बीजेडी सरकार बीते 25 सालों में ओडिशा को गरीबी से बाहर नहीं निकाल पाई: बरगढ़ में पीएम मोदी
यहां किसानों की उपज के समर्थन मूल्य का एक हिस्सा बीजेडी के बिचौलियों की जेब में चला जाता है: बरगढ़ में पीएम मोदी

भारत माता की..

भारत माता की..

भारत माता की..

जय जगन्नाथ..

जय जगन्नाथ..

जय मां समलेश्वरी।

एथि उपस्थति समस्त मान्यगण्य व्यक्ति नकु मोरा नमस्कार, जोहार। इस पवित्र भूमि के इष्टदेव नरसिंहनाथ को नमन करता हूं। माधो सिंह जी और गंगाधर मेहर जी की इस पावन धरती ने मुझे बहुत प्यार दिया है। आज भी इतना विराट जनसागर हमें आशीर्वाद देने आया है। यहां धनुजात्रा का उत्सव तो सदियों में होता है, लेकिन आज भी उत्साह उससे कम नहीं है।

भाइयों और बहनों,

25 साल में एक पूरी पीढ़ी जवान हो जाती है। वो अपना नया जीवन शुरू कर देती है। लेकिन BJD की सरकार इन 25 सालों में ओडिशा को गरीबी से बाहर नहीं निकाल पायी। आज पूरे ओडिशा में BJD के नेताओं के खिलाफ बहुत गुस्सा है। लोग एक ही बात कहते हैं- केते दिन सहिबो ओडिशा? केते दिन सहिबो ओडिशा? केते दिन सहिबो ओडिशा?

साथियों,

आज मैं यहां आपसे डबल आशीर्वाद मांगने आया हूं। डबल आशीर्वाद चाहिए, मिलेगा न? जरा पूरी ताकत से बताओ, तो पता चले। मिलेगा? डबल आशीर्वाद मिलेगा? बरगढ़ से श्री प्रदीप पुरोहित जी और संबलपुर से धर्मेंद्र प्रधान जी को भारी बहुमत से जिताकर लोकसभा भेजना है और दूसरा आशीर्वाद हमारे तमाम साथी विधायक (सारे विधायक और संसद के कैडिंडेट दोनों आगे आ जायें) ये जो बाकी जो हमारे विधानसभा के उम्मीदवार हैं उन सबको जिताकर भुवनेश्वर में सरकार बनानी है। ( मैं एक- दो मिनट इनके बीच जाकर के फिर वापस आता हूं) और आप जब इन सबको जिताएंगे तो ओडिशा में डबल इंजन सरकार बनेगी।

भाइयों-बहनों,

देश के कई भागों में तीन चरण में मतदान हुआ है और मैं आज बड़ी जिम्मेवारी के साथ और बहुत ही विश्वास के साथ और जनता- जनार्दन ने जो विश्वास दिए हैं, उस आशीर्वाद के ताकत के भरोसे साफ- साफ देख रहा हूं कि 4 जून को एनडीए का चार सौ पार करना पक्का हो चुका है। इतना ही नहीं, कांग्रेस पार्टी मान्य विपक्ष भी नहीं बन पाएगी। उसके लिए उनके शहजादे की उम्र से भी कम सीटें मिलने वाली हैं।

साथियों,

आप सभी जानते हैं कि BJD सरकार यहां कैसे विकास कार्यों में नाकाम हो चुकी है? आप मुझे बताइये, ये बीजेडी सरकार कौन चला रहा है भाई? ये बीजेडी सरकार कौन चला रहा है? कौन चला रहा है? आपको मालूम है न? पूरी सरकार आउटसोर्स कर दी है। यहां पर डेमोक्रेटिकली चुने हुए विधायक और विधायकों ने चुने हुए मुख्यमंत्री इन सबके ऊपर एक सुपर सीएम बन गए हैं। क्या आप चाहते हैं कि जिसको ओडिशा की समझ नहीं है ऐसे हाथों में ओडिशा जाना चाहिए? ऐसे हाथों में ओडिशा जाना चाहिए? ओडिशा को बचाने की जिम्मेवारी किसकी? ओडिशा को बचाने की जिम्मेवारी किसकी? ओडिशा को बचाने की जिम्मेवारी किसकी?

