नमस्ते ऑस्ट्रेलिया !

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री और मेरे प्रिय मित्र, His Excellency, एंथोनी अल्बनीज, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री, His Excellency स्कॉट मॉरिसन, न्यू साउथ वेल्स के प्रीमियर क्रिस मिन्स, Foreign Minister पेनी वोंग, Communication Minister मिशेल रोलैंड, Energy Minister क्रिस बोवेन, Leader of Opposition पीटर डटन, Assistant Foreign Minister टिम वाट्स, न्‍यू साउथ वेल्स के उपस्थित मंत्रिमंडल के सभी आदरणीय सदस्‍य, पैरामाटा से सांसद सदस्य डॉ एंड्रयू चार्लटन, यहां उपस्थित ऑस्ट्रेलिया के सभी सांसद सदस्य, मेयर, डिप्टी मेयर, काउंसिल्लर्स और ऑस्ट्रेलिया में रह रहे प्रवासी भारतीय जो आज इतनी विशाल संख्या में उपस्थित हुए हैं, आप सबको मेरा नमस्कार!

First of all, I acknowledge the traditional custodians of the lands that we are meeting here on today. I pay my respect to the elders, past, present and emerging. I also celebrate all first nations people who may be with us today.

Friends,

मैं जब 2014 में आया था तो आपसे एक वादा किया था, वादा ये था कि आपको फिर भारत के किसी प्रधानमंत्री का 28 साल तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। तो लीजिए, यहां सिडनी में इस arena में, मैं फिर हाजिर हूँ और मैं अकेला नहीं आया हूँ। प्रधानमंत्री अल्बनीज भी मेरे साथ आए हैं। Mr. Prime Minister अपने बहुत व्‍यस्‍त कार्यक्रम में से हम सभी के लिए, आपने समय निकाला है, ये हम भारतीयों के प्रति आपके स्‍नेह को दर्शाता है। आपने जो अभी कहा वो दिखाता है कि ऑस्‍ट्रेलिया के मन में भारत के प्रति कितना प्रेम है। इसी वर्ष मुझे प्रधानमंत्री जी का भारत की धरती पर अहमदाबाद में स्वागत करने का अवसर मिला था। आज उन्होंने यहां Little India के Foundation Stone को unveil करने में मेरा साथ दिया है। मैं उनका बहुत बहुत आभार व्यक्त करता हँ, Thank you my friend Anthony!

ये Little India ऑस्‍ट्रेलिया के विकास में भारतीय समुदाय के योगदान का भी एक recognition है। मैं न्यू साउथ वेल्स के Premier, पैरामाटा शहर के मेयर, डिप्टी मेयर और काउंसिल्लर्स को इस विशेष सम्मान के लिए धन्यवाद देना चाहता हूँ।

साथियों,

मुझे खुशी है कि न्यू साउथ वेल्स में प्रवासी भारतीय समुदाय से कई लोग सार्वजनिक जीवन में सक्रिय भागीदारी कर रहे हैं। अपनी पहचान बना रहे हैं। वर्तमान न्यू साउथ वेल्स की सरकार ने डिप्‍टी प्रीमियर प्रू कार, Treasurer डेनियल मुखी बड़ा contribution कर रहे हैं और कल ही, कल ही, भाई समीर पांडे पैरामाटा के Lord Mayor चुने गए हैं। मैं सबका अभिनंदन करता हूं, बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

आज जब पैरामाटा में ये सब हो रहा है तभी ये जानकारी भी आई है कि पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के पर्थ शहर में भारतीय सैनिक नैन सिंह सैलानी के नाम पर सैलानी एवेन्यू बनाया गया है। उन्होंने पहले विश्व युद्ध में ऑस्ट्रेलिया की फौज के लिए लड़ते हुए वीरगति प्राप्त की थी। इस सम्मान के लिए मैं पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के नेतृत्व का आदरपूर्वक अभिनंदन करता हूँ।

