Quote1% से पिछड़ने के बावजूद भाजपा राज्य के विकास के लिए 100% प्रतिबद्ध रहेगी: हिमाचल विधानसभा चुनाव पर पीएम मोदी
Quoteलोगों ने भाजपा को वोट दिया क्योंकि भाजपा देश हित में कड़े फैसले ले सकती है: भाजपा कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी
Quoteगुजरात के इतिहास में बीजेपी को सबसे बड़ा जनादेश देकर गुजरात की जनता ने एक नया इतिहास रचा है: गुजरात विधानसभा चुनाव पर पीएम मोदी
Quoteभारत का भविष्य Fault Lines को बढ़ाकर नहीं, Fault Lines को गिराकर ही उज्ज्वल बनेगा: राजनीतिक दलों द्वारा विकास में बाधा डालने पर पीएम मोदी

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष श्रीमान जे.पी. नड्डा जी, हमारे वरिष्ठ साथी श्री राजनाथ जी, श्री अमित भाई, सभी प्यारे साथियो,
मैं सबसे पहले जनता-जनार्दन के सामने नतमस्तक हूं। जनता-जनार्दन का आशीर्वाद अभिभूत करने वाला है। श्रीमान जे.पी. नड्डा जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जो परिश्रम किया है, उसकी खुशबू आज हम चारों तरफ अनुभव कर रहे हैं। जहां भारतीय जनता पार्टी प्रत्यक्ष नहीं जीती, वहां भाजपा का वोट शेयर, भाजपा के प्रति स्नेह का साक्षी है। मैं गुजरात और हिमाचल और दिल्ली की जनता का बहुत विनम्र भाव से आभार व्यक्त करता हूं। भाजपा के प्रति ये स्नेह देश के अलग-अलग राज्यों के उपचुनावों में भी दिख रहा है। यूपी के रामपुर में भाजपा को जीत हासिल हुई है।बिहार के उपचुनावों में भाजपा का प्रदर्शन, आने वाले दिनों का स्पष्ट संकेत कर रहा है। मैं आज चुनाव आयोग का भी अभिनंदन करता हूं, उनका आभार व्यक्त करता हूं। और ये चुनाव के दरम्यान एक बहुत बड़ी बात, जिसकी चर्चा होनी चाहिए थी, जहां तक मेरी जानकारी है, एक भी पोलिंग बूथ में रीपोलिंग करवाने की नौबत नहीं आई है। मतलब की सुख और शांति पूर्ण रूप से लोकतंत्र की भावनाओं को पूरी तरह लेटर एंड स्पीरिट में स्वीकार करते हुए मतदाताओं ने लोकतंत्र के इस उत्सव को बहुत बड़ी ताकत दी है। और इसके लिए भी चुनाव आयोग अभिनंदन का अधिकारी है। इस चुनाव में हिस्सा लेने वाले हर राजनीतिक कार्यकर्ता को, हर दल को भी मैं साधुवाद देता हूं।

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साथियों,
आज मैं हिमाचल के हर मतदाता का भी बहुत-बहुत आभारी हूं। जैसे अभी नड्डा जी बता रहे थे, हिमाचल के चुनाव में 1 प्रतिशत से भी कम अंतर से यह हार-जीत का फैसला हुआ है। 1 परसेंट से भी कम। इतना कम अंतर से हिमाचल में कभी नतीजे नहीं आए हैं। हिमचाल में हर पांच वर्ष में सरकारें बदली हैं लेकिन हर में जब बदलाव हुआ है कभी 5 प्रतिशत, कभी 6 प्रतिशत कभी 7 प्रतिशत जीतने वाले और हारने वाले के बीच में अंतर रहा है। इस बार 1 प्रतिशत से भी कम, इसका मतलब है कि जनता ने भी भारतीय जनता पार्टी को विजय बनाने के लिए भरसक प्रयास किया है। मैं हिमाचल की जनता को आश्वस्त करता हूं कि भाजपा भले ही 1 प्रतिशत से पीछे रह गई, लेकिन विकास के लिए हमारी प्रतिबद्धता शत-प्रतिशत रहेगी। हिमाचल से जुड़े हर विषय को हम पूरी मज़बूती से उठाएंगे। और केंद्र सरकार के द्वारा हिमाचल की प्रगति, जो उसका हक है, उसमें भी हम कभी कमी नहीं आने देंगे। अभी जो मैंने दिल्ली का वर्णन सुना कि किस प्रकार से दिल्ली कार्पोरेशन को विफल करने के इरादे से जनता के साथ धोखा किया गया। ये काम हम नहीं करते हैं। हम हिमाचल की प्रगति के लिए भी भारत सरकार की प्रतिबद्धता वैसी ही बनी रहेगी।

