कांग्रेस का इरादा ओबीसी का आरक्षण छीन कर अपने खास पसंद वालों को देने का है: पीएम मोदी
2024 का चुनाव, देश को एक हजार वर्ष की गुलामी की मानसिकता से मुक्त करने का चुनाव है: पीएम मोदी

बदायूं और बरेली वालों को राम-राम!

सबसे पहले तो मुझे यहां पहुंचने में विलंब हुआ, इतनी गर्मी में आप सबको इंतजार करना पड़ा। आपको जो तकलीफ हुई, उसके लिए मैं आप सबकी क्षमा चाहता हूं। यह जो स्नेह, यह जो प्यार आप मुझ पर, मेरे इन साथियों पर बरसाते हैं यही मेरी पूंजी है। यह आपका प्यार ही मेरे जीवन की ऊर्जा है। विशेष रूप से माताएं-बहनें इतनी विशाल संख्या में यहां आई हैं। मोदी आपकी सेवा में जीवन के पल-पल और शरीर का कण-कण आपकी सेवा के लिए खपाने के लिए निकला हुआ है। मैं कश्मीर से कन्याकुमारी, हिंदुस्तान के अनेक राज्यों में चुनाव भ्रमण के लिए गया। जनसभाओं का संबोधन करने का अवसर मिला और हिंदुस्तान के हर कोने से एक ही आवाज आ रही है- फिर एक बार, मोदी सरकार! फिर एक बार, मोदी सरकार! फिर एक बार, मोदी सरकार!

भाइयों और बहनों,

मैं एक प्रार्थना करूं आप मेरी बात ध्यान से सुनोगे। मुझे जवाब दीजिए। मैं एक प्रार्थना करूं, आप मेरी बात ध्यान से सुनोगे। देखिए, इस जगह बहुत छोटी पड़ गई और इसलिए आप में से कुछ लोग आगे आने की कोशिश कर रहे हैं। कृपा करके आप जहां है, वहीं खड़े रहिए। अब जगह नहीं है। अब जगह नहीं है, आप आगे नहीं आ पाएंगे और आपको असुविधा के लिए फिर से क्षमा मांगता हूं। पर आप वही शांति से, मेरे पास जितना समय है। मेरी बात मुझे कहने का मौका दीजिए। आपका प्यार मेरे सर आंखों पर। आपका आशीर्वाद यह मेरे लिए ऊर्जा है। मेरी बात मानोगे। बोलिए भारत माता की जय!

भाइयों और बहनों,

कहा जाता है जितनी मजबूत नींव उतना ही मजबूत घर। इसी सोच के साथ आज भाजपा विकसित भारत के लिए गरीब, किसान, युवा और नारीशक्ति को सशक्त कर रही है। यह भाजपा है, जिसने बहनों को बिजली, नल से जल, शौचालय, सस्ते गैस कनेक्शन ऐसे अनेक रोजमर्रा की आवश्यकताएं यह दिया है। यह भाजपा है, जिसने मुफ्त राशन की योजना चलाई, ताकि किसी मां के बच्चे को भूखे सोने की नौबत ना आए। हमने मुफ्त इलाज की योजना चलाई, ताकि बहनों को अपनी बीमारी न छुपानी पड़े। अब तो मोदी ने देश के हर परिवार के बुजुर्गों के लिए मुफ्त इलाज की गारंटी दी है और मेरी आपसे विनती है। आप जब लोगों को मिलने जाए ना, तो हर परिवार में 70 साल से ज्यादा आयु के बुजुर्ग है, उनको बताइए अगर बीमारी में जो खर्चा आपके बेटे को करना पड़ता था, वह खर्चा अब दिल्ली में जो आपका बेटा बैठा है ना, वो करेगा। यह बता देंगे। हर बुजुर्ग को बता देंगे। 70 साल से ऊपर की उम्र का कोई भी बुजुर्ग अब उनके इलाज का खर्चा, उनके परिवार के लोगों के सिर पर नहीं पड़ेगा, यह जिम्मेवारी मोदी की रहेगी। जब से पीएम-आवास के ज्यादातर घर देश की करोड़ों बहनों के नाम हुए हैं, तब से उनकी आर्थिक शक्ति कई गुना बढ़ गई है।

साथियों,

आने वाले 5 साल देश की नारीशक्ति का जीवन और अधिक शक्तिशाली बनाने वाला होगा। हम खेत में ड्रोन से लेकर इसरो में, जहां से चंद्रयान चलते हैं, नारीशक्ति का विस्तार देखेंगे। आने वाले समय में 3 करोड़ ग्रामीण बहनों को हम लखपति दीदी बनते देखेंगे और ये मोदी की गारंटी है।

