पुणे मेट्रो के पूर्ण खंडों के उद्घाटन के अवसर पर मेट्रो ट्रेनों को झंडी दिखाई
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित आवासों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया
अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन किया
"पुणे एक जीवंत महानगर है जो देश की अर्थव्यवस्था को गति देता है और पूरे देश के युवाओं के सपनों को पूरा करता है"
"हमारी सरकार नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है"
"मेट्रो आधुनिक भारत के शहरों के लिए एक नई जीवन रेखा बन रही है"
"आजादी के बाद से ही महाराष्ट्र के औद्योगिक विकास ने भारत के औद्योगिक विकास को निरंतर गति दी है"
"गरीब हो या मध्यम वर्ग, हर सपना पूरा करना मोदी की गारंटी"

महाराष्ट्र के राज्यपाल श्रीमान रमेश बैस जी, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी गण, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जी, अजीत पवार जी, भाई दिलीप जी अन्य मंत्रीगण, सांसद और विधायकगण, भाइयों और बहनों।

ऑगस्ट महिना, हा उत्सव व क्रांतीचा महिना आहे.

क्रांतीच्या या महिन्याच्या सुरुवातीलाच, मला पुणे येथे,

येण्याचे सौभाग्य मिळाले.

वाकई, पुणे का भारत की आज़ादी के आंदोलन में बहुत बड़ा योगदान रहा है। पुणे ने बालगंगाधर तिलक जी समेत अनेक क्रांतिवीर, स्वतंत्रता सेनानी देश को दिए हैं। आज ही लोकशाहिर अन्ना भाऊ साठे की जयंती भी है। ये हम सब के लिए बहुत ही खास दिन है। अन्ना भाऊ साठे, महान समाज सुधारक थे, बाबा साहेब अंबेडकर के विचारों से प्रभावित थे। आज भी बड़ी संख्या में छात्र और विद्वान उनके साहित्य पर शोध करते हैं। अन्ना भाऊ साठे के कार्य, उनका आह्वान आज भी हम सबको प्रेरित करता है।

साथियों,

पुणे, देश की अर्थव्यवस्था को गति देने, देश भर के युवाओं के सपनों को पूरा करने वाला एक जीवंत शहर है। आज जो प्रोजेक्ट पुणे और पिंपरी-चिंचवड को मिले हैं, उससे ये भूमिका और सशक्त होने वाली है। अभी यहां करीब 15 हज़ार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। हज़ारों परिवारों को पक्के घर मिले हैं, Waste से Wealth बनाने का, कचरे से कंचन बनाने का आधुनिक प्लांट मिला है। इन परियोजनाओं के लिए मैं सभी पुणे वासियों को, यहां के सभी नागरिकों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

हमारी सरकार, शहरों में रहने वाले विशेषकर के मध्यम वर्ग की, प्रोफेशनल्स की, उनकी Quality of Life को लेकर बहुत गंभीर है। जब Quality of Life सुधरती है, तो उस शहर का विकास भी और तेजी से होता है। पुणे जैसे हमारे शहरों में quality of life और बेहतर हो, इसके लिए हमारी सरकार लगातार काम कर रही है। यहां आने से पहले पुणे मेट्रो के एक और सेक्शन का लोकार्पण हुआ है। मुझे याद है, जब पुणे मेट्रो के लिए काम शुरू हुआ था, तो मुझे इसके शिलान्यास का अवसर मिला था और देवेन्द्र जी ने बड़े मजेदार ढंग से उसका वर्णन भी किया। इन 5 वर्षों में यहां लगभग 24 किलोमीटर मेट्रो नेटवर्क शुरू हो चुका है।