साथियों,

एक समय था जब कहा जाता था कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों को 3 C डिफाइन करते हैं, ऐसा पहले कहां जाता था। ये कौन से 3 C हैं Commonwealth, Cricket और Curry, इसके बाद कहा गया कि भारत ऑस्ट्रेलिया के संबंध 3 D पर आधारित हैं Democracy, Diaspora और Dosti, कुछ लोगों ने ये भी कहा कि भारत ऑस्ट्रेलिया के संबंध में 3 E पर आधारित हैं Energy, Economy और Education, यानि कभी कभी C, कभी D, कभी E, अलग अलग कालखंड में ये बात संभवत: सही भी रही है। लेकिन भारत और ऑस्ट्रेलिया के ऐतिहासिक संबंधों का विस्तार इससे कही ज्यादा बड़ा है, और जानते हैं इन सारे संबंधों का सबसे बड़ा आधार क्या है, जानते हैं? जी नहीं, सबसे बड़ा आधार है Mutual Trust और Mutual Respect, ये Mutual Trust और Mutual Respect सिर्फ भारत ऑस्ट्रेलिया के Diplomatic रिश्‍तों से विकसित नहीं हुआ है। इसकी असली वजह है, इसकी असली ताकत है आप ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले हर एक भारतीय, आप उसकी असली ताकत हैं। इसकी असली वजह है ऑस्ट्रेलिया के ढाई करोड़ से ज्यादा citizens।

साथियों,

हमारे बीच भौगोलिक दूरी जरूर है लेकिन हिंद महासागर हमें आपस में जोड़ता है। हमारी जीवन शैलियां भले ही अलग अलग है लेकिन अब योगा ये भी हमें जोड़ता है। क्रिकेट से तो हम न जाने कब से जुड़े हुए हैं लेकिन अब टेनिस और फिल्में भी हमें जोड़ रही हैं। हमारे यहां खाना बनाने का तरीका भले ही अलग अलग है, लेकिन अब मास्टर शेफ हमें जोड़ता है। हमारे यहां पर्व और त्यौहार भले ही अलग अलग मनाएं जाते हैं लेकिन हम जुड़े हुए हैं दिवाली की रौनक से, बैसाखी के जश्न से। हमारे यहां भाषाएं भले ही अलग अलग बोली जाती हों लेकिन हम जुड़े हुए हैं मलयालम, तमिल, तेलुगु, पंजाबी, हिंदी भाषाएं पढ़ाने वाले इतने सारे स्कूलों से।

साथियों,

ऑस्ट्रेलिया के लोग, यहां के निवासी इतने विशाल हृदय के हैं, दिल के इतने अच्छे और सच्चे हैं कि भारत की इस विविधता को खुले दिल से स्वीकारते हैं और यही वजह है कि पैरामाटा स्‍क्‍वायर किसी के लिए परमात्मा चौक बन जाता है। Wigram Street भी विक्रम स्ट्रीट के रूप में मशहूर हो जाती है और Harris Park कई लोगों के लिए हरीश पार्क हो जाता है। वैसे मैंने सुना है कि हैरिस पार्क में Chatkazz की Chaat, Jaipur Sweets की जलेबी, उसका तो कोई जवाब ही नहीं है। मेरी आप सबसे request है, आप लोग कभी मेरे मित्र पी.एम. अल्बनीज को भी वहां जरूर ले जाइएगा। और साथियों, जब खाने की बात चली है और चाट की बात चली है तो लखनऊ का नाम आना भी स्वाभाविक ही है, मैंने सुना है कि सिडनी के पास लखनऊ नाम की जगह भी है। लेकिन मुझे पता नहीं वहां भी चाट मिलती है क्या। अच्छा यहां भी तो शायद दिल्‍ली के पास वाले लखनऊ के लोग होंगे ही होंगे, हैं क्या? वाह! वाकई दिल्ली स्ट्रीट, बॉम्बे स्ट्रीट, कश्मीर एवेन्‍यू, मालाबार एवेन्‍यू जैसी कितनी ही सड़कें, यहां ऑस्‍ट्रेलिया में आपको भारत से जोड़े रखती हैं। मुझे बताया गया कि अब तो ग्रेटर सिडनी में इंडिया परेड भी शुरू होने जा रही है। मुझे ये जानकर भी बहुत अच्छा लगा कि यहां आप सबने आजादी का अमृत महोत्सव भी बहुत धूमधाम से मनाया है। यहां की कई सारी सिटी काउंसिल्‍स में बहुत सारे कार्यक्रम किये गए हैं। सिडनी ऑपेरा हाउस, जब तिरंगे की रोशनी से सराबोर हुआ तो यहां भारतीय का दिल खुश हो गया। हिन्‍दुस्‍तान में भी जय जयकार हो रहा था और इसके लिए मैं न्‍यू साउथ वेल्‍स गवर्नमेंट का विशेष तौर पर आभार व्‍यक्‍त करता हूँ।

