Quoteप्रधानमंत्री ने 11 लाख नई लखपति दीदियों को सम्मानित किया और उन्हें प्रमाण पत्र प्रदान किए
Quote2,500 करोड़ रुपये का रिवॉल्विंग फंड जारी किया और 5,000 करोड़ रुपये के बैंक ऋण वितरित किए
Quote“माताओं-बहनों का जीवन आसान बनाने के लिए हमारी सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है”
Quote“महाराष्ट्र की परंपराएं न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में जानी जाती हैं”
Quote“महाराष्ट्र की ‘मातृशक्ति’ ने पूरे भारत को प्रेरित किया है”
Quote“भारत की ‘मातृशक्ति’ ने हमेशा समाज और राष्ट्र के भविष्य को बनाने में बहुत बड़ा योगदान दिया है”
Quote“जब एक बहन लखपति दीदी बनती है तो पूरे परिवार की किस्मत बदल जाती है”
Quote“हमारी सरकार, बेटियों के लिए हर सेक्टर खोल रही है, जहां कभी उन पर पाबंदियां थी”
Quote“सरकारें बदल सकती हैं, लेकिन एक समाज और एक सरकार के रूप में हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी महिलाओं के जीवन और सम्मान की रक्षा करना होनी चाहिए”
Quote“मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार रोकने के लिए केंद्र सरकार हर तरह से राज्य सरकारों के साथ है। जब तक भारतीय समाज से इस पापी मानसिकता का उन्मूलन नहीं हो जाता, तब तक हम रुक नहीं सकते।”

महाराष्ट्रातील माझ्या बंधू-भगिनींना!

जय श्रीकृष्ण...

उद्या श्रीकृष्ण जयंती आहे, मी तुम्हाला आजच शुभेच्छा देतो.

महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री सीपी राधाकृष्णन जी, मुख्यमंत्री श्रीमान एकनाथ शिंदे जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे साथी, देश के कृषि मंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री श्रीमान शिवराज सिंह चौहान जी, इसी धरती की संतान मंत्री परिषद के मेरे साथी, प्रताप राव जाधव, केंद्रीय सरकार में हमारे मंत्री श्री चंद्रशेखर जी, इसी धरती की संतान बहन रक्षा खडसे जी, उप-मुख्यमंत्री श्री अजीत पवार जी, देवेंद्र फडणवीस जी, महाराष्ट्र सरकार के मंत्रीगण, सांसद और विधायकगण, और विशाल संख्‍या में हमें आशीर्वाद देने के लिए आई हुई माताएं-बहनें। दूर-दूर मेरी जहां भी नजर पहुंच रही है, ऐसा लग रहा है माताओं का महासागर उमड़ पड़ा है। ये दृश्‍य अपने-आप में सुकून देता है।

अपनी बात शुरू करने से पहले मैं नेपाल बस हादसे को लेकर अपनी पीड़ा व्यक्त करना चाहता हूं। इस हादसे में हमने महाराष्ट्र के, जलगांव के अनेक साथियों को खोया है। मैं सभी पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। जैसे ही ये हादसा हुआ, भारत सरकार ने तुरंत नेपाल सरकार से संपर्क किया। हमने हमारी मंत्री रक्षाताई खडसे को तुरंत नेपाल जाने के लिए कहा। हमारे जो परिजन नहीं रहे, उनके पार्थिव शरीर को हम वायुसेना के विशेष विमान से वापस लाए हैं। जो घायल हैं, उनका अच्छे से इलाज चल रहा है। मैं उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। मैं सभी पीड़ितों को विश्वास दिलाता हूं कि उन्हें केंद्र और राज्य सरकार की ओर से पूरी मदद दी जाएगी।

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साथियों,

आज लखपति दीदी का ये महासम्मेलन हो रहा है। मेरी सभी ‘लाडकी बहिण’ यहां बड़ी संख्या में उपस्थित हैं। आज यहां से देशभर के लाखों सखी मंडलों के लिए 6 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की राशि जारी की गई है। लाखो बचत गटांशी जोडल्या गेलेल्या महाराष्ट्रातील आमच्या भगिनींना सुद्धा कोट्यवधी रुपयांची मदत मिळाली आहे। इस पैसे से लाखों बहनों को लखपति दीदी बनाने में मदद मिलेगी। मेरी सभी माताओं-बहनों को बहुत-बहुत शुभेच्छा !