साथियों,

हमें भारत के शहरों में रहने वाले लोगों का जीवन स्तर अच्छा बने और उसे अगर हमें नई ऊंचाई देनी है तो हमें पब्लिक ट्रांसपोर्ट को आधुनिक बनाना ही होगा। और इसलिए ही आज भारत के शहरों में लगातार मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो रहा है, नए-नए फ्लाईओवर बनाए जा रहे हैं, रेड लाइट्स की संख्या कम करने पर बल दिया जा रहा है। साल 2014 तक भारत में 250 किलोमीटर से भी कम मेट्रो नेटवर्क था। इसमें से भी अधिकतर दिल्ली-NCR में था। अब देश में मेट्रो नेटवर्क बढ़कर 800 किलोमीटर से भी ज्यादा हो गया है। इसके अलावा एक हजार किलोमीटर की नई मेट्रो लाइन के लिए काम भी चल रहा है। 2014 में सिर्फ 5 शहरों में मेट्रो का नेटवर्क था। आज देश के 20 शहरों में मेट्रो नेटवर्क संचालित है। महाराष्ट्र में ही पुणे के अलावा मुंबई और नागपुर में भी मेट्रो का विस्तार हो रहा है। ये मेट्रो नेटवर्क, आधुनिक भारत के शहरों की नई लाइफलाइन बनती जा रही है। पुणे जैसे शहर में पर्यावरण की रक्षा के लिए, प्रदूषण कम करने के लिए मेट्रो का विस्तार, बहुत जरूरी है। इसलिए भी हमारी सरकार मेट्रो नेटवर्क बढ़ाने के लिए इतनी मेहनत कर रही है।

भाइयों और बहनों,

Quality of Life को सुधारने का एक अहम फैक्टर, शहरों में साफ-सफाई की व्यवस्था भी है। एक समय था, जब विकसित देशों के शहरों को देखकर कहा जाता था- वाह कितना साफ शहर है। अब हम भारत के शहरों को भी उसी तरह से समाधान दे रहे हैं। स्वच्छ भारत अभियान, सिर्फ टॉयलेट्स के निर्माण तक सीमित नहीं है। इस अभियान में वेस्ट मैनेजमेंट पर भी बहुत अधिक फोकस किया जा रहा है। हमारे शहरों में बड़े-बड़े कचरे के पहाड़ बहुत बड़ी समस्या बन गए हैं। आप भी जानते हैं कि पुणे में जहां मेट्रो का डिपो बना है, वो पहले कोथरुड कचरा डंपिंगयार्ड से जाना जाता था। अब ऐसे कूड़े के पहाड़ों को हटाने के लिए भी मिशन मोड पर काम चल रहा है। औऱ हम कचरे से कंचन- यानि वेस्ट टू वेल्थ के मंत्र पर काम कर रहे हैं। पिंपरी-चिंचवड़ का वेस्ट टू एनर्जी प्लांट, बहुत ही बेहतरीन प्रोजेक्ट है। इसमें कचरे से बिजली बन रही है। यहां जो बिजली पैदा होगी, उससे निगम अपनी जरूरत भी पूरी कर पाएगा। यानी प्रदूषण की समस्या भी नहीं रहेगी और नगर-निगम को बचत भी होगी।

साथियों,

आजादी के बाद से ही महाराष्ट्र के औद्योगिक विकास ने भारत के औद्योगिक विकास को निरंतर गति दी है। महाराष्ट्र में औद्योगिक विकास को और बढ़ाने के लिए, यहां आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण उतना ही जरूरी है। इसलिए आज हमारी सरकार महाराष्ट्र में इंफ्रास्ट्रक्चर पर जितना निवेश कर रही है, वो अभूतपूर्व है। आज यहां बड़े-बड़े एक्सप्रेस वे, नए-नए रेलवे रूट, नए-नए एयरपोर्ट्स का निर्माण किया जा रहा है। रेलवे के विकास के लिए यहां 2014 से पहले की तुलना में 12 गुना अधिक खर्च किया जा रहा है। महाराष्ट्र के अलग-अलग शहरों को आस-पास के राज्यों के इकॉनॉमिक हब से भी जोड़ा जा रहा है। मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल से गुजरात और महाराष्ट्र, दोनों को फायदा होगा। दिल्ली-मुंबई इकॉनॉमिक कॉरिडोर, महाराष्ट्र को मध्य प्रदेश और उत्तर भारत के अन्य राज्यों से जोड़ेगा। Western Dedicated Freight Corridor से महाराष्ट्र और उत्तर भारत के बीच रेल कनेक्टिविटी भी बिल्कुल बदल जाएगी। महाराष्ट्र को तेलंगाना, छत्तीसगढ़, और अन्य पड़ोसी राज्यों से जोड़ने के लिये जो Transmission Line Network बिछाया गया है, उससे भी महाराष्ट्र के उद्योगों को नई गति मिलने वाली है I ऑयल और गैस पाइपलाइन हो, औरंगाबाद इंडस्ट्रियल सिटी हो, नवी मुंबई एयरपोर्ट हो, शेंद्र-बिड़किन इंडस्ट्रियल पार्क हो, ये महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था को नई गति देने का सामर्थ्य रखते हैं।