साथियों,

हमारे क्रिकेट के रिश्‍तों को भी 75 वर्ष पूरे हो गए हैं। क्रिकेट की फिल्‍ड पर मुकाबला जितना रोचक होता है, उतनी ही गहरी ऑफ द फिल्‍ड हमारी दोस्‍ती है। इस बार तो ऑस्‍ट्रेलिया की अनेक women क्रिकेट प्‍लेयर भी पहली बार भारत में IPL खेलने आई थीं और साथियों ऐसा नहीं है कि हम सिर्फ सुख के ही साथी हैं। अच्‍छा दोस्‍त तो सुख का तो साथी होता है, दुख का भी साथी होता है। पिछले साल जब महान Shane Warne का निधन हुआ तो ऑस्‍ट्रेलिया के साथ कोटि कोटि भारतीयों ने भी शोक मनाया। ये ऐसा था जैसे हमने अपना कोई खो दिया है।

साथियों,

आप सभी यहां ऑस्ट्रेलिया में हैं। यहां के विकास को देख रहे हैं। आप सभी का एक सपना रहा है कि हमारा भारत भी विकसित राष्ट्र बनें। है न आपका सपना? है न आपका सपना? है न आपका सपना? जो सपना आपके दिल मैं है, वो सपना मेरे दिल में भी है। ये मेरा भी सपना है। 140 करोड़ भारतीयों का सपना है।

साथियों,

भारत के पास सामर्थ्‍य की कमी नहीं है। भारत के पास संसाधनों की कमी भी नहीं है। आज दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे युवा टैलेंट फैक्ट्री जिस देश में है, वो है इंडिया। सही जवाब दे रहे हैं, वो है इंडिया। मैं ये बात फिर दोहरा रहा हूँ। आज दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे युवा टैलेंट फैक्ट्री जिस देश में है, वो है इंडिया, वो है इंडिया, वो है इंडिया। और अब मैं आपके सामने ऐसे ही कुछ फैक्टस रखूंगा। और आपसे सही उत्तर जानना चाहूंगा, ready, कोरोना की इस ग्लोबल पेंडेमिक में जिस देश ने दुनिया का सबसे तेज वैक्सीनेशन प्रोग्राम चलाया, वो देश है इंडिया, वो देश है इंडिया, वो देश है इंडिया। आज जो देश दुनिया की फास्टेस्ट लार्ज ग्रोइंग इकोनॉमी है वो देश है इंडिया, वो देश है इंडिया, वो देश है इंडिया। आज जो देश दुनिया में नंबर 1 स्मार्टफोन डेटा कंज्यूमर है वो देश है इंडिया, वो देश है इंडिया, वो देश है इंडिया। आज जो देश फिनटेक अडॉप्शन रेट में नंबर 1 है वो देश है इंडिया, वो देश है इंडिया, वो देश है इंडिया। आज जो देश मिल्क प्रोडक्शन के मामले में दुनिया में नंबर 1 है वो देश है इंडिया, वो देश है इंडिया, वो देश है इंडिया। आज जो देश इंटरनेट यूजर्स की संख्या में दुनिया में नंबर 2 पर है वो है इंडिया, वो है इंडिया। आज जो देश दुनिया का सेकंड लार्जेस्ट मोबाइल मैन्यूफैक्चरर है वो है वो देश है इंडिया, वो देश है इंडिया। आज जो देश, Rice, Wheat, Sugarcane Production के मामले में दुनिया में नंबर 2 पर है वो है इंडिया, वो है इंडिया। आज जो देश फ्रूट और vegetable production में दुनिया में नंबर 2 पर है वो है इंडिया, वो है इंडिया। आज जिस देश में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्‍टार्टअप इकोसिस्टम है वो है इंडिया, वो है इंडिया। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल मार्केट जिस देश में है वो देश है इंडिया, वो देश है इंडिया। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सिविल एविएशन मार्किट जिस देश में है वो देश है इंडिया, वो देश है इंडिया और अब जो देश अगले 25 साल में विकसित होने के लक्ष्‍य के साथ आगे बढ़ रहा है वो देश है इंडिया, वो देश है इंडिया।

