Quoteप्रधानमंत्री ने गुजरात सरकार के जी-सफल और जी-मैत्री कार्यक्रमों का शुरूआत की
Quoteमहिलाओं का आशीर्वाद मेरी शक्ति, पूंजी और सुरक्षा कवच है: प्रधानमंत्री
Quoteभारत अब महिला-नेतृत्व वाले विकास मार्ग पर चल रहा है: प्रधानमंत्री
Quoteहमारी सरकार महिलाओं के लिए ‘सम्मान’ और ‘सुविधा’ को सर्वोच्च महत्व देती है: प्रधानमंत्री
Quoteग्रामीण भारत की आत्मा ग्रामीण महिलाओं के सशक्तीकरण में निहित है: प्रधानमंत्री
Quoteनारी शक्ति हर भय और शंका को पार करते हुए आगे बढ़ रही है: प्रधानमंत्री
Quoteपिछले एक दशक में हमने महिला सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है: प्रधानमंत्री

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र भाई पटेल जी, नवसारी के सांसद और केंद्र सरकार में मेरे साथी, केंद्रीय मंत्री भाई सी आर पाटिल, मंच पर उपस्थित पंचायत के सदस्यगण और लखपति दीदीयों, अन्य जनप्रतिनिधिगण और यहां बड़ी संख्या में आए, विशेषकर के मेरी माताएं-बहनें और बेटियां, आप सभी को नमस्कार!

कुछ दिन पहले महाकुंभ में मां गंगा का आशीर्वाद मिला था। और आज मातृशक्ति के इस महाकुंभ में मुझे आशीर्वाद मिला है। महाकुंभ में माता गंगा के आशीर्वाद मिले और आज मातृशक्ति के इस महाकुंभ में आप सभी माताओं–बहनों के आशीर्वाद मिले। आज महिला दिवस का ये दिन, गुजरात की मेरी मातृभूमि और इतनी बड़ी संख्या में आप सब माताओं-बहनों-बेटियों की उपस्थिति, इस विशेष दिन आपके इस प्यार, स्नेह और आशीर्वाद के लिए मैं मातृशक्ति को सर झुकाकर नमन करता हूं। गुजरात की इस धरती से मैं सभी देशवासियों को, देश की सभी माताओं-बहनों को, महिला दिवस की शुभकामनाएं भी देता हूं। आज यहां गुजरात सफल और गुजरात मैत्री, इन दो योजनाओं का शुभारंभ भी हुआ है। अनेक योजनाओं के पैसे भी महिलाओं के बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर किए गए हैं। मैं इसके लिए भी आप सभी को बधाई देता हूं।

साथियों,

आज का दिन महिलाओं को समर्पित है, हम सबके लिए महिलाओं से प्रेरणा प्राप्त करने का दिवस है, महिलाओं से कुछ सीखने का दिवस है और आज के इस पवित्र दिवस पर, मैं आप सभी का अभिनंदन भी करता हूं, आभार भी व्यक्त करता हूं। आज इस दिन मैं गर्व से कह सकता हूं कि मैं दुनिया का सबसे धनवान व्यक्ति हूं। जब मैं कहता हूं ना, मैं दुनिया का सबसे धनवान व्यक्ति हूं, मैं जानता हूं कई लोगों के कान खड़े हो जाएंगे, आज पूरी ट्रोल सेना मैदान में उतर जाएगी, लेकिन मैं फिर भी दोहराऊंगा कि मैं दुनिया का सबसे धनवान व्यक्ति हूं। मेरी जिंदगी के एकाउंट में करोड़ों माताओं-बहनों-बेटियों का आशीर्वाद है और ये आशीर्वाद निरंतर बढ़ता जा रहा है। और इसलिए मैं कहता हूं, मैं दुनिया का सबसे धनवान व्यक्ति हूं। माताओं-बहनों और बेटियों का ये आशीर्वाद मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा है, सबसे बड़ी ताकत है, सबसे बड़ी पूंजी है, मेरा सुरक्षा कवच है।