भाइयों-बहनों,

मैं आपके पास भाजपा के स्वार्थ के लिए नहीं आया हूं मैं आपके पास गिड़गिड़ा रहा हूं हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहा हूं कि मेरे ओडिशा को बचाइये ओडिशा बर्बाद हो रहा है। इतना महान राज्य, इतनी महान संस्कृति, इतनी महान परंपरा, 25 साल बर्बाद हो गए और पिछले पांच साल में तो पूरी तरह ओडिशा पर बाहरी लोगों ने कब्जा किया है और इसलिए आप मुझे बताइए भाइयों ओडिशा के बेटे- बेटी, ओडिशा का नेतृत्व करने योग्य है कि नहीं है? ओडिशा की धरती पर जन्में हुए लोग ओडिशा का भला कर सकते हैं कि नहीं कर सकते हैं? ओडिशा की परंपरा को जानने वाले, ओडिशा का भला कर सकते हैं कि नही कर सकते हैं?

भाइयो-बहनों,

मैं तो गुजरात में रहता हूं मेरे वहां बहुत ओडिशा के लोग हैं उनका जो सामर्थ्य मैंने देखा है न, उनकी जो क्षमता देखी है, उनकी जो प्रतिभा देखी है मैं कभी- कभी सोचता हूं कि ऐसे प्रतिभावान लोग जिस ओडिशा के पास हों, धन संपदा अपार हो, प्राकृत संपदा अपार हो, वो मेरा ओडिशा गरीब क्यों है? यहां के लोग सामान्य सुविधाओं के लिए तड़प क्यों रहे हैं? और उसका एक ही कारण है, अब सरकार चुने हुए लोग नहीं चलाते हैं, आज सरकार चलाने का काम और लोगों के हाथ में आउटसोर्स हो गया है। अगर आप चाहते हैं कि ओडिशा की बागडोर, यहां की मिट्टी के बेटे या बेटी के पास रहे, तो आपको भाजपा के सभी विधायकों को, सभी कैडिंडेट को आपको चुनाव जिताना होगा। जितायेंगे?

साथियों,

मैंने पहले ही घोषणा की है 4 जून बीजेडी सरकार की एक्सपायरी डेट है और 10 जून को आपको भुवनेश्वर आने का निमंत्रण देने आया हूं। 10 जून को आप सब को भुवनेश्वर आने का निमंत्रण देने आया हूं, क्यों मालूम है? क्यों? भुवनेश्वर में क्या काम है? भुवनेश्वर में 10 जून को भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री का शपथ समारोह होने वाला है और मेरी गारंटी है भाजपा ओडिशा की मिट्टी में रमा हुआ, ओडिशा की मिट्टी में पैदा हुआ, ओडिशा की मिट्टी में पला- बढ़ा, ओडिशा की संस्कृति को जीने वाला उड़िया बेटा या बेटी ही मुख्यमंत्री बनेगी।

भाइयों और बहनों,

हमारा ये क्षेत्र किसानों की, कुशल बुनकरों की धरती है। प्रकृति ने भी यहां सबकुछ दिया है, जो समृद्धि के लिए ज़रूरी होता है, वो सब मेरे ओडिशा के पास है। लेकिन BJD की सरकार ने भातहांडी को खाली कर दिया है। सबकुछ BJD के नेताओं की तिजोरी में चला गया है। यहां कानून- व्यवस्था चरमराई हुई है। दिन- दहाड़े मंत्री तक की हत्या हो जाती है। नशे के तस्करों ने, ड्रग माफियाओं ने हमारे नौजवानों को बर्बाद कर दिया है। आप मुझे बताइये? ओडिशा को बर्बाद करने वाली ऐसी BJD सरकार को एक पल भी ओडिशा में राज करने का हक है क्या? हक है क्या? उनको हटाना चाहिए कि नहीं हटाना चाहिए? कौन हटाएगा? कौन हटाएगा? कौन हटाएगा? ये आपका संकल्प है? ये आपका संकल्प है? अगर ओडिशा के लोग संकल्प करेंगे एक मिनट ये सरकार नहीं रह सकती है और इसलिए मैं कहता हूं, ओडिशा में जहां- जहां गया हूं लोगों के संकल्प को देखा है तब जाकर मैं कहता हूं कि BJD सरकार की एक्सपायरी डेट आ चुकी है।

