भारत सरकार दिल्ली का चौतरफा विकास कर रही है: नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में पीएम मोदी
कांग्रेस उस सीट पर भी नहीं लड़ रही, जहां इनका 10 जनपथ का दरबार है: नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में पीएम मोदी
विपक्ष का मौका परस्त गठबंधन तुष्टिकरण के लिए देश में हिंसा भी फैला सकता है: नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में पीएम मोदी
भ्रष्टाचार मिटाने के नाम पर सत्ता में पहुंचे लोग आज हजारों करोड़ के घोटाले में जेल के चक्कर लगा रहे हैं: नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में पीएम मोदी

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

देश की राजधानी, दिल्ली के सभी भाई-बहनों को मेरा नमस्कार। आप सबने, इतनी बड़ी तादाद में और मैं ऊपर से हेलीकॉप्टर से देख रहा था, सामने वाले दोनों मार्ग पूरी तरह भरे पड़े हैं। ये उमंग, ये उत्साह, इस बात का गवाह है कि फिर एक बार मोदी सरकार, फिर एक बार मोदी सरकार, फिर एक बार मोदी सरकार। साथियों, दिल्ली के लाल किले से मैंने कहा था, यही समय है सही समय है। आज 21वीं सदी के भारत के सामने सबसे अनमोल समय आया है। आपका ये प्यार, आपका आशिर्वाद, आपका उमंग, आपका उत्साह सब कुछ मेरे सिर आंखों पर।

साथियों,

सही समय है यही समय है। ये वो समय है जब भारत तेज विकास के लिए एक लंबी छलांग लगा रहा है। चौबीस का ये चुनाव, भारत को टॉप तीन इकॉनॉमी में लाने के लिए है और चौबीस का ये चुनाव, भारत की अर्थव्यवस्था को उन ताकतों से बचाने के लिए भी है, जो अपनी आर्थिक नीतियों से भारत को दिवालिया कर देना चाहती हैं। चौबीस का ये चुनाव, भारत में गरीब के लिए, मध्यम वर्ग के लिए उसका जीवन आसान बनाने के लिए, उसके जीवन में खुशियां लाने के लिए है। और चौबीस का ये चुनाव, गरीब और मध्यम वर्ग को उन ताकतों से बचाने के लिए है जो उनकी संपत्ति छीन लेना चाहती हैं। चौबीस का ये चुनाव, भारत के युवाओं के लिए नए अवसर बनाने के लिए है। चाहे, स्पेस सेक्टर हो, सेमीकंडक्टर हो, ग्रीन एनर्जी हो, सोलर रिवोल्यूशन हो, इलेक्ट्रिक व्हिक्ल का युग हो, हर क्षेत्र में युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए है। और दूसरी ओर चौबीस का ये चुनाव उस परंपरा को, उस सोच को भी हराने का है, जिसने बरसों तक भाई-भतीजावाद, परिवारवाद के चलते भारत के युवाओं का भविष्य बर्बाद करके रख दिया है। चौबीस का ये चुनाव, मजबूत भारत बनाने के लिए है। और चौबीस का ये चुनाव, उन ताकतों को हराने के लिए है जो भारत को कमजोर करना चाहती हैं। तो देश की राजनीति को एक मजबूत सरकार चाहिए। देश की राजधानी को दुनिया में प्रतिष्ठा मिले, देश की राजधानी दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र बने और इसलिए इस देश को चाहिए, फिर एक बार...मोदी सरकार ! फिर एक बार...मोदी सरकार ! फिर एक बार...मोदी सरकार !

साथियों,

मैं इसे ईश्वर का आशीर्वाद मानता हूं कि परमात्मा ने मुझे देश के विकास को तेज गति देने के लिए आपकी सेवा में भेजा है। पचास-साठ साल पहले मैं अपना घर छोड़कर निकला था, तब मुझे भी नहीं पता था कि एक दिन लाल किले पर तिरंगा फहराउंगा। पचास साठ साल पहले जब घर छोड़ा सबकुछ छोड़ चुका था, सब कुछ छूट गया था लेकिन तब मुझे पता नहीं था कि एक दिन ये 140 करोड़ भारतीय ही मेरा परिवार बन जाएंगे।