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साथियों,

हमारे यहां शास्त्रों में नारी को नारायणी कहा गया है। नारी का सम्मान, यही समाज और देश के विकास की पहली सीढ़ी होती है। इसलिए विकसित भारत बनाने के लिए, भारत के तेज विकास के लिए, आज भारत विमेन लेड डेवलपमेंट की राह पर चल पड़ा है। हमारी सरकार महिलाओं के जीवन में सम्मान और सुविधा दोनों को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। हमने करोड़ों महिलाओं के लिए शौचालय बनवाकर उनका सम्मान बढ़ाया, और मेरी उत्तर प्रदेश की काशी की बहनें तो अब शौचालय शब्द का प्रयोग नहीं करती हैं, वो कहती हैं ये तो मोदी जी ने इज्जत घर बनाया है। हमने करोड़ों महिलाओं के बैंक खाते खुलवाकर उन्हें बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ा, हमने उज्ज्वला सिलेंडर देकर उन्हें धुएं जैसी तकलीफों से भी बचाया। कामकाजी महिलाओं को पहले गर्भावस्था में सिर्फ 12 हफ्ते की छुट्टी मिलती थी। सरकार ने इसे भी बढ़ाकर 26 हफ्ते कर दिया। तीन तलाक के खिलाफ कानून की हमारी मुस्लिम बहनें वर्षों से डिमांड कर रही थीं। तीन तलाक के खिलाफ सख्त कानून बनाकर हमारी सरकार ने लाखों मुस्लिम बहनों का जीवन तबाह होने से बचाया है। जब कश्मीर में आर्टिकल 370 लागू था, तो वहां की बहनें-बेटियां कई अधिकारों से वंचित थीं। अगर वो राज्य के बाहर किसी से शादी कर लेती थीं, तो पुश्तैनी संपत्ति पाने का उनका अधिकार छिन जाता था। आर्टिकल 370 की दीवार गिरने के बाद जम्मू-कश्मीर में भी महिलाओं को वो सारे अधिकार मिले हैं, जो भारत की बेटियों को, बहनों को मिलते हैं। भारत का हिस्सा होने के बावजूद भी मेरी माताएं-बहनें-बेटियां कश्मीर में उससे वंचित थी और संविधान का ढोल पीटने वाले लोग आंखें बंद कर करके बैठे थे। महिलाओं का अन्याय उनके लिए चिंता का विषय नहीं था। संविधान का सम्मान कैसे होता है, ये मोदी ने धारा 370 हटाकर के देश के चरणों में समर्पित कर दिया।

साथियों,

आज समाज के स्तर पर, सरकार के स्तर पर, बड़ी-बड़ी संस्थाओं में महिलाओं के लिए ज्यादा से ज्यादा अवसर बन रहे हैं। राजनीति का मैदान हो या खेल का मैदान, न्यायपालिका हो या फिर पुलिस, देश के हर सेक्टर में, हर क्षेत्र में, हर आयाम में महिलाओं का परचम लहरा रहा है। 2014 के बाद से देश के महत्वपूर्ण पदों पर महिलाओं की भागीदारी बहुत तेजी से बढ़ी है। 2014 के बाद ही, केंद्र सरकार में सबसे ज्यादा महिला मंत्री बनीं। संसद में भी महिलाओं की मौजूदगी में बड़ा इजाफा हुआ। 2019 में पहली बार हमारी संसद में 78 महिला सांसद चुन कर आई थीं। 18वीं लोकसभा में, यानी इस बार भी, 74 महिला सांसद लोकसभा का हिस्सा हैं। हमारी अदालतों में, न्यायपालिका में भी महिलाओं की भागीदारी उतनी ही बढ़ी है। जिला न्यायालयों में महिलाओं की उपस्थिति 35 प्रतिशत से ज्यादा पहुँच गई है। कई राज्यों में सिविल जज के तौर पर नई भर्तियों में 50 प्रतिशत या उससे ज्यादा हमारी बेटियाँ ही चुनकर आई हैं।

आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप ecosystem है। इनमें से करीब-करीब आधे स्टार्टअप्स में कोई ना कोई महिला निदेशक की भूमिका में है। भारत अन्तरिक्ष में, स्पेस साइन्स में अनंत ऊंचाइयों को छू रहा है। वहाँ भी, ज्यादातर बड़े मिशन को महिला वैज्ञानिकों की टीम लीड कर रही है। हम सबको ये देखकर गर्व होता है कि आज दुनिया में सबसे बड़ी संख्या में महिला पायलट हमारे भारत में हैं। हम यहां नवसारी के इस आयोजन में भी नारीशक्ति के सामर्थ्य को देख सकते हैं। इस आयोजन की पूरी जिम्मेदारी महिलाओं ने संभाली है। इतने बड़े आयोजन की सुरक्षा में जो पुलिसकर्मी और ऑफिसर्स तैनात हैं, वे सब की सब महिलाएं ही हैं। कॉन्सटेबल, इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, डीएसपी से लेकर वरिष्ठ ऑफिसर्स तक यहां की सुरक्षा व्यवस्था महिलाएं ही संभाल रही हैं। ये नारीशक्ति के सामर्थ्य का ही उदाहरण है। अभी कुछ देर पहले मैं यहां स्वयं सहायता समूह से जुड़ी, आप में से ही, कुछ बहनों से बात भी कर रहा था। मेरी बहनों के वो शब्द, आप सबका ये उत्साह, ये आत्मविश्वास, ये दिखा रहा है कि भारत की नारीशक्ति का सामर्थ्य क्या है! ये दिखा रहा है कि भारत की नारीशक्ति ने कैसे देश की प्रगति की बागडोर थाम ली है। मैं आप सभी से मिलता हूं, तो मेरा ये भरोसा और पक्का हो जाता है कि विकसित भारत का संकल्प अब पूरा होकर ही रहेगा। और इस संकल्प की सिद्धि में हमारी नारीशक्ति की सबसे बड़ी भूमिका होगी।

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माताओं-बहनों,

हमारा गुजरात तो women led development, यानी महिलाओं के नेतृत्व में विकास का बड़ा उदाहरण है। गुजरात ने देश को सहकारिता का सफल मॉडल दिया। स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी आप सब बहनें जानती हैं, गुजरात का सहकार मॉडल यहां की महिलाओं के श्रम और सामर्थ्य से ही विकसित हुआ है। अमूल की चर्चा तो आज पूरी दुनिया में है। गुजरात के गाँव-गाँव से लाखों महिलाओं ने दुग्ध उत्पादन को एक क्रांति बना दिया। गुजरात की बहनों ने न केवल खुद को आर्थिक रूप से सक्षम बनाया, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई ताकत दी। गुजराती महिलाओं ने ही लिज्जत पापड़ की भी शुरुआत की। आज लिज्जत पापड़ अपने आप में सैकड़ों करोड़ रुपए का एक ब्रैंड बन गया है।

माताओं-बहनों,

मुझे याद है, जब मैं यहां मुख्यमंत्री के रूप में आपकी सेवा में था, तब हमारी सरकार ने बहनों-बेटियों के हितों को ध्यान में रखते हुए चिरंजीवी योजना, बेटी बचाओ अभियान, ममता दिवस, कन्या केलवणी रथ यात्रा, कुँवरबाई नु मामेरु, सात फेरा समूह लग्न योजना, अभयम हेल्पलाइन, ऐसे कितने ही काम किए थे। जब नीतियाँ सही होती हैं, तो नारी का सामर्थ्य कैसे बढ़ता है, गुजरात ने ये पूरे देश को दिखाया है। जैसे अभी मैंने दुग्ध सहकारिता की बात की! डेयरी के काम से जुड़ी इन्हीं महिलाओं के लोगों के खातों में गुजरात ने इसकी शुरुआत की। पहले ऐसा नहीं था, या तो कैश दिया जाता था या दूधवाला पैसे ले जाता था। हमने तभी तय कर लिया था कि डेयरी से दूध के पैसै बहनों के खाते में ही जमा होंगे, कोई भी उसे हाथ नहीं लगा सकता, और सीधे पैसे बहनों के खातों में ट्रान्सफर करना शुरू किया। आज उसी तरह देश के करोड़ों लाभार्थियों के खातों में कितनी ही योजनाओं का पैसा सीधा उनके खाते में पहुँच रहा है। Direct Benefit Transfer, DBT के जरिए हजारों करोड़ रुपए के घोटाले बंद हुये, गरीबों को मदद मिल रही है।

