तुमकुरु में तुमकुरु औद्योगिक टाउनशिप और दो जल जीवन मिशन परियोजनाओं की आधारशिला रखी
"डबल इंजन सरकार ने कर्नाटक को निवेशकों की पहली पसंद बनाया है"
"हमें अपनी रक्षा जरूरतों के लिए विदेशों पर निर्भरता को कम से कम करना है"
"'जब नेशन फर्स्ट, राष्ट्र प्रथम की भावना से काम होता है, तो सफलता जरूर मिलती है"
"आज एचएएल की यह हेलीकॉप्टर फैक्ट्री, एचएएल की बढ़ती ताकत, बहुत से पुराने झूठे और झूठे आरोप लगाने वालों का पर्दाफाश कर रही है"
"फूड पार्क और एचएएल के बाद औद्योगिक टाउनशिप तुमकुरु के लिए एक बड़ा उपहार है जो तुमकुरु को देश के एक बड़े औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित करने में मदद करेगा"
"डबल इंजन सरकार भौतिक बुनियादी ढांचे के साथ-साथ सामाजिक बुनियादी ढांचे पर भी समान ध्यान दे रही है"
“यह बजट समर्थ भारत, संपन्न भारत, स्वयंपूर्ण भारत, शक्तिमान भारत, गतिवान भारत की दिशा में बहुत बड़ा कदम है”
इस बजट में दिए गए कर लाभों से मध्यम वर्ग में भारी उत्साह है।
“महिलाओं का वित्तीय समावेशन घरों में उनकी आवाज को मजबूत करता है और इस बजट में उसके लिए कई प्रावधान हैं”

तुमकुरु जिल्ले, गुब्बी तालुकिना, निट्टूर नगरदा, आत्मीय नागरीक-अ बंधु, भगि-नियरे, निमगेल्ला, नन्ना नमस्कार गडु!

कर्नाटक संतों, ऋषियों-मनीषियों की भूमि है। आध्यात्म, ज्ञान-विज्ञान की महान भारतीय परंपरा को कर्नाटक ने हमेशा सशक्त किया है। इसमें भी तुमकुरु का विशेष स्थान है। सिद्धगंगा मठ की इसमें बहुत बड़ी भूमिका है। पूज्य शिवकुमार स्वामी जी ने ‘त्रिविधा दसोही’ यानि "अन्ना" "अक्षरा" और "आसरे" की जो विरासत छोड़ी उसे आज श्री सिद्धलिंगा महास्वामी जी आगे बढ़ा रहे हैं। मैं पूज्य संतों को नमन करता हूं। गुब्बी स्थित श्री चिदम्बरा आश्रम और भगवान चन्नबसवेश्वर को भी मैं प्रणाम करता हूँ !

भाइयों और बहनों,

संतों के आशीर्वाद से आज कर्नाटक के युवाओं को रोज़गार देने वाले, ग्रामीणों और महिलाओं को सुविधा देने वाले, देश की सेना और मेड इन इंडिया को ताकत देने वाले, सैकड़ों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। आज देश की एक बहुत बड़ी हेलीकॉप्टर फैक्ट्री तुमकुरु को मिली है। आज तुमकुरू इंडस्ट्रियल टाउनशिप का शिलान्यास भी हुआ है और इसके साथ-साथ तुमकुरु जिले के सैकड़ों गांवों को पीने के पानी की स्कीमों पर भी काम शुरू हुआ है और मैं इसके लिए आप सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

