तुमकुरु में तुमकुरु औद्योगिक टाउनशिप और दो जल जीवन मिशन परियोजनाओं की आधारशिला रखी
"डबल इंजन सरकार ने कर्नाटक को निवेशकों की पहली पसंद बनाया है"
"हमें अपनी रक्षा जरूरतों के लिए विदेशों पर निर्भरता को कम से कम करना है"
"'जब नेशन फर्स्ट, राष्ट्र प्रथम की भावना से काम होता है, तो सफलता जरूर मिलती है"
"आज एचएएल की यह हेलीकॉप्टर फैक्ट्री, एचएएल की बढ़ती ताकत, बहुत से पुराने झूठे और झूठे आरोप लगाने वालों का पर्दाफाश कर रही है"
"फूड पार्क और एचएएल के बाद औद्योगिक टाउनशिप तुमकुरु के लिए एक बड़ा उपहार है जो तुमकुरु को देश के एक बड़े औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित करने में मदद करेगा"
"डबल इंजन सरकार भौतिक बुनियादी ढांचे के साथ-साथ सामाजिक बुनियादी ढांचे पर भी समान ध्यान दे रही है"
“यह बजट समर्थ भारत, संपन्न भारत, स्वयंपूर्ण भारत, शक्तिमान भारत, गतिवान भारत की दिशा में बहुत बड़ा कदम है”
इस बजट में दिए गए कर लाभों से मध्यम वर्ग में भारी उत्साह है।
“महिलाओं का वित्तीय समावेशन घरों में उनकी आवाज को मजबूत करता है और इस बजट में उसके लिए कई प्रावधान हैं”

तुमकुरु जिल्ले, गुब्बी तालुकिना, निट्टूर नगरदा, आत्मीय नागरीक-अ बंधु, भगि-नियरे, निमगेल्ला, नन्ना नमस्कार गडु!

कर्नाटक संतों, ऋषियों-मनीषियों की भूमि है। आध्यात्म, ज्ञान-विज्ञान की महान भारतीय परंपरा को कर्नाटक ने हमेशा सशक्त किया है। इसमें भी तुमकुरु का विशेष स्थान है। सिद्धगंगा मठ की इसमें बहुत बड़ी भूमिका है। पूज्य शिवकुमार स्वामी जी ने ‘त्रिविधा दसोही’ यानि "अन्ना" "अक्षरा" और "आसरे" की जो विरासत छोड़ी उसे आज श्री सिद्धलिंगा महास्वामी जी आगे बढ़ा रहे हैं। मैं पूज्य संतों को नमन करता हूं। गुब्बी स्थित श्री चिदम्बरा आश्रम और भगवान चन्नबसवेश्वर को भी मैं प्रणाम करता हूँ !

भाइयों और बहनों,

संतों के आशीर्वाद से आज कर्नाटक के युवाओं को रोज़गार देने वाले, ग्रामीणों और महिलाओं को सुविधा देने वाले, देश की सेना और मेड इन इंडिया को ताकत देने वाले, सैकड़ों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। आज देश की एक बहुत बड़ी हेलीकॉप्टर फैक्ट्री तुमकुरु को मिली है। आज तुमकुरू इंडस्ट्रियल टाउनशिप का शिलान्यास भी हुआ है और इसके साथ-साथ तुमकुरु जिले के सैकड़ों गांवों को पीने के पानी की स्कीमों पर भी काम शुरू हुआ है और मैं इसके लिए आप सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