साथियों,

गुजरात में ही, भुज भूकंप के बाद जब घरों का पुनर्निर्माण हुआ, तो हमारी सरकार ने वो घर भी महिलाओं के नाम कर दिए थे। यानि जब से हमने ये परंपरा शुरू की कि कि सरकार द्वारा बनाए गए मकान अब बहनों के नाम पर ही मिलेंगे और आज पूरे देश में जो पीएम आवास योजना चल रही है, वह सारी बातें देश भर में लागू हुई हैं। इतना ही नहीं बच्चे जब स्कूल में दाखिला लेते हैं, तब उनके पीछे बाप का नाम ही होता था, मैंने तय किया नहीं मां का नाम भी होना चाहिए। 2014 के बाद से अब तक करीब 3 करोड़ महिलाएं घर की मालकिन बन चुकी हैं।

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साथियों,

आज पूरी दुनिया में जल जीवन मिशन की भी बड़ी चर्चा है। जल जीवन मिशन के जरिए आज देश के गाँव-गाँव में पानी पहुँच रहा है। पिछले 5 साल में ही लाखों गांवों के साढ़े 15 करोड़ घरों तक पाइप से पानी पहुंचाया गया है। इतने बड़े मिशन की सफलता में महिला पानी समितियों, महिलाओं की पानी समितियां हमने गुजरात में शुरू की। अब वह पूरे देश में चल रही है। पानी समितियों ने बड़ी भूमिका निभाई है। यह महिला पानी समितियों का ये मॉडल भी गुजरात ने ही दिया है। आज यही मॉडल पूरे देश में पानी के संकट को हल कर रहा है।

साथियों,

जब हम पानी की समस्या के समाधान की बात करते हैं, तो पानी को बचाना, यानी जल संरक्षण भी उतना ही जरूरी हो जाता है। आज देश भर में एक अभियान चलाया जा रहा है- Catch the rain! बूंद-बूंद पानी को पकड़ो, Catch the rain का मतलब है, जहां बारिश का पानी गिरे, उसे व्यर्थ नहीं जाने देना। गांव की सीमा का पानी गाँव में ही और घर का पानी घर में, उस पानी का संरक्षण करना! और मुझे खुशी है कि आज ये अभियान हमारे नवसारी के सांसद, सी आर पाटिल जी के नेतृत्व में देश भर में आगे बढ़ रहा है। और मुझे बताया गया है कि नवसारी की आप सभी बहनों ने भी इस दिशा में बहुत अच्छा काम किया है। बारिश के पानी को बचाने के लिए नवसारी में तालाब, चेक डैम, बोरवेल रीचार्ज, कम्यूनिटी सोक पिट जैसे 5 हजार से ज्यादा निर्माण पूरे किए जा चुके हैं। एक जिले में ये बहुत बड़ी बात है। अभी भी जल संरक्षण से जुड़े सैकड़ों कार्य नवसारी में चल रहे हैं। अभी सी आर मुझे बता रहे थे, पिछले दो-तीन दिन में ही 1100 और काम हो चुके हैं। आज भी एक ही दिन में एक हजार पर्कोलेशन पिट बनाने का काम किया जाना है। नवसारी जिला रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, यानी जल संरक्षण में गुजरात के सबसे आगे रहने वाले जिलों में से एक है। मैं इस उपलब्धि के लिए नवसारी की माताओं-बहनों-बेटियों को विशेष तौर पर बधाई देता हूँ। आज मैं देख रहा था, एक ही जिले से यह लाखों माताओं का महाकुंभ और मैं देख रहा था कि जब बेटा घर आता है तो मां का चेहरा कैसे खिल उठता है। ऐसे सब के चेहरे आज खिल उठे हैं और यह तो वो बेटा है, जिसे आपने तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाया है, आप के आशीर्वाद से बना है और इसलिए, बेटा घर आये और मां का चेहरा खिल उठे, ऐसे आज यहां हरेक मां के चेहरे पर यह संतोष, यह आनंद और यह आशीर्वाद के भाव मेरे जीवन को धन्य बना रहा है।

साथियों,

गुजरात की महिलाओं का सामर्थ्य, गुजरात के उदाहरण किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं हैं। यहां पंचायत चुनावों में 50 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई है। जब आपने मुझे प्रधानसेवक के तौर पर दिल्ली भेजा, तो उसी अनुभव को, उसी प्रतिबद्धता को मैं देश में लेकर के गया। जब देश को नई संसद मिली, तो हमने सबसे पहला बिल नारी शक्ति के लिए पास किया। यह संसद का जो भवन बना है, उसमें हमने पहला काम किया, बहनों के लिए और यही, माताओं और बहनों के प्रति मोदी की समर्पण भावना को दर्शाता है। और आप जानती हैं, नारी शक्ति वंदन अधिनियम से जुड़ी हुई सबसे गर्व की बात क्या है? एक सामान्य पृष्ठभूमि, एक आदिवासी परिवार से आने वाली हमारी राष्ट्रपति जी ने इस बिल पर मुहर लगाई, मंजूरी दी है। वो दिन दूर नहीं, जब आप में से कोई सांसद या विधायक बनकर ऐसे ही मंच पर बैठा होगा।