साथियों,
बीजेपी को मिला जन समर्थन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि ये ऐसे समय में आया है जब भारत अमृतकाल में प्रवेश कर चुका है। ये दिखाता है कि आने वाले 25 साल सिर्फ और सिर्फ विकास की राजनीति के ही हैं। भाजपा को मिला जन- समर्थन, नए भारत की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है। भाजपा को मिला जन-समर्थन, भारत के युवाओं की युवा सोच का प्रकटीकरण है। भाजपा को मिला जन-समर्थन, गरीब, दलित, वंचित, पिछड़े, शोषित, आदिवासियों के सशक्तिकरण के लिए है। लोगों ने भाजपा को वोट दिया क्योंकि भाजपा का हर सुविधा को प्रत्येक गरीब, मध्यमवर्गीय परिवार तक जल्द से जल्द पहुंचाना चाहती है। लोगों ने भाजपा को वोट दिया क्योंकि भाजपा देश के हित में बड़े से बड़े और कड़े से कड़े फैसले लेने का दम रखती है। भाजपा का बढ़ता जनसमर्थन ये दिखाता है कि परिवारवाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ जनआक्रोश लगातार बढ़ रहा है। और मैं इस बात को स्वस्थ लोकतंत्र के लिए एक शुभ संकेत के रूप में देखता हूं।

साथियों,
इस बार वाकई गुजरात ने तो कमाल ही कर दिया है। मैं नड्डा जी सहित सभी भाजपा कार्यकर्ताओं को बधाई देता हूं और विशेषरूप से मैं गुजरात की जनता को भी नमन करता हूं। चुनावों के दौरान मैंने गुजरात के भाइ-बहनों और युवाओं से कहा था कि इस बार नरेंद्र का रिकॉर्ड टूटना चाहिए। और मैंने वादा किया था कि भूपेंद्र नरेंद्र का रिकॉर्ड तोड़े, इसलिए नरेंद्र जी-जान से मेहनत करेगा। और गुजरात की जनता ने तो रिकॉर्ड तोड़ने में भी रिकॉर्ड कर दिया। उसने गुजरात की स्थापना से लेकर अब तक सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। गुजरात के इतिहास का सबसे प्रचंड जनादेश भाजपा को देकर गुजरात के लोगों ने नया इतिहास बना दिया है। ढाई दशक से निरंतर सरकार में रहने के बावजूद, इस प्रकार का प्यार, अभूतपूर्व है, अद्भुत है। लोगों ने जाति, वर्ग, समुदाय और हर तरह के विभाजन से ऊपर उठकर भाजपा को वोट दिया है। भारतीय जनता पार्टी गुजरात के हर घर का हिस्सा है, गुजरात के हर परिवार का हिस्सा है।

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साथियों,
इस चुनाव में गुजरात में 1 करोड़ से भी ज्यादा ऐसे वोटर्स थे जिन्होंने मतदान किया, लेकिन ये वे मतदाता थे जिन्होंने कांग्रेस के कुशासन को, उसकी बुराइयों को देखा नहीं था, वे फ्रेश थे, उन्होंने सिर्फ भाजपा के ही सरकार को देखा था। और युवाओं की तो प्रकृति होती है कि वो हमेशा सवाल पूछते हैं, जांचते हैं, परखते हैं, उसके बाद किसी फैसले पर पहुंचते हैं। युवा सिर्फ इसलिए किसी पार्टी को वोट नहीं करते क्योंकि वो दशकों से सत्ता में रही या फिर उस पार्टी के नेता किसी बड़े परिवार के हैं। युवा तभी वोट देते हैं जब उन्हें भरोसा होता है, जब उन्हें सरकार का काम प्रत्यक्ष नजर आता है। और इसलिए,
आज युवाओं ने जब भाजपा को भारी संख्या में वोट दिया है, सीट से लेकर वोट तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, तो इसके पीछे का संदेश बहुत स्पष्ट है। इसका मतलब है कि युवाओं ने हमारे काम को जांचा, परखा और उस पर भरोसा किया है। इसका मतलब ये है कि युवा भाजपा की विकास वाली राजनीति चाहते हैं। इसका मतलब है कि युवा ना तो जातिवाद के बहकावे में आते हैं, ना परिवारवाद के। युवाओं का दिल सिर्फ विजन और विकास से जीत सकते हैं, और भाजपा में विजन भी है और विकास के प्रति प्रतिबद्धता भी है।