साथियों,

आप सभी में मुझे महाराष्ट्र की गौरवशाली संस्कृति और संस्कारों के भी दर्शन होते हैं। और महाराष्ट्र के ये संस्कार, भारत ही नहीं, विश्व भर में फैले हैं। मैं कल ही, अपने विदेश के दौरे से लौटा हूं, मैं यूरोप के देश पोलैंड गया था। वहां भी मुझे महाराष्ट्र के दर्शन हुए। महाराष्ट्र की संस्कृति, यहां के संस्कारों के दर्शन हुए। पोलैंड के लोग, महाराष्ट्र के लोगों का बहुत सम्मान करते हैं। यहां बैठ करके आप इसकी कल्‍पना नहीं कर सकते। वहां की राजधानी में एक कोल्हापुर मेमोरियल है। पोलैंड के लोगों ने ये मेमोरियल, कोल्हापुर के लोगों की सेवा और सत्कार की भावना को सम्मान देने के लिए बनाया है।

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आप में से कुछ लोगों को पता होगा दूसरे विश्व युद्ध के दौरान, पोलैंड की हज़ारों माताओं और बच्चों को कोल्हापुर के राज परिवार ने शरण दी थी। छत्रपति शिवाजी महाराज के संस्कारों के अनुरूप, राज परिवार ने, सामान्य लोगों ने शरणार्थियों की सेवा की। जब वहां मैं महाराष्ट्र के लोगों के सेवाभाव, मानवता प्रेम की प्रशंसा सुन रहा था तो मेरा माथा गर्व से ऊंचा हो रहा था। हमें ऐसे ही महाराष्ट्र का विकास करके, महाराष्ट्र का नाम पूरी दुनिया में और ऊंचा करते रहना है।

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साथियों,

महाराष्ट्र के संस्कारों को यहां की वीर और धीर, माताओं ने सृजित किया है। यहां की मातृशक्ति ने पूरे देश को प्रेरित किया है। आमचे जळगाव हेतर वारकरी परंपरेचे तीर्थ आहे। महान संत मुक्ताईची ही भूमी आहे। उनकी साधना, उनका तप, आज की पीढ़ी के लिए भी प्रेरणा है। बहिणाबाई की कविताएं, आज भी समाज को रूढ़ियों से बाहर निकल सोचने के लिए मजबूर करती हैं। महाराष्ट्र का कोई भी कोना हो, इतिहास का कोई भी कालखंड हो, मातृशक्ति का योगदान अप्रतिम रहा है। छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन को किसने दिशा दी? ये काम माता जीजाऊ ने किया।

जब समाज में बेटियों की शिक्षा, बेटियों के कामकाज को महत्व नहीं दिया जाता था। तब सावित्रीबाई फुले आगे आईं। यानी भारत की मातृशक्ति ने हमेशा समाज और राष्ट्र के भविष्य को बनाने में बहुत बड़ा योगदान दिया है। और आज जब हमारा देश विकसित बनने के लिए मेहनत कर रहा है, तो फिर से हमारी मातृशक्ति आगे आ रही है। मैं अपने सामने देख रहा हूं, महाराष्ट्र की आप सभी बहनें, कितना अच्छा काम कर रही हैं। तुमच्या सगळ्यांमध्ये मी राजमाता जिजाऊ आणि सावित्रीबाई फुलेंची छाप पाहतो।