साथियों,

हमारी सरकार, राज्य के विकास से, देश के विकास के मंत्र को लेकर चल रही है। जब महाराष्ट्र का विकास होगा, तो भारत का विकास होगा। और जब भारत का विकास होगा, तो उसका उतना ही लाभ महाराष्ट्र को भी मिलेगा। आज-काल, जगभरात लोक, भारताच्या विकासाची, चर्चा करीत आहेत. इस विकास का लाभ, महाराष्ट्र को भी हो रहा है, पुणे को भी हो रहा है। आप देख रहे हैं, बीते 9 वर्षों में भारत ने इनोवेशन और स्टार्ट अप्स के मामले में दुनिया में नई पहचान बनाई है। 9 वर्ष पहले तक भारत में सिर्फ कुछ सौ स्टार्ट अप्स होते थे। आज हम 1 लाख स्टार्ट अप्स को पार कर गए हैं। ये स्टार्ट अप, ये इकोसिस्टम इसलिए इतना फल-फूल रहा है, क्योंकि हमने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार किया है। और भारत में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की नींव बनाने में पुणे की बहुत ही ऐतिहासिक भूमिका रही है। सस्ते डेटा, सस्ते फोन और गांव-गांव पहुंची इंटरनेट सुविधा ने इस सेक्टर को मजबूती दी है। आज भारत, दुनिया में सबसे तेज़ गति से 5G सर्विस रोलआउट करने वाले देशों में से एक है। आज देश में फिनटेक हो, बायोटेक हो, एग्रीटेक हो, हर सेक्टर में हमारे युवा कमाल कर रहे हैं। इसका बहुत बड़ा लाभ पुणे को हो रहा है।

साथियों,

एक तरफ महाराष्ट्र में हम चौतरफा विकास होते देख रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ पड़ोसी राज्य कर्नाटक में जो हो रहा है, वो भी हमारे सामने है। बेंगलुरु इतना बड़ा आईटी हब है, ग्लोबल इन्वेस्टर्स का सेंटर है। ये ज़रूरी था कि इस समय बेंगलुरु का, कर्नाटक का तेज़ी से विकास हो। लेकिन वहां जिस प्रकार की घोषणाएं करके सरकार बनाई गई, उसके दुष्परिणाम इतने कम समय में आज पूरा देश देख रहा है और चिंता का अनुभव कर रहा है। जब कोई पार्टी अपने निहित स्वार्थों के लिए सरकार की तिजोरी खाली करती है, तो इसका नुकसान सबसे ज्यादा राज्य के लोगों को होता है, हमारी युवा पीढ़ी के भविष्य पर सवालिया निशान लग जाता है। इससे उस पार्टी की सरकार तो बन जाती है, लेकिन लोगों का भविष्य खतरे में पड़ जाता है। हाल ये है कि कर्नाटक सरकार खुद मान रही है कि उसके पास बेंगलुरु के विकास के लिए, कर्नाटक के विकास के लिए, तिजोरी खाली है, पैसे ही नहीं हैं। भाइयों, ये देश के लिए बहुत चिंताजनक है। यही स्थिति राजस्थान में भी हम देख रहे हैं, वहां भी कर्ज का बोझ बढ़ रहा है, विकास के काम ठप पड़े हैं।