साथियों,
आज एक और बात याद करने वाली है। जब महामारी के घोर संकट के बीच बिहार में चुनाव हुए थे, तो जनता ने भाजपा को भरपूर आशीर्वाद दिया। जब महामारी के संकट से बाहर निकलते हुए असम, यूपी, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर एक के बाद एक चुनावों में जनता ने भारतीय जनता पार्टी को ही चुना। और आज जब भारत विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आगे बढ़ रहा है, तो भी देश की जनता का भरोसा सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर है। मैं बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स को भी ये याद दिलाना चाहता हूं कि गुजरात के इस चुनाव में भाजपा का आह्वान था- विकसित गुजरात से विकसित भारत का निर्माण। गुजरात के नतीजों ने सिद्ध किया है कि सामान्य मानवी में विकसित भारत के लिए कितनी प्रबल आकांक्षा है। संदेश साफ है। जब देश के सामने कोई चुनौती होती है, तो देश की जनता का भरोसा भाजपा पर होता है। जब देश पर कोई संकट आता है, तो देश की जनता का भरोसा भाजपा पर होता है। जब देश बड़े लक्ष्य तय करता है, तो उनकी प्राप्ति के लिए देशवासियों का भरोसा, भाजपा पर होता है। जब देश की आकांक्षाएं चरम पर होती हैं, तो भी उनकी पूर्ति के लिए देश की जनता का भरोसा भाजपा पर ही होता है।

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साथियों,
भाजपा के आज हम जहां पहुंचे हैं, राज्यों में हो, स्थानीय स्वराज्य के निकायों में हो या केंद्र में हो, ये ऐसे ही नहीं पहुंचे हैं। पांच-पांच पीढ़ियां जनसंघ के जमाने से तपस्या करते हुए, परिवार के परिवार खपते रहे, तब जाकर ये दल बना है। तब जाकर हम यहां पहुंचे हैं। भाजपा के लिए लाखों समर्पित कार्यकर्ताओं ने अपना जीवन खपा दिया है। व्यक्तिगत सुख, व्यक्तिगत आकांक्षाएं, व्यक्तिगत खुशी, व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा, व्यक्तिगत सफलता, इन सबको तिलांजलि देकर भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता, समाज और देश की सेवा करने में, समाज और देश को सशक्त करने में जुटा रहता है। हम विचार पर भी बल देते हैं और व्यवस्था को भी सबल बनाते रहते हैं। भाजपा अपने कार्यकर्ताओं की अथाह संगठनशक्ति पर भरोसा करके ही अपनी रणनीति बनाती है और सफल भी होती है। उतार-चढ़ाव भाजपा के राजनीतिक जीवन में भी आए हैं लेकिन हमने आदर्शों और मूल्यों पर अडिग रहकर दिखाया है।

