Quoteपुणे मेट्रो के पूर्ण खंडों के उद्घाटन के अवसर पर मेट्रो ट्रेनों को झंडी दिखाई
Quoteप्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित आवासों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया
Quoteअपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन किया
Quote"पुणे एक जीवंत महानगर है जो देश की अर्थव्यवस्था को गति देता है और पूरे देश के युवाओं के सपनों को पूरा करता है"
Quote"हमारी सरकार नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है"
Quote"मेट्रो आधुनिक भारत के शहरों के लिए एक नई जीवन रेखा बन रही है"
Quote"आजादी के बाद से ही महाराष्ट्र के औद्योगिक विकास ने भारत के औद्योगिक विकास को निरंतर गति दी है"
Quote"गरीब हो या मध्यम वर्ग, हर सपना पूरा करना मोदी की गारंटी"

महाराष्ट्र के राज्यपाल श्रीमान रमेश बैस जी, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी गण, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जी, अजीत पवार जी, भाई दिलीप जी अन्य मंत्रीगण, सांसद और विधायकगण, भाइयों और बहनों।

ऑगस्ट महिना, हा उत्सव व क्रांतीचा महिना आहे.

क्रांतीच्या या महिन्याच्या सुरुवातीलाच, मला पुणे येथे,

येण्याचे सौभाग्य मिळाले.

वाकई, पुणे का भारत की आज़ादी के आंदोलन में बहुत बड़ा योगदान रहा है। पुणे ने बालगंगाधर तिलक जी समेत अनेक क्रांतिवीर, स्वतंत्रता सेनानी देश को दिए हैं। आज ही लोकशाहिर अन्ना भाऊ साठे की जयंती भी है। ये हम सब के लिए बहुत ही खास दिन है। अन्ना भाऊ साठे, महान समाज सुधारक थे, बाबा साहेब अंबेडकर के विचारों से प्रभावित थे। आज भी बड़ी संख्या में छात्र और विद्वान उनके साहित्य पर शोध करते हैं। अन्ना भाऊ साठे के कार्य, उनका आह्वान आज भी हम सबको प्रेरित करता है।

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साथियों,

पुणे, देश की अर्थव्यवस्था को गति देने, देश भर के युवाओं के सपनों को पूरा करने वाला एक जीवंत शहर है। आज जो प्रोजेक्ट पुणे और पिंपरी-चिंचवड को मिले हैं, उससे ये भूमिका और सशक्त होने वाली है। अभी यहां करीब 15 हज़ार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। हज़ारों परिवारों को पक्के घर मिले हैं, Waste से Wealth बनाने का, कचरे से कंचन बनाने का आधुनिक प्लांट मिला है। इन परियोजनाओं के लिए मैं सभी पुणे वासियों को, यहां के सभी नागरिकों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

हमारी सरकार, शहरों में रहने वाले विशेषकर के मध्यम वर्ग की, प्रोफेशनल्स की, उनकी Quality of Life को लेकर बहुत गंभीर है। जब Quality of Life सुधरती है, तो उस शहर का विकास भी और तेजी से होता है। पुणे जैसे हमारे शहरों में quality of life और बेहतर हो, इसके लिए हमारी सरकार लगातार काम कर रही है। यहां आने से पहले पुणे मेट्रो के एक और सेक्शन का लोकार्पण हुआ है। मुझे याद है, जब पुणे मेट्रो के लिए काम शुरू हुआ था, तो मुझे इसके शिलान्यास का अवसर मिला था और देवेन्द्र जी ने बड़े मजेदार ढंग से उसका वर्णन भी किया। इन 5 वर्षों में यहां लगभग 24 किलोमीटर मेट्रो नेटवर्क शुरू हो चुका है।

