इंडियन ऑयल की 'अनबॉटल्ड' पहल के तहत यूनिफॉर्म लॉन्च की
इंडियन ऑयल के इंडोर सोलर कुकिंग सिस्टम के ट्विन-कुकटॉप मॉडल का लोकार्पण किया
ई-20 ईंधन लॉन्च किया
ग्रीन मोबिलिटी रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया
"विकसित बनने का संकल्प लेकर चल रहे भारत में, ऊर्जा क्षेत्र के लिए अभूतपूर्व संभावनाएं बन रही हैं"
"महामारी और युद्ध के प्रभाव के बावजूद 2022 में भारत एक ग्लोबल ब्राइट स्पॉट रहा है"
“त्वरित निर्णय लेने वाली सरकार, निरंतर सुधार, जमीनी स्तर पर सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण भारत की आर्थिक दृढ़ के आधार रहे हैं”
"सुधार आकांक्षी समाज का निर्माण कर रहे हैं"
"हम अपनी शोधन क्षमता को लगातार स्वदेशी, आधुनिक और उन्नत बना रहे हैं"
"हम 2030 तक अपने ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की खपत बढ़ाने के लिए मिशन मोड पर काम कर रहे हैं"


कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोम्मई जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्री हरदीप पुरी जी, रामेश्वर तेली जी, अन्य मंत्रिगण, Your Excellencies, देवियों और सज्जनों।

इस समय तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप पर हम सभी की दृष्टि लगी हुई है। बहुत से लोगों की दु:खद मृत्यु और बहुत नुकसान की खबरें हैं। तुर्की के आसपास के देशों में भी नुकसान की आशंका है। भारत के 140 करोड़ लोगों की संवेदनाएं, सभी भूकंप पीड़ितों के साथ हैं। भारत भूकंप पीड़ितों की हर संभव मदद के लिए तत्पर है।

साथियों,

बेंगलुरू Technology, Talent और Innovation की energy से भरपूर शहर है। मेरी तरह आप भी यहां की युवा ऊर्जा को अनुभव कर रहे होंगे। ये भारत की G-20 Presidency Calendar का पहला बड़ा Energy Event है। मैं देश-विदेश से आए सभी लोगों का India Energy Week में स्वागत करता हूं, अभिनंदन करता हूं।

साथियों,

21वीं सदी के विश्व का भविष्य तय करने में, Energy सेक्टर की बहुत बड़ी भूमिका है। Energy के नए resources को डेवलप करने में, Energy Transition में आज भारत, विश्व की सबसे मजबूत आवाजों में से एक है। विकसित बनने का संकल्प लेकर चल रहे भारत में, Energy सेक्टर के लिए अभूतपूर्व संभावनाएं बन रही हैं।

आप जानते हैं कि हाल ही में IMF ने 2023 के लिए Growth Projections रिलीज की हैं। इसमें कहा गया है कि भारत, Fastest Growing Major Economy रहने वाला है। महामारी और युद्ध के प्रभाव के बावजूद 2022 में भारत एक global bright spot रहा है। External circumstances जो भी रहे, भारत ने internal resilience की वजह से हर चुनौती को पार किया। इसके पीछे multiple factors ने काम किया। पहला, stable decisive government, दूसरा, sustained reforms, और तीसरा, grassroot पर Socio-Economic Empowerment.

बीते वर्षों में बड़े पैमाने पर लोगों को बैंक खातों से जोड़ा गया, उन्हें free healthcare treatment की सुविधा मिली। Safe Sanitation, बिजली कनेक्शन, आवास, नल से जल और दूसरे social infrastructure की पहुंच करोड़ों लोगों तक हुई।

पिछले कुछ वर्षों में भारत की जितनी बड़ी आबादी के जीवन में ये बदलाव आया है, वो कई विकसित देशों की जनसंख्या से भी ज्यादा है। इससे करोड़ों गरीब लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में मदद मिली है। आज करोड़ों लोग गरीबी से निकलकर middle class के स्तर तक पहुंच रहे हैं। आज भारत में करोड़ों लोगों की quality of Life में बदलाव आया है।