साथियों,

आज IMF भारत को ग्लोबल इकोनॉमि का ब्राइट स्पॉट मानता है, वर्ल्‍ड बैंक का विश्वास है कि Global Headwinds को अगर कोई चुनौती दे रहा है तो वो भारत है। आज दुनिया के कई देशों में बैंकिंग सिस्‍टम पर संकट है लेकिन दूसरी तरफ भारत के बैंकों की मजबूती की आज चारों तरफ प्रशंसा हो रही है। दुनिया में 100 साल में आए सबसे बड़े संकट के बीच भारत ने बीते वर्ष रिकॉर्ड एक्सपोर्ट किया है। आज हमारा Forex Reserve नई बुलंदियां छू रहा है।

Friends,

भारत ग्लोबल गुड के लिए कैसे काम कर रहा है, इसका उदाहरण हमारा डिजिटल स्‍टेक है। आप सभी भारत के फिनटेक रेवेल्यूशन से भली भांति परिचित हैं। आपको याद होगा जब मैं 2014 में यहां आया था, तब मैंने आपसे एक सपना साझा किया था। मेरा वो सपना था कि भारत में गरीब से गरीब का अपना बैंक खाता हो। आपको गर्व होगा दोस्तों, आपको गर्व होगा कि पिछले 9 वर्ष में हमने करीब 50 करोड़ भारतीयों के यानि करीब 500 मिलियन बैंक अकाउंट्स खोले हैं। और सिर्फ बैंक अकाउंट खोलना ही हमारी सफलता, हम वहां अटकते नहीं हैं। इसने भारत में पब्‍लिक सर्विस डिलीवरी के पूरे इको सिस्टम को ट्रांस्‍फ्रॉम कर दिया है। हमने जन धन बैंक अकाउंट, मोबाइल फोन और आधार आईडी की एक JAM Trinity, JAM Trinity बनाई है। आप सोचिए इससे एक क्लिक पर, एक क्लिक पर करोड़ों करोड़ों देशवासियों तक Direct Benefit Transfer DBT संभव हुआ है और आपको और खुशी होगी, बीते 9 वर्षों में, ये आंकड़ा भी आपको बहुत आनंद देगा, बीते 9 वर्षों में 28 लाख करोड़ रुपये यानि 500 बिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर से भी ज्यादा सीधे जरूरतमंदों के बैंक अकाउंट में भेजे गए हैं। कोरोना के समय में बहुत से देशों को अपने नागरिकों को पैसे भेजने में मुश्किल आई थी लेकिन भारत उन देशों में था जो एक क्लिक पर ये काम पलकों में कर रहा था। Universal Public Interface यानि UPI ने भारत में फाइनेंशियल इंक्लूजन को नयी ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। आज दुनिया के 40 प्रतिशत, 40% रियल टाइम डिजिटल पेमेंट्स अकेले भारत में होते हैं। आज अभी अभी भारत आए होंगे तो देखा होगा, आज फल, सब्जी या पानीपुरी के ठेले हों, या फिर चाय की दुकान, सब जगह डिजिटल ट्रांजेक्शन हो रहा है।

साथियों,

भारत का ये डिजिटल रेवेल्यूशन सिर्फ फिनटेक तक सीमित नहीं है। भारत आधुनिक व्‍यवस्‍थाएं बना रहा है। लोगों की Ease of Living बढ़ा रहा है। इसका एक उदाहरण भारत का डिजीलॉकर है, इसमें ड्राइविंग लाइसेंस से लेकर, डिग्री और प्रॉपर्टी के पेपर्स तक जो भी सरकार issue करती है, वो इस डिजिटल लॉकर में जनरेट होते हैं। करीब सैकड़ों तरह के documents डिजिटल लॉकर में reflect होते हैं। आपको physical copy store करने की जरूरत नहीं है। बस एक password काफी है। अब इससे 15 करोड़ से ज्यादा यानि 150 मिलियन से भी ज्यादा भारतीय जुड़ चुके हैं। इस तरह के कितने ही Digital Platforms आज भारतीय को Powerful बना रहे हैं, ताकतवर बना रहे हैं।