साथियों,

हमें भारत के शहरों में रहने वाले लोगों का जीवन स्तर अच्छा बने और उसे अगर हमें नई ऊंचाई देनी है तो हमें पब्लिक ट्रांसपोर्ट को आधुनिक बनाना ही होगा। और इसलिए ही आज भारत के शहरों में लगातार मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो रहा है, नए-नए फ्लाईओवर बनाए जा रहे हैं, रेड लाइट्स की संख्या कम करने पर बल दिया जा रहा है। साल 2014 तक भारत में 250 किलोमीटर से भी कम मेट्रो नेटवर्क था। इसमें से भी अधिकतर दिल्ली-NCR में था। अब देश में मेट्रो नेटवर्क बढ़कर 800 किलोमीटर से भी ज्यादा हो गया है। इसके अलावा एक हजार किलोमीटर की नई मेट्रो लाइन के लिए काम भी चल रहा है। 2014 में सिर्फ 5 शहरों में मेट्रो का नेटवर्क था। आज देश के 20 शहरों में मेट्रो नेटवर्क संचालित है। महाराष्ट्र में ही पुणे के अलावा मुंबई और नागपुर में भी मेट्रो का विस्तार हो रहा है। ये मेट्रो नेटवर्क, आधुनिक भारत के शहरों की नई लाइफलाइन बनती जा रही है। पुणे जैसे शहर में पर्यावरण की रक्षा के लिए, प्रदूषण कम करने के लिए मेट्रो का विस्तार, बहुत जरूरी है। इसलिए भी हमारी सरकार मेट्रो नेटवर्क बढ़ाने के लिए इतनी मेहनत कर रही है।

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भाइयों और बहनों,

Quality of Life को सुधारने का एक अहम फैक्टर, शहरों में साफ-सफाई की व्यवस्था भी है। एक समय था, जब विकसित देशों के शहरों को देखकर कहा जाता था- वाह कितना साफ शहर है। अब हम भारत के शहरों को भी उसी तरह से समाधान दे रहे हैं। स्वच्छ भारत अभियान, सिर्फ टॉयलेट्स के निर्माण तक सीमित नहीं है। इस अभियान में वेस्ट मैनेजमेंट पर भी बहुत अधिक फोकस किया जा रहा है। हमारे शहरों में बड़े-बड़े कचरे के पहाड़ बहुत बड़ी समस्या बन गए हैं। आप भी जानते हैं कि पुणे में जहां मेट्रो का डिपो बना है, वो पहले कोथरुड कचरा डंपिंगयार्ड से जाना जाता था। अब ऐसे कूड़े के पहाड़ों को हटाने के लिए भी मिशन मोड पर काम चल रहा है। औऱ हम कचरे से कंचन- यानि वेस्ट टू वेल्थ के मंत्र पर काम कर रहे हैं। पिंपरी-चिंचवड़ का वेस्ट टू एनर्जी प्लांट, बहुत ही बेहतरीन प्रोजेक्ट है। इसमें कचरे से बिजली बन रही है। यहां जो बिजली पैदा होगी, उससे निगम अपनी जरूरत भी पूरी कर पाएगा। यानी प्रदूषण की समस्या भी नहीं रहेगी और नगर-निगम को बचत भी होगी।

साथियों,

आजादी के बाद से ही महाराष्ट्र के औद्योगिक विकास ने भारत के औद्योगिक विकास को निरंतर गति दी है। महाराष्ट्र में औद्योगिक विकास को और बढ़ाने के लिए, यहां आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण उतना ही जरूरी है। इसलिए आज हमारी सरकार महाराष्ट्र में इंफ्रास्ट्रक्चर पर जितना निवेश कर रही है, वो अभूतपूर्व है। आज यहां बड़े-बड़े एक्सप्रेस वे, नए-नए रेलवे रूट, नए-नए एयरपोर्ट्स का निर्माण किया जा रहा है। रेलवे के विकास के लिए यहां 2014 से पहले की तुलना में 12 गुना अधिक खर्च किया जा रहा है। महाराष्ट्र के अलग-अलग शहरों को आस-पास के राज्यों के इकॉनॉमिक हब से भी जोड़ा जा रहा है। मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल से गुजरात और महाराष्ट्र, दोनों को फायदा होगा। दिल्ली-मुंबई इकॉनॉमिक कॉरिडोर, महाराष्ट्र को मध्य प्रदेश और उत्तर भारत के अन्य राज्यों से जोड़ेगा। Western Dedicated Freight Corridor से महाराष्ट्र और उत्तर भारत के बीच रेल कनेक्टिविटी भी बिल्कुल बदल जाएगी। महाराष्ट्र को तेलंगाना, छत्तीसगढ़, और अन्य पड़ोसी राज्यों से जोड़ने के लिये जो Transmission Line Network बिछाया गया है, उससे भी महाराष्ट्र के उद्योगों को नई गति मिलने वाली है I ऑयल और गैस पाइपलाइन हो, औरंगाबाद इंडस्ट्रियल सिटी हो, नवी मुंबई एयरपोर्ट हो, शेंद्र-बिड़किन इंडस्ट्रियल पार्क हो, ये महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था को नई गति देने का सामर्थ्य रखते हैं।