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साथियों,

जब मैं लोकसभा चुनाव के दौरान आपके बीच आया था, तब मैंने कहा था कि हमें 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाना है। यानी 3 करोड़ ऐसी बहनें और जो सेल्‍फ हेल्‍प ग्रुप में काम करती हैं। जिनकी एक साल की कमाई, एक लाख रुपये से अधिक होगी। बीते 10 वर्षों में एक करोड़ लखपति दीदी बनीं और बीते 2 महीनों में, सिर्फ दो महीने में 11 लाख और लखपति दीदी उसमें जुड़ गईं, नई बन गईं। यात सुद्धा एक लाख नवीन लखपती दिदी, याच आपल्या महाराष्ट्रात तयार झाल्या आहेत। इसमें यहां की महायुति की सरकार ने भी बहुत मेहनत की है। एकनाथ जी, देवेंद्र जी और अजीत दादा की पूरी टीम, माताओं-बहनों को सशक्त करने में जुटी हुई है। महाराष्ट्र में माताओं-बहनों के लिए, नौजवानों के लिए, किसानों के लिए, एक से बढ़कर एक स्कीम्स, नई-नई योजनाएं चलाई जा रही हैं।

साथियों,

लखपति दीदी बनाने का ये अभियान, सिर्फ बहनों-बेटियों की कमाई बढ़ाने का अभियान है, इतना नहीं है। ये पूरे परिवार को, आने वाली पीढ़ियों को सशक्त करने का एक महाअभियान है। ये गांव के पूरे अर्थतंत्र को बदल रही हैं। यहां इस मैदान में मौजूद, हर बहन-बेटी अच्छी तरह जानती है कि जब वो कमाने लगती है तो कैसे उसका अधिकार बढ़ जाता है, घर-परिवार में उसका सम्मान बढ़ जाता है। जब किसी बहन की कमाई बढ़ती है, तो परिवार के पास खर्च करने के लिए पैसे भी ज्यादा जुटते हैं। यानी एक बहन का भी लखपति दीदी बनना, पूरे परिवार का भाग्य बदल रहा है।

यहां आने से पहले मैं देश के अलग-अलग कोने से आई हुई ऐसी बहनों के अनुभव सुन रहा था। सभी लखपति दीदियों में जो आत्‍मविश्‍वास था, मैं कहता तो लखपति दीदी हूं लेकिन उसमें सब कोई दो लाख कमाने वाली थी, कोई तीन लाख वाली थी, कोई आठ लाख वाली भी थी। और ये पिछले कुछ ही महीनों में उन्‍होंने कमाल करके दिखाया है।

साथियों,

आज आप हर तरफ सुनते हैं कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनने जा रहा है। इसमें हमारी बहनों-बेटियों की भूमिका बहुत बड़ी है। लेकिन कुछ साल पहले तक ये स्थिति नहीं थी। बहनें हर घर, हर परिवार की खुशहाली की गारंटी होती हैं। लेकिन महिलाओं को मदद मिले, इसकी गारंटी लेने वाला कोई नहीं था। देश की करोड़ों बहनों के नाम पर कोई प्रॉपर्टी नहीं होती थी। अगर उन्हें बैंक से लोन लेना होता था, तो उनको मिल ही नहीं सकता था। ऐसे में वो कोई भी छोटा-मोटा काम करना चाहें, तो चाहकर भी नहीं कर पाती थीं। और इसलिए आपके इस भाई ने, आपके बेटे ने, एक संकल्प लिया। मैंने तय किया कि कुछ भी हो जाए, मेरे देश की माताओं-बहनों-बेटियों की मुश्किल को कम करके ही रहूंगा। इसलिए मोदी सरकार ने एक के बाद एक महिला हित में निर्णय लिए। मैं आज चुनौती देता हूं पहले की सरकारों के सात दशक एक तरफ रख लीजिए। एक तराजू में एक तरफ सात दशक और दूसरे तराजू में मोदी सरकार के दस साल तराजू में रख लिए जाएं; जितना काम मोदी सरकार ने देश की बहनों-बेटियों के लिए किया है, वो आजादी के बाद किसी सरकार ने नहीं किया है।