कर्नाटक युवा टैलेंट, युवा इनोवेशन की धरती है। ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग से लेकर तेजस फाइटर प्लेन बनाने तक, कर्नाटक के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ताकत को दुनिया देख रही है। डबल इंजन सरकार ने कर्नाटक को निवेशकों की पहली पसंद बनाया है। डबल इंजन सरकार कैसे काम करती है, इसका उदाहरण आज जिस हेलीकॉप्टर कारखाने का लोकार्पण हुआ है, वो भी है। साल 2016 में एक संकल्प के साथ मुझे इसके शिलान्यास का सौभाग्य मिला था और संकल्प ये था कि हमें अपनी रक्षा जरूरतों के लिए विदेशों पर निर्भरता को कम से कम करते जाना है। मुझे खुशी है कि आज सैकड़ों ऐसे हथियार और रक्षा उपकरण, जो भारत में ही बन रहे हैं, जो हमारी सेनाएं उपयोग कर रही है। आज आधुनिक असॉल्ट राइफल से लेकर टैंक, तोप, नौसेना के लिए एयरक्राफ्ट करियर, हेलिकॉप्टर, फाइटर जेट, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सब कुछ भारत खुद बना रहा है। 2014 से पहले के, ये आंकड़ा याद रखना, याद रखोगे! 2014 से पहले के 15 सालों में जितना निवेश एयरोस्पेस सेक्टर में हुआ, उसका 5 गुणा बीते 8-9 वर्षों में हो चुका है। आज हम अपनी सेना को मेड इन इंडिया हथियार तो दे ही रहे हैं, बल्कि हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 2014 की तुलना में कई गुना ज्यादा हो गया है। आने वाले समय में यहां तुमकुरू में ही सैकड़ों, सैकड़ों हेलीकॉप्टर बनने वाले हैं और इससे लगभग 4 लाख करोड़ रुपए का बिजनेस यहां होगा। जब इस प्रकार मैन्युफैक्चरिंग की फैक्ट्रियां लगती हैं, तो हमारी सेना की ताकत तो बढ़ती ही है, हज़ारों रोजगार और स्वरोज़गार के अवसर भी मिलते हैं। तुमकुरु के हेलीकॉप्टर कारखाने से यहां आसपास अनेक छोटे-छोटे उद्योगों को, व्यापार-कारोबार को भी बल मिलेगा।

साथियों,

जब नेशन फर्स्ट, राष्ट्र प्रथम इस भावना से काम होता है, तो सफलता भी ज़रूर मिलती है। बीते 8 वर्षों में हमने एक तरफ सरकारी फैक्ट्रियों, सरकारी डिफेंस कंपनियों के कामकाज में सुधार किया, उनको ताकतवर बनाया, वहीं दूसरी तरफ प्राइवेट सेक्टर के लिए भी दरवाज़े खोले। इससे कितना लाभ हुआ, वो हम HAL- हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में भी देख रहे हैं। और मैं कुछ सालों पहले की चीजें आज याद कराना चाहता हूँ, मीडिया वालों का भी जरूर ध्‍यान जाएगा, यही HAL है जिसे बहाना बनाकर हमारी सरकार पर तरह-तरह के झूठे आरोप लगाए गए। यही HAL है जिसका नाम लेकर लोगों को भड़काने की साजिशें रचीं गईं, लोगों को उकसाया गया। Parliament के घंटे से घंटे तबाह कर दिये लेकिन मेरे प्यारे भाइयों-बहनों, झूठ कितना ही बड़ा क्यों ना हो, कितनी ही बार बोला जाता हो, कितने ही बड़े लोगों से बोला जाता हो, लेकिन एक ना एक दिन वो सच के सामने हारता ही है। आज HAL की ये हेलीकॉप्टर फैक्ट्री, HAL की बढ़ती ताकत, ढेर सारे पुराने झूठों को और झूठे आरोप लगाने वालों का पर्दाफाश कर रही है, हकीकत खुद बोल रही है। आज वही HAL भारत की सेनाओं के लिए आधुनिक तेजस बना रहा है, विश्व के आकर्षण का केंद्र है। आज HAL डिफेंस सेक्टर में भारत की आत्मनिर्भरता को बल दे रहा है।