साथियों,

हमारे योगी जी और उनकी पूरी टीम उत्तर प्रदेश में जो मेहनत कर रही है, उस मेहनत से आज यूपी की पहचान नए अवसरों की धरती के तौर पर बन रही है। योगी जी के नेतृत्व में यूपी का भाग्य बदल रहा है और यूपी के सांसद के नाते मेरे लिए भी ये गर्व का विषय है। यहां तो नैनो यूरिया की इतनी बड़ी फैक्ट्री है। ऐसे अनेक कारखाने यहां लग रहे हैं। पहले आपका हक का पैसा भ्रष्टाचारी लूट लेते थे। आज देखिए, बरेली और बदायूं के किसानों को ही पीएम किसान सम्मान निधि से 600 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। ऐसे काम तब होता है, जब विकास सबसे ऊपर होता है। सर्वोपरि होता है।

भाइयों और बहनों,

चौबीस का ये चुनाव 1000 वर्ष की गुलामी की मानसिकता से देश को पूरी तरह से मुक्त करने का चुनाव है। यह चुनाव भारत के स्वाभिमान को नई बुलंदी देने वाला चुनाव है। आप जरा याद कीजिए, 10 साल पहले तक सपा और कांग्रेस यह दोनों लोग क्या कहते थे। हमें चिड़ाने के लिए आए दिन कहते थे। ये भाजपा वाले बड़ी-बड़ी बातें करते हैं और कहते हैं मंदिर वहीं बनाएंगे। फिर वो मजाक उड़ाते थे, मंदिर वहीं बताएंगे, तारीख नहीं बताएंगे। ऐसी गाली देते थे कि नहीं देते थे। ऐसी गाली देते थे कि नहीं देते थे और मैं चुपचाप सब गाली सहता था। चुपचाप सहता था। आपके आशीर्वाद से हमने मंदिर भी बनवाया। प्रभु रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा भी हो गई। हुई कि नहीं हुई। हमने तारीख भी बताई। टाइम भी बताया। जगह भी बताई और जाकर के निमंत्रण भी दिया। लो भाई, यह जगह है, तारीख है, समय है। आओ प्रभु राम के प्राण-प्रतिष्ठा का इतना बड़ा अवसर, लेकिन उनका अहंकार इतना था। ये अपनेआप को प्रभु राम से भी बड़े मानते हैं और इन लोगों ने सपा और कांग्रेस दोनों ने इतना बड़ा पवित्र काम, राम मंदिर का निमंत्रण उनको घर जा कर के दिया गया था। उस निमंत्रण को उन्होंने ठुकरा दिया। क्यों? एक ही गणित था कि अगर मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को स्वीकार किया तो उनका वोट बैंक नाराज हो जाएगा। राम ही नहीं, बल्कि इन्होंने हमारे श्याम को भी नहीं छोड़ा। आप जानते हैं कि हमारे भगवान श्री कृष्ण, उन्होंने प्राचीन द्वारका नगरी समुंदर के पास गुजरात में बनाई थी और वो वहीं आकर रहे थे। और पुरातत्वविदों का कहना है कि भगवान श्रीकृष्ण वाली द्वारिका है वो उस किसी जमाने में पानी में डूब गई। वो पानी के नीचे है तो मैं बड़ी श्रद्धा के साथ समंदर में गया। बहुत नीचे गया। प्रभु श्री राम की, प्रभु श्री कृष्ण के उस द्वारिका के उन पत्थरों को स्पर्श करके आशीर्वाद लेने के लिए मैं वहां गया। लेकिन कांग्रेस के शहजादे ने उसका भी मजाक उड़ाया और मैं तो हैरान हूं यह उत्तर प्रदेश में सपा के ठेकेदार जो खुद को यदुवंशी बताते हैं, जो यदुवंशी कहते हैं, ऐसे सपा के परिवारवादी वो भी ये श्री कृष्ण की मजाक उड़ाने वालों की, बेइज्जती करने वालों की आरती उतार रहे हैं। इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है।