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साथियों,

गांधी जी कहते थे- देश की आत्मा ग्रामीण भारत में बसती है। आज मैं इसमें एक पंक्ति और जोड़ता हूं। ग्रामीण भारत की आत्मा, ग्रामीण नारी के सशक्तिकरण में बसती है। इसीलिए, हमारी सरकार ने महिलाओं के अधिकारों को और महिलाओं के लिए नए अवसरों को बड़ी प्राथमिकता दी है। आज भारत दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ी economy बन चुका है। देश की इस आर्थिक प्रगति की जो नींव है, वो आप जैसी करोड़ों महिलाओं ने ही रखी है। इसमें ग्रामीण अर्थव्यवस्था और महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की अहम भूमिका है। आज देश की 10 करोड़ से ज्यादा महिलाएं 90 लाख से ज्यादा सेल्फ हेल्प ग्रुप्स चला रही हैं, स्वयं सहायता समूह। इनमें से 3 लाख से ज्यादा सेल्फ हेल्प ग्रुप्स अकेले गुजरात में काम कर रहे हैं। हमने देश की आर्थिक प्रगति के लिए इन करोड़ों महिलाओं की आमदनी बढ़ाने का संकल्प लिया है। हम इन बहनों को लखपति दीदी बना रहे हैं। करीब डेढ़ करोड़ महिलाएं ऐसी हैं, जो लखपति दीदी बन चुकी हैं। अगले 5 वर्षों में हम कुल 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का संकल्प लेकर चल रहे हैं। और जिस तेजी से बहनें काम कर रहीं हैं, उससे तो लगता है, शायद हमें इतना इंतजार भी नहीं करना पड़ेगा, उसके पहले ही हो जाएगा।

माताओं-बहनों,

जब हमारी एक बहन लखपति दीदी बनती हैं, तो पूरे परिवार का भाग्य बदल जाता है। महिलाएं अपने काम में गाँव की दूसरी महिलाओं को भी जोड़ती हैं। और मेरा तो विश्वास है जिस काम को माताएं-बहनें हाथ लगाती हैं ना, उस काम का गर्व भी बढ़ जाता है। धीरे-धीरे घर से शुरू हुआ काम एक आर्थिक आंदोलन बन जाता है। सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के इसी सामर्थ्य को निखारने के लिए बीते 10 वर्षों में हमारी सरकार ने इसके बजट को 5 गुना बढ़ा दिया। इन स्वयं सहायता समूहों को 20 लाख रुपए तक का बिना गारंटी का लोन दिया जा रहा है, 20 लाख रुपया और वो भी कोई गारंटी नहीं, बिना गारंटी के मिलता है। सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं को नए कौशल और नई तकनीक से जुड़ने के रास्ते भी दिए जा रहे हैं।

साथियों,

आज देश की नारीशक्ति, हर आशंका को परास्त करके, हर संदेह को पीछे छोड़कर, आगे बढ़ रही है। जब हमने ड्रोन दीदी योजना शुरू की, तो कई लोगों को आशंका थी। उन्हें, ड्रोन जैसी आधुनिक टेक्नॉलजी और ग्रामीण महिलाओं के बीच तालमेल होने पर ही संदेह था। उनको लगता था नहीं-नहीं ये कैसे कर सकती हैं। लेकिन मुझे अपनी बहनों, बेटियों की प्रतिभा और लगन पर पूरा भरोसा था। आज, नमो ड्रोन दीदी अभियान से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में, खेती में नई क्रांति हो रही है और इस क्रांति का नेतृत्व करने वाली बहनों को लाखों रुपए की आय हो रही है, पूरे गांव में उनका सम्मान बदल जाता है। घर, परिवार, रिश्तेदार, गांव, बड़े गर्व के साथ पायलट दीदी को देख रहे हैं, ड्रोन दीदी को देख रहे हैं। इसी तरह, बैंक सखी और बीमा सखी जैसी योजनाओं ने गांवों में महिलाओं को नए अवसर दिए हैं। ग्रामीण बहनों के सशक्तिकरण के लिए कृषि सखी और पशु सखी अभियान शुरु किए गए हैं। इनसे लाखों बहनें जुड़ी हैं, उनकी आय बढ़ रही है।