साथियों,

न अपने लिए मैं जिया हूं न अपने लिए जन्मा हूं। मैं आपके लिए और आपके बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए जीजान से खप रहा हूं। समाज जीवन का स्वाभाविक क्रम है कि हर परिवार, घर का हर मुखिया अपने वारिस के लिए सोचता है, योजना बनता है औऱ कुछ करता भी है। मुझे तो वो भी नहीं करना है। मेरा कोई वारिस नहीं है। अगर मेरा कोई वारिस है तो आप ही मेरे वारिस हैं। 140 करोड़ देशवासी, वही मेरे वारिस हैं। औऱ इसलिए आपके लिए ही मैं दिन-रात मेहनत कर रहा हूं, मेरा पल पल आपके लिए, मेरा पल पल देश के लिए, आपके सपने ही मेरा संकल्प हैं। आपके सपने सफल हों इसीलिए ये जिंदगी आपके लिए कुर्बान है। 24X7 फॉर 2047. ये मोदी की गांरटी है। औऱ साथियों (ये पर्दा नीचे करो पीछे लोगों को दिखता नहीं है भाई, नीचे करिए आप) साथियों, देश को मजबूत बनाना है इसके लिए मजबूत सरकार चाहिए और मुझे भी मजबूत साथी चाहिए। और इसलिए दिल्ली में भी हमारे सभी उम्मीदवार आपके आशीर्वाद से विजयी हों, विकसित भारत का मेरा संकल्प पूरा करने के लिए ये मेरे साथी बनें।

साथियों,

आत्मनिर्भर भारत का संकल्प लेकर निकला हूं, तब मैं आपसे प्रार्थना करता हूं ( आप लोग कुछ समझते हैं कि नहीं, आप ये बोर्ड नीचे करेंगे क्या, ये जो भी हैं वहां ये सारे इकट्ठे कर लो, कोई एक इकट्ठे कर लो सब, भाई आपका प्यार मेरे सिर आंखों पर, लेकिन इतना प्यार मत करो कि पीछे वालों को दिखाई न दे। ये लोग दूर-दूर से आए हैं उनको परेशानी नहीं होनी चाहिए।) साथियों, आप चाहते हैं कि देश में मजबूत सरकार बने, आप चाहते हैं कि दिल्ली के सभी सांसद जीत कर आएं, इसके लिए हर बूथ में कमल खिलाना होगा। हर बूथ में कमल में खिले तभी तो देश मजबूत होगा।

साथियों,

विकसित होते भारत की राजधानी भी विकसित दिखनी चाहिए, विकसित होनी चाहिए। आपने G-20 सम्मेलन के दौरान देखा है, कैसे दुनिया के शीर्ष नेता दिल्ली को देखकर चकित थे। आज यहां भारत मंडपम् और यशोभूमि जैसे आधुनिक कन्वेंशन सेंटर बन रहे हैं। नया संसद भवन, हमारी शान और बढ़ा रहा है। नेशनल वॉर मेमोरियल, आजादी के बाद देश के जवान इसके लिए मांग करते थे, इसके लिए प्रतीक्षा करते थे, देश का दुर्भाग्य देखिए, जब तक मोदी नहीं आय़ा, दिल्ली में बैठी हुई सरकारों को देश के वीर जवानों के मान सम्मान में वॉर मेमोरियल बनाने का उनको महत्व समझ नहीं आय़ा। देश में लोगों की सुरक्षा करत-करते करीब 35 हजार पुलिस के जवान शहीद हुए हैं। हमारी रक्षा करते-करते शहीद हुए हैं। उन पुलिस मेमोरियल के लिए, देश के पुलिस जवानों को सत्तर साल इतंजार करना पड़ा, मोदी आया तब जा करके बना। डॉ. बाबा साहेब का मेमोरियल, एक परिवार के लिए सब कुछ हुआ, लेकिन इतने प्रधानमंत्री हो गए, उनको स्मरण करने के लिए, उनकी राजनीति उनका परिवारवाद आड़े आय़ा। ये मोदी है जिसके रगों में लोकतंत्र जिंदा है। जो जीता है लोकतंत्र के लिए, जो खपता है लोकतंत्र के लिए और उसने देश में पहली बार सभी प्रधानमंत्रियों का म्यूजियम बनाया। ऐसे अनेक स्मारक बन रहे हैं जो आधुनिक दिल्ली के दर्शन कराते हैं। हर शाम जब कर्तव्यपथ पर हजारों परिवार खुशियों के पल बिताते हैं तब लगता है मेरी मेहनत सफल हो रही है।