भाइयों और बहनों,

सपा कांग्रेस का इंडी गठबंधन तुष्टिकरण लिए किसी भी हद तक जा सकता है। आप देखिए, आजकल समाजवादी पार्टी के साथ दोस्ती की कसम खाई कांग्रेस के खतरनाक इरादों से पूरे देश में हंगामा मचा है। कांग्रेस का ये खतरनाक पंजा फिर देश के लोगों का हक छीनने वाला है। आपका हक छीनने वाला है। कांग्रेस का इरादा है, ओबीसी जातियों को मिलने वाला आरक्षण छीनकर उनका हिस्सा उनके जो खास पसंद की वोट बैंक है, वो खास पसंद की वोट बैंक को दिया जाएगा। आपका हक छीन लिया जाएगा। वोट बैंक की राजनीति मजबूत करने के लिए किया जाएगा। कांग्रेस पार्टी के इन इरादों पर समाजवादी पार्टी के शहजादे ने चुप्पी साध रखी। इन सारी बातों को समाजवादी पार्टी का पूरा-पूरा समर्थन है। आपको याद होगा, यहां यूपी में ही 2012 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यूपीए सरकार ने धर्म के आधार पर आरक्षण देने का प्रयास किया था। उस समय उनकी कोशिशें सफल नहीं हुईं, लेकिन अब यह लोग मिलकर फिर से धर्म के आधार पर आरक्षण देने में जुट गए हैं।

साथियों,

कल से देश में एक नया नारा चर्चा में आया है और नया नारा मैं बताऊं, बताऊं, बताऊं। आप याद रखोगे। और यह बहुत, हम सबके लिए चिंता वाला नारा है। क्या चर्चा चल रही है, कांग्रेस की लूट, कांग्रेस की लूट, जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी। इसका मतलब है कांग्रेस चाहती है कि आपकी संपत्ति की जांच कराई जाए। आपकी संपत्ति का सर्वे कराया जाए। एक्सरे निकाला जाए, एक्सरे। आपके पास कितना सोना है। कितने गहने हैं। कितने रुपए हैं। कितने वाहन है। गाड़ी कितनी। ट्रैक्टर कितना। साइकिल है कि नहीं है। सारा सर्वे किया जाए और फिर इसके बाद कांग्रेस का इरादा है आपकी संपत्ति को भी छीनकर वो अपने चहेती वोट बैंक को मजबूत करने के लिए वहां दे देंगे।

इतना ही नहीं कांग्रेस चाहती है, आपने जो संपत्ति अपने बच्चों के लिए जुटाई है और आप चाहते हैं कि मरने के बाद अपने संतानों को कुछ देकर के जाएं और इसलिए आप बचत करते हैं अब कांग्रेस वालों ने घोषणा की है कि मृत्यु के बाद ये जो आपकी संपत्ति है, उसमें से सब आपके संतानों को नहीं मिलेगी। आधे से ज्यादा संपत्ति ये सपा-कांग्रेस की सरकारें जप्त कर लेंगी। टैक्स ऐसा लगाएंगे कि वह संपत्ति जप्त हो जाएगी। यानी आपने चार कमरों का घर बनाया हो तो उसमें से दो कमरे कांग्रेस-सपा सरकार दबोच लेगी। आपके पास 10 बीघा का खेत है तो उसमें से पांच बीघा आपके बेटे-बेटियों को मिलेगा। पांच बीघा ये दबोच लेगी, कांग्रेस और एसपी की सरकार। और यह किसको बांटेंगे। यह सब लूट करके अपनी वोट बैंक को बांटेंगे। बताइए, यहां भी जितनी माताएं-बहनें हैं, आप भी अपने बेटी-बेटे के लिए, पोते पोती के लिए, नाती-नातिन के लिए कुछ ना कुछ जुटा रहीं होंगी। इकट्ठा करती होगी। पोता बड़ा होगा तो उसको दूंगी। पोती बड़ी होगी तो उसको दूंगी। हमारे यहां हर परिवार में हर पीढ़ी के लोग अपनी दूसरी पीढ़ी को कुछ न कुछ देने के लिए बचाते रहते हैं। लेकिन, अब आपकी इस बचत पर कांग्रेस की बुरी नजर पड़ गई है। कांग्रेस और सपा वालों ने तय किया है कि विदेश में ऐसा होता है, तो यहां भी करेंगे। विदेश में तो महिलाएं मंगलसूत्र क्या होता है वो भी उनको पता नहीं है, भाई। ये मंगलसूत्र छीनने की बात करते हैं। क्या कोई मां-बहन इस देश में मंगलसूत्र छीनने देगी क्या। मंगल सूत्र छीनने देगी क्या। आप विदेशों का हवाला देते हैं। उनकी अपनी दुनिया अपने परिवार हैं। दरअसल, इन लोगों की नीयत ठीक नहीं है। दो शहजादों की जोड़ी भी देखिए कैसी है। सपा के शहजादे की जब सकार थी, तब यहां कर्फ्यू लगते थे। माताएं-बहनें गहने पहनकर, मंगलसूत्र पहन करके खुलेआम नहीं निकलती थीं। मंगलसूत्र छिपा के रखना पड़ता था और कांग्रेस के शहजादे अब एक्सरे मशीन लगाकर, यह जो स्त्री धन है। उसको भी, मंगलसूत्र को भी छीनने की घोषणा कर रहें हैं।