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साथियों,

ये हमारी सरकार है, जिसने तय किया कि गरीबों के जो घर सरकार बनाती है, वो महिलाओं के नाम पर रजिस्टर हों। अभी तक जो 4 करोड़ घर बने हैं, उनमें से अधिकतर महिलाओं के नाम पर है। अभी 3 करोड़ और घर बनाने वाले हैं। इनमें से भी अधिकतर घर हमारी माताओं-बहनों के नाम ही होंगे, महिलाओं के नाम होंगे। दूसरा काम हमने बैंकों से जुड़ी व्यवस्था में किया। पहले जनधन खाते खोले, तो सबसे ज्यादा बहनों के खाते खुले। फिर मुद्रा योजना शुरु की। हमने बैंकों को कहा कि आप बिना गारंटी के लोन दो। और अगर गारंटी चाहिए तो मोदी मौजूद है। इस योजना की करीब 70 प्रतिशत लाभार्थी माताएं-बहनें हैं। देश में कुछ लोग थे, वो कहते थे कि महिलाओं को ऐसे लोन मत दो, डूब जाएगा, इसमें रिस्क है। लेकिन मेरी सोच अलग थी, मुझे आप पर, अपनी मातृशक्ति पर, उनकी ईमानदारी पर, उनके कृतित्व पर पूरा भरोसा है। माताओं-बहनों ने मेहनत की और ईमानदारी से लोन भी लौटाए हैं।

अब तो मुद्रा ऋण की सीमा हमने 20 लाख कर दी है। हमने रेहड़ी-फुटपाथ पर काम करने वालों के लिए भी स्वनिधि योजना चलाई। इसमें भी बिना गारंटी का ऋण दिया जा रहा है। इसका भी बहुत बड़ा फायदा हमारी बहनों को, हमारी बेटियों को हो रहा है। हमारे विश्वकर्मा परिवार, जो हस्तकला का काम करते हैं, इसमें भी बड़ी संख्या में हमारी बहनें जुड़ी हैं। उनकी गारंटी भी हमारी सरकार ने ली है।

साथियों,

पहले जब मैं सखी मंडलों की बात करता था, महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप की बात करता था, तो बहुत कम लोग थे, जो ये देख पाते थे कि इसका महत्व क्या है। आज देखिए, ये भारत के अर्थतंत्र की एक बहुत बड़ी शक्ति बनती जा रही है। गांव-गांव में, दूर-सुदूर आदिवासी क्षेत्रों में, सखी मंडलों से जो परिवर्तन आ रहे हैं, वो सबके सामने हैं। 10 साल में, ये आंकड़ा भी बहुत बड़ा है, दस साल में 10 करोड़ बहनें इस अभियान से जुड़ चुकी हैं और हमने इनको भी बैंकों से जोड़ा है। हमने उन्हें बैंकों से आसान और सस्ता ऋण दिलाया है।

मैं आपको एक आंकड़ा देता हूं। और ये सुन करके आप जरूर चौंक जाएंगे। और आपको शायद मन में गुस्‍सा भी आएगा कि मेरा देश पहले ऐसे भी चलता था क्‍या। साल 2014 तक 25 हज़ार करोड़ रुपए से भी कम बैंक लोन सखी मंडलों को मिला था। याद रखिए ये मैं उन महिला सेल्‍फ हेल्‍प ग्रुप की बात करता हूं, सिर्फ 25 हजार करोड़, जबकि पिछले 10 सालों में करीब 9 लाख करोड़ रुपए की मदद दी गई है। कहां 25 हजार करोड़ और कहां 9 लाख करो़ड़। इतना ही नहीं, सरकार जो सीधी मदद देती है, उसमें भी लगभग 30 गुणा की बढ़ोतरी की गई है। इसका परिणाम ये आया है कि आज गांव की हमारी बहनें, अपनी आय भी बढ़ा रही हैं और देश को मजबूत भी बना रही हैं। और मैं फिर से कहता हूं ये तो अभी ट्रेलर है। अब हम बहनों-बेटियों की भूमिका का और विस्तार कर रहे हैं। आज सवा लाख से अधिक बैंक सखियां, गांव-गांव बैंकिंग सेवाएं दे रही हैं। और अभी मुझे कुछ बहनें बता रही थीं, एक-एक करोड़ रुपये का कारोबार करती हैं।