साथियों,

मोदी का 10 वर्ष का सेवाकाल, दिल्ली के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए नए ट्रांसफॉर्मेशन का कालखंड रहा है। मेरा फोकस रहा है Ease of Living पर, Ease of Travel पर, 10 साल पहले दिल्ली में नेशनल हाईवे की लंबाई 80 किलोमीटर थी। अब ये 160 किलोमीटर से ज्यादा हो गई है। इन 10 सालों में 4 लेन के हाईवे की लंबाई भी दोगुनी हो गई है। हज़ारों बड़े वाहनों को अब दिल्ली में आने की ज़रूरत नहीं पड़ती। दिल्ली-NCR से होकर शानदार एक्सप्रेसवे चारों तरफ बन रहे हैं। 2014 में दिल्ली मेट्रो का जितना बड़ा नेटवर्क था आज उससे दोगुना बड़ा मेट्रो नेटवर्क दिल्ली के पास है। आज दिल्ली मेट्रो में हर रोज 65 लाख लोग सफर करते हैं। ये यात्रीगण अब ध्यान दे रहे हैं कि अब मेट्रो का गेट सिर्फ विकास की तरफ खुलता है। और अब तो नमो भारत ट्रेन भी दिल्ली-NCR की नई पहचान बन चुकी है। मैं दिल्ली के लोगों को एक और बात कहूंगा आज दिल्ली में जितनी भी इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं, जो पर्यावरण की समस्याएं हैं उससे मुक्ति के लिए, भारत सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। देश के बड़े बड़े शहरों को भारत सरकार इलेक्ट्रिक बसें दे रही है। आपने देखा होगा, दिल्ली को भी भारत सरकार ने ऐसी सैकड़ों बसें दी हैं ताकि दिल्ली के लोगों की सुविधा भी बढ़े औऱ पर्यावरण की भी रक्षा हो। साथियों, हम सब जानते हैं, दुनिया में कोई भी जगह हो इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास इन्वेस्टमेंट लेकर आता है। आज छोटे से छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े-बड़े बिजनेस तक सभी फायदे में हैं क्योंकि भारत सरकार दिल्ली का चौतरफा विकास कर रही है।

साथियों,

मोदी, दिल्ली के हर गरीब, हर मिडिल क्लास परिवार का जीवन आसान बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। पूरी दिल्ली में पाइप से सस्ती गैस पहुंचाने का काम तेज़ी से चल रहा है। इससे हमारी बहनों को बहुत सुविधा हो रही है। मुफ्त अनाज की योजना भी लाखों लोगों के बहुत काम आ रही है। सबके घर का सपना पूरा करना भी मोदी की गारंटी है। आप देखिए, एक तरफ Unauthorised colonies को रेगुलर करने का काम चल रहा है। वहीं दूसरी तरफ झुग्गियों की जगह पक्के घर बनाने का अभियान भी जारी है। मिडिल क्लास के जो साथी अपना घर बनाना चाहते हैं उनको भी भाजपा सरकार बड़ी आर्थिक मदद देने जा रही है।

साथियों,

गरीब और मध्यम वर्ग की बचत को बढ़ाने के लिए मोदी ने एक और योजना शुरू की है। ये योजना है- पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना। ये योजना दिल्ली के लोगों के लिए ट्रिपल बेनिफिट वाली है, तीन फायदा कराएगी। इस योजना में आपका 300 यूनिट तक का बिजली बिल जीरो हो जाएगा। बिजली बिल जीरो और इसके लिए भारत सरकार आपको 75 हजार रुपए तक की मदद देगी, इसका आनलाइन रजिस्ट्रेशन चालू हो चुका है। इस 75 हजार रुपए से आप अपने घरों पर सोलर पैनल लगवा पाएंगे। घर में इस्तेमाल के बाद जो बिजली बचेगी, उसे सरकार खरीदेगा उससे आपकी कमाई होगी। तीसरा लाभ, अब जमाना, इलेक्ट्रकि वेहिकल का है, अब पेट्रोल डीजल का जमाना चला गया। अब इलेक्ट्रिक्ल वेहिकल आपकी खुद की बिजली, खुद का सोलर प्लांट औऱ आपके वेहिकल का चार्जिंग भी आपके घर में, मतलब दिन भर आप स्कूटर ले करके, स्कूटी ले करके, मोटरसाइकिल ले करके, कार ले करके अगर इलेक्ट्रिक वेहिकल है तो उसका बिल भी जीरो हो जाएगा।