कर्नाटक युवा टैलेंट, युवा इनोवेशन की धरती है। ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग से लेकर तेजस फाइटर प्लेन बनाने तक, कर्नाटक के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ताकत को दुनिया देख रही है। डबल इंजन सरकार ने कर्नाटक को निवेशकों की पहली पसंद बनाया है। डबल इंजन सरकार कैसे काम करती है, इसका उदाहरण आज जिस हेलीकॉप्टर कारखाने का लोकार्पण हुआ है, वो भी है। साल 2016 में एक संकल्प के साथ मुझे इसके शिलान्यास का सौभाग्य मिला था और संकल्प ये था कि हमें अपनी रक्षा जरूरतों के लिए विदेशों पर निर्भरता को कम से कम करते जाना है। मुझे खुशी है कि आज सैकड़ों ऐसे हथियार और रक्षा उपकरण, जो भारत में ही बन रहे हैं, जो हमारी सेनाएं उपयोग कर रही है। आज आधुनिक असॉल्ट राइफल से लेकर टैंक, तोप, नौसेना के लिए एयरक्राफ्ट करियर, हेलिकॉप्टर, फाइटर जेट, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सब कुछ भारत खुद बना रहा है। 2014 से पहले के, ये आंकड़ा याद रखना, याद रखोगे! 2014 से पहले के 15 सालों में जितना निवेश एयरोस्पेस सेक्टर में हुआ, उसका 5 गुणा बीते 8-9 वर्षों में हो चुका है। आज हम अपनी सेना को मेड इन इंडिया हथियार तो दे ही रहे हैं, बल्कि हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 2014 की तुलना में कई गुना ज्यादा हो गया है। आने वाले समय में यहां तुमकुरू में ही सैकड़ों, सैकड़ों हेलीकॉप्टर बनने वाले हैं और इससे लगभग 4 लाख करोड़ रुपए का बिजनेस यहां होगा। जब इस प्रकार मैन्युफैक्चरिंग की फैक्ट्रियां लगती हैं, तो हमारी सेना की ताकत तो बढ़ती ही है, हज़ारों रोजगार और स्वरोज़गार के अवसर भी मिलते हैं। तुमकुरु के हेलीकॉप्टर कारखाने से यहां आसपास अनेक छोटे-छोटे उद्योगों को, व्यापार-कारोबार को भी बल मिलेगा।

साथियों,

जब नेशन फर्स्ट, राष्ट्र प्रथम इस भावना से काम होता है, तो सफलता भी ज़रूर मिलती है। बीते 8 वर्षों में हमने एक तरफ सरकारी फैक्ट्रियों, सरकारी डिफेंस कंपनियों के कामकाज में सुधार किया, उनको ताकतवर बनाया, वहीं दूसरी तरफ प्राइवेट सेक्टर के लिए भी दरवाज़े खोले। इससे कितना लाभ हुआ, वो हम HAL- हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में भी देख रहे हैं। और मैं कुछ सालों पहले की चीजें आज याद कराना चाहता हूँ, मीडिया वालों का भी जरूर ध्‍यान जाएगा, यही HAL है जिसे बहाना बनाकर हमारी सरकार पर तरह-तरह के झूठे आरोप लगाए गए। यही HAL है जिसका नाम लेकर लोगों को भड़काने की साजिशें रचीं गईं, लोगों को उकसाया गया। Parliament के घंटे से घंटे तबाह कर दिये लेकिन मेरे प्यारे भाइयों-बहनों, झूठ कितना ही बड़ा क्यों ना हो, कितनी ही बार बोला जाता हो, कितने ही बड़े लोगों से बोला जाता हो, लेकिन एक ना एक दिन वो सच के सामने हारता ही है। आज HAL की ये हेलीकॉप्टर फैक्ट्री, HAL की बढ़ती ताकत, ढेर सारे पुराने झूठों को और झूठे आरोप लगाने वालों का पर्दाफाश कर रही है, हकीकत खुद बोल रही है। आज वही HAL भारत की सेनाओं के लिए आधुनिक तेजस बना रहा है, विश्व के आकर्षण का केंद्र है। आज HAL डिफेंस सेक्टर में भारत की आत्मनिर्भरता को बल दे रहा है।

