“चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो, कृषि का क्षेत्र हो या स्वास्थ्य का क्षेत्र हो, इस ट्रस्ट ने हर दिशा में उत्कृष्ट काम किया है”
“पिछले 9 वर्षों में देश में 30 नए कैंसर अस्पताल विकसित किए गए हैं”
“आयुष्मान आरोग्य मंदिर बीमारियों की शुरुआती जांच में अहम भूमिका निभा रहा है”
“गुजरात ने पिछले 20 वर्षों में स्वास्थ्य क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है”

जय मां खोडल।
आज के इस विशेष अवसर पर खोडलधाम की पावन भूमि और मां खोडल के भक्तों से जुड़ना, मेरे लिए बड़े सौभाग्य की बात है। जन कल्याण और सेवा के क्षेत्र में श्री खोडलधाम ट्रस्ट ने आज एक और अहम कदम बढ़ाया है। आज से अमरेली में कैंसर हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर का काम शुरू हो रहा है। अगले कुछ सप्ताह में श्री खोडलधाम ट्रस्ट-कागवड की स्थापना के 14 वर्ष भी पूरे हो रहे हैं। आप सभी को इन आयोजनों की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

मेरे परिवारजनों,

14 वर्ष पहले लेउवा पाटीदार समाज ने सेवा, संस्कार और समर्पण का यही संकल्प लेकर श्री खोडलधाम ट्रस्ट की स्थापना की थी। तब से इस ट्रस्ट ने अपने सेवा कार्यों से लाखों लोगों के जीवन को बदलने का काम किया है। शिक्षा का क्षेत्र हो, कृषि का क्षेत्र हो, स्वास्थ्य का क्षेत्र हो, आपके ट्रस्ट ने हर दिशा में अच्छा करने का लगातार प्रयास किया है। मुझे विश्वास है कि अमरेली में बनने जा रहा कैंसर हॉस्पिटल, सेवा भावना की एक और मिसाल बनेगा। इससे अमरेली समेत सौराष्ट्र के बहुत बड़े क्षेत्र को फायदा होगा।

साथियों,

कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का इलाज किसी भी व्यक्ति और परिवार के लिए बड़ी चुनौती बन जाता है। सरकार का प्रयास है कि कैंसर के उपचार में किसी भी मरीज को मुश्किलें ना आएं। इसी सोच के साथ, पिछले 9 साल में देश में करीब 30 नए कैंसर अस्पताल विकसित किए गए हैं। 10 नए कैंसर अस्पताल पर अभी काम चल रहा है।

साथियों,

कैंसर के इलाज के लिए ये भी बहुत जरूरी है कि कैंसर का सही समय पर पता चल जाए। अक्सर हमारे गांव के लोगों को जब तक कैंसर का पता चलता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है, शरीर में बहुत फैल चुका होता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए ही केंद्र सरकार ने गांवों के स्तर पर डेढ़ लाख से ज्यादा आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनवाए हैं। इन आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में कैंसर समेत कई गंभीर बीमारियों को शुरु में ही पकड़ने पर जोर दिया जा रहा है। जब कैंसर का पहले पता चल जाता है, तो उसके इलाज में डॉक्टरों को भी बहुत मदद मिलती है। केंद्र सरकार के इस प्रयास से, महिलाओं को भी बहुत फायदा हुआ है। सर्वाइकल कैंसर हो, ब्रेस्ट कैंसर हो, इसकी शुरुआती जांच में आयुष्मान आरोग्य मंदिर अहम भूमिका निभा रहे हैं।

साथियों,

पिछले 20 वर्षों में गुजरात ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। आज गुजरात, भारत का बड़ा मेडिकल हब बन रहा है। 2002 तक गुजरात में सिर्फ 11 मेडिकल कॉलेज थे, आज उनकी संख्या बढ़कर 40 हो गई है। 20 सालों में यहां MBBS सीटों की संख्या बढ़कर करीब 5 गुना हुई है। पीजी सीटों की संख्या में भी करीब 3 गुना बढ़ोतरी हुई है। अब तो अपने राजकोट में एम्स भी है। 2002 तक गुजरात में सिर्फ 13 फार्मेसी कॉलेज थे, आज उनकी संख्या 100 के आसपास हो गई है। 20 वर्षों में डिप्लोमा फार्मेसी कॉलेज की संख्या भी 6 से बढ़कर 30 के आसपास पहुंच गई है। गुजरात ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़े सुधार का मॉडल पेश किया है। यहां गांव-गांव में कम्युनिटी हेल्थ सेंटर्स खोले गए। आदिवासी और गरीब इलाकों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई गईं। गुजरात में 108 एंबुलेंस की सुविधा पर लोगों का भरोसा, लगातार मजबूत ही हुआ है।