साथियों
पिछले 8 वर्षों में देश में एक और बहुत बड़ा बदलाव अनुभव किया गया है। ये बदलाव कार्य का भी है, कार्यशैली का भी है। भाजपा की सरकारें भी कार्य को छोटा नहीं समझती। हम मानते हैं, हर काम बड़े लक्ष्यों की प्राप्ति का माध्यम बनता है। इसलिए भाजपा की सरकारों ने गरीबों के लिए पक्के घर, शौचालय, गैस कनेक्शन, बिजली कनेक्शन, नल से जल, बैंक में खाते, मुफ्त इलाज, मुफ्त भोजन, इंटरनेट, ऐसी बेसिक सुविधाओं पर फोकस किया है। पहले की राजनीति में ये बहुत फैंसी विकास नहीं माना जाता था। पहले की राजनीति में इसे बड़े काम के तौर पर देखा भी नहीं जाता था। इसलिए आज जो भी सरकारी लाभ है वो हर व्यक्ति, हर क्षेत्र, हर वर्ग, जो उसका हकदार है, उस तक तेज़ी से पहुंचने के लिए ईमानदारी से प्रयास किया जाता है। पूरा का पूरा पहुंचे इसके लिए टेक्नोलॉजी का भी भरपूर उपयोग किया जाता है। किस क्षेत्र, किस वर्ग, किस समुदाय में कितने वोट हैं, इस आधार पर न हम देश चलाते हैं, न राज चलाते हैं, न सरकारें चलाते हैं। और हमें आज इस बदली हुई राजनीति के सकारात्मक नतीजे भी देखने को मिल रहे हैं। आज बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स भी ये कह रहे हैं कि भारत में गरीबी कम हो रही है।

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साथियों,
देश ने पिछले आठ वर्षों में गरीब को सशक्त करने के साथ ही, गरीब तक मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने के साथ ही, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी फोकस किया है। रोड हो, रेल हो, एयरपोर्ट हो, टनल्स हों, सोलर पावर प्लांट हो, स्टेडियम हो, ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क हो, जो भी हो, सबसे उत्तम हो, सबसे श्रेष्ठ हो, ये आकांक्षा लेकर आज भारत चल रहा है। और साथियों, मैं एक और बात आपको याद दिलाना चाहूंगा। हम सिर्फ घोषणा करने के लिए घोषणा नहीं करते। हम राष्ट्र निर्माण के व्यापक मिशन के लिए निकले हुए लोग हैं।इसलिए सिर्फ 5 वर्ष के राजनीतिक नफा-नुकसान को देखते हुए हम कोई भी घोषणा नहीं करते। हमारी हर घोषणा के पीछे एक दूरगामी लक्ष्य होता है, एक रोडमैप होता है। ये बात स्पष्ट है कि देश आज शॉर्टकट नहीं चाहता। देश का मतदाता आज इतना जागरूक है कि क्या उसके हित में है, क्या उसके अहित में है, वो अच्छी तरह जानता है। देश का वोटर जानता है कि शॉर्टकट की राजनीति का कितना बड़ा नुकसान, देश को उठाना पड़ेगा। आज देश में कोई संशय नहीं कि अगर देश रहेगा, देश समृद्ध होगा, तो सबकी समृद्धि तय है। हमारे पूर्वजों के पास अनुभव का अगाध ज्ञान था। और अनुभव के निचोड़ से कहावतें बनती थी। और हमारे यहां, हमारे पूर्वजों ने विरासत में दी हुई एक कहावत है- आमदनी अठन्नी और खर्चा रूपैय्या। अगर ये वाला हिसाब रहेगा तो क्या स्थिति होगी ये हम दुनिया में, हमारे अरोस-पड़ोस में आज भलीभांति देख रहे हैं। और इसलिए आज देश बहुत सतर्क है। देश के हर राजनीतिक दल को ये याद रखना होगा कि चुनावी हथकंडों से किसी का भला नहीं हो सकता।

साथियों,
आज के जनादेश में एक और संदेश है। समाज के बीच दूरियां बढ़ाकर, राष्ट्र के सामने नई चुनौतियां खड़ी करके जो राजनीतिक दल तात्कालिक लाभ लेने की फिराक में रहते हैं, उन्हें देश की जनता, देश की युवा पीढ़ी देख भी रही है और समझ भी रही है। भारत का भविष्य Fault Lines को बढ़ा करके नहीं, Fault Lines को गिराकर ही उज्ज्वल बनेगा। कभी भाषा की दीवार, कभी रहन-सहन, कभी क्षेत्र, कभी खान-पान, कभी ये वर्ग, कभी वो वर्ग, लड़ने के लिए तो सैकड़ों वजहें हो सकती हैं लेकिन जुड़ने के लिए एक वजह ही काफी है- ये मातृभूमि, ये धरती, ये देश, ये हमारा भारत। जीने के लिए और मरने के लिए इससे बड़ी वजह कोई और हो नहीं सकती। इसलिए हमें देश प्रथम, India First की भावना के साथ आगे बढ़ना है।