अब हम बहनों को ड्रोन पायलट बना रहे हैं। हम बहनों के समूहों को लाखों रुपए का ड्रोन दे रहे हैं ताकि वे ड्रोन से आधुनिक खेती करने में किसानों की मदद कर पाएं। हम 2 लाख पशु सखियों को भी trained कर रहे हैं ताकि वे पशुपालकों की मदद कर सकें। यही नहीं, आधुनिक खेती के लिए, प्राकृतिक खेती के लिए भी हम नारी शक्ति को ही नेतृत्व दे रहे हैं। इसके लिए हमने कृषि सखी कार्यक्रम शुरू किया है। ऐसी लाखों कृषि सखियां आने वाले समय में देश के गांव-गांव में हम बनाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। इन सभी अभियानों से बेटियों को रोजगार भी मिलेगा, उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा और बेटियों के सामर्थ्य को लेकर समाज में भी एक नई सोच का निर्माण होगा।

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साथियों,

अभी पिछले महीने ही देश का एक बजट आया है। इसमें माताओं-बहनों-बेटियों से जुड़ी योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपए रखे गए हैं। बेटियां ज्यादा संख्या में नौकरी करें। इसके लिए दफ्तरों में, फैक्ट्रियों में उनके लिए विशेष सुविधाएं बनाने की घोषणा की गई है। रहने के लिए वर्किंग वीमेन होस्टल की सुविधा हो, बच्चों के लिए क्रेच की सुविधा हो, इसके लिए केंद्र सरकार काम कर रही है। हमारी सरकार बेटियों के लिए हर सेक्टर खोल रही है, जहां कभी उन पर पाबंदियां थीं। आज तीनों सेनाओं में महिला अफसर तैनात हो रही हैं, फाइटर पायलट तैनात हो रही हैं। सैनिक स्कूलों में, सैन्य अकादमियों में बेटियों को दाखिला मिल रहा है। जो हमारी पुलिस फोर्स है, जो हमारे अर्धसैनिक बल हैं, उनमें बेटियों की संख्या में बहुत बड़ी वृद्धि हुई है। गांव में कृषि और डेयरी सेक्टर से लेकर स्टार्ट अप्स क्रांति तक, आज बड़ी संख्या में बेटियां बिजनेस मैनेज कर रही हैं। राजनीति में भी बेटियों की भागीदारी बढ़े, इसके लिए हमने नारीशक्ति वंदन कानून बनाया है।

साथियों,

माताओं-बहनों-बेटियों का सामर्थ्य बढ़ाने के साथ-साथ उनकी सुरक्षा भी देश की प्राथमिकता है। मैंने लाल किले से भी बार-बार इस विषय को उठाया है। आज देश का कोई भी राज्य हो, अपनी बहनों-बेटियों की पीड़ा को, उनके गुस्से को मैं समझ रहा हूं। मैं एक बार फिर देश के हर राजनीतिक दल से कहूंगा, हर राज्य सरकार से कहूंगा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध अक्षम्य पाप है। दोषी कोई भी हो, वो बचना नहीं चाहिए। उसको किसी भी रूप में मदद करने वाले बचने नहीं चाहिए। अस्पताल हो, स्कूल हो, दफ्तर हो या फिर पुलिस व्यवस्था, जिस भी स्तर पर लापरवाही होती है, सबका हिसाब होना चाहिए। ऊपर से नीचे तक मैसेज एकदम साफ जाना चाहिए कि ये पाप अक्षम्य है। अरे सरकारें आती रहेंगी, जाती रहेंगी, लेकिन जीवन की रक्षा और नारी गरिमा की रक्षा, ये समाज के रूप में भी और सरकार के रूप में भी हम सबका बड़ा दायित्व है।

