नमस्कार!
मोदी की गारंटी वाली गाड़ी को लेकर जो उत्साह गांव-गांव में दिख रहा है, हिन्दुस्तान के हर कोने में दिख रहा है, चाहे उत्तर हो, दक्षिण हो, पूर्व हो, पश्चिम हो बहुत ही छोटा गांव हो या बड़ा गांव हो और कुछ तो जानकर मैंने देखा है कि गाड़ी का रूट नहीं है फिर भी लोग गांव वाले रास्ते में आकर खड़े हो जाते हैं और गाड़ी को खड़ी करके सारी जानकारियां लेते हैं तो ये अपने आप में अद्भुत है। और अभी कुछ लाभार्थियों से जो मेरी बातचीत हुई है। मुझे बताया गया है कि इस यात्रा के दौरान डेढ़ लाख से ज्यादा लाभार्थियों को अपने-अपने अनुभव बताने का अवसर मिला, और ये अनुभव रिकॉर्ड भी हुए हैं। और मैंने पिछले 10-15 दिन में बीच-बीच में देखा भी है कि गांव के लोगों की भावनाएं क्या हैं , योजनाएं मिली हैं वो पक्की पूरी मिली है कि नहीं मिली है। पूरी डिटेल उनको पता, सारी चीजें मैं आपकी वीडियो देखता हूं, तो मुझे बहुत आनंद होता है कि मेरे गांव के लोग भी सरकारी योजनाएं जो मिलती हैं उसको कैसे बखूबी उपयोग करते हैं। अब देखिए किसी को पक्का घर मिला है तो उसको लगता है कि मेरे जीवन की नई शुरूआत हो गई है। किसी को नल से जल मिला है, तो उसको लगता है कि अब तक तो हम पानी के लिए मुसीबत में जीते थे , आज पानी हमारे घर पहुंच गया। किसी को टॉयलेट मिला, तो उसको लगता है इज्जत घर मिला है और हम तो पहले पुराने जमाने में जो बडे-बड़े रहिशी लोगों के घर में टॉयलेट होता था, अब तो हमारे घर में टॉयलेट है। तो एक सामाजिक प्रतिष्ठा का भी विषय बन गया है। किसी को मुफ्त इलाज मिला है, किसी को मुफ्त राशन मिला है, किसी को गैस कनेक्शन मिला है, किसी को बिजली कनेक्शन मिला है, किसी का बैंक खाता खुला है, किसी को पीएम किसान सम्मान निधि पहुंच रही है, किसी को पीएम फसल बीमा का लाभ मिला है, किसी को पीएम स्वनिधि योजना से सहायता मिली है, किसी को पीएम स्वामित्व योजना के जरिए प्रॉपर्टी कार्ड मिला है, यानि मैं योजनाओं के नाम अगर बोलूंगा जब मैं देख रहा था हिन्दुस्तान के हर कोने में चीजे पहुंची हैं। देशभर के गांवों में करोड़ों परिवारों को हमारी सरकार की किसी न किसी योजना का ज़रूर लाभ मिला है। और जब ये लाभ मिलता है ना तब एक विश्वास बढ़ता है। और विश्वास जब एक छोटा लाभ मिल गया जिंदगी जीने की एक नई ताकत आ जाती है। और इसके लिए उन्हें किसी सरकारी दफ्तर में बार-बार चक्कर लगाने की ज़रूरत नहीं पड़ी। भीख मांगने की जो मनःस्थिति रहती थी वो गई। सरकार ने लाभार्थियों की पहचान की और फिर उन तक लाभ पहुंचाने के लिए कदम उठाए। तभी आज लोग कहते हैं, कि मोदी की गारंटी यानि गारंटी पूरा होने की गारंटी।
मेरे परिवारजनों,
विकसित भारत संकल्प यात्रा, ऐसे लोगों तक पहुंचने का बहुत बड़ा माध्यम बनी है, जो अब तक सरकार की योजनाओं से नहीं जुड़ पाए। इसे शुरू हुए अभी एक महीना भी नहीं हुआ है। दो तीन हफ्ते ही हुए हैं लेकिन ये यात्रा 40 हजार से ज्यादा ग्राम पचायतों और कई शहरों तक पहुँच चुकी है। ये बहुत बड़ी बात है कि इतने कम समय में अब तक सवा करोड़ से अधिक लोग मोदी की गारंटी वाली गाड़ी तक पहुंचे हैं, उसका स्वागत किया है, उसको समझने का प्रयास किया है, उससे जुड़ने की कोशिश की है, उसको सफल करने का काम किया है। लोग इस गारंटी वाली गाड़ी का आभार कर रहे हैं, स्वागत कर रहे हैं। और मुझे बताया गया है कि कई जगहों पर कार्यक्रम शुरू होने के पहले ही कई तरह की गतिविधियां