साथियों,

आज सुबह ही मैंने श्री जगन्नाथ मंदिर के प्रबंधन से जुड़ा एक संवेदनशील मसला, एक संवेदनशील विषय, देश के सामने और ओडिशा के नागरिकों के सामने रखा है। जगन्नाथ जी मंदिर के श्रीरत्न भंडार की चाबियां, पिछले 6 साल से गायब है। श्रीरत्न भंडार में अकूत धन-दौलत है, लेकिन उसकी सही स्थिति सामने नहीं आ रही है। ओडिशा सरकार, श्रीरत्न भंडार की जांच रिपोर्ट को सामने नहीं आने दे रही है। आखिर ओडिशा सरकार किसका हित साध रही है?

भाइयों और बहनों,

गांव का, किसानों का जीवन बेहतर करने के लिए मोदी दिन-रात परिश्रम करता है। आपने तो देखा है, 10 साल पहले किसानों को यूरिया के लिए कितनी परेशानी होती थी। आज यूरिया और दूसरी खाद के लिए कोई परेशानी नहीं होती। पुरानी सरकारों की नीतियों के कारण, तालचेर सहित अनेक खाद कारखाने बंद हो गए थे। भाजपा सरकार ने ऐसे यूरिया कारखाने फिर से शुरू किये हैं। तालचेर में भी तेज़ गति से काम चल रहा है। दुनिया में यूरिया की जो बोरी 3 हज़ार रुपए में बिकती है, वो आपको मोदी सरकार 300 रुपए से भी कम कीमत में देती है। किसानों को सस्ती खाद मिले, सिर्फ इसके लिए ही मोदी सरकार ने 12 लाख करोड़ रुपए किसानों के लिए खर्च किए हैं।

साथियों,

मोदी ने दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना शुरू की है। ( बेटी आप बैठिए, आपलोग कब तक खड़े रहोगे, बैठो, बैठो बेटा। आपने बढ़िया चित्र बनाया है, मैं आपका आभारी हूं, आप बैठिए। आप लोग बैठिए। अच्छा एसपीजी के लोग जरा ये चित्र ले लीजिए इन बच्चों से, आप लोग कब से मैं आया हूं तब से ऐसे ही हाथ करके खड़े हैं। थक जायेंगे। पीछे अपना नाम, पता लिख देना। नाम, पता लिख देना। आपका इतना आशीर्वाद, प्यार परमात्मा आपको शक्ति दें। भगवान जगन्नाथ आपको शक्ति दें।)

साथियों,

छोटे किसानों को अपना धान रखने के लिए गोदाम मिले। जब बाज़ार में सही कीमत मिले, तब वो अपना धान बेच सके, ये सुविधा हम बना रहे हैं। ( आपका प्यार, आपके प्यार के लिए मैं आपका आभारी हूं जी। वो दूर वाला भी चाहता है वहां से वो नीचे रखो भाइयों ये मैं ये कहां करता रहूंगा। फिर तो सभा में कुछ बोल ही नहीं पाऊंगा। आपका प्यार मेरे सर आंखों पर। लेकिन आप हाथ नीचे करिये आप थक जाओगे भाई मुझे मन में चिंता होती है। ये छोटे- छोटे बच्चे ये अपना हाथ ऐसे खड़ा करके, आप हाथ नीचे कीजिए मैंने देख लिया है भाई। अपने शरीर को कष्ट क्यों देते हो जी।)

 

