विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों में नवनियुक्त कर्मियों को लगभग 71,000 नियुक्ति पत्र वितरित किए
"रोजगार मेले, युवाओं के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाते हैं"
"पिछले 9 वर्षों में, सरकार ने भर्ती प्रक्रिया को प्राथमिकता दी है और इसे तेज़, पारदर्शी एवं निष्पक्ष बनाया है"
"रोजगार की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार की नीतियों का निर्माण किया जाता है"
“सरकार ने 9 साल में पूंजीगत व्यय पर लगभग 34 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं और इस साल भी पूंजीगत व्यय के लिए 10 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं”
"आत्मनिर्भर भारत अभियान, देश में विनिर्माण के माध्यम से रोजगार सृजन पर आधारित है"

नमस्‍कार साथियों,

आज 70 हजार से ज्यादा युवाओं को भारत सरकार के विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र मिल रहा है। आप सभी ने कड़ी मेहनत से ये सफलता हासिल की है। मैं आपको और आपके परिवार को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। कुछ ही दिन पहले गुजरात में भी ऐसा ही हजारों लोगों को रोजगार देने वाला रोजगार मेले का आयोजन हुआ था। इसी महीने असम में भी एक बड़े रोजगार मेले का आयोजन किया जा रहा है। भारत सरकार और बीजेपी शासित राज्य सरकारों में इस तरह के रोजगार मेले, युवाओं के प्रति हमारे कमिटमेंट को दर्शाते हैं।

साथियों,

बीते 9 वर्षो में भारत सरकार ने सरकारी भर्ती प्रक्रिया को ज्यादा तेज करने, ज्यादा पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने को भी प्राथमिकता दी है। पहले, Staff Selection Board में आवेदन करना ही बहुत मुश्किल होता था। एक एप्लिकेशन फॉर्म लेने के लिए घंटों लाइन में लगे रहो, डॉक्युमेंट्स को अटेस्ट करवाने के लिए गजेटेड ऑफिसर्स को खोजो, फिर application को डाक द्वारा भेजा जाता था। और इसमें ये भी पता नहीं चलता था कि वो एप्लीकेशन समय पर पहुंची या नहीं पहुंची। जहां पहुंचना था, वहां पहुंची की नहीं पहुंची। आज आवेदन करने से लेकर नतीजे आने तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई है। आज डॉक्यूमेंट को सेल्फ अटेस्ट करना भी पर्याप्त होता है। ग्रुप-C और ग्रुप-D के पदों पर भर्ती के लिए इंटरव्यू भी खत्म हो गए हैं। इन सारे प्रयासों का सबसे बड़ा फायदा ये हुआ है कि भ्रष्टाचार या भाई-भतीजावाद की संभावनाएं खत्म हो गई हैं।

साथियों,

आज का दिन एक और वजह से बहुत विशेष है। 9 साल पहले आज के ही दिन 16 मई को लोकसभा चुनाव के नतीजे आए थे। तब पूरा देश उत्साह, उमंग और विश्वास से झूम उठा था। सबका साथ-सबका विकास के मंत्र के साथ कदम बढ़ाने वाला भारत, आज विकसित भारत बनने के लिए प्रयास कर रहा है। जैसे 9 साल पहले 16 मई को लोकसभा के चुनाव के नतीजे आए थे, वैसे ही आज एक और भी महत्‍वपूर्ण दिन है। आज हमारे एक महत्‍वपूर्ण प्रांत हिमालय की गोद में बसा हुआ सिक्किम प्रांत का भी स्‍थापना दिवस है।

साथियों,

इन 9 वर्षों के दौरान, रोजगार की नई संभावनाओं को केंद्र में रखकर सरकार की नीतियां तैयार की गईं। आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो, ग्रामीण क्षेत्रों का विकास हो, या फिर जीवन से जुड़ी सुविधाओं का विस्तार हो, भारत सरकार की हर योजना, हर नीति, युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बना रही है।