और साथियों

सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि कांग्रेस का इरादा संस्थाओं का दफ्तरों का भी सर्वे कराने का है। यानी अगर किसी पिछड़े दलित परिवार में दो लोग नौकरी में है तो एक नौकरी छीनकर यह लोग उनको देंगे, जिनका कांग्रेस के मुताबिक देश के संसाधनों पर पहला हक है और इसलिए भाइयों बहनों यह चुनाव भले है, लेकिन उससे भी गंभीर मुद्दा है जिस पर सतर्क रहने की जरूरत है। हम किसी भी हालत में आपके हक को छीनने नहीं देंगे।

भाइयों और बहनों,

इंडी गठबंधन के नेता इसलिए वोट मांग रहे हैं, ताकि धर्म आधारित आरक्षण देने के लिए संविधान बदल सकें। और मैं 400 सीटें इसलिए मांग रहा हूं, ताकि प्रदेशों में जो उन्होंने खेल शुरू किया है यह धर्म के आधार पर आरक्षण देकर के SC-ST-OBC आरक्षण लूटने का उन्होंने मन में मंसूबा रखा है, उसको हमेशा-हमेशा ताला लगाने के लिए मुझे 400 सीट की जरूरत है भाइयों। आपकी रक्षा के लिए मुझे 400 सीट चाहिए। आपके हक को कोई छीन ना ले, इसलिए मुझे 400 सीट की जरूरत है। मैं यूपी के OBC समाज अपने सभी कुर्मी भाई-बहन, यादव भाई-बहन, मोर्या-कुशवाहा भाई बहन, जाट-गुर्जर भाई-बहन, राजभर तेली पाल समाज, ये सबको गारंटी दे रहा हूं। मैं आरक्षण का आपका अधिकार कभी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस को छीनने नहीं दूंगा। और ये मोदी की गारंटी है।

भाइयों और बहनों,

कांग्रेस हो या समाजवादी पार्टी यह सिर्फ अपने परिवार का ही सोच सकती है। इन लोगों के लिए अपना परिवार ही सब कुछ है। आप इनके लिए कोई मायने नहीं रखते। आप खुद देख रहे हैं, यहां यूपी में सपा को अपने परिवार के बाहर का एक भी यादव ऐसा नहीं मिला, जिसे वो टिकट दे सके। यहां बदायूं हो, मैनपुरी हो, कन्नौज हो, आजमगढ़ हो, फिरोजाबाद हो सब जगह एक ही परिवार के सदस्यों को टिकट मिला है। ऐसे लोग हमेशा सिर्फ अपने परिवार का ही भला करेंगे। परिवार के बाहर का कोई भी व्यक्ति हो, इनके लिए कोई मायना नहीं रखता।

भाइयों और बहनों,

मजबूत भारत के लिए SC-ST-OBC और महिलाओं के हक की सुरक्षा के लिए आपको हर बूथ पर कमल खिलाना है। खिलाएंगे। घर-घर जाएंगे। मतदाताओं को जगाएंगे। मेरी बात पहुंचाएंगे। ज्यादा से ज्यादा मतदान करवाएंगे। देखिए, आंवला से मेरे पुराने साथी धर्मेंद्र कश्यप जी और बदायूं से हमारे साथी दुर्विजय शाक्य जी को दिया हुआ आपका एक-एक वोट मोदी को जाएगा। आपका वोट आप कमल पर बटन दबाएंगे ना, तो सीधा-सीधा मोदी को जाएगा और इसलिए 7 मई को कितनी ही गर्मी क्यों ना हो, पहले मतदान फिर जलपान। यह घर-घर जाकर आग्रह करना है। मेरी तरफ से हाथ जोड़कर बताएगा कि मोदी जी ने आपको राम-राम कहा है। मेरे साथ बोलिए

भारत माता की जय!
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भारत माता की जय!
बहुत-बहुत धन्यवाद!

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!