केरल अपनी शांत संस्कृति के लिए जाना जाता है, लेकिन यूडीएफ और एलडीएफ पार्टियां राजनीतिक हिंसा में लिप्त हैं: पीएम मोदी
केरल के लोग प्रगतिशील और दूरदर्शी हैं, लेकिन कांग्रेस और एलडीएफ पुरानी तथा अप्रासंगिक हो चुकी विचारधारा में जी रहे हैं: पीएम मोदी
पथानामथिट्टा में पीएम मोदी ने कहा, एलडीएफ और यूडीएफ के लोग केरल में विरोधी होने का दिखावा करते हैं और दिल्ली में एक-दूसरे को गले लगाते हैं।
केरल को बचाने का एकमात्र उपाय कांग्रेस और एलडीएफ से छुटकारा पाना है। यह एकमात्र समाधान है जिससे केरल के लोगों को न्याय मिलेगा: पीएम मोदी

भारत माता की, भारत माता की।
स्वामिये…शरणम् अय्यप्पा।
पथनमथिट्टायिले एन्डे सहोदरी- सहोदरनमारे एल्ललावरकुम, एन्डे नमस्कारम

आज पथनमथिट्टा का ये माहौल बता रहा है कि इस बार केरला में कमल खिलने जा रहा है। केरला में जनता हमें पिछले चुनावों में डबल डिजिट वोट पर्सेंट वाली पार्टी बना चुकी है। अब बीजेपी के लिए डबल डिजिट सीट्स की मंजिल बहुत दूर नहीं है। बीजेपी यहां की युवा ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है। यहां बीजेपी के उम्मीदवार भाई अनिल के एंटनी, आपकी सेवा के जज्बे से भरे हुए हैं। ऐसी ही freshness की केरला की पॉलिटिक्स को जरूरत है। इसलिए अब केरला के लोग भी कह रहे हैं, अबकी बार, 400 पार। इत्तवणा....नानूरिल् अदिगम्, इत्तवणा....नानूरिल् अदिगम्।

साथियों,
केरला में करप्ट और नाकाबिल सरकार होने का बहुत बड़ा नुकसान केरल के आप सब मेरे भाई-बहनों को उठाना पड़ रहा है। हम जानते हैं, यहां रबर के किसान हैं, कितनी मुसीबतों से रबड़ का किसान गुजारा कर रहा है। लेकिन LDF और UDF ने अपनी आंखें बंद कर रखी है। केरला में कानून व्यवस्था का हाल भी बहुत बुरा है। यहां तक कि चर्च के पादरी भी हिंसा के शिकार हो रहे हैं। कितने ही कॉलेज कैंपस कम्युनिस्टों के गुंडों के अड्डे बन गए हैं। महिलाएं, युवा और हर वर्ग डर में जी रहा है और राज्य सरकार में बैठे लोग चैन की नींद सो रहे हैं। केरला को इन समस्याओं से छुटकारा तभी मिलेगा, जब, ‘एक बार कांग्रेस, एक बार LDF’ की, ये जो मिलीभगत का चक्र चल रहा है न, वो चक्र जब टूटेगा तब जाके आपको न्याय मिलेगा।

साथियों,
जिन पॉलिटिकल पार्टीज का एकमात्र लक्ष्य सिर्फ सत्ता हासिल करना होता है, वो कभी भी लोगों का भला नहीं कर सकतीं। यहां LDF-UDF दोनों लड़ने का दिखावा तो कर रहे हैं, लेकिन दिल्ली जाकर एक-दूसरे को गले मिल जाते हैं। यहां आपके सामने कांग्रेस वाले लेफ़्ट सरकार को फासीवादी कहते हैं, और कम्युनिस्ट पार्टी के लोग कांग्रेस को घोटालेबाज पार्टी कहते हैं, फिर दिल्ली में ये लोग आपस में मिलकर गठबंधन कर लेते हैं। कांग्रेस और लेफ्ट, इन दोनों ने ही केरला को खूब ठगा है। इस खेल को केरला के लोग अब समझ गए हैं। खासकर के मेरी माताएं-बहनें, मेरे नौजवान उनके इस खेल को बराबर समझ गए हैं।