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साथियों,

हमारी सरकार, राज्य के विकास से, देश के विकास के मंत्र को लेकर चल रही है। जब महाराष्ट्र का विकास होगा, तो भारत का विकास होगा। और जब भारत का विकास होगा, तो उसका उतना ही लाभ महाराष्ट्र को भी मिलेगा। आज-काल, जगभरात लोक, भारताच्या विकासाची, चर्चा करीत आहेत. इस विकास का लाभ, महाराष्ट्र को भी हो रहा है, पुणे को भी हो रहा है। आप देख रहे हैं, बीते 9 वर्षों में भारत ने इनोवेशन और स्टार्ट अप्स के मामले में दुनिया में नई पहचान बनाई है। 9 वर्ष पहले तक भारत में सिर्फ कुछ सौ स्टार्ट अप्स होते थे। आज हम 1 लाख स्टार्ट अप्स को पार कर गए हैं। ये स्टार्ट अप, ये इकोसिस्टम इसलिए इतना फल-फूल रहा है, क्योंकि हमने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार किया है। और भारत में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की नींव बनाने में पुणे की बहुत ही ऐतिहासिक भूमिका रही है। सस्ते डेटा, सस्ते फोन और गांव-गांव पहुंची इंटरनेट सुविधा ने इस सेक्टर को मजबूती दी है। आज भारत, दुनिया में सबसे तेज़ गति से 5G सर्विस रोलआउट करने वाले देशों में से एक है। आज देश में फिनटेक हो, बायोटेक हो, एग्रीटेक हो, हर सेक्टर में हमारे युवा कमाल कर रहे हैं। इसका बहुत बड़ा लाभ पुणे को हो रहा है।

साथियों,

एक तरफ महाराष्ट्र में हम चौतरफा विकास होते देख रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ पड़ोसी राज्य कर्नाटक में जो हो रहा है, वो भी हमारे सामने है। बेंगलुरु इतना बड़ा आईटी हब है, ग्लोबल इन्वेस्टर्स का सेंटर है। ये ज़रूरी था कि इस समय बेंगलुरु का, कर्नाटक का तेज़ी से विकास हो। लेकिन वहां जिस प्रकार की घोषणाएं करके सरकार बनाई गई, उसके दुष्परिणाम इतने कम समय में आज पूरा देश देख रहा है और चिंता का अनुभव कर रहा है। जब कोई पार्टी अपने निहित स्वार्थों के लिए सरकार की तिजोरी खाली करती है, तो इसका नुकसान सबसे ज्यादा राज्य के लोगों को होता है, हमारी युवा पीढ़ी के भविष्य पर सवालिया निशान लग जाता है। इससे उस पार्टी की सरकार तो बन जाती है, लेकिन लोगों का भविष्य खतरे में पड़ जाता है। हाल ये है कि कर्नाटक सरकार खुद मान रही है कि उसके पास बेंगलुरु के विकास के लिए, कर्नाटक के विकास के लिए, तिजोरी खाली है, पैसे ही नहीं हैं। भाइयों, ये देश के लिए बहुत चिंताजनक है। यही स्थिति राजस्थान में भी हम देख रहे हैं, वहां भी कर्ज का बोझ बढ़ रहा है, विकास के काम ठप पड़े हैं।