साथियों,

आज यहां तुमकुरु इंडस्ट्रियल टाउनशिप के लिए भी काम शुरू हुआ है। फूड पार्क, हेलीकॉप्टर कारखाने के बाद तुमकुरु को मिला एक और बड़ा उपहार है। जो ये नया इंडस्ट्रियल टाउनशिप होगा, इससे तुमकुरु कर्नाटक के ही नहीं, बल्कि भारत के एक बड़े औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित होगा। ये चेन्नई-बेंगलुरु इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का हिस्सा है। इस समय चेन्नई-बेंगलुरु, बेंगलुरु-मुंबई और हैदराबाद-बेंगलुरु इंडस्ट्रियल कॉरिडोर्स पर काम चल रहा है। इन सभी में कर्नाटक का एक बहुत बड़ा हिस्सा आता है। मुझे इस बात की भी खुशी है कि तुमकुरु इंडस्ट्रियल टाउनशिप का निर्माण पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान के तहत हो रहा है। मुंबई-चेन्नई हाईवे, बेंगुलुरु एयरपोर्ट, तुमकुरु रेलवे स्टेशन, मेंगलुरु पोर्ट और गैस कनेक्टिविटी, ऐसी मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी से इसे जोड़ा जा रहा है। इससे यहां बहुत बड़ी संख्या में रोजगार और स्वरोजगार बनने वाले हैं।

साथियों,

डबल इंजन की सरकार का जितना ध्यान फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर पर है, उतना ही हम सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी जोर दे रहे हैं। बीते वर्षों में हमने निवासक्के नीरु, भूमिगे नीरावरी यानि हर घर जल, हर खेत को पानी को प्राथमिकता दी है। आज पूरे देश में पीने के पानी के नेटवर्क का अभूतपूर्व विस्तार हो रहा है। इस वर्ष जल जीवन मिशन के लिए बजट में पिछले वर्ष की तुलना में 20 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की वृद्धि की गई है। जब हर घर जल पहुंचता है, तो इसका सबसे बड़ा लाभ गरीब महिलाओं और छोटी बेटियों को ही होता है। उन्हें साफ पानी जुटाने के लिए घरों से दूर नहीं जाना पड़ता। पिछले साढ़े 3 वर्षों में देश में नल से जल का दायरा 3 करोड़ ग्रामीण परिवारों से बढ़कर के 11 करोड़ परिवार हो चुका है। हमारी सरकार निवासक्के नीरु के साथ ही भूमिगे नीरावरी पर भी लगातार बल दे रही है। बजट में अपर भद्रा प्रोजेक्ट के लिए लगभग साढ़े 5 हज़ार करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। इससे तुमकुरु, चिकमगलुरू, चित्रदुर्ग और दावणगेरे सहित सेंट्रल कर्नाटक के बड़े सूखा प्रभावित क्षेत्र को लाभ होगा। ये हर खेत और हर घर तक पानी पहुंचाने के डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है। इसका बहुत बड़ा लाभ हमारे छोटे किसानों को होगा, जो खेती के लिए सिंचाई के पानी पर, वर्षा के पानी पर ही निर्भर रहते आए हैं।

साथियों,

इस साल के गरीब हितैषी, मध्यम वर्ग हितैषी बजट की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। विकसित भारत के निर्माण के लिए सब जुड़ें, सब जुटें, सबका प्रयास कैसे हो, इसके लिए ये बजट बहुत ताकत देने वाला है। जब भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष मनाएगा, उस सशक्त भारत की नींव, इस बार के बजट ने और मजबूत की है। ये बजट, समर्थ भारत, संपन्न भारत, स्वयंपूर्ण भारत, शक्तिमान भारत, गतिवान भारत की दिशा में बहुत बड़ा कदम है। आजादी के इस अमृतकाल में, कर्तव्यों पर चलते हुए विकसित भारत के संकल्पों को सिद्ध करने में इस बजट का बड़ा योगदान है। गांव, गरीब, किसान, वंचित, आदिवासी, मध्यम वर्ग, महिला, युवा, वरिष्ठ जन, सबके लिए बड़े-बड़े फैसले इस बजट में लिए गए हैं। ये सर्वप्रिय बजट है। सर्वहितकारी बजट है। सर्वसमावेशी बजट है। सर्व-सुखकारी बजट है। सर्व-स्पर्शी बजट है। ये भारत के युवा को रोजगार के नए अवसर देने वाला बजट है। ये भारत की नारीशक्ति की भागीदारी बढ़ाने वाला बजट है। ये भारत की कृषि को, गांव को आधुनिक बनाने वाला बजट है। ये श्रीअन्न, श्रीअन्‍न से छोटे किसानों को वैश्विक ताकत देने वाला बजट है। ये भारत में रोजगार बढ़ाने वाला और स्वरोजगार को बल देने वाला बजट है। हमने ‘अवश्यकते, आधारा मत्तु आदाया’ यानि आपकी जरूरतों, आपको दी जाने वाली सहायता और आपकी आय, तीनों का ध्यान रखा है। कर्नाटक के हर परिवार को इससे लाभ मिलेगा।