आज गांव-गांव तक इंटरनेट पहुंचाने के लिए 6 लाख किलोमीटर से ज्यादा optical fiber बिछाए जा रहे हैं। पिछले 9 वर्षों में देश में broadband users की संख्या 13 गुना बढ़ चुकी है। पिछले 9 वर्षों में internet connections तीन गुना से ज्यादा हो चुके हैं। आज Rural internet users की संख्या urban users की तुलना में ज्यादा तेजी से बढ़ रही है।

इसके अलावा, भारत दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन बनाने वाला देश बन चुका है। इससे भारत में दुनिया का सबसे बड़ा aspirational class तैयार हुआ है। भारत के लोग चाहते हैं कि उन्हें better products, better services और better infrastructure मिले।

भारत के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए Energy बहुत बड़ा फैक्टर है। Industries से लेकर offices तक, Factories से लेकर घरों तक, भारत में Energy की जरूरत, Energy की मांग बढ़ती ही जा रही है। भारत में जिस तेजी से विकास हो रहा है, उसे देखते हुए ये माना जा रहा है कि आने वाले वर्षों में भारत में अनेक नए शहर बनने वाले हैं। International Energy Association ने भी कहा है कि इस दशक में भारत की energy demand दुनिया में सबसे ज्यादा होगी। और यहीं पर, आप सभी investors के लिए, एनर्जी सेक्टर के स्टेकहोल्डर्स के लिए भारत नई opportunities ले करके आया है।

आज Global Oil Demand में भारत की हिस्सेदारी 5 परसेंट के आसपास है लेकिन इसके 11 परसेंट तक पहुंचने की उम्मीद है। भारत की gas demand तो 500 परसेंट तक बढ़ने का अनुमान है। हमारा विस्तार ले रहा Energy Sector भारत में investment और collaboration के नए अवसर बना रहा है।

Friends,

एनर्जी सेक्टर को लेकर भारत की strategy के चार major verticals हैं। पहला- Domestic Exploration और Production को बढ़ाना, दूसरा- Supplies का Diversification, तीसरा- Bio fuels, Ethanol, Compressed Biogas और Solar जैसे Alternative Energy Sources का विस्तार और चौथा- Electric Vehicle और Hydrogen के जरिए Decarbonization. इन चारों ही दिशाओं में भारत तेजी से काम कर रहा है। मैं आपके बीच इसके कुछ Aspects पर और विस्तार से बात करना चाहूंगा।

साथियों,

आप जानते हैं कि भारत दुनिया में चौथी सबसे बड़ी refining capacity वाला देश है। भारत की वर्तमान क्षमता करीब 250 MMTPA की है, जिसे बढ़ाकर 450 MMTPA करने के लिए तेजी से काम हो रहा है। हम अपनी refining industry को लगातार indigenous, modernize और upgrade कर रहे हैं। हम अपनी petrochemical production capacity को बढ़ाने की दिशा में भी बहुत तेजी से काम कर रहे हैं। भारत के rich technology potential और growing startup ecosystem का उपयोग करके आप सभी अपने energy landscape का विस्तार कर सकते हैं।

साथियों,

हम 2030 तक अपने Energy Mix में Natural Gas Consumption को बढ़ाने के लिए भी मिशन मोड पर काम कर रहे हैं। इसे 6 परसेंट से बढ़ाकर 15 परसेंट करने का लक्ष्य तय किया गया है। हमारा One Nation One Grid ये विजन इसके लिए सभी जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराएगा।

हमारा प्रयास है कि LNG terminal Re-gasification क्षमता को बढ़ाया जाए। 2014 में हमारी क्षमता 21 MMTPA की थी, जो 2022 में करीब दोगुनी हो गई है। इसे और बढ़ाने के लिए काम जारी है। भारत में 2014 के मुकाबले CGD की संख्या भी 9 गुना बढ़ चुकी है। हमारे यहां 2014 में CNG stations भी 900 के आसपास थे। अब इनकी संख्या भी बढ़कर 5 हजार तक पहुंच रही है।

हम गैस पाइपलाइन नेटवर्क की लंबाई बढ़ाने की दिशा में भी तेजी से काम कर रहे हैं। 2014 में हमारे देश में गैस पाइपलाइन की लंबाई करीब 14 हजार किलोमीटर थी। अब ये बढ़कर 22 हजार किलोमीटर से ज्यादा हो चुकी है। अगले 4-5 साल में भारत में गैस पाइपलाइन का नेटवर्क 35 हजार किलोमीटर तक पहुंच जाएगा। यानी भारत के natural gas infrastructure में आपके लिए निवेश की बहुत बड़ी संभावनाएं बन रही हैं।