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साथियों,

महिलाओं पर अत्याचार करने वालों को कड़ी से कड़ी सज़ा देने के लिए हमारी सरकार कानूनों को भी लगातार सख्त कर रही है। आज इतनी बड़ी संख्या में देश की बहनें-बेटियां यहां हैं, तो इसलिए मैं विशेष तौर पर ये आपको बताना चाहता हूं। पहले ये शिकायत आती थी कि समय पर FIR नहीं होती। सुनवाई नहीं होती। मुकदमों में देर बहुत लगती है। ऐसी अनेक अड़चनों को हमने भारतीय न्याय संहिता में दूर कर दिया है। इसमें एक पूरा चैप्टर, महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अत्याचार के संबंध बनाया गया है। अगर पीड़ित महिलाओं को थाने नहीं जाना है, तो वो घर बैठे e-FIR दर्ज करा सकती है। हमने ये भी पक्का किया है कि e-FIR से थाने के स्तर पर कोई टालमटोल या फिर छेड़छाड़ नहीं कर पाएगा। इससे तेज़ी से जांच करने और दोषियों को कड़ी सज़ा मिलने में भी मदद मिलेगी।

साथियों,

नए कानूनों में नाबालिगों से हुए यौन अपराधों पर फांसी और उम्रकैद की सजा का प्रावधान किया गया है। बेटियों के साथ शादी के नाम पर भी धोखे के कई मामले आते रहे हैं। पहले इसके लिए कोई स्पष्ट कानून नहीं था। अब भारतीय न्याय संहिता में शादी के झूठे वादों और छल को भी साफ-साफ परिभाषित किया गया है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं केंद्र सरकार, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार रोकने के लिए हर तरीके से राज्य सरकारों के साथ है। हमें भारत के समाज से इस पाप की मानसिकता को मिटाकर ही रुकना होगा।

इसलिए साथियों,

आज भारत विकसित होने के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है और उसमें महाराष्ट्र की बहुत बड़ी भूमिका है। महाराष्ट्र, विकसित भारत का एक चमकता सितारा है। महाराष्ट्र, दुनियाभर के निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। महाराष्ट्र का भविष्य ज्यादा से ज्यादा निवेश में है, नौकरी के नए अवसरों में है।

आणि महायुतीचे सरकार म्हणजे गुंतवणूक आणि नोकरीची गॅरंटी आहे। महाराष्ट्र को आने वाले कई-कई बरसों तक महायुति की स्थिर सरकार की ज़रूरत है। महाराष्ट्र को महायुति की ऐसी सरकार की ज़रूरत है, जो यहां उद्योगों को प्रोत्साहित कर सके। महाराष्ट्र में ऐसी सरकार की ज़रूरत है, जो नौजवानों की पढ़ाई, कौशल और नौकरी पर बल दे सके। मुझे पूरा भरोसा है कि महाराष्ट्र की स्थिरता और समृद्धि के लिए यहां की माताएं-बहनें आगे बढ़कर मेरा साथ देंगी।

मुझे आप बहनों पर पूरा भरोसा है। एक बार फिर महाराष्‍ट्र की युति सरकार के कामों को भारत सरकार की तरफ से हर प्रकार की मदद का आश्‍वासन देते हुए आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

मेरे साथ बोलिए-

भारत माता की-जय

दोनों हाथ ऊपर करके मुट्ठी बंद करके पूरी ताकत से बोलिए-

भारत माता की- जय

भारत माता की- जय

भारत माता की- जय

भारत माता की- जय

भारत माता की- जय

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

  • Jitendra Kumar March 22, 2025

    🇮🇳🙏❤️
  • Veer lohani February 19, 2025

    NAMO NAMONAMO
  • Roopali Atul Pawar January 07, 2025

    Jai kandesh
  • Vikas kudale December 26, 2024

    🙏🏻🇮🇳
  • Vikas kudale December 26, 2024

    🇮🇳🙏🏻🎯
  • krishangopal sharma Bjp December 18, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩,,
  • krishangopal sharma Bjp December 18, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩,
  • krishangopal sharma Bjp December 18, 2024

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा 🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
  • Deepmala Rajput November 21, 2024

    jai shree ram🙏
  • कृष्ण सिंह राजपुरोहित भाजपा विधान सभा गुड़ामा लानी November 21, 2024

    जय श्री राम 🚩 वन्दे मातरम् जय भाजपा विजय भाजपा
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आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है: TV9 समिट में पीएम मोदी
March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

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साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

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साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

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साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

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साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।