भाइयों और बहनों,

2014 के बाद से सरकार का प्रयास समाज के उस वर्ग को सशक्त करने का रहा है, जिन्हें पहले सरकारी सहायता मिलनी बहुत मुश्किल होती थी। इस वर्ग तक सरकारी योजनाएं या तो पहुंचती ही नहीं थीं, या फिर वो बिचौलियों के हाथों लुट जाता था। आप देखिए, बीते वर्षों में हमने हर उस वर्ग तक सरकारी सहायता पहुंचाई है, जो पहले इससे वंचित थे। हमारी सरकार में, ‘कार्मिक-श्रमिक’ ऐसे हर वर्ग को पहली बार पेंशन और बीमा की सुविधा मिली है। हमारी सरकार ने छोटे किसान की सहायता के लिए उसे पीएम किसान सम्मान निधि की शक्ति दी है। रेहड़ी, ठेले, फुटपाथ पर काम करने वाले, स्ट्रीट वेंडर्स को हमने पहली बार बैंकों से बिना गारंटी का ऋण दिलाया है। इस वर्ष का बजट इसी भावना को आगे बढ़ाता है। पहली बार, हमारे विश्वकर्मा बहनों-भाइयों के लिए भी देश में एक योजना बनी है। विश्वकर्मा यानि, हमारे वो साथी जो अपने हाथ के कौशल से, हाथ से चलने वाले किसी औजार की मदद से कुछ निर्माण करते हैं, सृजन करते हैं, स्वरोजगार को बढ़ावा देते हैं। जैसे हमारे कुंब्बारा, कम्मारा, अक्कसालिगा, शिल्पी, गारेकेलसदवा, बड़गी आदि जो हमारे सब साथी हैं, पीएम-विकास योजना से अब ऐसे लाखों परिवारों को उनकी कला, उनके कौशल को और समृद्ध करने में मदद मिलेगी।

साथियों,

इस वैश्विक महामारी के समय में राशन पर होने वाले खर्च की चिंता से भी हमारी सरकार ने गरीब परिवारों को मुक्त रख रखा है। इस योजना पर हमारी सरकार 4 लाख करोड़ रुपए से अधिक खर्च कर चुकी है। गांवों में हर गरीब परिवार को पक्का घर देने के लिए बजट में अभूतपूर्व 70 हज़ार करोड़ रुपए रखे गए हैं। इससे कर्नाटक के अनेक गरीब परिवारों को पक्‍का घर मिलेगा, जिन्दगी बदल जाएगी।

भाइयों और बहनों,

इस बजट में मिडिल क्लास के हित में अभूतपूर्व फैसले लिए गए हैं। सात लाख रुपए तक की आय पर इनकम टैक्स जीरो होने से मिडिल क्लास में बहुत उत्साह है। विशेष रूप से 30 वर्ष से कम के युवा साथी, जिनकी नौकरी नई है, बिजनेस नया है, उनके अकाउंट में हर महीने अधिक पैसों की बचत होने वाली है। इतना ही नहीं, जो रिटायर हुए कर्मचारी हैं, जो हमारे सीनियर सिटीजन हैं, वरिष्ठ नागरिक हैं, उनके लिए डिपॉजिट की लिमिट को 15 लाख से बढ़ाकर 30 लाख यानि दोगुना कर दिया है। इससे उन्हें हर महीने मिलने वाला रिटर्न और बढ़ जाएगा। प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले साथियों के लिए Leave encashment पर टैक्स की छूट लंबे समय से सिर्फ 3 लाख रुपए थी। अब 25 लाख रुपए तक के Leave encashment को टैक्स फ्री कर दिया गया है। इससे तुमकुरु, बैंगलुरु सहित कर्नाटक और देश के लाखों परिवारों के पास ज्यादा पैसा आएगा।