साथियों,

बीते 9 वर्षों में भारत सरकार ने कैपिटल एक्सपेंडिचर पर करीब-करीब 34 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं, मूलभूत सुविधाओं के लिए। इस साल के बजट में भी कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए 10 लाख करोड़ रुपए तय किए गए हैं। इस राशि से देश में नए हाईवे बने हैं, नए एयरपोर्ट, नए रेल रूट, नए पुल अनगिनत ऐसे आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण से भी देश में लाखों नए रोजगार बने हैं। जिस स्पीड और स्केल पर आज भारत काम कर रहा है, यह भी आजादी के 75 साल के इतिहास में अभूतपूर्व है। 70 साल में भारत में सिर्फ 20 हजार किलोमीटर के आसपास रेल लाइनों का Electrification हुआ था। जबकि हमारी सरकार में बीते 9 साल में भारत में करीब-करीब 40 हजार किलोमीटर रेल लाइनों का Electrification हुआ है। 2014 से पहले हमारे देश में हर महीने सिर्फ 600 मीटर नई मेट्रो लाइन बिछाई जा रही थी। आज भारत में हर महीने 6 किलोमीटर उस समय हिसाब मीटर का था, आज हिसाब किलोमीटर का है। 6 किलोमीटर नई मेट्रो लाइन का काम पूरा हो रहा है। 2014 से पहले देश में 4 लाख किलोमीटर से भी कम ग्रामीण सड़कें थीं। आज देश में सवा सात लाख किलोमीटर से भी ज्यादा ग्रामीण सड़कें हैं। यह भी करीब-करीब डबल। 2014 से पहले देश में सिर्फ 74 एयरपोर्ट थे। आज देश में एयरपोर्ट्स की संख्या भी बढ़कर 150 के आस-पास पहुंच रही है। यह भी डबल। बीते 9 वर्षों में देश में गरीबों के लिए जो 4 करोड़ पक्के घर बनाए गए हैं, उन्होंने भी रोजगार के अनेक नए अवसर बनाए हैं। गांव-गांव में खुले 5 लाख कॉमन सर्विस सेंटर, आज रोजगार का बड़ा माध्यम बने हैं, युवाओं को village level entrepreneurs बना रहे हैं। गांवों में 30 हजार से ज्यादा पंचायत भवन बनें हों या फिर 9 करोड़ घरों को पानी के कनेक्शन से जोड़ना, ये सभी अभियान बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा कर रहे हैं। देश में आ रहा विदेशी निवेश हो या फिर भारत से रिकॉर्ड एक्सपोर्ट, ये देश के कोने-कोने में रोजगार के अवसर बना रहे हैं।

साथियों,

बीते 9 वर्षों में Nature of Job में भी बहुत तेजी से बदलाव आया है। बदलती हुई इन परिस्थितियों में युवाओं के लिए नए सेक्टर्स उभर कर आए हैं। केंद्र सरकार इन नए सेक्टर्स को भी निरंतर सपोर्ट कर रही है। इन 9 वर्षों में देश ने स्टार्ट अप कल्चर की नई क्रांति देखी है। 2014 में देश में जहां कुछ सौ स्टार्टअप्स थे, वहीं इनकी संख्या आज एक लाख स्‍टार्टअप्‍स तक पहुंच रही है। और अनुमान ये है कि इन स्टार्टअप्स ने कम से कम 10 लाख युवाओं को रोजगार दिया है।

साथियों,

इन 9 वर्षों में देश ने Cab Aggregators यानि App के जरिए टैक्सी को भारतीय शहरों की नई लाइफलाइन बनते देखा है। इन 9 वर्षों में ऑनलाइन डिलीवरी का एक ऐसा नया सिस्टम तैयार हुआ है, जिसने लाखों युवाओं को रोजगार दिए हैं। इन 9 वर्षों में ड्रोन सेक्टर में नया उछाल आया है। फर्टिलाइजर के छिड़काव से लेकर दवाइयों की सप्लाई तक में ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ रहा है। इन 9 वर्षों में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम भी 60 शहरों से आगे बढ़कर 600 से भी ज्यादा शहरों में पहुंच गया है।