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साथियों,

देश को आगे बढ़ाने के लिए, विकसित बनाने के लिए नीति, नीयत और निष्ठा, उतनी ही जरूरी है। सरकार को, सिस्टम को चलाने वालों की नीति, नीयत और निष्ठा ही तय करती है कि विकास होगा या नहीं होगा। अब जैसे गरीबों को पक्का घर देने की योजना है। 2014 से पहले जो सरकार थी, उसने शहरों में गरीबों को घर देने के लिए 10 सालों में दो योजनाएं चलाईं। इन दो योजनाओं के तहत 10 साल में देशभर के शहरी गरीबों के लिए सिर्फ 8 लाख घर बने। लेकिन इन घर की हालत इतनी बुरी थी कि ज्यादातर गरीबों ने इन घरों को लेने से ही इनकार कर दिया। अब आप कल्पना करिए, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाला व्यक्ति भी उस घर को लेने से इनकार कर देगा तो वो घर कितना बुरा होगा। आप कल्पना कर सकते हैं देश में यूपीए के समय बन हुए 2 लाख से अधिक घर ऐसे थे, जिनको लेने के लिए कोई तैयार ही नहीं हुआ। हमारे यहां महाराष्ट्र में भी उस समय बने हुए 50 हज़ार से अधिक घर ऐसे ही खाली पड़े थे। रूपया की बर्बादी है, लोगों की मुसीबतों की चिंता नहीं।

भाइयों और बहनों,

2014 में आप सबने हमें सेवा करने का मौका दिया। सरकार में आने के बाद हमने सही नीयत से काम शुरू किया और नीति भी बदली। पिछले 9 वर्षों में हमारी सरकार ने गांव और शहरों में गरीबों के लिए, 4 करोड़ से अधिक पक्के घर बनाए। इसमें भी शहरी गरीबों के लिए 75 लाख से अधिक घर बनाए गए हैं। हम इन नए घरों के निर्माण में पारदर्शिता भी लाए हैं और इनकी क्वालिटी भी सुधारी है। हमारी सरकार ने एक और बड़ा काम किया है, जो घर सरकार गरीबों को बनाकर दे रही है, उसमें से ज्यादातर घर महिलाओं के नाम रजिस्टर किए जा रहे हैं। इन घरों की कीमत कई-कई लाख रुपए है। यानि बीते 9 वर्षों में देश में करोड़ों बहनें ऐसी हैं, जो लखपति बनी हैं, मेरी लखपति दीदी बन गई हैं। उनके नाम पर पहली बार कोई संपत्ति रजिस्टर हुई है। आज भी जिन भाइयों और बहनों को अपने घर मिले हैं, उन्हें मैं विशेष तौर पर बधाई देता हूं, मेरी तरफ से अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। और इस बार का गणेश उत्सव तो उनके लिए बड़ा शानदार होने वाला है।

भाइयों और बहनों,

गरीब हो या मिडिल क्लास परिवार, हर सपने को पूरा करना ही मोदी की गारंटी है। एक सपना जब पूरा होता है, तो उस सफलता की कोख से सैकड़ों नए संकल्प जन्म लेते हैं। यही संकल्प उस व्यक्ति के जीवन की सबसे बड़ी ताकत बन जाते हैं। हमें आपके बच्चों, आपके वर्तमान और आपकी भावी पीढ़ियों की चिंता है।

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साथियों,

सत्ता येते आणि जाते। समाज आणि देश तेथेच राहतो. इसलिए हमारा प्रयास, आपके आज के साथ-साथ आपके कल को बेहतर बनाने का भी है। विकसित भारत के निर्माण का संकल्प इसी भावना का प्रकटीकरण है। इसके लिए हम सभी को मिलकर, एक साथ काम करना होगा। यहां महाराष्ट्र में, इतने अलग-अलग दल एक साथ इसी ध्येय के साथ आए हैं। लक्ष्य यही है कि सबकी भागीदारी से महाराष्ट्र के लिए और बेहतर काम हो सके, महाराष्ट्र तेज गति से विकास करे। महाराष्ट्र ने हम सभी को हमेशा बहुत प्यार दिया है, बहुत आशीर्वाद दिया है। ये आशीर्वाद यूं ही बना रहेगा, इसी कामना के साथ, फिर से विकास परियोजनाओं की आप सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