साथियों,

हमारे देश की महिलाओं का वित्तीय समावेश, भाजपा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। महिलाओं का वित्तीय समावेश, घरों में उनकी आवाज मजबूत करता है, घर के निर्णयों में उनकी भागीदारी बढ़ाता है। हमारी माताएं-बहनें-बेटियां, ज्यादा से ज्यादा बैंकों से जुड़ें, इसके लिए इस बजट में हमने बड़े-बड़े कदम उठाए हैं। हम महिला सम्मान बचत पत्र लेकर आए हैं। इसमें बहनें 2 लाख रुपए तक का निवेश कर सकती हैं, जिस पर सबसे अधिक साढ़े 7 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। ये परिवार और समाज में महिलाओं की भूमिका को और बढ़ाएगा। सुकन्या समृद्धि, जन धन बैंक खातों, मुद्रा ऋण और घर देने के बाद ये महिला आर्थिक सशक्तिकरण के लिए एक और बड़ी पहल है। गांवों में महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के सामर्थ्य को और बढ़ाने के लिए भी बजट में अहम फैसला लिया गया है।

भाइयों और बहनों,

ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर इस बजट में सबसे अधिक फोकस है। किसानों को कदम-कदम पर डिजिटल टेक्नॉलॉजी से मदद हो या सहकारिता का विस्तार, इस पर बहुत फोकस है। इससे किसानों, पशुपालकों और मछुआरों, सभी को लाभ होगा। गन्ने से जुड़ी सहकारी समितियों को विशेष मदद मिलने से कर्नाटक के गन्ना किसानों को बहुत लाभ होगा। आने वाले समय में अनेक नई सहकारी समितियां भी बनेंगी और अनाज की स्टोरेज के लिए देशभर में बड़ी संख्या में स्टोर बनेंगे। इससे छोटे किसान भी अपना अनाज स्टोर कर पाएंगे और बेहतर कीमत मिलने पर बेच पाएंगे। यही नहीं प्राकृतिक खेती से छोटे किसान की लागत कम हो, इसके लिए हज़ारों सहायता केंद्र भी बनाए जा रहे हैं।

साथियों,

कर्नाटक में आप सभी मिलेट्स-मोटे अनाज का महत्व बखूबी समझते हैं। इसलिए मोटे अनाजों को आप सभी पहले से ‘सिरि धान्या’ कहते हैं। अब कर्नाटक के लोगों की इसी भावना को देश आगे बढ़ा रहा है। अब पूरे देश में, मोटे अनाज को श्री-अन्न की पहचान दी गई है। श्री-अन्न यानि, ‘धान्य’ में सर्वश्रेष्ठ। कर्नाटक में तो श्रीअन्न रागी, श्रीअन्न नवणे, श्रीअन्न सामे, श्रीअन्न हरका, श्रीअन्न कोरले, श्रीअन्न ऊदलु, श्रीअन्न बरगु, श्रीअन्न सज्जे, श्रीअन्न बिड़ीजोड़ा, किसान ऐसे अनेक श्री अन्न पैदा करता है। कर्नाटक के ‘रागी मुद्दे’, ‘रागी रोट्टी’ इस स्वाद को कौन भूल सकता है? इस साल के बजट में श्रीअन्न के उत्पादन पर भी बहुत बल दिया गया है। इसका लाभ कर्नाटक के सूखा प्रभावित क्षेत्रों के छोटे-छोटे किसानों को सबसे अधिक लाभ होगा।

साथियों,

डबल इंजन सरकार के ईमानदार प्रयासों के कारण आज भारत के नागरिक का विश्वास बुलंदी पर है, आत्मविश्वास बुलंदी पर है। हम हर देशवासी का जीवन सुरक्षित करने के लिए, भविष्य समृद्ध करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। आपका निरंतर आशीर्वाद ही हम सभी के लिए ऊर्जा है, हमारी प्रेरणा है। एक बार फिर आप सभी को बजट और आज तुमकुरु में जो विकास के प्रोजेक्ट का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है, इसके लिए मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। आप आज इतनी बड़ी तादाद में यहाँ आए हैं, हमें आशीर्वाद दे रहे हैं, मैं आप सबका भी हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूँ।

धन्यवाद !

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!