भाइयों और बहनों,

राजधानी दिल्ली में हो रहे इन विकास कार्यों के बीच, इंडी गठबंधन दिल्ली को तबाह करने में जुटा है। ये लोग राजनीति का लगातार पतन करने के जिम्मेदार हैं। ये लोग, करोड़ों देशवासियों का भरोसा तोड़ने के जिम्मेदार हैं। ये लोग दिल्ली को लूटने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे, ये लोग भ्रष्टाचार मिटाने के नाम पर आए थे, और अब हजारों करोड़ के घोटाले में जेल के चक्कर लगा रहे हैं। और ये कांग्रेस, ये तो पूरी तरह एक्सपोज हो गई है। पहले कांग्रेस वाले पत्रकार वार्ता करते करते क्रेडिट लेने के लिए तूफान मचा देते थे, वे कहते थे शराब घोटाले के पर्दाफाश का क्रेडिट कांग्रेस को जाता है। फिर शाही परिवार के कहने पर भ्रष्टाचारी को ही गले लगा लिया। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं को भी समझ नहीं आ रहा है कि करें तो क्या करें? दिल्ली-हरियाणा में दोस्ती और पंजाब में कुश्ती, ये ढोंग कब तक चलेगा? दुनिया देख रही है कि कैसे एक भ्रष्टाचारी दूसरे भ्रष्टाचारी को कवर दे रहा है।

साथियों,

एक जमाना था, जब कांग्रेस पूरे देश पर राज करती थी। इनकी उंगलियों के इशारों से सरकारें बनती और गिरती थीं। कांग्रेस की चार पीढ़ियों ने दिल्ली पर राज किया। लेकिन आज दिल्ली में चार सीट लड़ने की उनकी ताकत नहीं रही है। कांग्रेस उस सीट पर भी नहीं लड़ रही, जहां देश की संसद है, जहां इनका 10 जनपथ का दरबार है। लेकिन फिर भी, कांग्रेस का घमंड नहीं टूटा है।

साथियों,

इंडी गठबंधन वालों ने अपने राजनीतिक स्वार्थ में, आपके स्वास्थ्य को भी दांव पर लगा दिया है। यहां केंद्र सरकार के अस्पतालों में 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज हो रहा है। लेकिन इंडी वालों ने यहां आयुष्मान भारत योजना पर रोक लगा रखी है। मोदी ने अब तय किया है कि हर परिवार के 70 वर्ष के ऊपर के बुजुर्गों को भी मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। और इससे परिवार के खर्च में बहुत बड़ी राहत होगी। बहुत बड़ी बचत होगी। लेकिन इसका फायदा दिल्ली सरकार के अस्पतालों में आपको नहीं मिल पाएगा। ये लोग दिल्ली के एक भी बुजुर्ग को भारत सरकार की योजना का लाभ नहीं लेने देते। मेरा आपसे अनुरोध है, सत्तर साल के ऊपर के सब लोगों से मिलिए, उनको ये बताइए मोदी ये देना चाहते हैं लेकिन ये दिल्ली की सरकार रूकावट बनी है, एक भी बुजुर्ग का वोट ये इंडी गठबंधनों वालों को जाना नहीं चाहिए।

