महामहिम,
देवियो और सज्जनो,
नमस्कार!
भारत के 1.4 अरब लोगों की तरफ से भारत में और अपने गृहराज गुजरात में, मैं आप सबका गर्मजोशी से स्वागत करता हूं। आपकी अगवानी करने में मेरे साथ 2.4 मिलियन डॉक्टर, 3.5 मिलियन नर्सें, 1.3 मिलियन पैरामेडिक्स, 1.6 मिलियन फार्मासिस्ट और भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र से जुड़े लाखों अन्य लोग शामिल हैं।
मित्रो,
गांधी जी स्वास्थ्य को इतना महत्वपूर्ण मुद्दा मानते थे कि उन्होंने इस विषय पर ''की टू हेल्थ'' नामक पुस्तक लिखी। । उन्होंने कहा कि स्वस्थ रहने का मतलब है कि व्यक्ति का शरीर और मन एकरस व संतुलित हो, इसका अर्थ है कि स्वास्थ्य, जीवन की महत्वपूर्ण आधारशिला होती है। भारत में संस्कृत की एक उक्ति है-
''आरोग्यं परमं भाग्यं स्वास्थ्यं सर्वार्थसाधनम्''
अर्थात, ''स्वास्थ्य ही परम धन है, और अच्छे स्वास्थ्य से हर कार्य पूरा किया जा सकता है।''
मित्रो,
कोविड महामारी ने हमें स्मरण करा दिया है कि स्वास्थ्य हमारे निर्णयों के केंद्र में होना चाहिए। इसने हमें अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का मूल्य भी दिखाया, चाहे वह दवा और वैक्सीन आपूर्ति में हो, या अपने लोगों को घर वापस लाने में हो। वैक्सीन मैत्री पहल के तहत, भारत ने 100 से अधिक देशों को 300 मिलियन वैक्सीन पहुंचाईं, जिनमें ग्लोबल साउथ के कई देश शामिल हैं। हर स्थिति के लिए तैयार रहना, इस समय की सबसे बड़ी सीख बन गया है। वैश्विक स्वास्थ्य प्रणालियां भी हर स्थिति के लिए तैयार होनी चाहिए। हमें अगली स्वास्थ्य आपात स्थिति को रोकने, तैयारी करने और मुकाबला करने के लिए तत्पर रहना होगा। आज की परस्पर जुड़ी दुनिया में यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। जैसा कि हमने महामारी के दौरान देखा, दुनिया के एक हिस्से में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बहुत कम समय में ही दुनिया के अन्य सभी हिस्सों को प्रभावित कर सकती हैं।
मित्रो,
भारत में हम समग्र और समावेशी दृष्टिकोण अपना रहे हैं। हम स्वास्थ्य अवसंरचना को विस्तार दे रहे हैं, चिकित्सा की पारंपरिक प्रणालियों को बढ़ावा दे रहे हैं और सभी को सस्ती स्वास्थ्य देखभाल प्रदान कर रहे हैं। पूरे विश्व में अंतराष्ट्रीय योग दिवस का मनाया जाना समग्र स्वास्थ्य के लिए सार्वभौमिक आकांक्षा का परिचायक है। इस बार 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। भारत में मिलेट या श्रीअन्न के नाम से लोकप्रिय अनाज के कई स्वास्थ्य लाभ हैं। हमारा मानना है कि समग्र स्वास्थ्य और कल्याण हर किसी की क्षमता बढ़ाने में मदद कर सकता है। गुजरात के जामनगर में विश्व स्वास्थ्य संगठन - ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की स्थापना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जी-20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक के साथ पारंपरिक चिकित्सा पर विश्व स्वास्थ्य संगठन वैश्विक शिखर सम्मेलन के आयोजन से इसकी क्षमता का भरपूर इस्तेमाल करने के प्रयास तेज हो जाएंगे। पारंपरिक औषधि का एक वैश्विक संग्रह तैयार करने के लिए हमें मिलकर प्रयास करना चाहिए।
