महानुभावों, देवियों और सज्जनों, नमस्कार!
मैं जी-20 शिक्षा मंत्रियों की बैठक के लिए भारत में आपका स्वागत करता हूं। शिक्षा न केवल ऐसी बुनियाद है जिस पर हमारी सभ्यता का निर्माण हुआ है, बल्कि यह मानवता के भविष्य की वास्तुकार भी है। शिक्षा मंत्रियों के रूप में, आप सभी के लिए विकास, शांति और समृद्धि के हमारे प्रयासों में मानव जाति का नेतृत्व करने वाले शेरपा हैं। भारतीय शास्त्रों में शिक्षा की भूमिका का वर्णन आनंद प्रदान करने वाले के रूप में की गई है। विद्या ददाति विनयम् विनायद् याति पात्रताम्। पात्रत्वात् धनमाप्रोन्ति धनाद्धर्मं तत: सुखम्॥ इसका अर्थ है: “सच्चा ज्ञान विनम्रता देता है। विनम्रता से योग्यता आती है, पात्रता से धन की प्राप्ति होती है। संपदा व्यक्ति को अच्छे कार्य करने में सक्षम बनाती है और यही आनंद लाता है। यही कारण है कि भारत में, हमने एक समग्र और व्यापक यात्रा का सूत्रपात किया है। हमारा विश्वास �ఀ है कि मूलभूत साक्षरता हमारे युवाओं के लिए एक मजबूत आधार का निर्माण करती है और हम इसे प्रौद्योगिकी के साथ भी जोड़ रहे हैं। इसके लिए हमने "समझदारी और संख्यात्मकता के साथ पढ़ने में प्रवीणता के लिए राष्ट्रीय पहल" या "निपुण भारत" पहल आरंभ किया है। मुझे प्रसन्नता है कि "मूलभूत साक्षरता और अंक ज्ञान" की आपके समूह द्वारा भी प्राथमिकता के रूप में पहचान की गई है। हमें 2030 तक समयबद्ध तरीके से इस पर काम करने का संकल्प लेना चाहिए।
महानुभावों,
हमारा उद्देश्य बेहतर प्रशासन के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। इसके लिए हमें नई ई-लर्निंग को नवोन्मेषी तरीके से अपनाना और उपयोग करना होगा। भारत में हमने अपनी ओर से कई पहल की है। ऐसा ही एक कार्यक्रम है "युवा आकांक्षी विचारों के लिए सक्रिय-अध्ययन के स्टडी वेब्स", या स्वयं। इस ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म में कक्षा नौ से स्नातकोत्तर स्तर तक के सभी पाठ्यक्रम शामिल हैं। यह छात्रों को सुदूर अध्ययन में सक्षम बनाता है और पहुंच, समानता तथा गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करता है। 34 मिलियन से अधिक नामांकनों और नौ हजार से अधिक पाठ्यक्रमों के साथ यह एक बहुत प्रभावी शिक्षण माध्यम बन गया है। हमारे पास "ज्ञान साझा करने के लिए डिजिटल अवसंरचना" या दीक्षा पोर्टल भी है। यह दूरदराज के क्षेत्रों और नियमित कक्षाओं में भाग लेने में असमर्थ छात्रों के लिए लक्षित है। शिक्षक इसका उपयोग दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से स्कूली शिक्षा देने के लिए करते हैं। यह 29 भारतीय भाषाओं और 7 विदेशी भाषाओं में सीखने में सहायता करता है। इसने 137 मिलियन से अधिक पाठ्यक्रम पूर्ण किए हैं। भारत को इन अनुभवों और संसाधनों को, विशेष रूप से विकासशील देशों, के लोगों के साथ साझा करने में प्रसन्नता होगी ।
महानुभावों,
हमारे युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए, हमें उन्हें लगातार कुशल बनाने, पुन:कुशल बनाने और उनका कौशल निर्माण करने की आवश्यकता है। हमें उनकी दक्षताओं को विकसित होती कार्य रूपरेखाओं और प्रथाओं के साथ संयोजित करने की आवश्यकता है। भारत में हम कौशल मैपिंग का कार्य आरंभ कर रहे हैं। हमारे शिक्षा, कौशल और श्रम मंत्रालय इस पहल पर मिलकर काम कर रहे हैं। जी-20 देश वैश्विक स्तर पर कौशल मैपिंग आरंभ कर सकते हैं और उन कमियों का पता लगा सकते हैं जिन्हें दूर करने की आवश्यकता है।
महानुभावों,
डिजिटल प्रौद्योगिकी एक समकारक (इक्विलाइजर) के रूप में कार्य करती है और समावेशिता को बढ़ावा देती है। यह शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुकूलन में एक शक्ति गुणक यानी फोर्स मल्टीप्लायर है। आज कृत्रिम आसूचना सीखने, कौशल निर्माण और शिक्षा के क्षेत्र में असीम संभावनाएं प्रदान करती है। अवसरों के साथ प्रौद्योगिकी चुनौतियां भी प्रस्तुत करती है। हमें सही संतुलन बनाना होगा। इसमें जी-20 महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
महानुभावों,
भारत में हमने अनुसंधान और नवोन्मेषण पर भी बल दिया है। हमने देशभर में दस हजार "अटल टिंकरिंग लैब्स" की स्थापना की है। ये हमारे स्कूली बच्चों के लिए अनुसंधान और नवोन्मेषण नर्सरी के रूप में कार्य कर रहे हैं। इन प्रयोगशालाओं में 7.5 मिलियन से अधिक छात्र 1.2 मिलियन से अधिक नवोन्मेषी परियोजनाओं पर कार्य कर रहे हैं। अपनी संबंधित शक्तियों के साथ जी-20 देश, विशेष रूप से विकासशील देशों के बीच अनुसंधान और नवोन्मेषण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। मैं आप सभी से अनुसंधान सहयोग बढ़ाने के लिए एक मार्ग बनाने का आग्रह करता हूं।
महानुभावों,
आपकी बैठक हमारे बच्चों और युवाओं के भविष्य के लिए असीम महत्व रखती है। मुझे प्रसन्नता है कि आपके समूह ने सतत विकास लक्ष्यों को अर्जित करने के लिए हरित रूपांतरण, डिजिटल परिवर्तन और महिला सशक्तिकरण की एक्सीलेरेटर के रूप में पहचान की है। इन सभी प्रयासों के मूल में शिक्षा है। मुझे विश्वास है कि यह समूह एक समावेशी, कार्योन्मुखी और भविष्य के लिए तैयार शिक्षा एजेंडा लेकर आएगा। इससे पूरे विश्व को वसुधैव कुटुंबकम - एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की सच्ची भावना का लाभ प्राप्त होगा। मैं आप सभी की सार्थक और सफल बैठक की कामना करता हूं।
धन्यवाद