पूरी की जा रही हैं। यानि मैं देखता हूं कि ऐसे एक कार्यक्रम को जिसके साथ कोई बड़ा नेता नहीं है, सिर्फ भारत को आगे बढ़ाना है, हमारे गांव को आगे बढ़ाना है, हमारे परिवार को आगे बढ़ाना है, सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर के आगे बढ़ना है। इतने से एक संकल्प के लिए ये गारंटी वाली गाड़ी पहुंचने से पहले, गांव वालों ने जो काम किया है, वो जो जानकारियां मुझे मिली हैं। वो जैसे कुछ गांवों में एक-एक सप्ताह तक बड़ा स्वच्छता अभियान चलाया कि भई चलो मोदी की गारंटी वाली गाड़ी आने वाली है, पूरा गांव लग गया स्वच्छता के अभियान में। कुछ गांवों में तो ये बताया गया कि सुबह एक घंटा प्रभात फेरी कर रहे हैं, गांव-गांव जाकर जागृति फैला रहे हैं। कुछ जगहों पर स्कूलों में जो प्रार्थना सभाएं होती हैं तो वहां जो जागरूक टीचर हैं, उन्होंने विकसित भारत क्या है, आजादी के 100 साल होंगे तब तक कैसे आगे बढ़ना है। ये बच्चे तब 25-30 साल के, 35 साल के हो जाएंगे तब उनका भविष्य कैसा होगा। इन सारे विषयों की स्कूल में चर्चाएं कर रहे हैं आजकल। यानि ऐसे जागरूक जो शिक्षक हैं वो भी लोगों को शिक्षित कर रहे हैं। और स्कूल के बच्चों ने गारंटी वाली गाड़ी के स्वागत में कई गांवों में बढ़िया रंगोलियां बनाई हैं, कुछ लोगों ने कलर वाली रंगोली नहीं बनाई तो गांव के फूल, पत्ते, पौधे लेकर के कहीं सुखे पत्ते से और हरे पत्ते जोड़कर के बहुत बढ़िया-बढ़िया रंगोलियां बनाई हैं, अच्छे नारे लिखे हैं लोगों ने, कुछ स्कूलों के अंदर नारे लिखने कि स्पर्धाएं हुई हैं। मुझे बताया गया है कि कुछ गांवों में तो गारंटी वाली गाड़ी आने पर हर घर के दरवाजे पर जिस दिन आने वाली थी उसके एक दिन पहले शाम को लोगों ने घर के बाहर दीया जलाया, ताकि पूरे गांव में गारंटी वाली गाड़ी का एक वातावरण बन जाए। यानि ये जो लोगों का उमंग है और कुछ लोग तो मैंने सुना गांव के बाहर तक जाते हैं गाड़ी आने वाली है तो पूजा का सामान लेकर के आरती लेकर के, फूल लेकर के गांव के दरवाजे यानि गांव के बाहर जो पेड़ होता है, नाका होता है या गेट होता है वहां तक गए और गाड़ी का स्वागत करते हुए अंदर तक ले गए नारे बोलते-बोलते। यानि पूरे गांव में जैसे उत्सव का वातावरण बना दिया।
मुझे ये जानकर भी अच्छा लगा कि हमारी पंचायतों ने विकसित भारत संकल्प यात्रा के स्वागत के लिए हर गांव में अच्छी स्वागत समितियां बनाई हैं। गांव के सब बड़े बुजुर्ग, समाज के सभी वर्ग के लोग सबको स्वागत समितियों में जोड़ा है। और स्वागत समिति के लोग इसका स्वागत करने के लिए तैयारियां कर रही हैं, जिम्मेदारियां संभाल रही है। मोदी की गारंटी की जो गाड़ी आने वाली है ना, इसकी एक दो दिन पहले से घोषणा हो रही है। अब तो मैंने कोशिश की है कि भई जरा एक दो दिन क्या सबसे पहले बता दो कि भई फलानी तारीख को आएगा, इतनी तारीख को आएगा, इतने बजे आएगा तो गांव वालों को इतना उत्साह है तो पहले से अगर पता चलेगा तो ज्यादा तैयारियां करेंगे और जिन गांव में गाड़ी जाने वाली नहीं है अगल बगल के दो चार पांच किलो मीटर छोटे-छोटे कस्बे होते हैं उनको भी बुला सकते हैं। स्कूल के बच्चों से लेकर बुजर्गों को भी इस योजना में शामिल किया जा रहा है। और मैंने देखा उसमें सेल्फी पॉइंट बनते हैं, इतनी सेल्फी लोग ले रहे हैं और गांव के भी माताएं-बहने मोबाइल फोन का उपयोग करना , सेल्फी लेना और ये सेल्फी अपलोड करते हैं। मैं