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बहनों-बेटियों,

सरकार के ऐसे सारे प्रयासों का ज्यादा से ज्यादा लाभ गुजरात की महिलाओं तक पहुंचे, इसके लिए गुजरात सरकार ने 10 लाख और महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का अभियान शुरू कर दिया है। मैं इसके लिए भूपेंद्र भाई को, गुजरात सरकार को शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

मैंने लाल किले से प्रधानमंत्री के बाद जब पहली बार मुझे लाल किले पर से देश को संबोधन करने का अवसर मिला था और मेरे पहले संबोधन में, मैंने चिंता व्यक्त की थी और मैंने कहा था कि जब बेटी शाम को अगर देर से घर आती है, तो मां और बाप दोनों उसे नोच लेते हैं, कहां गई थी? क्यों देर से आई? कहां थी?सैंकड़ों सवाल पूछते हैं। और मैंने सवाल उठाया था, कि बेटियां अगर बाहर से देर से आ जाए तो सैंकड़ों सवाल तो पूछ लेते हो, लेकिन क्या कभी बेटा देर रात घर आता है, तो कभी उसको भी तो पूछा करो, बेटे कहां गए थे तुम? किसके पास थे? क्या कर रहे थे?

महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकने के लिए, एक बेहतर समाज बनाने के लिए ये बहुत ज़रूरी है। बीते दशक में हमने महिला सुरक्षा को बहुत बड़ी प्राथमिकता दी है। उनके खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकने के लिए नियम-कानूनों को हमने और सख्त बनाया है। महिलाओं के खिलाफ गंभीर अपराधों की तेजी से सुनवाई हो, दोषियों को तेजी से सज़ा हो, इसके लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट्स का गठन किया गया। अभी तक ऐसी करीब 800 कोर्ट्स, देशभर में स्वीकृत की गई हैं और इनमें से ज्यादातर ने काम करना शुरू कर दिया है। इनमें रेप और पॉक्सो से जुड़े करीब 3 लाख केस तेजी से निपटाए गए हैं। बहनों और बच्चों के साथ जुड़े ऐसे तीन लाख केसों पर फैसले निपटाए गए हैं। ये हमारी सरकार है, जिसने रेप जैसे संगीन अपराध में बलात्कारी को, हमने आ कर कानून बदला और ऐसे पापी को फांसी के फंदे पर ही लटकाना चाहिये, फांसी की सज़ा, ये हमने कानून बदला। हमारी सरकार ने 24x7, चौबीस घंटे, 365 दिन वीमेन हेल्पलाइन को मजबूत किया, महिलाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर शुरु किए। देशभर में ऐसे 800 के करीब सेंटर चालू हो चुके हैं। इनसे भी 10 लाख से अधिक महिलाओं को मदद मिली है।

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साथियों,

अब जो भारतीय न्याय संहिता देश में लागू हुई है, अंग्रेजों के काले कानून को हमने हटाया, देश की आजादी के 75 साल के बाद, ये पुण्य कार्य करने का सौभाग्य आप सबने मुझे दिया और क्या बदलाव किया? उसमें महिला सुरक्षा से जुड़े प्रावधानों को और ज्यादा सशक्त किया गया है। भारतीय न्याय संहिता में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर एक अलग अध्याय जोड़ा गया है। हम सभी की, पीड़ित बहनों की, समाज की ये शिकायत थी, कि अपराध होने पर बेटियों को तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख, यही सिलसिला चलता है, न्याय का लंबा इंतजार करना पड़ता है। भारतीय न्याय संहिता में इसका भी ध्यान रखा गया है। बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों में 60 दिन के भीतर आरोप तय हों, 45 दिन के भीतर फैसला सुनाया जाए, ये व्यवस्था बनाई गई है। पहले पीड़ित को पुलिस थाने आकर FIR करवानी पड़ती थी, पुलिस स्टेशन जाना पड़ता था। अब नए कानूनों में, कहीं से भी e-FIR दर्ज कराई जा सकती है। इससे पुलिस को भी फौरन कार्रवाई करने में आसानी होती है। जीरो FIR के प्रावधान के तहत कोई भी महिला, अपने ऊपर अत्याचार होने पर किसी भी पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज करा सकती है। एक और प्रावधान किया गया है कि अब रेप विक्टिम का बयान पुलिस, ऑडियो-वीडियो के माध्यम से भी दर्ज कर सकती है। इसे भी कानूनी मान्यता दी गई है। पहले मेडिकल रिपोर्ट में भी काफी समय लग जाता था। अब डॉक्टरों द्वारा मेडिकल रिपोर्ट आगे बढ़ाने के लिए भी 7 दिन का समय तय कर दिया गया है। इससे पीड़ित महिलाओं को काफी मदद मिल रही है।