साथियों,

आज यहां तुमकुरु इंडस्ट्रियल टाउनशिप के लिए भी काम शुरू हुआ है। फूड पार्क, हेलीकॉप्टर कारखाने के बाद तुमकुरु को मिला एक और बड़ा उपहार है। जो ये नया इंडस्ट्रियल टाउनशिप होगा, इससे तुमकुरु कर्नाटक के ही नहीं, बल्कि भारत के एक बड़े औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित होगा। ये चेन्नई-बेंगलुरु इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का हिस्सा है। इस समय चेन्नई-बेंगलुरु, बेंगलुरु-मुंबई और हैदराबाद-बेंगलुरु इंडस्ट्रियल कॉरिडोर्स पर काम चल रहा है। इन सभी में कर्नाटक का एक बहुत बड़ा हिस्सा आता है। मुझे इस बात की भी खुशी है कि तुमकुरु इंडस्ट्रियल टाउनशिप का निर्माण पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान के तहत हो रहा है। मुंबई-चेन्नई हाईवे, बेंगुलुरु एयरपोर्ट, तुमकुरु रेलवे स्टेशन, मेंगलुरु पोर्ट और गैस कनेक्टिविटी, ऐसी मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी से इसे जोड़ा जा रहा है। इससे यहां बहुत बड़ी संख्या में रोजगार और स्वरोजगार बनने वाले हैं।

साथियों,

डबल इंजन की सरकार का जितना ध्यान फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर पर है, उतना ही हम सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी जोर दे रहे हैं। बीते वर्षों में हमने निवासक्के नीरु, भूमिगे नीरावरी यानि हर घर जल, हर खेत को पानी को प्राथमिकता दी है। आज पूरे देश में पीने के पानी के नेटवर्क का अभूतपूर्व विस्तार हो रहा है। इस वर्ष जल जीवन मिशन के लिए बजट में पिछले वर्ष की तुलना में 20 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की वृद्धि की गई है। जब हर घर जल पहुंचता है, तो इसका सबसे बड़ा लाभ गरीब महिलाओं और छोटी बेटियों को ही होता है। उन्हें साफ पानी जुटाने के लिए घरों से दूर नहीं जाना पड़ता। पिछले साढ़े 3 वर्षों में देश में नल से जल का दायरा 3 करोड़ ग्रामीण परिवारों से बढ़कर के 11 करोड़ परिवार हो चुका है। हमारी सरकार निवासक्के नीरु के साथ ही भूमिगे नीरावरी पर भी लगातार बल दे रही है। बजट में अपर भद्रा प्रोजेक्ट के लिए लगभग साढ़े 5 हज़ार करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। इससे तुमकुरु, चिकमगलुरू, चित्रदुर्ग और दावणगेरे सहित सेंट्रल कर्नाटक के बड़े सूखा प्रभावित क्षेत्र को लाभ होगा। ये हर खेत और हर घर तक पानी पहुंचाने के डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है। इसका बहुत बड़ा लाभ हमारे छोटे किसानों को होगा, जो खेती के लिए सिंचाई के पानी पर, वर्षा के पानी पर ही निर्भर रहते आए हैं।

साथियों,

इस साल के गरीब हितैषी, मध्यम वर्ग हितैषी बजट की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। विकसित भारत के निर्माण के लिए सब जुड़ें, सब जुटें, सबका प्रयास कैसे हो, इसके लिए ये बजट बहुत ताकत देने वाला है। जब भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष मनाएगा, उस सशक्त भारत की नींव, इस बार के बजट ने और मजबूत की है। ये बजट, समर्थ भारत, संपन्न भारत, स्वयंपूर्ण भारत, शक्तिमान भारत, गतिवान भारत की दिशा में बहुत बड़ा कदम है। आजादी के इस अमृतकाल में, कर्तव्यों पर चलते हुए विकसित भारत के संकल्पों को सिद्ध करने में इस बजट का बड़ा योगदान है। गांव, गरीब, किसान, वंचित, आदिवासी, मध्यम वर्ग, महिला, युवा, वरिष्ठ जन, सबके लिए बड़े-बड़े फैसले इस बजट में लिए गए हैं। ये सर्वप्रिय बजट है। सर्वहितकारी बजट है। सर्वसमावेशी बजट है। सर्व-सुखकारी बजट है। सर्व-स्पर्शी बजट है। ये भारत के युवा को रोजगार के नए अवसर देने वाला बजट है। ये भारत की नारीशक्ति की भागीदारी बढ़ाने वाला बजट है। ये भारत की कृषि को, गांव को आधुनिक बनाने वाला बजट है। ये श्रीअन्न, श्रीअन्‍न से छोटे किसानों को वैश्विक ताकत देने वाला बजट है। ये भारत में रोजगार बढ़ाने वाला और स्वरोजगार को बल देने वाला बजट है। हमने ‘अवश्यकते, आधारा मत्तु आदाया’ यानि आपकी जरूरतों, आपको दी जाने वाली सहायता और आपकी आय, तीनों का ध्यान रखा है। कर्नाटक के हर परिवार को इससे लाभ मिलेगा।