साथियों,

बीते 9 वर्षों में भारत सरकार ने मुद्रा योजना के तहत 23 लाख करोड़ रुपए देश के युवाओं को दिए हैं। इस राशि से किसी ने अपना नया व्यापार-कारोबार शुरू किया है, किसी ने टैक्सी खरीदी है, किसी ने अपनी दुकान का विस्तार किया है। और इनकी संख्या लाखों में नहीं, मैं गर्व से कहता हूं यह संख्‍या आज करोड़ों में है। करीब-करीब 8 से 9 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिन्होंने मुद्रा योजना की मदद से पहली बार अपना स्‍वतंत्र काम शुरू किया है। आज जो आत्मनिर्भर भारत अभियान चल रहा है, उसका भी आधार देश में मैन्यूफैक्चरिंग के माध्यम से रोजगार का निर्माण करना है। PLI स्कीम के तहत केंद्र सरकार मैन्यूफैक्चरिंग के लिए करीब 2 लाख करोड़ रुपए की मदद दे रही है। ये राशि भारत को दुनिया का मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने के साथ ही लाखों युवाओं को रोजगार में भी सहायता करेगी।

साथियों,

भारत के युवाओं के पास अलग-अलग सेक्टर्स में काम करने की स्किल रहनी बहुत जरूरी है। इसके लिए देश में उच्च शिक्षा संस्थानों, कौशल विकास संस्थानों का भी युद्धस्तर पर निर्माण हो रहा है। साल 2014 से 2022 के बीच हर साल एक नया आईआईटी और एक नया आईआईएम तैयार हुआ है। पिछले 9 वर्षों में औसतन हर हफ्ते एक यूनिवर्सिटी और हर दिन, और हर दिन दो कॉलेज खोले गए हैं। हमारी सरकार आने से पहले देश में 720 के आसपास यूनिवर्सिटीज थीं, अब इनकी संख्या बढ़कर 11 सौ से ज्यादा हो गई है। 7 दशकों में देश में सिर्फ 7 एम्स तैयार किए गए थे। पिछले 9 वर्षों में हम 15 नए एम्स बनाने की तरफ बढ़े हैं। इनमें से कई अस्पतालों ने अपनी सेवाएं देनी भी शुरू कर दी हैं। 2014 तक पूरे देश में 400 से भी कम मेडिकल कॉलेज थे। आज इनकी संख्या लगभग 700 हो चुकी है। कॉलेज बढ़े तो स्वाभाविक तौर पर सीटों की संख्या भी बढ़ी है, युवाओं के लिए उच्च शिक्षा की पढ़ाई के अवसर बढ़े हैं। साल 2014 से पहले हमारे देश में MBBS और MD की सीटें सिर्फ 80 हजार के आसपास ही होती थीं। अब देश में MBBS और MD की सीटें बढ़कर 1 लाख 70 हजार से भी ज्यादा हो गई हैं

साथियों,

किसी काम के लिए कौशल का विकास करने में हमारी ITI's ये भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। बीते 9 वर्षों में देश में लगभग हर रोज, एक नई ITI का निर्माण किया गया है। आज देश की करीब 15 हजार ITI's में देश की नई जरूरतों के मुताबिक नए कोर्सेस शुरू किए जा रहे हैं। पीएम कौशल विकास योजना के तहत अब तक सवा करोड़ से ज्यादा युवाओं को स्किल ट्रेनिंग भी दी गई है।

साथियों,

सरकार के इन प्रयासों से कितने ही नए सेक्टर्स में रोजगार के नए अवसर बन रहे हैं। मैं आपको सिर्फ एक उदाहरण देना चाहता हूं, EPFO का। अगर हम वर्ष 2018-19 के बाद के EPFO के Net Payroll के आंकड़ों को ही देखें तो साढ़े चार करोड़ से ज्यादा लोगों को formal jobs मिली हैं। Employee's Provident Fund Organization का जो Payroll Data है, उससे साफ पता चलता है कि भारत में formal jobs में निरंतर वृद्धि हो रही है। Formal jobs में इस वृद्धि के साथ ही देश में स्वरोजगार के मौके भी लगातार बढ़ रहे हैं।