मेरे परिवारजनों,

देश के विकास के लिए भी आवश्यक है कि देश के लोग स्वस्थ हों, सशक्त हों। खोड़ल माता के आशीर्वाद से आज हमारी सरकार इसी सोच पर चल रही है। गंभीर बीमारी में गरीबों को इलाज की चिंता ना करनी पड़े, इसलिए हमने आयुष्मान भारत योजना शुरू की थी। आज इस योजना की मदद से 6 करोड़ से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती होकर अपना इलाज करा चुके हैं। इसमें बड़ी संख्या कैंसर के मरीजों की भी रही है। अगर आयुष्मान भारत योजना ना होती तो इन गरीबों को एक लाख करोड़ रुपए खर्च करने पड़ते। हमारी सरकार ने 10 हजार जन औषधि केंद्र भी खोले हैं, जहां लोगों को 80 परसेंट डिस्काउंट पर दवाइयां मिल रही हैं। अब सरकार पीएम जनऔषधि केंद्रों की संख्या को बढ़ाकर 25 हजार करने जा रही है। सस्ती दवाइयों की वजह से मरीजों के 30 हजार करोड़ रुपए खर्च होने से बचे हैं। सरकार ने कैंसर की दवाइयों के दाम भी नियंत्रित किए हैं जिनका लाभ अनेकों कैंसर मरीजों को हुआ है।

साथियों,

आप सभी से मेरा इतना पुराना नाता रहा है। मैं जब भी आपके बीच आता हूं, कुछ ना कुछ आग्रह जरूर करता हूं। आज भी मैं आपके सामने अपने आग्रह दोहराना चाहता हूं। ये एक तरह से मेरे 9 आग्रह हैं। और माता का काम हो तब नवरात्री की याद आना स्वाभाविक है, इसलिए मैं कहता हूँ 9 आग्रह हैं। मैं जानता हूं कि आप इनमें से कई क्षेत्रों में पहले से बहुत कुछ कर रहे हैं। लेकिन आपके लिए, आपकी युवा पीढ़ी के लिए, मैं ये 9 आग्रह दोहरा रहा हूं। पहला – पानी की बूंद-बूंद बचाइए और जल संरक्षण के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करिए। दूसरा- गांव-गांव जाकर लोगों को डिजिटल लेन-देन के प्रति जागरूक करिए।तीसरा- अपने गांव, अपने मोहल्ले, अपने शहर को स्वच्छता में नंबर वन बनाने के लिए काम करिए। चौथा- जितना हो सके आप लोकल को, स्थानीय प्रॉडक्ट्स को प्रमोट करिए, मेड इन इंडिया प्रॉडक्ट्स का ही इस्तेमाल करिए। पांचवा- जितना हो सके, पहले अपने देश को देखिए, अपने देश में
घूमिए, अपने देश के पर्यटन को बढ़ावा दीजिए। छठा- प्राकृतिक खेती के प्रति किसानों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करते रहिए। मेरा सातवां आग्रह है- मिलेट्स को, श्री-अन्न को अपने जीवन में शामिल करिए, इसका खूब प्रचार-प्रसार करिए। मेरा आठवां आग्रह है- फिटनेस योग हो, स्पोर्ट्स हो, उसे भी अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाइए। मेरा नवां आग्रह है- किसी भी तरह की ड्रग्स और नशे की लत से बिल्कुल दूर रहिए, इन्हें अपने जीवन से दूर रखिए।

साथियों,

मुझे विश्वास है, आप सब, अपने हर दायित्व को पूरी निष्ठा और सामर्थ्य से पूरा करते रहेंगे। अमरेली में बनने जा रहा कैंसर हॉस्पिटल भी सर्व समाज के कल्याण का उदाहरण बनेगा। मैं लेउवा पाटीदार समाज और श्री खोडलधाम ट्रस्ट को उनके भविष्य के आयोजनों के लिए शुभकामनाएं देता हूं। मां खोडल की कृपा से आप इसी तरह समाज सेवा में जुटे रहें। एक बार फिर आप सभी को मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

लेकिन जाते जाते एक और बात कह दूँ, बुरा मत मानना। आज कल हमारे यहाँ भी इश्वर की कृपा से लक्ष्मी जी का वास हुआ है और मुझे ख़ुशी है। लेकिन विदेश में शादी करना उचित है क्या ? क्या हमारे देश में शादी नहीं हो सकती है? भारत की कितना धन बाहर चला जाता है! आप भी एक वातावरण बनाइये की विदेशों में जाकर के अब ये शादी की बीमारी आ रही है ना, वोह हमारे समाज में नहीं आनी चाहिए। माँ खोडल के चरणों में शादी क्यों न हो। और इसलिए मैं कहता हूँ वेड इन इंडिया। शादी हिंदुस्तान में करो। मेड इन इंडिया वैसे ही वेड इन इंडिया। आप परिवारजन हैं तो बात करने का मन कर जाता है। लम्बी बात नहीं करता हूँ। आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। धन्यवाद। जय मां खोडल!

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PM Modi visits the Indian Arrival Monument
November 21, 2024

Prime Minister visited the Indian Arrival monument at Monument Gardens in Georgetown today. He was accompanied by PM of Guyana Brig (Retd) Mark Phillips. An ensemble of Tassa Drums welcomed Prime Minister as he paid floral tribute at the Arrival Monument. Paying homage at the monument, Prime Minister recalled the struggle and sacrifices of Indian diaspora and their pivotal contribution to preserving and promoting Indian culture and tradition in Guyana. He planted a Bel Patra sapling at the monument.

The monument is a replica of the first ship which arrived in Guyana in 1838 bringing indentured migrants from India. It was gifted by India to the people of Guyana in 1991.