साथियों,

आज भारत का जोर Domestic exploration और Production को बढ़ावा देने पर है। E&P Sector ने उन इलाकों में भी अपना interest दिखाया है, जो inaccessible समझे जाते थे। आपकी इन भावनाओं को समझते हुए हमने ‘No-Go’ Areas में कमी की है। इससे 10 लाख स्क्वैयर किलोमीटर एरिया No-Go की पाबंदियों से मुक्त हुआ है। अगर हम आंकड़े पर नज़र डालें तो No-Go areas में भी ये कमी 98 परसेंट से भी ज्यादा है। मैं सभी निवेशकों से आग्रह करूंगा, आप इन अवसरों को इस्तेमाल करिए, fossil fuels के exploration में अपनी मौजूदगी बढ़ाइए।

Friends,

Bio-energy के क्षेत्र में भी हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। पिछले साल अगस्त में हमने एशिया की पहली 2G Ethanol Bio-Refinery की स्थापना की। हमारी तैयारी इस तरह के 12 commercial 2G Ethanol plants बनाने की है। Sustainable Aviation Fuel और रिन्यूबल डीजल की commercial उपयोगिता की दिशा में भी हमारे प्रयास जारी हैं।

इस साल के बजट में हमने गोबर-धन योजना के तहत 500 नए ‘waste to wealth’ plants बनाने का ऐलान किया है। इसमें 200 compressed biogas plants और 300 community या cluster-based plants शामिल हैं। इसमें भी आप सभी के लिए हजारों करोड़ रुपए के investment के रास्ते बनने वाले हैं।

साथियों,

एक और सेक्टर जिसमें भारत, विश्व में lead ले रहा है, वो है ग्रीन हाइड्रोजन का। National Green Hydrogen Mission, 21वीं सदी के भारत को नई दिशा देगा। इस दशक के अंत तक हम 5 MMTPA green hydrogen के production का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। इसमें भी 8 lakh crore रुपए से अधिक के investment की संभावनाएं हैं। भारत, अगले 5 वर्षों में ग्रे-हाइड्रोजन को रिप्लेस करते हुये ग्रीन हाइड्रोजन का हिस्सा 25 परसेंट तक बढ़ाएगा। ये भी आपके लिए बहुत बड़ा अवसर होगा।

Friends,

एक और महत्वपूर्ण विषय EVs की battery cost का भी है। आज electric vehicle में battery की कॉस्ट 40 से 50 परसेंट तक होती है। इसलिए, इस दिशा में हमने 50 Giga watt hours की advanced chemistry cells बनाने के लिए 18 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की PLI स्कीम शुरू की है। देश में Battery manufacturing facilities स्थापित करने के लिए ये एक अच्छा अवसर है।

Friends,

भारत में बन रही निवेश की इन संभावनाओं को हमने एक सप्ताह पहले आए बजट में और मजबूत किया है। बजट में renewable energy, energy efficiency, sustainable transportation और green technologies को और encourage किया गया है। इसमें 35,000 करोड़ रुपए priority capital investments के लिए रखे गए हैं, ताकि energy transition और net zero objectives को बल मिले। बजट में हमने capital expenditure के लिए 10 लाख करोड़ रुपए का भी प्रावधान किया है। इससे भी green hydrogen से लेकर solar और roads जैसे हर तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर को गति मिलेगी।

साथियों,

2014 के बाद से, Green Energy को लेकर भारत का कमिटमेंट और भारत के प्रयास पूरी दुनिया देख रही है। बीते 9 वर्षों में भारत में रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी करीब 70 गीगावॉट से बढ़कर करीब 170 गीगावॉट हो चुकी है। इसमें भी सोलर पावर कैपेसिटी 20 टाइम से ज्यादा बढ़ी है। आज भारत विंड पावर कैपेसिटी के मामले में दुनिया में चौथे नंबर पर है।

हम इस दशक के अंत तक 50 परसेंट नॉन फॉसिल फ्यूल कैपेसिटी का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। हम बायोफ्यूल पर, इथेनॉल ब्लेंडिंग पर बहुत तेजी से काम कर रहे हैं। बीते 9 वर्षों में पेट्रोल में इथेनॉल ब्लेंडिंग को हम डेढ़ परसेंट से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर चुके हैं। अब हम 20 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य की तरफ बढ़ रहे हैं।

