बैठे हैं, मुझे अधिकार है कि आपसे कुछ मांगु। मैं मांगना चाहता हूँ आपसे, और आग्रह करने वाला हूं, और मुझे विश्वास है कि आप मुझे कभी निराश नहीं करेंगे। हमें अब ऐसे नहीं रहना है, एक छलांग लगानी है और पच्चीस वर्ष में भारत को विकसित बनाना ही है। आपकी मदद के बिना मेरा कार्य अधूरा रहेगा। समग्र समाज को इस कार्य में जुड़ना है। आपको याद होगा कि मैंने लाल किले से कहा था, सबका प्रयास.. सबका प्रयास ही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है। भारत को विकसित भारत बनाने का प्रथम पड़ाव हमारे गांव को विकसित करना है। आज प्रकृति और पशुधन की सेवा हमारा सहज धर्म है। तब एक ओर काम हम क्या नहीं कर सकेंगे... भारत सरकार की एक योजना चलती है, और वह संपूर्ण नि:शुल्क है – फुट एन्ड माउथ डिसिज जिसे हमारे यहां खूरपका, मुंहपका कहकर की बीमारी के रूप में जानते हैं। उसमें लगातार वैक्सीन लेनी पड़ती है, तभी हमारे पशु इस बीमारी से बाहर आ सकते है। यह करुणा का काम है। अब सरकार मुफ्त वैक्सीन देती है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि हमें हमारे समाज के पशुधन को यह वैक्सीन अवश्य करायें, नियमित कराएँ। तभी हमें भगवान श्री कृष्ण के निरंतर आशीर्वाद मिलेंगे, हमारे ठाकर हमारी मदद में आयेंगे। अब हमारी सरकार ने एक और महत्वपूर्ण कार्य किया है। पहले किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड था, अब हमने पशुपालकों के लिए भी क्रेडिट कार्ड देने का निश्चय किया है। इस कार्ड से ये पशुपालक बैंक में से कम ब्याज पर पैसे ले सकते हैं और अपना व्यापार बढ़ा सकते हैं। गायों की देशी नस्लों को बढ़ाने के लिए, उनके विस्तार के लिए, संरक्षण के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन भी चल रहा है। मेरी आपसे विनती है कि मैं दिल्ली में बैठकर यह सब करता रहूँ और आप सब उसका लाभ भी न उठाये यह कैसे चलेगा। आप लोगों को उसका लाभ उठाना पड़ेगा। मुझे आपके साथ लाखों पशुओं के आशीर्वाद मिलेंगे। जीव मात्र के आशीर्वाद मिलेंगे। इसलिए आपसे निवेदन है कि इस योजना का लाभ उठाएँ। दूसरी महत्वपूर्ण बात जो पहले भी कही है और आज फिर दोहराता हूँ वृक्षारोपण का महत्व हम सब जानते हैं, इस साल मैंने अभियान चलाया जिसकी वाहवाही दुनिया के लोग कर रहे हैं। एक पेड मां के नाम, हमारी मां जीवित है तो उसकी उपस्थिति में और यदि मां जीवित नहीं है तो उनकी फोटो को सामने रखकर एक पेड़ उगाएँ। हम तो भरवाड समाज के ऐसे लोग हैं, जिनकी तीसरी-चौथी पीढ़ी के बुजूर्ग नब्बे-सौ साल तक जीवित रहते हैं और हम उनकी सेवा करते हैं। हमें मां के नाम से पेड़ लगाना है, और इस बात का गर्व करना है कि यह मेरी माता के नाम से है, मेरी माता की याद में है। आप जानते हो, हमने धरती मां को भी दुःखी किया है, पानी निकालते रहे, केमिकल डालते रहे, उसे प्यासी बना दिया। उस पर जहर डाल दिया। धरती मां को स्वस्थ बनाने की जिम्मेदारी हमारी है। हमारे पशुपालकों के पशु का गोबर भी हमारी धरती मां के लिए धन समान है, धरती मां को नई शक्ति देगा। उसके लिए प्राकृतिक खेती महत्वपूर्ण है। जिसके पास जमीन है, अवसर है, प्राकृतिक खेती करें। गुजरात के गर्वनर साहब आचार्य जी प्राकृतिक खेती के लिए कितना कुछ कर रहे हैं। आप सबसे मेरा निवेदन है कि हमारे पास जितनी भी छोटी-बड़ी जमीन है, हम सब प्राकृतिक खेती की ओर मुड़े और धरती मां की सेवा करें।