साथियों,

ये जितने भी नए प्रावधान, भारतीय न्याय संहिता में किए गए हैं, इनके परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। सूरत जिले का ही एक उदाहरण है। पिछले साल अक्टूबर में, वहां एक बेटी के साथ गैंगरेप की दुखद वारदात हुई, वारदात गंभीर थी। भारतीय न्याय संहिता के बाद इस केस में सिर्फ 15 दिन के भीतर आरोप तय हुए और कुछ सप्ताह पहले दोषियों को उम्रकैद की सज़ा भी हो गई। 15 ही दिन में पुलिस ने अपना काम पूरा किया, न्याय की प्रक्रिया चली और छोटी अवधि में ही उम्रकैद की सजा हो गई। भारतीय न्याय संहिता लागू होने के बाद, देशभर में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की सुनवाई में बहुत तेजी आई है। यूपी के अलीगढ़ में एक अदालत ने नाबालिग से रेप के मामले में 20 साल की जेल की सजा सुनाई है। ये यूपी में भारतीय न्याय संहिता के तहत पहली सजा है, जिसमें आरोप पत्र दाखिल होने के 30 दिन के भीतर सज़ा सुनाई गई। कोलकाता की एक अदालत ने सात महीने की बच्ची से रेप के मामले में दोषी को फांसी की सज़ा सुनाई है। ये सज़ा अपराध के 80 दिनों के भीतर सुनाई गई है। देश के अलग-अलग राज्यों के ये उदाहरण, ये साफ दिखाते हैं कि भारतीय न्याय संहिता ने, हमारी सरकार ने जो अन्य फैसले लिए हैं, उन्होंने कैसे नारी की सुरक्षा को बढ़ाया है और नारी को जल्द न्याय भी सुनिश्चित किया है।

माताओं-बहनों,

सरकार के मुखिया के रूप में, आपके सेवक के रूप में, आप सबको ये विश्वास दिलाता हूं कि आपके सपनों के रास्ते में कोई बाधा नहीं रहने दूंगा। एक बेटा जिस भाव से मां की सेवा करता है, उसी भाव से मैं भारत मां और मेरी इन माताओं-बहनों की सेवा कर रहा हूं। मुझे भी पक्का भरोसा है, आप सबका ये श्रम, ये लगन, ये आशीर्वाद, इसी से 2047 तक, जब भारत की आजादी के 100 वर्ष हो रहे होंगे, 2047 में, विकसित भारत का हमारा जो लक्ष्य है, ये लक्ष्य पूरा होकर रहेगा। इसी भाव के साथ, आप सभी को, देश की हर माता-बहन-बेटी को एक बार फिर महिला दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ देता हूं, बहुत बधाई देता हूं। मेरे साथ बोलिये, दोनों हाथ ऊपर करके बोलिये-

भारत माता की– जय।

आज नारी की आवाज तेज होनी चाहिए,

भारत माता की – जय।

भारत माता की – जय।

भारत माता की – जय।

वंदे मातरम।

वंदे मातरम।

वंदे मातरम।

वंदे मातरम।

वंदे मातरम।

वंदे मातरम।

वंदे मातरम।

आज जब हम वंदे मातरम कहते हैं, तो भारत माता के साथ-साथ देश की करोड़ों माताओं के लिए भी- वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम। बहुत-बहुत धन्यवाद।

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The World This Week On India
March 20, 2025

From the skies to the seas, from AI to ancient crafts, India's story this week is one of expansion, breakthroughs, and bold moves. A booming aviation industry, a scientific revelation in the Indian Ocean, a historic satellite launch, and a surge in AI jobs—India is stepping into the future with confidence. Meanwhile, ties with Armenia deepen, a major aerospace firm eyes Indian shores, and artisans breathe new life into heritage toymaking. Let’s dive into the stories that define India’s unstoppable rise.