साथियों,

बीते कुछ सप्ताह में जिस तरह की खबरें आईं हैं, वो भारत में industry और investment को लेकर अभूतपूर्व Positivity को दिखाती हैं। कुछ दिन पहले ही मेरी मुलाकात वालमार्ट के CEO से हुई। उन्होंने विश्वास जताया कि उनकी कंपनी अगले 3-4 वर्षों में ही भारत से 80 हजार करोड़ रुपए के सामान का एक्सपोर्ट करने लगेगी। हमारे जो युवा logistics और supply chain sector में काम करना चाहते हैं, ये उनके लिए बहुत बड़ी खबर है। CISCO के CEO ने भी अपनी भारत यात्रा के दौरान मुझे बताया कि वो भारत में बने 8 हजार करोड़ रुपए के Products के एक्सपोर्ट का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। कुछ दिन पहले ही Apple के CEO भी भारत आए थे। भारत के उज्ज्वल भविष्य और खासकर मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग को लेकर वो भी बहुत विश्वास से भरे हुए थे। दुनिया के मशहूर semiconductor company NXP इसके top executives भी हाल ही में मुझसे मिले हैं। वो भारत के semiconductor ecosystem के निर्माण और उसके सामर्थ्य को लेकर बहुत Positive हैं। Foxconn ने भी भारत में अनेक प्रोजेक्ट्स में हजारों करोड़ रुपए का निवेश शुरू कर दिया है। अगले एक सप्ताह में मैं दुनिया की बड़ी कंपनियों के बहुत सारे CEOs से फिर से एक बार मेरा मिलना होने वाला है। वे सभी भारत में निवेश के लिए जोश से भरे हुए हैं। ये सारी बातें, ये सारे प्रयास, दर्शाते हैं कि भारत में अलग-अलग सेक्टर्स में कितनी तेजी से रोजगार के नए अवसर बन रहे हैं।

साथियों,

देश में चल रहे विकास के इस महायज्ञ में, इतने बड़े परिवर्तनों में अब आपकी सीधी भूमिका होगी। अगले 25 वर्षों में आपको अपने दायित्वों को पूरा करने के साथ-साथ विकसित भारत के संकल्पों को भी साकार करना है। मेरा आप सबसे आग्रह है कि इस अवसर का भरपूर उपयोग करें। आज से आपके जीवन में सीखने का भी एक नया दौर शुरू हो रहा है। सरकार का बहुत जोर अपने कर्मचारियों के नए स्किल डेवलपमेंट पर भी है। इसी को ध्यान में रखते हुए online learning platform, iGoT कर्मयोगी शुरू किया गया है। इस प्लेटफॉर्म पर कई तरह के कोर्सेज उपलब्ध हैं। आप उनका पूरा उपयोग करें। आपकी क्षमता जितनी बढ़ेगी, उतना आपके कार्य पर सकारात्‍मक प्रभाव पड़ेगा। और क्षमतावान लोगों के कारण कार्य पर जो सकारात्‍मक प्रभाव होता है, उसका प्रभाव देश की सभी गतिविधियों में सकारात्‍मकता को गति देता है। आज इस महत्‍वपूर्ण अवसर पर, आपके जीवन के एक बहुत महत्‍वपूर्ण पड़ाव पर मैं एक बार फिर आपको तो बधाई देता ही देता हूँ, आपकी नई यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं। साथ-साथ आपके परिजनों को भी, आपके परिवारजनों को भी, क्‍योंकि उन्‍होंने भी आपको बड़ी आशा, अपेक्षा और उमंग के साथ जीवन में आगे बढ़ने के लिए बहुत कुछ दिया है। आज उनको भी मैं अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। आपके उज्ज्वल भविष्‍य के लिए प्रार्थना करते हुए फिर एक बार बहुत-बहुत धन्‍यवाद

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।