भाइयों और बहनों,

2014 के बाद से सरकार का प्रयास समाज के उस वर्ग को सशक्त करने का रहा है, जिन्हें पहले सरकारी सहायता मिलनी बहुत मुश्किल होती थी। इस वर्ग तक सरकारी योजनाएं या तो पहुंचती ही नहीं थीं, या फिर वो बिचौलियों के हाथों लुट जाता था। आप देखिए, बीते वर्षों में हमने हर उस वर्ग तक सरकारी सहायता पहुंचाई है, जो पहले इससे वंचित थे। हमारी सरकार में, ‘कार्मिक-श्रमिक’ ऐसे हर वर्ग को पहली बार पेंशन और बीमा की सुविधा मिली है। हमारी सरकार ने छोटे किसान की सहायता के लिए उसे पीएम किसान सम्मान निधि की शक्ति दी है। रेहड़ी, ठेले, फुटपाथ पर काम करने वाले, स्ट्रीट वेंडर्स को हमने पहली बार बैंकों से बिना गारंटी का ऋण दिलाया है। इस वर्ष का बजट इसी भावना को आगे बढ़ाता है। पहली बार, हमारे विश्वकर्मा बहनों-भाइयों के लिए भी देश में एक योजना बनी है। विश्वकर्मा यानि, हमारे वो साथी जो अपने हाथ के कौशल से, हाथ से चलने वाले किसी औजार की मदद से कुछ निर्माण करते हैं, सृजन करते हैं, स्वरोजगार को बढ़ावा देते हैं। जैसे हमारे कुंब्बारा, कम्मारा, अक्कसालिगा, शिल्पी, गारेकेलसदवा, बड़गी आदि जो हमारे सब साथी हैं, पीएम-विकास योजना से अब ऐसे लाखों परिवारों को उनकी कला, उनके कौशल को और समृद्ध करने में मदद मिलेगी।

साथियों,

इस वैश्विक महामारी के समय में राशन पर होने वाले खर्च की चिंता से भी हमारी सरकार ने गरीब परिवारों को मुक्त रख रखा है। इस योजना पर हमारी सरकार 4 लाख करोड़ रुपए से अधिक खर्च कर चुकी है। गांवों में हर गरीब परिवार को पक्का घर देने के लिए बजट में अभूतपूर्व 70 हज़ार करोड़ रुपए रखे गए हैं। इससे कर्नाटक के अनेक गरीब परिवारों को पक्‍का घर मिलेगा, जिन्दगी बदल जाएगी।

भाइयों और बहनों,

इस बजट में मिडिल क्लास के हित में अभूतपूर्व फैसले लिए गए हैं। सात लाख रुपए तक की आय पर इनकम टैक्स जीरो होने से मिडिल क्लास में बहुत उत्साह है। विशेष रूप से 30 वर्ष से कम के युवा साथी, जिनकी नौकरी नई है, बिजनेस नया है, उनके अकाउंट में हर महीने अधिक पैसों की बचत होने वाली है। इतना ही नहीं, जो रिटायर हुए कर्मचारी हैं, जो हमारे सीनियर सिटीजन हैं, वरिष्ठ नागरिक हैं, उनके लिए डिपॉजिट की लिमिट को 15 लाख से बढ़ाकर 30 लाख यानि दोगुना कर दिया है। इससे उन्हें हर महीने मिलने वाला रिटर्न और बढ़ जाएगा। प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले साथियों के लिए Leave encashment पर टैक्स की छूट लंबे समय से सिर्फ 3 लाख रुपए थी। अब 25 लाख रुपए तक के Leave encashment को टैक्स फ्री कर दिया गया है। इससे तुमकुरु, बैंगलुरु सहित कर्नाटक और देश के लाखों परिवारों के पास ज्यादा पैसा आएगा।