धन्यवाद।

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  • कृष्ण सिंह राजपुरोहित भाजपा विधान सभा गुड़ामा लानी November 21, 2024

    जय श्री राम 🚩 वन्दे मातरम् जय भाजपा विजय भाजपा
  • Devendra Kunwar October 08, 2024

    BJP
  • Madhavi October 04, 2024

    🙏🏻🙏🏻
  • दिग्विजय सिंह राना September 20, 2024

    हर हर महादेव
  • JBL SRIVASTAVA May 27, 2024

    मोदी जी 400 पार
  • Aditya Gawai March 12, 2024

    help me sir 🙏🏻 aapla Sankalp Vikast Bharat yatra ka karmchari huu sir 4 month hogye pement nhi huwa sir please contact me 9545509702 please help me sir 🙏🏻🙇🏼.....
  • Vaishali Tangsale February 12, 2024

    🙏🏻🙏🏻✌️
  • ज्योती चंद्रकांत मारकडे February 11, 2024

    जय हो
  • Uma tyagi bjp January 28, 2024

    जय श्री राम
  • Mahendra singh Solanki Loksabha Sansad Dewas Shajapur mp October 12, 2023

    नारी सशक्तिकरण की अद्भुत मिसाल स्वर्गीय राजमाता विजयराजे सिंधिया जी की जयंती पर उन्हें कोटि कोटि नमन। #Dewas #Shajapur #AgarMalwa #MadhyaPradesh #BJP #BJPMadhyaPradesh
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सरकार देश में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर के मॉडर्नाइजेशन पर फोकस कर रही है: खेलो इंडिया यूथ गेम्स में पीएम मोदी
May 04, 2025
Quoteबिहार में आयोजित हो रहे खेलो इंडिया यूथ गेम्स में भाग लेने वाले एथलीटों को शुभकामनाएं, आप इस मंच पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें और सच्ची खेल उत्कृष्टता को प्रोत्साहन मिले: प्रधानमंत्री
Quoteभारत इस समय वर्ष 2036 में अपने देश में ओलंपिक खेलों के आयोजन के लिए प्रयास कर रहा है: प्रधानमंत्री श्री मोदी
Quoteसरकार देश में खेल अवसंरचना को आधुनिक बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है: प्रधानमंत्री
Quoteपिछले एक दशक में खेल बजट में तीन गुना से अधिक की वृद्धि की गई है, इस वर्ष खेल बजट लगभग 4,000 करोड़ रुपये का है: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
Quoteहमने देश में अच्छे खिलाड़ियों के साथ-साथ उत्कृष्ट खेल पेशेवर तैयार करने के उद्देश्य से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में खेलों को मुख्यधारा की शिक्षा का हिस्सा बनाया है: प्रधानमंत्री

बिहार के मुख्यमंत्री श्रीमान नीतीश कुमार जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी मनसुख भाई, बहन रक्षा खड़से, श्रीमान राम नाथ ठाकुर जी, बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी जी, विजय कुमार सिन्हा जी, उपस्थित अन्य महानुभाव, सभी खिलाड़ी, कोच, अन्य स्टाफ और मेरे प्यारे युवा साथियों!