साथियों,

यहां बड़गढ़ में किसानों के खाते में पीएम किसान सम्मान निधि के भी 400 करोड़ रुपए पहुंचे हैं। भाइयों और बहनों, लेकिन दुर्भाग्य है कि BJD सरकार आपको धोखा देने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। यहां 2 हजार 200 रुपए के आसपास धान का समर्थन मूल्य है। लेकिन किसान को 1हजार 600 या 1 हजार 700 रुपए तक ही मिलते हैं बाकी का पैसा कहां जाता है भाई? कोई न कोई तो मारता है ना? कोई-कोई तो पैसे चोरी करता है ना। BJD के बिचौलियों की जेब में ये पैसा चला जाता है। ये भ्रष्टाचार जरा मुझे बताइये, ये भ्रष्टाचार रुकना चाहिए कि नहीं रूकना चाहिए? ये भ्रष्टाचार रुकना चाहिए कि नहीं रूकना चाहिए? ओडिशा भाजपा ने घोषणा की है कि धान का समर्थन मूल्य 3 हजार 100 रुपए किया जाएगा। इतना ही नहीं, धान खरीदने के 48 घंटे में उसके खाते में पैसा भी पहुंच जाएगा। अब ये सुनकर आप लोग खुश तो हो गए, मेरा एक काम करोगे? ऐसा नहीं, बोलो करोगे? ये मातायें- बहनें मेरा एक काम करेंगी? जरा हाथ ऊपर करके बताइये, सब करेंगे? आपके इस इलाके में, दोनों लोकसभा सीट के इलाके में और सभी एमएलए के इलाके में जितने भी किसान हैं उन सबको जा करके बताओगे कि मोदी जी ने कहा है कि 3 हजार 100 रूपया मिलेगा। बताओगे? यहां आनंद करने से काम नहीं चलेगा भाई, मुझे किसान के घर में आनंद चाहिए और यही गारंटी, छत्तीसगढ़ में भाजपा ने दी थी। वहां छत्तीसगढ़ के धान किसानों की खरीद इसी एमएसपी पर हुई और पैसा उनके खाते में जमा भी हो गया।

भाइयों और बहनों,

यहां अनेक साथी टेक्सटाइल के काम से जुड़े हैं। हमारे बुनकर भाई- बहन मेड इन इंडिया के भी शिल्पकार हैं। संबलपुरी साड़ियां, ये तो नाम दुनियाभर में है। हम हथकरघा को, हमारे टेक्सटाइल सेक्टर पर विशेष बल दे रहे हैं। भाजपा सरकार, टेक्सटाइल इंस्टीट्यूट्स में पढ़ाई के लिए बुनकरों के बच्चों को 2 लाख रुपए तक की स्कॉलरशिप दे रही है। पिछले 10 वर्षों में 600 से अधिक हैंडलूम क्लस्टर विकसित किए गए हैं। इनमें अब तक हज़ारों बुनकरों की ट्रेनिंग हो चुकी है। बुनकरों को नई मशीनें, नए उपकरण दिए जा रहे हैं। हथकरघा बुनकरों को रियायती दरों पर कच्चा माल यानी धागा दिया जाता है। कच्चे माल को लाने का खर्च भी सरकार वहन करती है। इसके अलावा श्रमिकों को करघे और वर्कशेड भी दिया जा रहा है। मुद्रा योजना के माध्यम से भी बुनकरों को बिना गारंटी का ऋण मिलता है। ओडिशा भाजपा ने 3 इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क स्थापित करने की घोषणा की है। बुनकरों और हथकरघा श्रमिकों को सम्मान निधि देने की भी घोषणा की है। ये सब मैं आपके लिए क्यों कर रहा हूं? क्योंकि मैं आप ही की तरह गरीबी से निकलकर आया हूं। गरीब की जरूरतों को मैं समझ पाता हूं। आपका दुख-दर्द, आपकी जरूरतें अगर मोदी नहीं समझेगा तो कौन समझेगा?