साथियों,

हमारे देश की महिलाओं का वित्तीय समावेश, भाजपा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। महिलाओं का वित्तीय समावेश, घरों में उनकी आवाज मजबूत करता है, घर के निर्णयों में उनकी भागीदारी बढ़ाता है। हमारी माताएं-बहनें-बेटियां, ज्यादा से ज्यादा बैंकों से जुड़ें, इसके लिए इस बजट में हमने बड़े-बड़े कदम उठाए हैं। हम महिला सम्मान बचत पत्र लेकर आए हैं। इसमें बहनें 2 लाख रुपए तक का निवेश कर सकती हैं, जिस पर सबसे अधिक साढ़े 7 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। ये परिवार और समाज में महिलाओं की भूमिका को और बढ़ाएगा। सुकन्या समृद्धि, जन धन बैंक खातों, मुद्रा ऋण और घर देने के बाद ये महिला आर्थिक सशक्तिकरण के लिए एक और बड़ी पहल है। गांवों में महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के सामर्थ्य को और बढ़ाने के लिए भी बजट में अहम फैसला लिया गया है।

भाइयों और बहनों,

ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर इस बजट में सबसे अधिक फोकस है। किसानों को कदम-कदम पर डिजिटल टेक्नॉलॉजी से मदद हो या सहकारिता का विस्तार, इस पर बहुत फोकस है। इससे किसानों, पशुपालकों और मछुआरों, सभी को लाभ होगा। गन्ने से जुड़ी सहकारी समितियों को विशेष मदद मिलने से कर्नाटक के गन्ना किसानों को बहुत लाभ होगा। आने वाले समय में अनेक नई सहकारी समितियां भी बनेंगी और अनाज की स्टोरेज के लिए देशभर में बड़ी संख्या में स्टोर बनेंगे। इससे छोटे किसान भी अपना अनाज स्टोर कर पाएंगे और बेहतर कीमत मिलने पर बेच पाएंगे। यही नहीं प्राकृतिक खेती से छोटे किसान की लागत कम हो, इसके लिए हज़ारों सहायता केंद्र भी बनाए जा रहे हैं।

साथियों,

कर्नाटक में आप सभी मिलेट्स-मोटे अनाज का महत्व बखूबी समझते हैं। इसलिए मोटे अनाजों को आप सभी पहले से ‘सिरि धान्या’ कहते हैं। अब कर्नाटक के लोगों की इसी भावना को देश आगे बढ़ा रहा है। अब पूरे देश में, मोटे अनाज को श्री-अन्न की पहचान दी गई है। श्री-अन्न यानि, ‘धान्य’ में सर्वश्रेष्ठ। कर्नाटक में तो श्रीअन्न रागी, श्रीअन्न नवणे, श्रीअन्न सामे, श्रीअन्न हरका, श्रीअन्न कोरले, श्रीअन्न ऊदलु, श्रीअन्न बरगु, श्रीअन्न सज्जे, श्रीअन्न बिड़ीजोड़ा, किसान ऐसे अनेक श्री अन्न पैदा करता है। कर्नाटक के ‘रागी मुद्दे’, ‘रागी रोट्टी’ इस स्वाद को कौन भूल सकता है? इस साल के बजट में श्रीअन्न के उत्पादन पर भी बहुत बल दिया गया है। इसका लाभ कर्नाटक के सूखा प्रभावित क्षेत्रों के छोटे-छोटे किसानों को सबसे अधिक लाभ होगा।

साथियों,

डबल इंजन सरकार के ईमानदार प्रयासों के कारण आज भारत के नागरिक का विश्वास बुलंदी पर है, आत्मविश्वास बुलंदी पर है। हम हर देशवासी का जीवन सुरक्षित करने के लिए, भविष्य समृद्ध करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। आपका निरंतर आशीर्वाद ही हम सभी के लिए ऊर्जा है, हमारी प्रेरणा है। एक बार फिर आप सभी को बजट और आज तुमकुरु में जो विकास के प्रोजेक्ट का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है, इसके लिए मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। आप आज इतनी बड़ी तादाद में यहाँ आए हैं, हमें आशीर्वाद दे रहे हैं, मैं आप सबका भी हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूँ।

धन्यवाद !

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।