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साथियों,
मुझे खुशी है कि आज भारत के गांव हो या शहर, गरीब हो या मिडिल क्लास, किसान हो या श्रमिक, सभी की पहली पसंद भाजपा है। भाजपा को गुजरात के आदिवासी क्षेत्रों का भी अभूतपूर्व आशीर्वाद मिला है। और मुझे अभी जो जानकारी बताई गई। एससी-एसटी की गुजरात में करीब 40 सीटें आरक्षित है। 40 में 34 सीटें थंपिंग मेजोरिटी से भारतीय जनता पार्टी जीती है। आज आदिवासी भाजपा को अपनी आवाज मान रहे हैं, आज भाजपा को आदिवासी समुदाय का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। इस बदलाव को पूरे देश में महसूस किया जा रहा है। ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि दशकों तक जिन आदिवासियों की आकांक्षाओं को नजरअंदाज किया गया, वो अब देख रहे हैं कि भाजपा लगातार उनकी उम्मीदें पूरी करने में जुटी है। ये भाजपा ही है जिसके प्रयासों से देश को पहली आदिवासी राष्ट्रपति मिली है। ये भाजपा ही है जिसने आदिवासी कल्याण के लिए बजट बढ़ाया और आदिवासी क्षेत्रों में विकास को रफ्तार दी। भाजपा सरकार ने ऐसे अनेक कदम उठाए हैं जिससे आदिवासी समुदाय के लोगों को आर्थिक रुप से मजबूत बनाया जा रहा है। देशभर में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के म्यूजियम बनाकर भाजपा आजादी के उन वीर योद्धाओं को सम्मान दे रही है। भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन को भाजपा सरकार में ही जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया गया है। हमारे इन प्रयासों ने आदिवासी युवाओं को, उनके स्वाभिमान को ऊंचा किया है। आज भाजपा आदिवासियों को सशक्त करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

साथियों,
आजकल हर चुनाव नतीजों के बाद ये चर्चा भी बहुत होती है कि देश की माताएं-बहनें-बेटियां, भाजपा पर इतना आशीर्वाद क्यों बरसाती हैं? अगर कोई ईमानदारी से आत्मचिंतन करे तो ये पाएगा कि आजादी के बाद से, पहली बार आज देश में एक ऐसी सरकार है, जो महिलाओं की समस्याएं, उनकी चुनौतियां, उनकी आवश्यकताएं, उनकी आकांक्षाएं उसे समझने का लगातार प्रयास कर रही है, और उसके अनुसार काम की योजना बनाती है। गांव देहात से लेकर शहर तक, घरेलू कार्य में व्यस्त महिला से लेकर स्वरोजगार करने वालीं या किसी रोजगार से जुड़ी महिलाओं के लिए जितना भाजपा सरकार ने किया है, उतना पहले किसी भी सरकार ने नहीं किया। महिलाओं के लिए पहले की सरकारों के 70 साल के कार्यों की तुलना में, भाजपा सरकार के 7-8 साल के कार्य कहीं ज्यादा रहे हैं। और इसलिए, आज जब भी चुनाव होते हैं तो देश की माताएं-बहनें बेटियां, कमल के निशान का सिर्फ बटन ही नहीं दबातीं, उनके हाथों में एक आशीष का भाव होता है, आशीर्वाद का भाव होता है। और जब वो ऊंगली कमल के बटन पर रखती हैं तो हम जैसे लाखों कार्यकर्ताओं के सर पे विजय तिलक भी लगा देती है। महिलाओं के मुद्दे भाजपा के लिए चुनावी मुद्दे नहीं हैं बल्कि भाजपा की हर योजना का वो प्राणतत्व है। महिलाओं का जीवन आसान बनाना हो, महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार के, स्वरोजगार के अवसर मुहैया कराना हो, ये भाजपा का कमिटमेंट है। मैं इसे अपनी सरकार का सौभाग्य मानता हूं कि हमें महिला सशक्तिकरण के लिए इतना कुछ करने का मौका देश की जनता ने दिया है।