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Taking Off: India’s Aviation Boom and the Urgent Need for Pilots

With over 1,700 aircraft orders, India’s aviation industry is gearing up for unprecedented expansion. The current fleet of 800+ planes is set to grow, and with it comes a pressing demand: 30,000 pilots needed in the next two decades. The Ministry of Civil Aviation is working to ramp up pilot training infrastructure, positioning India as a global hub for flight training. The skies are getting busier, and India is ready. 

AI Surge: India’s Tech Workforce Faces a Crucial Moment

The Artificial Intelligence sector is racing ahead, with 2.3 million job openings projected by 2027. Globally, AI job postings have shot up by 21% annually, while salaries in the sector are growing at 11% each year. However, the talent gap is expected to persist, which can be filled by India, which isn’t just adopting AI—it’s shaping the global AI workforce.

Armenia Looks to India for Stronger Ties

In a telling statement, Armenian Foreign Minister Ararat Mirzoyan underscored India’s rising diplomatic clout, calling for deeper relations between the two nations. “We are eager to build ties with India so that both our peoples benefit in the coming decades and centuries,” he said, reinforcing India’s expanding influence beyond traditional partnerships.

The NISAR Satellite: A Game-Changer for Global Agriculture

A joint NASA-ISRO mission, the NISAR satellite is about to revolutionize farming worldwide. This cutting-edge technology will provide unparalleled insights into crop growth, plant health, and soil moisture levels, empowering farmers and policymakers with real-time data. Precision agriculture is no longer the future—it’s the present, and India is leading the way. 

The Mystery of the Indian Ocean’s Gravity Hole—Solved!

For decades, a bizarre gravitational anomaly in the Indian Ocean puzzled scientists: a dip in sea level 106 meters lower than the global average. Now, Indian scientists have cracked the mystery—it’s the result of deep-seated mantle dynamics shaping the Earth from within. This discovery not only unravels a geological enigma but also enhances our understanding of the planet’s internal forces.

Champions Again! India Lifts the ICC Trophy

Cricket fans across the country erupted in joy as Team India clinched the Champions Trophy, adding another milestone to its legacy. PM Narendra Modi congratulated the Indian Cricket team, hailing their perseverance and skill. From the T20 World Cup win to this latest triumph, Indian cricket remains a force to be reckoned with.

India Rescues 300 Nationals from Cybercrime Syndicates

Nearly 300 Indian citizens, lured to Southeast Asia with fake job offers, found themselves trapped in cybercrime rings. The Indian government’s action secured their release, with diplomatic missions in Myanmar and Thailand playing a key role. This operation reinforces India’s commitment to protecting its people abroad. (Reuters)

Mubadala’s Sanad Eyes India’s Aerospace Market

UAE-based Mubadala’s Sanad, a leading name in aerospace engineering, has set its sights on India following a record revenue of Dh4.92 billion in 2024. This move showcases India’s growing prominence in global aviation and aerospace manufacturing.

Bessemer’s $350M Double Downs on India’s Startups

Global venture capital giant Bessemer Venture Partners is doubling down on India with a $350 million fund, aimed at SaaS, fintech, cybersecurity, and digital health startups. This reflects India’s surging startup ecosystem, attracting major global investors eager to tap into its innovation potential. 

India’s Toymakers Keep Heritage Alive
Amid a flood of mass-produced plastic toys, Indian artisans are keeping traditional wooden toymaking alive. This craft, passed down through generations, is seeing renewed interest. The government has stepped in with initiatives to turn India into a global hub for handcrafted toys, blending tradition with new-age markets. 

A Nation on the Move
India’s story this week is one of ambition, resilience, and global leadership. Whether it’s solving scientific mysteries, shaping the future of AI, expanding its aerospace footprint, or rescuing its citizens from international fraud rings, India is making waves across the world. The momentum is undeniable—and this is just the beginning.