भाइयों और बहनों,

आज़ादी के अनेक दशकों तक आदिवासी क्षेत्रों को विकास से वंचित रखा गया। आदिवासियों को आर्थिक और राजनीतिक सिस्टम से दूर रखा गया। लेकिन 10 वर्षों में हमने आदिवासी बच्चों उनके सच्चे सशक्तिकरण पर बल दिया है। 10 सालों में जनजातीय कल्याण का बजट 5 गुणा बढ़ाया है। भगवान बिरसा मुंडा के जन्म दिवस को भाजपा सरकार ने ही जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया। सबसे पिछड़ी जनजातियों के लिए 24 हज़ार करोड़ रुपए की योजना भी मोदी ने ही बनाई है।

साथियों,

क्या आपने कभी कल्पना भी की थी कि आदिवासी समाज की एक बेटी, देश की राष्ट्रपति होगी? ओडिशा की आदिवासी बेटी आज देश की तीनों सेनाओं को कमान करती है। राष्ट्र का नाम बढ़ा रही है। राष्ट्रपति पद की शोभा बढ़ा रही है। ये काम किसने किया? ये काम किसने किया? द्रौपदी जी को राष्ट्रपति बनाने का काम किसने किया? किसने किया? किसने किया? अरे, मोदी ने नहीं किया, ये आपके एक वोट ने किया है। आपने वोट दिया, मोदी को सेवा करने का मौका मिला और तब जा करके द्रौपदी मूर्मू जी देश की राष्ट्रपति बनीं। ये आपके वोट की ताकत है, जब द्रौपदी मूर्मू जी ओडिशा की हैं, इसी मिट्टी से निकली है जब वो राष्ट्रपति बनीं तो आपको गर्व हुआ कि नहीं हुआ? ओडिशा का मान- सम्मान बढ़ा कि नहीं बढ़ा? माताओं- बहनों का मान- सम्मान बढ़ा कि नहीं बढ़ा। लेकिन कांग्रेस और उसके सहयोगी आज तक इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं, वो लगातार आदिवासी बेटी का अपमान कर रहे हैं। आपको पता होगा अभी चार- छह दिन पहले हमारी राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू जी, अयोध्या में प्रभु रामलला के दर्शन करने गई थीं। उन्होंने प्रभु रामलला के गर्भ गृह में जाकर के पूजा- अर्चना की और उन्होंने देश के कल्याण के लिए राम लला से आशीर्वाद मांगें, लेकिन उनका अपमान करना, प्रभु राम का अपमान करना, राम मंदिर का अपमान करना, ये जिन्होंने ठान कर रखी है ये कांग्रेस के नेता क्या कह रहे हैं, ये कांग्रेस के नेता कह रहे हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा द्रौपदी मूर्मू जी का राम लला के दर्शन करने के लिए जाना, मंदिर में पूजा- अर्चना करना, एक आदिवासी बेटी और देश की राष्ट्रपति राम लला के दर्शन करके आयीं उसके दूसरे दिन कांग्रेस पार्टी के एक बड़े नेता ने घोषणा की कि अब हम राम मंदिर को गंगा जल से धो करके राम मंदिर का शुद्धिकरण करेंगे। मुझे बताइये ये देश का अपमान है कि नहीं है। ये देश का अपमान है कि नहीं है? ये आदिवासी समाज का अपमान है कि नहीं है? ये माताओं- बहनों का अपमान है कि नहीं है? मेरे देश की आदिवासी की बेटी, मेरे देश की राष्ट्रपति रामलला के दर्शन करने जाए, मंदिर में पूजा- अर्चना करे और दूसरे दिन कांग्रेस घोषणा करें कि अब हम राम मंदिर का शुद्धिकरण करेंगे। भाइयों-बहनों, ऐसे लोगों को भारत की राजनीति में रहने का हक है क्या? मैं ओडिशा के लोगों से पूछूंगा, क्या ऐसी कांग्रेस और उसके साथियों को सजा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? मैं चाहता हूं राष्ट्रपति द्रोपदी मूर्मू जी का अपमान करने वाली कांग्रेस को चाहे अंसबेली की सीट हो या चाहे लोकसभा की, इतना बड़ा पाप उन्होंने किया है, सभी सीटों पर उनकी जमानत जब्त होनी चाहिए, इसके बिना ये सुधरेंगे नहीं।