साथियों,
आने वाला समय देश के लिए, हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास, इस भावना पर आगे बढ़ते हुए हमें विकसित भारत के लिए काम करना है। हमें मिलकर एक दूसरे के साथ काम करना है। आइए, नागरिक के रूप में हम विकसित भारत के संकल्प के साथ जुड़ें, विकसित भारत के इस अभियान से जुड़ें। और मैं फिर एक बार देशभर के लाखों कार्यकर्ताओं को पांच-पांच पीढ़ी की तपस्या को आगे बढ़ाने के लिए हृदय से धन्यवाद करता हूं, अभिनंदन करता हूं। मैं जनता-जनार्दन को भी प्रणाम करता हूं, उनके निरंतर आर्शीवाद हमारे लिए नित्य नूतन ऊर्जा बन जाते हैं। ये निरंतर समर्थन हमें सात्विक भाव से, सेवा भाव से, समर्पण भाव से कार्य करने की शक्ति देता है। जब हमें जनता-जनार्दन का आर्शीवाद मिलता है तो हममें अधिक परिश्रम करने की प्रेरणा जगती है। अधिक पुरुषार्थ करने का संकल्प जगता है। और संकल्पों को सिद्ध करने के लिए जीवन खपा देकर सिद्धि तक पहुंचाने के लिए हम लगे रहते हैं। क्योंकि जनता-जनार्दन, इसे हम ईश्वर का रूप मानते हैं। और यही सामर्थ्य, यही शक्ति एक सेवक के भाव से, सेवा भाव से समर्पण की अप्रतिम राह को पकड़ते हुए चलते रहना-चलते रहना-चलते रहना। चरैवेति-चरैवेति-चरैवेति। इसी मंत्र को लेकरके हम चल रहे हैं।