आज यहां E-20 rollout किया जा रहा है। पहले फेज में देश के 15 शहरों को कवर किया जाएगा और फिर आने वाले 2 वर्षों में देशभर में इसका विस्तार किया जाएगा। यानी E-20 भी आपके लिए देशभर में बहुत बड़ा मार्केट बनने जा रहा है।

साथियों,

आज भारत में energy transition को लेकर जो mass movement चल रहा है, वो अध्ययन का विषय है। ये दो तरीके से हो रहा है: पहला, Energy के renewable sources का तेज गति से adoption और दूसरा, Energy conservation के प्रभावी तरीकों का adoption. भारत के नागरिक आज बड़ी तेजी से Energy के renewable sources को अपना रहे हैं। Solar power से चलने वाले घर, Solar power से चलने वाले गांव, Solar power से चलने वाले एयरपोर्ट, Solar pump से हो रही खेती ऐसे अनेक उदाहरण हैं।

बीते 9 वर्षो में भारत ने अपने 19 करोड़ से ज्यादा परिवारों को Clean Cooking fuel से जोड़ा है। आज जो सोलर कुकटॉप लॉन्च किया गया है, वो भारत में Green और Clean Cooking को नया आयाम देने जा रहा है। उम्मीद है कि अगले 2-3 साल में ही 3 करोड़ से अधिक घरों में सोलर कुकटॉप की पहुंच बन जाएगी। इससे एक तरह से भारत किचन में क्रांति लाने का काम करेगा। भारत में 25 करोड़ से अधिक परिवार हैं। आप कल्पना कर सकते हैं कि सिर्फ सोलर कुकटॉप से जुड़े निवेश में आपके लिए कितनी संभावनाएं बन रही हैं।

साथियों,

भारत के नागरिक energy conservation के प्रभावी तरीकों की तरफ तेजी से शिफ्ट हो रहे हैं। अब ज्यादातर घरों में, Streetlights में LED बल्ब का इस्तेमाल होता है। भारत के घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। Large scale पर CNG और LNG को अपनाया जा रहा है। Electric vehicles की बढ़ती लोकप्रियता, इस दिशा में बड़े बदलाव के संकेत दे रहे हैं।

साथियों,

ग्रीन ग्रोथ की तरफ, एनर्जी ट्रांजिशन की तरफ भारत के ये बड़े प्रयास हमारी Values को भी reflect करते हैं। सर्कुलर इकोनॉमी, एक तरह से हर भारतीय की जीवनशैली का हिस्सा है। Reduce, Reuse और Recycle का मंत्र हमारे संस्कारों में रहा है। आज इसका भी एक उदाहरण हमें यहां अभी देखने को मिला है। प्लास्टिक की वेस्ट बॉटल्स को री-सायकिल करके जो यूनिफॉर्म बनाई गई है, आपने उसे देखा है, फैशन की दुनिया के लिए, सुंदरता की दुनिया के लिए उसमें कोई कमी नहीं है। हर साल 10 करोड़ ऐसी बॉटल्स की री-सायकिलिंग का लक्ष्य पर्यावरण की रक्षा में बहुत मदद करेगा।

ये मिशन LIFE यानी Lifestyle for environment को भी मजबूती देगा जिसकी दुनिया को आज बहुत आवश्यकता है। इन्हीं संस्कारों पर चलते हुए भारत ने 2070 तक नेट ज़ीरो का टारगेट तय किया है। इंटरनेशनल सोलर अलायंस जैसे प्रयासों से भारत इस सद्भावना को दुनिया में मजबूत करना चाहता है।

साथियों,

मैं आपका फिर आह्वान करूंगा कि भारत के एनर्जी सेक्टर से जुड़ी हर संभावना को जरूर एक्सप्लोर करें, उससे जुड़ें। आज भारत, आपके investment के लिए दुनिया में सबसे उपयुक्त जगह है। इन्हीं शब्दों के साथ, आज आप इतनी बड़ी तादाद में यहां आए, energy transition week के अंदर शरीक हुए। मैं आपका अभिनंदन करता हूं, स्वागत करता हूं, और अपनी वाणी को विराम देता हूं। आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्‍यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।