देश के कोना-कोना से आइल,, एक से बढ़ के एक, एक से नीमन एक, रउआ खिलाड़ी लोगन के हम अभिनंदन करत बानी।

साथियों,

खेलो इंडिया यूथ गेम्स के दौरान बिहार के कई शहरों में प्रतियोगिताएं होंगी। पटना से राजगीर, गया से भागलपुर और बेगूसराय तक, आने वाले कुछ दिनों में छह हज़ार से अधिक युवा एथलीट, छह हजार से ज्यादा सपनों औऱ संकल्पों के साथ बिहार की इस पवित्र धरती पर परचम लहराएंगे। मैं सभी खिलाड़ियों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं। भारत में स्पोर्ट्स अब एक कल्चर के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। और जितना ज्यादा भारत में स्पोर्टिंग कल्चर बढ़ेगा, उतना ही भारत की सॉफ्ट पावर भी बढ़ेगी। खेलो इंडिया यूथ गेम्स इस दिशा में, देश के युवाओं के लिए एक बहुत बड़ा प्लेटफॉर्म बना है।

साथियों,

किसी भी खिलाड़ी को अपना प्रदर्शन बेहतर करने के लिए, खुद को लगातार कसौटी पर कसने के लिए, ज्यादा से ज्यादा मैच खेलना, ज्यादा से ज्यादा प्रतियोगिताओं में हिस्सा, ये बहुत जरूरी होता है। NDA सरकार ने अपनी नीतियों में हमेशा इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। आज खेलो इंडिया, यूनिवर्सिटी गेम्स होते हैं, खेलो इंडिया यूथ गेम्स होते हैं, खेलो इंडिया विंटर गेम्स होते हैं, खेलो इंडिया पैरा गेम्स होते हैं, यानी साल भर, अलग-अलग लेवल पर, पूरे देश के स्तर पर, राष्ट्रीय स्तर पर लगातार स्पर्धाएं होती रहती हैं। इससे हमारे खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ता है, उनका टैलेंट निखरकर सामने आता है। मैं आपको क्रिकेट की दुनिया से एक उदाहरण देता हूं। अभी हमने IPL में बिहार के ही बेटे वैभव सूर्यवंशी का शानदार प्रदर्शन देखा। इतनी कम आयु में वैभव ने इतना जबरदस्त रिकॉर्ड बना दिया। वैभव के इस अच्छे खेल के पीछे उनकी मेहनत तो है ही, उनके टैलेंट को सामने लाने में, अलग-अलग लेवल पर ज्यादा से ज्यादा मैचों ने भी बड़ी भूमिका निभाई। यानी, जो जितना खेलेगा, वो उतना खिलेगा। खेलो इंडिया यूथ गेम्स के दौरान आप सभी एथलीट्स को नेशनल लेवल के खेल की बारीकियों को समझने का मौका मिलेगा, आप बहुत कुछ सीख सकेंगे।

साथियों,

ओलंपिक्स कभी भारत में आयोजित हों, ये हर भारतीय का सपना रहा है। आज भारत प्रयास कर रहा है, कि साल 2036 में ओलंपिक्स हमारे देश में हों। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में भारत का दबदबा बढ़ाने के लिए, स्पोर्टिंग टैलेंट की स्कूल लेवल पर ही पहचान करने के लिए, सरकार स्कूल के स्तर पर एथलीट्स को खोजकर उन्हें ट्रेन कर रही है। खेलो इंडिया से लेकर TOPS स्कीम तक, एक पूरा इकोसिस्टम, इसके लिए विकसित किया गया है। आज बिहार सहित, पूरे देश के हजारों एथलीट्स इसका लाभ उठा रहे हैं। सरकार का फोकस इस बात पर भी है कि हमारे खिलाड़ियों को ज्यादा से ज्यादा नए स्पोर्ट्स खेलने का मौका मिले। इसलिए ही खेलो इंडिया यूथ गेम्स में गतका, कलारीपयट्टू, खो-खो, मल्लखंभ और यहां तक की योगासन को शामिल किया गया है। हाल के दिनों में हमारे खिलाड़ियों ने कई नए खेलों में बहुत ही अच्छा प्रदर्शन करके दिखाया है। वुशु, सेपाक-टकरा, पन्चक-सीलाट, लॉन बॉल्स, रोलर स्केटिंग जैसे खेलों में भी अब भारतीय खिलाड़ी आगे आ रहे हैं। साल 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला टीम ने लॉन बॉल्स में मेडल जीतकर तो सबका ध्यान आकर्षित किया था।