भाइयो-बहनो,
इस चुनाव में अब बहुत लोगों को जानने-पहचानने का भी अवसर मिल चुका है। पिछले कुछ चुनावों का एक बड़े कैनवस पर एनालिसिस करना चाहिए कि जो अपने आपको न्यूट्ल कहते हैं। जिनका न्यूट्रल होना जरूरी होता है, वो कहां खड़े होते हैं। कब कैसे रंग बदलते हैं और कैसे-कैसे खेल खेलते हैं। वो अब देश को जान लेना बहुत जरूरी है। बहुत जरूरी है। उत्तराखंड का इतना बड़ा चुनाव हुआ। कितनी जमानतें जब्त हुई, किसकी हुई, कोई चर्चा नहीं। हिमाचल में इतना बड़ा चुनाव हुआ, कितने लोगों की जमानत जब्त हुई, कितने लोगों का बुरा हाल हुआ, कोई चर्चा नहीं। भाइयो-बहनो, उन लोगों को भी जानना चाहिए, पहचानना चाहिए। कि ये भी ठेकेदार है। राजनीति में सेवा भाव से एक मूक सेवक की तरह काम करना…वो जैसे डिक्वालिफिकेशन माना जा रहा है। क्या नौबत आई है। ये कैसे नए मापदंड लगाए गए हैं। अब देखिए, मुझे खुशी हो रही है कि हमारे गुजरात के सीएम भूपेंद्र भाई पटेल करीब-करीब दो लाख से वोटों से जीते हैं। असेंबली सीट पे...लोकसभा में भी कोई दो लाख से जीते तो बड़ी बात मानी जाती है। असेंबली में करीब-करीब दो लाख वोटों से जीतना… लेकिन ठेकेदारों का…उनका तराजू कुछ और है। और इसीलिए भाइयो-बहनो, हमें निरंतर... विपरीत...इन जुल्मों के बीच में बढ़ना है। हमें अपनी सहनशक्ति को बढ़ाना है। हमें अपनी समझशक्ति को बढ़ाना है। और हमें हमारे सेवाभाव का विस्तार भी करना है और हमारे सेवाभाव की गहराई भी बढ़ानी है। और सेवा भाव से ही जीतना है। क्योंकि जो जहां बैठा है वह बदलने वाला नहीं है। उसका इरादा नेक नहीं है। और इसीलिए हमारी ये कसौटी है हर पल...हमारी कसौटी है...और मैं तो कभी-कभी मानता हूं....खास करके 2002 के बाद मैं विशेष रूप से मानता हूं। शायद मेरे जीवन का कोई पल ऐसा नहीं गया। कोई कदम ऐसा नहीं रहा, जिसकी धज्जियां न उड़ा दी गई हो। जिसकी आलोचना नहीं, धज्जियां उड़ा देना, बाल नोच लेना। लेकिन इसका मुझे बहुत फायदा हुआ। क्योंकि मैं हमेशा सतर्क रहा। हर इस तरह की बुरी प्रवृत्ति से कुछ न कुछ सकारात्मक खोजता रहा। खुद में बदलाव लाता रहा, सीखता गया, बढ़ता गया। और जिन लोगों को चारों तरफ से उछालने वाले लोग रहते हैं, कंधे पर बिठाकर नाचने वाले लोग रहते हैं। उनमें सुधरने की भी संभावना नहीं रहती है। वो तो जो है वहां से भी बिगड़ेंगे। और इसलिए आलोचनाओं ने भी हमें बहुत सिखाया है। हर आलोचना में से हमें काम की चीज खोजते रहना है। हमें अपनी शक्ति को बढ़ाते रहना है। और कठोर से कठोर झूठे आरोपों को सहने का सामर्थ्य भी बढ़ाना होगा साथियो। क्योंकि अब जुल्म बढ़ने वाला है। अब मानकर चलिए, मुझ पर भी बढ़ने वाला है, आप सब पर भी बढ़ने वाला है। क्योंकि ये सहन नहीं कर पाएंगे, ये पचा नहीं पाएंगे। और उसका जवाब...उसका जवाब यही है- हमें अपनी सहनशक्ति बढ़ाना है। हमें अपनी समझदारी का विस्तार करना है। हमें अधिक से अधिक लोगों को समावेश करने की दिशा में अपने हाथ चौड़ा करके लोगों को स्वीकारना है, स्वागत करना है। सकारात्मक रास्ता, सेवाभाव का रास्ता, समर्पण का रास्ता, यही मार्ग हमने चुना है। वही मार्ग हमको यहां पहुंचाया है। और आगे भी हमारे पुरुषार्थ से, परिश्रम से देश की आकांक्षाओं वाला ये देश भी बनेगा। 2047 जब हिंदुस्तान आजादी के 100 साल मनाएगा। विकसित भारत हमारे नौजवानों के हाथ में हम दे के जाएंगे दोस्तों।
बोलिए, भारत माता की, भारत माता की, भारत माता की। बहुत-बहुत धन्यवाद।

  • दिग्विजय सिंह राना September 20, 2024

    हर हर महादेव
  • JBL SRIVASTAVA May 30, 2024

    मोदी जी 400 पार
  • Tarun Raj Panchal May 17, 2024

    भारत माता की जय विकसित भारत राष्ट्र के लिए फिर एक बार मोदी सरकार अबकी बार 400 के पार 405
  • Vaishali Tangsale February 13, 2024

    🙏🏻🙏🏻
  • ज्योती चंद्रकांत मारकडे February 12, 2024

    जय हो
  • ज्योती चंद्रकांत मारकडे February 12, 2024

    जय हो
  • Sachin Ghodke January 12, 2024

    नमो
  • Babla sengupta December 24, 2023

    Babla sengupta
  • DR HEMRAJ RANA December 13, 2022

    अब भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, श्री @narendramodi प्रधानमंत्री हैं। जब तक भाजपा की मोदी सरकार है, एक इंच जमीन पर भी कोई कब्जा नहीं कर सकता। अरुणाचल में हमारे सेना के जवानों ने जो वीरता दिखाई है, मैं इसकी प्रशंसा करता हूं। - श्री @AmitShah
  • अनन्त राम मिश्र December 12, 2022

    जय हिंद जय भारत बंदेमातरम् जय हो बिजय हो
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आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है: TV9 समिट में पीएम मोदी
March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

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साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

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साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

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साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

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साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।