और साथियों,

आपको कांग्रेस से लगातार सावधान रहना है। कांग्रेस संविधान बदलना चाहती है, SC/ST/OBC का आरक्षण छीनना चाहती है और छीन करके अपने वोट बैंक को देना चाहती है, लेकिन आज जब संविधान के सर्वोच्च पद पर एक आदिवासी बेटी बैठी है और पिछड़े परिवार में पैदा हुआ ये प्रधानसेवक आपका ये बेटा बैठा है तो किसी की ताकत नहीं है कि संविधान की पीठ में छुरा भोंक सके। किसी की ताकत नहीं है संविधान को हाथ लगा सके, SC/ST/OBC का हक मोदी किसी को भी उसे नहीं छीनने देगा, ये मोदी की गांरटी है। और कांग्रेस और उसके सारे चट्टे- बट्टे, ये कांग्रेस और उसके सारे चट्टे- बट्टे, उनके शहजादे जरा कान खोलकर के सुन लो, (33.16-33.35 ओडिशा) और ये शहजादे अभी संविधान को माथे पर रखके नाच रहे हैं न, जरा देश जानना चाहता है क्या भारत की सरकार संविधान के कोख से जन्म लेती है कि नहीं लेती है? जब भारत की सरकार संविधान के कोख से जन्म लेती है तो भारत सरकार की कैबिनेट इस संविधान की कोख से पैदा होती है कि नहीं होती है? भारत सरकार की कैबिनेट को संविधान के द्वारा अधिकार मिले हैं कि नहीं मिले हैं? भारत सरकार की कैबिनेट डॉ. मनमोहन सिंह जी की कैबिनेट, जो संविधान ने बनायी है उस कैबिनेट ने एक फैसला लिया और ये शाहजादे ने पत्रकार परिषद बुला करके उस कैबिनेट के फैसले के टुकड़े- टुकड़े कर दिए थे। ये टुकड़े कागज के नहीं थे, ये टुकड़े संविधान के थे। ये टुकड़े भारत के संविधान की भावना के थे। ये देश संविधान के टुकड़े- टुकड़े करने वाले, ये शहजादे को कभी माफ नहीं कर सकती है।

साथियों,

रेल हो, रोड हो, एयरपोर्ट हो या अस्पताल, भाजपा विकास के लिए दिन- रात मेहनत करती है। झारसुगुड़ा के वीर सुरेंद्र साई एयरपोर्ट से कितनी सुविधा हुई है, ये हम देख रहे हैं। रोड और रेल के ऐसे तमाम प्रोजेक्ट 4 जून के बाद तेज़ी से पूरे होंगे।

साथियों,

आपको भारी संख्या में मतदान करना है। हर बूथ पर कमल के निशान पर बटन दबाना है और जब आप इन सबको कमल से वोट देंगे, जब कमल के निशान पर बटन दबायेंगे न, तो आपका वोट सीधा- सीधा मोदी के खाते में जाएगा। मोदी को मजबूती मिलेगी, तो आप ज्यादा से ज्यादा मतदान करायेंगे? सारे पोलिंग बूथ जीतेंगे? अच्छा मेरा एक काम करेंगे ? जरा हाथ ऊपर करके बताइये तो बताऊं, मेरा काम करेंगे? सब लोग मेरा काम करेंगे? हर कोई करेगा? अच्छा यहां से फिर ज्यादा से ज्यादा परिवारों से मिलने जाइये और सबको जाकर के कहना मोदी जी आए थे, मोदी जी ने आपको जय जगन्नाथ कहा है, मोदी जी ने आपको नमस्कार कहा है। मोदी जी ने आपको जोहार कहा है। इतना करोगे? मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की,

भारत माता की,

भारत माता की,

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।