साथियों,

सरकार का जोर, भारत में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने पर भी है। बीते दशक में खेल के बजट में तीन गुणा से अधिक की वृद्धि की गई है। इस वर्ष स्पोर्ट्स का बजट करीब 4 हज़ार करोड़ रुपए है। इस बजट का बहुत बड़ा हिस्सा स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च हो रहा है। आज देश में एक हज़ार से अधिक खेलो इंडिया सेंटर्स चल रहे हैं। इनमें तीन दर्जन से अधिक हमारे बिहार में ही हैं। बिहार को तो, NDA के डबल इंजन का भी फायदा हो रहा है। यहां बिहार सरकार, अनेक योजनाओं को अपने स्तर पर विस्तार दे रही है। राजगीर में खेलो इंडिया State centre of excellence की स्थापना की गई है। बिहार खेल विश्वविद्यालय, राज्य खेल अकादमी जैसे संस्थान भी बिहार को मिले हैं। पटना-गया हाईवे पर स्पोर्टस सिटी का निर्माण हो रहा है। बिहार के गांवों में खेल सुविधाओं का निर्माण किया गया है। अब खेलो इंडिया यूथ गेम्स- नेशनल स्पोर्ट्स मैप पर बिहार की उपस्थिति को और मज़बूत करने में मदद करेंगे। 

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साथियों,

स्पोर्ट्स की दुनिया और स्पोर्ट्स से जुड़ी इकॉनॉमी सिर्फ फील्ड तक सीमित नहीं है। आज ये नौजवानों को रोजगार और स्वरोजगार को भी नए अवसर दे रहा है। इसमें फिजियोथेरेपी है, डेटा एनालिटिक्स है, स्पोर्ट्स टेक्नॉलॉजी, ब्रॉडकास्टिंग, ई-स्पोर्ट्स, मैनेजमेंट, ऐसे कई सब-सेक्टर्स हैं। और खासकर तो हमारे युवा, कोच, फिटनेस ट्रेनर, रिक्रूटमेंट एजेंट, इवेंट मैनेजर, स्पोर्ट्स लॉयर, स्पोर्ट्स मीडिया एक्सपर्ट की राह भी जरूर चुन सकते हैं। यानी एक स्टेडियम अब सिर्फ मैच का मैदान नहीं, हज़ारों रोज़गार का स्रोत बन गया है। नौजवानों के लिए स्पोर्ट्स एंटरप्रेन्योरशिप के क्षेत्र में भी अनेक संभावनाएं बन रही हैं। आज देश में जो नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बन रही हैं, या फिर नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी बनी है, जिसमें हमने स्पोर्ट्स को मेनस्ट्रीम पढ़ाई का हिस्सा बनाया है, इसका मकसद भी देश में अच्छे खिलाड़ियों के साथ-साथ बेहतरीन स्पोर्ट्स प्रोफेशनल्स बनाने का है। 

मेरे युवा साथियों, 

हम जानते हैं, जीवन के हर क्षेत्र में स्पोर्ट्समैन शिप का बहुत बड़ा महत्व होता है। स्पोर्ट्स के मैदान में हम टीम भावना सीखते हैं, एक दूसरे के साथ मिलकर आगे बढ़ना सीखते हैं। आपको खेल के मैदान पर अपना बेस्ट देना है और एक भारत श्रेष्ठ भारत के ब्रांड ऐंबेसेडर के रूप में भी अपनी भूमिका मजबूत करनी है। मुझे विश्वास है, आप बिहार से बहुत सी अच्छी यादें लेकर लौटेंगे। जो एथलीट्स बिहार के बाहर से आए हैं, वो लिट्टी चोखा का स्वाद भी जरूर लेकर जाएं। बिहार का मखाना भी आपको बहुत पसंद आएगा।

साथियों, 

खेलो इंडिया यूथ गेम्स से- खेल भावना और देशभक्ति की भावना, दोनों बुलंद हो, इसी भावना के साथ मैं सातवें खेलो इंडिया यूथ गेम्स के शुभारंभ की घोषणा करता हूं।