मित्रो,
स्वास्थ्य और पर्यावरण एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। साफ हवा, सुरक्षित पेयजल, पर्याप्त पोषण और सुरक्षित आश्रय स्वास्थ्य के प्रमुख घटक हैं। मैं जलवायु और स्वास्थ्य पहल की शुरुआत की दिशा में उठाए गए कदमों के लिए आपको बधाई देता हूं। एंटी-माइक्रोबियल रेजिस्टेंस (एएमआर) के खतरे से निपटने के लिए उठाए गए कदम भी सराहनीय हैं। एएमआर, वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य और अब तक की सभी फार्मास्युटिकल प्रगति के लिए गंभीर खतरा है। मुझे इस बात की भी खुशी है कि जी-20 स्वास्थ्य कार्य-समूह ने ''वन हेल्थ'' को प्राथमिकता दी है। ''एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य'' का हमारा विजन संपूर्ण इको प्रणाली में - मनुष्यों, पशुओं, पौधों और पर्यावरण के लिए अच्छे स्वास्थ्य की संकल्पना की गई है। यह एकीकृत दृष्टिकोण किसी को भी पीछे न रहने देने के बारे में गांधी जी के संदेश को व्यक्त करता है।
मित्रो,
स्वास्थ्य पहल की सफलता में सार्वजनिक भागीदारी एक महत्वपूर्ण घटक है। यह हमारे कुष्ठ उन्मूलन अभियान की सफलता का एक मुख्य कारण था। टीबी उन्मूलन पर हमारा महत्वाकांक्षी कार्यक्रम जनभागीदारी को भी प्रोत्साहित करता है। हमने देश के लोगों से नि-क्षय मित्र या ''टीबी उन्मूलन के लिए मित्र'' बनने का आह्वान किया है। इसके तहत लगभग 10 लाख मरीजों को नागरिकों ने गोद लिया है। अब हम टीबी उन्मूलन का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में 2030 के विश्व लक्ष्य से बहुत आगे हैं।
मित्रों
डिजिटल समाधान और नवोन्मेष हमारे प्रयासों को समानता आधारित और समावेशी बनाने के लिए उपयोगी साधन हैं। टेली-मेडिसिन के माध्यम से दूर-दराज के मरीजों को बेहतर देखभाल मिल सकती है। भारत के राष्ट्रीय मंच, ई-संजीवनी ने अब तक 140 मिलियन टेली-स्वास्थ्य परामर्श की सुविधा प्रदान की है। भारत के कोविन प्लेटफॉर्म ने मानव इतिहास में सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को सफलतापूर्वक संचालित किया। इसने वैक्सीन की 2.4 अरब से खुराकों की आपूर्ति की, जिसे विश्व स्तर पर सत्यापित किया जा सकता है। इसके अलावा टीका लगने के तुरंत बाद उसके प्रमाण-पत्र की उपलब्धता का प्रबंधन भी किया। डिजिटल स्वास्थ्य पर वैश्विक पहल, विभिन्न डिजिटल स्वास्थ्य पहलों को एक साझा मंच पर लाएगी। आइये, हम जनकल्यापण के लिए अपने नवाचारों के द्वार खोलें। आइये, हम वित्तपोषण के दोहराव से बचें। आइये, हम प्रौद्योगिकियों की समान उपलब्धता संभव करें। यह पहल ग्लोबल साउथ के देशों को स्वास्थ्य देखभाल आपूर्ति के अंतर को कम करने की सुविधा देगी। यह हमें सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने के हमारे लक्ष्य के एक कदम और करीब ले जाएगा।
मित्रो,
मैं मानवता के लिए एक प्राचीन भारतीय आकांक्षा के साथ अपनी बात समाप्त करता हूं: सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयः अर्थात, 'सभी सुखी रहें, सभी रोगमुक्त हों।' मैं आपकी चर्चा के लिए सफलता की कामना करता हूं।
धन्यवाद!