साथियों,
कांग्रेस हो या लेफ्ट, इन दलों ने सत्ता के लालच में जिस तरह के खेल खेले, जिस तरह राज्यों को बर्बाद किया, वो भी अब लोग अच्छी तरह जानते हैं। इसलिए जिस राज्य से एक बार ये दल पराजित हो जाते हैं, ये दल निकल जाते हैं, वहां के लोग इन्हें वापस नहीं लौटने देते। अब देखिए पड़ोस में तमिलनाडु, तमिलनाडु में कांग्रेस ने 1962 में आखिरी चुनाव जीता था। यूपी-गुजरात-बिहार में भी कांग्रेस ने 4 दशक पहले आखिरी चुनाव जीता था। ओडिशा में भी कांग्रेस, 3 दशक से सरकार से बाहर ही है। देश के कितने ही राज्यों में आज कांग्रेस का एक सांसद तक नहीं है। त्रिपुरा में और बंगाल में भी अब लेफ्ट पार्टियों का सितारा इतना चमकता था, तीन-तीन चार दशक तक उन्हीं की चलती थी। लेकिन एक बार जब लोगों ने त्रिपुरा से उन्हें हटाया, बंगाल से लेफ्ट वालों को हटाया, उसके बाद कितने ही साल हो गए, कांग्रेस और लेफ्ट को कोई घुसने नहीं देता है। ऐसे राज्यों के लोगों को ये सच्चाई पता है, कि जितने साल उन्होंने कांग्रेस पर भरोसा किया, जितने साल उन्होंने लेफ्ट पर भरोसा किया, उतने साल उनके राज्य का सर्वाधिक नुकसान हुआ।

साथियों,
केरला की अपनी एक महान परंपरा है, समृद्ध परंपरा है और यहां के नागरिक प्रोग्रेसिव हैं। अच्छा सोचने वाले लोग हैं, दूर का सोचने वाले लोग हैं। जबकि, कांग्रेस और LDF, पिछली शताब्दी की पुरानी सोच से भी ज्यादा और पुरानी सोच रखने वाली पार्टियां हैं। कांग्रेस पार्टी अभी तक 19वीं सदी की सोच के साथ चल रही है। LDF भी एक विलुप्त और outdated विचारधारा पर आश्रित है। इन दोनों का कल्चर भी केरला की महान परंपराओं और प्रगतिशील जनता की विचारधारा से बिल्कुल उलट है। ये लोग संसद में आप सोचिए, 21वीं सदी में ये लोग संसद में तीन तलाक के खिलाफ जो कानून बन रहा था उसका विरोध कर रहे थे। ये लोग ओबीसी कमीशन का विरोध करते हैं। ये लोग आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण देना है तो उसका विरोध करते हैं।

साथियों,
केरला की संस्कृति, आध्यात्मिकता से जुड़ी है। लेकिन UDF और LDF के लोग आस्था को कुचलने के लिए जाने जाते हैं। UDF – LDF वोट बैंक की राजनीति और समाज में खाई पैदा करने में लगे रहते हैं। केरला का कल्चर, शांति को बढ़ावा देने वाला है। लेकिन UDF-LDF के लोग दिन-रात राजनीतिक हिंसा में विश्वास करते हैं। केरला के कल्चर में ईमानदारी को सर्वोपरि रखा जाता है। लेकिन UDF और LDF के नाम पर घोटालों की पूरी डिक्शनरी है। LDF को सोने के जरिए लूटने के लिए जाना जाता है, और UDF की पहचान सोलर पावर की लूट से होती है। लूट का ये खेल पूरी तरह से बंद करने के लिए मैं आज आपका आशीर्वाद मांगने के लिए आया हूं। मुझे केरल का आशीर्वाद चाहिए। मुझे केरल के लोगों का पूरा सहयोग चाहिए।

साथियों,
यहां की करप्ट सरकार के बावजूद, बीजेपी सरकार, केरला के आप लोगों के विकास के लिए पूरी ताकत से काम कर रही है। अगर मैं आपको सिर्फ पथनमथिट्टा जिले में बीजेपी सरकार के विकास कार्य बताउंगा तो आप अंदाजा लगा पाएंगे कि हम केरल के लोगों के कल्याण के लिए कितना काम कर रहे हैं। मैं एक जिले का बताता हूं। पथनमथिट्टा में Around Three Lakh Fifty Thousand परिवारों को जल जीवन मिशन के तहत नल से जल का कनेक्शन दिया गया है। पथनमथिट्टा में लगभग Five Lakh लोगों को पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत मुफ्त राशन मिल रहा है। पथनमथिट्टा में One Lakh Fifty Thousand से ज्यादा किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के Three Hundred Eighty करोड़ रुपए दिए गए हैं। पथनमथिट्टा में One Lakh Fifty Thousand से ज्यादा पशुओं का वैक्सीनेशन हुआ है। यहां करीब Twelve Thousand महिलाओं को उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी कनेक्शन दिया गया है।