साथियों,

आज भारत के हर कदम, हर उपलब्धियों के बारे में दुनिया जानना चाहती है। आज की दुनिया जिस वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ जा रही है। जिन संभावनाओं का तलाश रही है उसमें ये स्वाभाविक भी है। भारत हजारों वर्षों की जीवंत सभ्यता है। भारत Mother of Democracy है। हमने समय के अनुसार खुद को ढाला है लेकिन अपने मूल सिद्धांतों पर, Fundamentals पर हमेशा टिके रहे हैं। हम राष्‍ट्र को भी एक परिवार के रूप में दिखते हैं और विश्व को भी एक परिवार मानते हैं, वसुधैव कुटुम्बकम, और इसलिए जब भारत अपनी जी-20 Presidency की थीम तय करता है तो कहता है अपने आदर्शों को जीने का उसका स्वभाव देखिए, जी-20 Presidency में भारत कहता है, One Earth, One Family, One Future. जब भारत पर्यावरण की रक्षा के लिए सोलर एनर्जी के बड़े लक्ष्य तय करता है तो कहता है One Sun, One World, One Grid. जब भारत वैश्विक समुदाय के स्वस्थ रहने की कामना करता है तो कहता है One Earth, One Health. भारत वो देश है जिसने कोरोना के संकट में दुनिया के 150 से ज्यादा देशों को उस संकट की घड़ी में दवाइयां भेजीं। भारत वो देश है जिसने 100 से अधिक देशों को मुक्त वैक्सीन बेचकर करोड़ों करोड़ों लोगों का जीवन बचाया है। कोरोना के समय में आपने भी यहां जिस सेवा भावना से काम किया, वही हमारी संस्कृति की विशेषता है। आज शहीदों के सरताज पंचम सिख गुरु श्री गुरु अर्जुन देव जी का शहीदी पर्व है, हमें गुरुजी के जीवन से सभी की सेवा करने की शिक्षा मिलती है। गुरु अर्जुन देव जी ने ही दसवंध प्रणाली शुरू की थी। इसी प्रेरणा से कोरोना के दौरान भी कितने ही गुरुद्वारों के लंगर ने यहां लोगों की मदद की। इसी दौर में कितने ही मंदिरों की रसोई यहां पीड़ितों के लिए खुल गई। ऑस्ट्रेलिया में रह कर पढ़ाई कर रहे स्‍टूडेंट्स भी बड़ी संख्‍या में लोगों की मदद के लिए आगे आए। विभिन्‍न सामाजिक संगठनों ने भी इस दौरान बहुत लोगों की मदद की। भारतीय कहीं भी रहे, एक मानवीय भाव उनमें समाहित रहता है।

साथियों,

मानवता के हित में ऐसे ही कार्यों के कारण आज भारत को Force of Global Good कहा जा रहा है। जहां कहीं भी कोई आपदा होती है भारत मदद के लिए तैयार मिलता ह। जब भी कोई संकट आता है, भारत समाधान के लिए तत्पर रहता है। आज चाहे International Solar Alliance के द्वारा सौर ऊर्जा का उपयोग बढ़ाना हो, चाहे आपसी सहयोग के माध्यम से Disaster Resilient Infrastructure तैयार करना हो, चाहे International Big Cat Alliance को नेतृत्व देना हो, भारत ने हमेशा अलग अलग देशों को एकजुट करने के लिए एक Binding Force की तरह काम किया है। अभी अभी जब तुर्किये में भूकंप ने तबाही मचाई तब भारत ने ऑपरेशन दोस्त के द्वारा मदद का हाथ बढ़ाया। भारत अपने हितों को सबके हितों से जोड़ करके देखता है। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास, ये हमारी Domestic Governance का भी आधार है और Global Governance के लिए भी यही Vision है।