साथियों,

देश को आगे बढ़ाने के लिए, विकसित बनाने के लिए नीति, नीयत और निष्ठा, उतनी ही जरूरी है। सरकार को, सिस्टम को चलाने वालों की नीति, नीयत और निष्ठा ही तय करती है कि विकास होगा या नहीं होगा। अब जैसे गरीबों को पक्का घर देने की योजना है। 2014 से पहले जो सरकार थी, उसने शहरों में गरीबों को घर देने के लिए 10 सालों में दो योजनाएं चलाईं। इन दो योजनाओं के तहत 10 साल में देशभर के शहरी गरीबों के लिए सिर्फ 8 लाख घर बने। लेकिन इन घर की हालत इतनी बुरी थी कि ज्यादातर गरीबों ने इन घरों को लेने से ही इनकार कर दिया। अब आप कल्पना करिए, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाला व्यक्ति भी उस घर को लेने से इनकार कर देगा तो वो घर कितना बुरा होगा। आप कल्पना कर सकते हैं देश में यूपीए के समय बन हुए 2 लाख से अधिक घर ऐसे थे, जिनको लेने के लिए कोई तैयार ही नहीं हुआ। हमारे यहां महाराष्ट्र में भी उस समय बने हुए 50 हज़ार से अधिक घर ऐसे ही खाली पड़े थे। रूपया की बर्बादी है, लोगों की मुसीबतों की चिंता नहीं।

भाइयों और बहनों,

2014 में आप सबने हमें सेवा करने का मौका दिया। सरकार में आने के बाद हमने सही नीयत से काम शुरू किया और नीति भी बदली। पिछले 9 वर्षों में हमारी सरकार ने गांव और शहरों में गरीबों के लिए, 4 करोड़ से अधिक पक्के घर बनाए। इसमें भी शहरी गरीबों के लिए 75 लाख से अधिक घर बनाए गए हैं। हम इन नए घरों के निर्माण में पारदर्शिता भी लाए हैं और इनकी क्वालिटी भी सुधारी है। हमारी सरकार ने एक और बड़ा काम किया है, जो घर सरकार गरीबों को बनाकर दे रही है, उसमें से ज्यादातर घर महिलाओं के नाम रजिस्टर किए जा रहे हैं। इन घरों की कीमत कई-कई लाख रुपए है। यानि बीते 9 वर्षों में देश में करोड़ों बहनें ऐसी हैं, जो लखपति बनी हैं, मेरी लखपति दीदी बन गई हैं। उनके नाम पर पहली बार कोई संपत्ति रजिस्टर हुई है। आज भी जिन भाइयों और बहनों को अपने घर मिले हैं, उन्हें मैं विशेष तौर पर बधाई देता हूं, मेरी तरफ से अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। और इस बार का गणेश उत्सव तो उनके लिए बड़ा शानदार होने वाला है।

भाइयों और बहनों,

गरीब हो या मिडिल क्लास परिवार, हर सपने को पूरा करना ही मोदी की गारंटी है। एक सपना जब पूरा होता है, तो उस सफलता की कोख से सैकड़ों नए संकल्प जन्म लेते हैं। यही संकल्प उस व्यक्ति के जीवन की सबसे बड़ी ताकत बन जाते हैं। हमें आपके बच्चों, आपके वर्तमान और आपकी भावी पीढ़ियों की चिंता है।

साथियों,

सत्ता येते आणि जाते। समाज आणि देश तेथेच राहतो. इसलिए हमारा प्रयास, आपके आज के साथ-साथ आपके कल को बेहतर बनाने का भी है। विकसित भारत के निर्माण का संकल्प इसी भावना का प्रकटीकरण है। इसके लिए हम सभी को मिलकर, एक साथ काम करना होगा। यहां महाराष्ट्र में, इतने अलग-अलग दल एक साथ इसी ध्येय के साथ आए हैं। लक्ष्य यही है कि सबकी भागीदारी से महाराष्ट्र के लिए और बेहतर काम हो सके, महाराष्ट्र तेज गति से विकास करे। महाराष्ट्र ने हम सभी को हमेशा बहुत प्यार दिया है, बहुत आशीर्वाद दिया है। ये आशीर्वाद यूं ही बना रहेगा, इसी कामना के साथ, फिर से विकास परियोजनाओं की आप सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

धन्यवाद।

 

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।