भाइयों और बहनों,

जब 24 घंटे दिमाग में सिर्फ वोटबैंक चलता हो, तब ना इस तरह की योजनाएं संभव हैं और ना ही तब विकास हो पाता है। इंडी गठबंधन का यही हाल है। ये तुष्टिकरण के लिए सारी हदें पार कर चुके हैं। इनका मेनिफेस्टो देखिए, ऐसा लगता है जैसे मुस्लिम लीग के दबाव में तैयार किया हो, मैनिफेस्टो में लिखा है अब सरकारी टेंडरों को धर्म के आधार पर देना चाहते हैं। ये स्पोर्ट्स टीमों में भी धर्म के आधार पर सलेक्शन करना चाहते हैं, ये देश के बजट को धर्म के आधार पर देना चाहते हैं और यही नहीं, कांग्रेस के शहजादे आपकी संपत्ति का एक्स-रे कराकर, आपके घर पर छापा मारकर, आपकी संपत्ति का आधा हिस्सा अपने वोट बैंक को देना चाहते हैं। और ये पिछले कई बरसों से ऐसा करते भी आ रहे हैं। आप जानकर चौंक जाएंगे, 2014 में चुनाव की घोषणा होने के समय डॉ मनमोहन सिंह जी की रिमोट वाली जो सरकार चलती थी, मैडम सोनिया जी जिस सरकार को पीछे से चलाती थीं, उन्होंने वोट बैंक के लिए वोट जिहाद करने वालों से सौदा किया औऱ सौदा किया कि वो वोट देंगे औऱ बदले में कांग्रेस क्या देगी? दिल्ली के लोगों की संपत्ति, हिन्दुस्तान के लोगों की संपत्ति, भारत की महान विरासत, 123 प्रोपर्टी रातों रात वोट पाने के बदले में वक्फ बोर्ड को सौंप दी गई थी। ये प्रॉपर्टी आपकी है दिल्ली वालों, 123 प्रॉपर्टी, एक दो नहीं, एक ही निर्णय में और मकसद यही था इनका वोट बैंक खुश हो और चुनाव में फायदा हो। ये संपत्तियां, दिल्ली की प्राइम लोकेशन्स में हैं। जहां एक-एक गज़ ज़मीन की कीमत कई-कई लाख रुपए है। क्या इस लूट को, दिल्ली के लोग बर्दाश्त करेंगे क्या? क्या ऐसे लोगों को माफ करेंगे क्या? इनको को चुन- चुन करके साफ करेंगे कि नहीं करेंगे?

भाइयों और बहनों,

ये मौकापरस्त गठबंधन, तुष्टिकरण के लिए देश में हिंसा भी फैला सकता है। याद कीजिए, CAA कानून आया था, तो इन्होंने दिल्ली को महीनों-महीने तक बंधक बना दिया था। पहले रास्ते रोके और फिर दंगे कराए। लेकिन आज पूरा देश देख रहा है कि इनके झूठ का पर्दाफाश हो चुका है। दिल्ली में कई-कई सालों से रह रहे शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिल रही है। अभी दो परिवार यहां आए थे, वो प्रताड़ित हो करके पड़ोस से आए हुए हैं, उनको नागरिकता मिली वो खुशी जताने के लिए आए थे। औऱ ये कौन लोग हैं ये हिंदु हैं, सिख हैं, बौद्ध हैं, जैन, पारसी, ईसाई हैं ये प्रताड़ित होकर यहां आए हैं इनमें से ज्यादातर दलित परिवार हैं। इसलिए, इनका इतना विरोध किया गया? अभी कुछ देर पहले बिटिया से मिलने का मौका मिला, जो पाकिस्तान से आई थी। भाईयों-बहनों, उसे भारत की नागरिकता मिल गई है। उसे अपने उज्ज्वल भविष्य की गारंटी मिली है। ये इंडी गठबंधन वाले घुसपैठियों के लिए आंसू बहाते हैं, लेकिन जिनके साथ 1947 में जुल्म में हुआ उनको हिकारत की नज़र से देखते हैं।

साथियों,

तुष्टिकरण की जिद में ये लोग पूरे देश को सांप्रदायिकता की भेंट चढ़ाना चाहते हैं। बाबा साहेब आंबेडकर धर्म के आधार पर आरक्षण के खिलाफ थे। लेकिन ये खुलेआम कह रहे हैं कि SC/ST/OBC का आरक्षण धर्म के आधार पर बांट देंगे। साथियों, राम मंदिर को लेकर भी इनका रवैया आज पूरा देश देख रहा है। अब ये लोग अयोध्या में राम मंदिर से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटना चाहते हैं। ये खुलकर कह रहे हैं कि आर्टिकल 370 वापस लाएंगे। ये खुलकर कह रहे हैं कि भारत के हमारे परमाणु हथियारों को खत्म कर देंगे। क्या ऐसे खतरनाक गठबंधन को आपका एक भी वोट मिलना चाहिए क्या?

साथियों,

25 मई को जब आप वोट डालने घर से निकलिएगा तो विकसित भारत का लक्ष्य याद रखिएगा आपको पूर्वी दिल्ली से हर्ष मल्होत्रा जी, उत्तर पूर्वी दिल्ली से मनोज तिवारी जी, और चांदनी चौक से प्रवीण खंडेलवाल जी को रिकॉर्ड वोटों से विजयी बनाना है। मेरा आप लोगों से आग्रह है पहले मतदान...फिर जलपान !

मेरे साथ बोलिए भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

बहुत-बहुत धन्यवाद।

भारत माता की जय !

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!