साथियों,

आज भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच Strategic Partnership निरंतर गहरी हो रही है। हाल में ही हमने Economic Cooperation और Trade Agreement ECTA sign किया है। अनुमान है इससे दोनों के बीच ट्रेड अगले पांच वर्ष में दो गुने से अधिक हो जाएगा। अब हम Comprehensive Economic Cooperation Agreement पर काम कर रहे हैं। हम Resilient और Reliable Supply Chains का निर्माण कर रहे हैं। इससे दोनों देशों के बिजनेस को बल मिलेगा ही, दुनिया को भी नया विश्वास मिलेगा। आज भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कई डायरेक्‍ट फ्लाइट्स हैं। बीते वर्षों में फ्लाइट्स की संख्या बढ़ी है। आने वाले दिनों में इनकी संख्या और बढ़ेगी। एक दूसरे की डिग्रियों को मान्यता देने को लेकर भी दोनों देश आगे बढ़े हैं और इससे हमारे स्‍टूडेंट्स को बहुत लाभ होगा। Migration and Mobility Partnership Agreement पर भी सहमति बनी है। इससे हमारे Skilled Professionals के लिए ऑस्ट्रेलिया आना और यहां काम करना आसान होगा, और साथियों, जब मैं आपके बीच आया हूँ तो एक घोषणा भी करने जा रहा हूँ। ब्रिसबेन में भारतीय समुदाय की जो मांग थी, अब उसे पूरा किया जाएगा। जल्द ही ब्रिसबेन में भारत का एक नया Consulate खोला जाएगा।

Friends,

भारत और ऑस्ट्रेलिया की गहरी होती पार्टनरशिप मां भारती में आस्था रखने वाले प्रत्‍येक व्‍यक्ति को सशक्त करेगी। आपके पास टैलेंट है, अपने स्‍किल की ताकत है और साथ ही अपने Cultural Values भी हैं। ये Values आपको ऑस्ट्रेलिया के लोगों के साथ घुल मिलकर रहने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। मैं कल ही पापुआ न्‍यू गिनी से आया हूँ। वहां मैंने स्थानीय भाषा में तमिल साहित्य तिरुक्कुरल के अनुवाद का लोकार्पण किया। ये अनुवाद वहां भारतीय मूल के एक स्थानीय गवर्नर ने किया है। एक जीता जागता उदाहरण है कि कैसे हम विदेश में रहते हुए भी अपनी जड़ों पर गर्व करते रहें, जड़ों से जुड़े रहें। आप भी यहां ऑस्ट्रेलिया में भारतीय संस्कृति की खुशबू फैला रहे हैं। आप ऑस्ट्रेलिया में भारत के Cultural Ambassador हैं, भारत के Brand Ambassadors हैं।

साथियों,

मैं मेरी बात समाप्त करने से पहले आपसे कुछ मांगना चाहता हूँ, देंगे? आवाज ज़रा धीमी हो गई, देंगे? पक्का? प्रॉमिस? मैं आपसे ये मांग रहा हूँ और आपसे आग्रह करूंगा कि आप जब भी भारत आएं, जब भी भारत आएं अपने साथ कोई न कोई ऑस्ट्रेलियाई मित्र और उनके परिवार को भी साथ लेकर के आएं। इससे उन्हें भारत को समझने का, जानने का और ज्यादा बेहतर मौका मिलेगा। आप इतनी बड़ी तादाद में आए, लंबे अरसे के बाद आपको मिलने का मौका मिला, आप सब बहुत स्वस्थ रहिए, खुश रहिए, आनंद से रहिए, एक बार फिर से आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद !

मेरे साथ बोलिए भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

भारत माता की जय !

बहुत बहुत धन्यवाद !

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November 23, 2024
आज महाराष्ट्र ने विकास, सुशासन और सच्चे सामाजिक न्याय की जीत देखी है: पीएम मोदी
महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा को कांग्रेस और उसके सहयोगियों की कुल सीटों से कहीं ज़्यादा सीटें दी हैं: पीएम मोदी
महाराष्ट्र ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह पिछले 50 सालों में किसी भी पार्टी या चुनाव-पूर्व गठबंधन की सबसे बड़ी जीत है: पीएम मोदी
‘एक हैं तो सेफ हैं’ देश का ‘महामंत्र’ बन गया है: पार्टी मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी
महाराष्ट्र देश का छठा राज्य बन गया है जिसने लगातार तीसरी बार भाजपा को जनादेश दिया है: पीएम मोदी

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।