प्रिय भाइयों-बहनों,

मैं एक बार फिर से भरवाड समाज को ढ़ेर सारी शुभेच्छाएं देता हूं औऱ फिर से एक बार प्रार्थना करता हूँ कि नगा लाखा ठाकर की कृपा हम सब पर बनी रहें और बावलियाधाम से जुड़े सारे व्यक्ति का भला हो, उन्नति हो ऐसी मेरी ठाकर के चरणों में प्रार्थना है। हमारी बच्चियाँ, बच्चे पढ़ लिखकर आगे आयें, समाज शक्तिशाली बने, इससे अधिक और क्या चाहिए। इस सुनहरे अवसर पर भाई जी की बातों को नमन करते हुए उन्हें आगे ले जाते हुए निश्चित करें कि समाज को आधुनिकता की ओर शक्तिशाली बनाकर आगे ले जाना है। मुझे खूब आनंद मिला। स्वयं आया होता तो अधिक आनंद मिलता।

जय ठाकर।

  • Shobharam Prajapati March 24, 2025

    👍👍👍👍👍
  • Jayanta Kumar Bhadra March 24, 2025

    Jai Sri Krishna
  • Mohanbabu Nair,Kapadwanj yoginagar 14A March 24, 2025

    🙏🇮🇳❤🚩🙏
  • Madhusmita Baliarsingh March 24, 2025

    💮🙏🪷🪻💮🙏🪷🪻💮🙏🪷🪻😗💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻💮🙏🪷🪻💮🙏🪷🪻💮🙏🪷🪻💮🙏🪷🪻💮🙏🪷🪻💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪻🪷💮🙏🪷💮🙏🪷💮🙏
  • khaniya lal sharma March 24, 2025

    💙🇮🇳💙🇮🇳💙🇮🇳💙🇮🇳💙
  • ANMOL RAAJ BAINS March 24, 2025

    Jai Hind 🇮🇳
  • Ravi Gautam Modi Ji ki Pathshala ka Intellectual Student March 24, 2025

    रवि कुमार गौतम घोषी जहानाबाद मगध बिहार 🚩🙏🫡
  • Ravi Gautam Modi Ji ki Pathshala ka Intellectual Student March 24, 2025

    रवि कुमार गौतम घोषी जहानाबाद मगध बिहार 🚩🙏🫡
  • Ravi Dhakad March 24, 2025

    🚩🚩🚩
  • Rajan Garg March 24, 2025

    🚩🚩🚩🚩🚩
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पासला कृष्णा भारती के निधन पर शोक व्यक्त किया
March 23, 2025

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने महात्मा गांधी के आदर्शों के माध्यम से राष्ट्र निर्माण के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाली एक गांधीवादी पासला कृष्णा भारती के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया एक्स पर एक भावपूर्ण संदेश में कहा;

"पासला कृष्णा भारती जी के निधन से दुखी हूँ। वह गांधीवादी मूल्यों के प्रति समर्पित थीं और उन्होंने बापू के आदर्शों के माध्यम से राष्ट्र निर्माण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने अपने माता-पिता की विरासत को उत्कृष्ट रूप से आगे बढ़ाया, जो हमारे स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सक्रिय थे। मुझे भीमावरम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उनसे मुलाकात याद है। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। ओम शांति: पीएम @नरेन्द्र मोदी”

“పసల కృష్ణ భారతి గారి మరణం ఎంతో బాధించింది . గాంధీజీ ఆదర్శాలకు తన జీవితాన్ని అంకితం చేసిన ఆమె బాపూజీ విలువలతో దేశాభివృద్ధికి కృషి చేశారు . మన దేశ స్వాతంత్ర్య పోరాటంలో పాల్గొన్న తన తల్లితండ్రుల వారసత్వాన్ని ఆమె ఎంతో గొప్పగా కొనసాగించారు . భీమవరం లో జరిగిన కార్యక్రమంలో ఆమెను కలవడం నాకు గుర్తుంది .ఆమె కుటుంబానికీ , అభిమానులకూ నా సంతాపం . ఓం శాంతి : ప్రధాన మంత్రి @narendramodi”