केरला के विकास के लिए बीजेपी सरकार के इन प्रयासों के बीच, ये भी जरूरी है कि केरला के लोगों की सही भावनाएं केंद्र सरकार तक पहुंचें। अगर यहां बीजेपी के सांसद होंगे, तो केरला की भावनाओं को केंद्र सरकार तक पहुंचाने में, और केंद्र सरकार की योजनाओं को यहां लागू करने में भी और आसानी होगी। केरला के लोगों को विकास की जिन योजनाओं-परियोजनाओं की जरूरत है, वो अपनी बात बीजेपी सांसदों से और बेहतर तरीके से लोग अपनी बात पहुंचा पाएंगे। और मोदी आपकी इच्छा की पूर्ति में कोई कमी नहीं रखेगा। ये मोदी की गारंटी है। ये है- मोदियुडे गारंटी।

साथियों,
मैं जब विदेश जाता हूं, वैश्विक नेताओं से मिलता हूं, तो वो सभी, खासतौर पर गल्फ देशों के नेता, प्रवासी भारतीयों और विशेषकर केरला के लोगों के बारे में बहुत बातें करते हैं। मैं भी केरला के परिश्रमी लोगों की खूब तारीफ करता हूं, केरला की ब्रांडिंग जहां जाता हूं वहां करता हूं। मैं विदेशों में लोगों को बताता हूं कि क्यों हमारा केरला इतना खास है। मुझे याद है, भारत ने 2022 में यूएई के साथ ट्रेड एग्रीमेंट किया था। इससे आने वाले वर्षों में, सैकड़ों बिलियन डॉलर के कारोबार और निवेश का रास्ता तैयार हुआ। इससे किसका फायदा होगा? इसका लाभ केरला के हमारे उन ऊर्जावान युवाओं को होगा जो बड़ी संख्या में यूएई में रहते हैं। जब 2021 में, मेरी वेटिकन में हिज होलीनेस पोप फ्रांसिस से मुलाकात हुई थी तब भी मैंने केरला का विशेष जिक्र किया था। भारत में हो रही प्रगति के बारे में जानकर भी वो बहुत प्रभावित हुए थे।

साथियों,
पिछले 10 वर्षों में हमने देश के हर क्षेत्र में, हर वर्ग के लिए जितना ज्यादा काम कर सकते हैं, करने का प्रयास किया। आप जानते हैं, हम युद्ध के बीच फंसी हमारी नर्स बहनों को भारत वापस लेकर आए थे इराक से। हमने संकट में फंसे हमारे पादरियों को बाहर निकाल करके सुरक्षित वापस लाए। कोरोना के समय दुनिया के हर हिस्से से भारतवासियों को स्वदेश पहुंचाया है। क्योंकि, जहां एक भी भारतीय परेशानी में होगा वहां उसके साथ हमारी सरकार मजबूती से खड़ी होगी। ये है- मोदियुडे गारंटी।

साथियों,
अगले कुछ दिनों में ही Easter भी आने वाला है। ये दिन हमें जीसस क्राइस्ट के आदर्शों की याद दिलाता है। मैं आप सभी को Easter की हार्दिक शुभकामनाएं भी देता हूं। हमारे पारसी भाइयों का बड़ा महत्वपूर्ण त्योहार नवरोज का त्योहार भी आने वाला है। रामनवमी और होली भी बिलकुल पास में हैं। रमजान का पवित्र महीना चल रहा है। और लोकतंत्र का सबसे बड़ा फेस्टिवल भी शुरू होने वाला है। मुझे विश्वास है, केरला का बीजेपी के लिए जो स्नेह है, इस बार विशाल जनसमर्थन में बदलेगा। और इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड टूटेंगे। LDF, UDF के इस चक्र से हमारा केरला बाहर निकालेगा। और मोदी को केरला की सबसे ज्यादा सेवा करने का मौका देगा। मैं आपसे फिर ये वादा करता हूं, मोदी केरला के विकास के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा।

मेरे साथ बोलिए…भारत माता की, भारत माता की, भारत माता की।
बहुत बहुत धन्यवाद!

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प्रधानमंत्री 24 नवंबर को 'ओडिशा पर्व 2024' में हिस्सा लेंगे
November 24, 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 24 नवंबर को शाम करीब 5:30 बजे नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 'ओडिशा पर्व 2024' कार्यक्रम में भाग लेंगे। इस अवसर पर वह उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे।

ओडिशा पर्व नई दिल्ली में ओडिया समाज फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसके माध्यम से, वह ओडिया विरासत के संरक्षण और प्रचार की दिशा में बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने में लगे हुए हैं। परंपरा को जारी रखते हुए इस वर्ष ओडिशा पर्व का आयोजन 22 से 24 नवंबर तक किया जा रहा है। यह ओडिशा की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करते हुए रंग-बिरंगे सांस्कृतिक रूपों को प्रदर्शित करेगा और राज्य के जीवंत सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक लोकाचार को प्रदर्शित करेगा। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख पेशेवरों एवं जाने-माने विशेषज्ञों के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय सेमिनार या सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।