देखता हूं इतने खुश नजर आते हैं लोग। और मुझे संतोष है कि जैसे-जैसे ये यात्रा देश के कोने-कोने में पहुंच रही है, लोगों का उत्साह और ज्यादा बढ़ता जा रहा है। ओडिशा में जगह-जगह पारंपरिक ट्राइबल डांस से, नृत्य करते हैं लोग जो परंपरागत हमारे आदिवासी परिवारों में होता है। इतने शानदार नृत्य हो रहे हैं, उनका स्वागत किया है। वेस्ट खासी हिल के मुझे कुछ लोगों ने फोटो भेजे, उसका वीडियो भेजा, वेस्ट खासी हिल के रामब्राय में कार्यक्रम के दौरान स्थानीय लोगों ने खूब सुन्दर सांस्कृतिक कार्यक्रम किए, नृत्य का आयोजन किया। अंडमान और लक्षद्वीप दूर-दूर कोई पूछता नहीं है ऐसे इलाके, इतना बड़ा शानदार कार्यक्रम लोग कर रहे हैं और बड़ी खूबसूरती के लिए किए जा रहे हैं। कारगिल में जहां अब तो बर्फ गिरी है वहां पर भी स्वागत कार्यक्रम में कोई कमी नजर नहीं आ रही है। मुझे अभी बताया गया एक कार्यक्रम में अभी तो बोले आसपास के लोग इतनी बड़ी मात्रा में हैं, छोटा सा गांव था, लेकिन चार-साढ़े चार हजार लोग इकट्ठा हो गए। ऐसे अनगिनत उदाहरण रोज देखने को मिल रहे हैं। वीडियो देखने को मिल रहा है, पूरा सोशल मीडिया भरा हुआ है। मैं तो कहूंगा कि इन कामों की, इन तैयारियों का जो काम हो रहा है, शायद मुझे तो पूरा पता भी नहीं होगा। इतनी विविधताएं लोगों ने की है, इतने उसमें नए रंग भर दिए हैं, नया उत्साह भर दिया है। मुझे तो लगता है कि शायद इसकी एक बहुत बड़ी लिस्ट बनानी चाहिए, ताकि गारंटी वाली गाड़ी जहां-जहां पहुंचने वाली है उनको भी तैयारी करने के लिए काम आ जाए। ये सारे सुझाव जो लोगों ने किया है उसके अनुभव भी उनको काम आ जाए। तो उसकी भी अगर एक लिस्ट बन जाए और वो भी पहुंच जाए तो गांवों में उत्साह बढ़ाने में काम आएगा। इससे उन क्षेत्रों के लोगों को भी मदद मिलेगी, जहां ये गारंटी वाली गाड़ी पहुंचने वाली है। जो करना चाहते हैं, लेकिन क्या करना है पता नहीं है। उनको आइडिया मिल जाएगा।
साथियों,
सरकार की लगातार कोशिश है कि जब मोदी की गारंटी वाली गाड़ी पहुंचे तो गांव का हर एक व्यक्ति, उस गाड़ी तक जरूर पहुंचना चाहिए। घंटे भर के लिए खेत का काम छोड़कर के जाना चाहिए। हर बच्चों को, बूढ़ों, बुजुर्गों को सबको ले जाना चाहिए , क्योंकि हमें देश को आगे बढ़ाना है। जब ऐसा होगा तभी हम हर लाभार्थी तक पहुंच पाएंगे, तभी शत प्रतिशत सैचुरेशन का जो संकल्प है ना वो पूरा हो जाएगा। हमारे इस प्रयास का, गांव-गांव में असर भी दिखाई दे रहा है। मोदी की गारंटी वाली गाड़ी पर पहुंचने के बाद, लगभग 1 लाख नए लाभार्थियों ने उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन ले लिया है, आवेदन किया है। कुछ गांव है जैसे अभी मैं बात कर रहा था। बिहार से जब हमारी प्रियंका जी कह रही थीं, मेरे गांव में सबको वो पहुंच गया है अच्छा लगा मुझे, लेकिन कुछ गांव हैं जहां एक दो एक लोग रह गए हैं। तो ये गाड़ी पहुंचती है तो वो भी ढूंढ ढूंढ कर उनको दे रहे हैं। इस यात्रा के दौरान, मौके पर ही 35 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड भी दिए गए हैं। और आयुष्मान कार्ड यानि एक प्रकार से किसी भी बीमार व्यक्ति को जीवन जीने का एक बहुत बड़े अवसर की गारंटी बन जाता है। गारंटी वाली गाड़ी पहुंचने पर जिस प्रकार लाखों लोग अपना हेल्थ चेकअप करा रहे हैं, और मुझे खुशी है कि सभी राज्यों में हेल्थ का कैंप लगता है इसके साथ। तो गांव में डॉक्टर बड़े-बड़े आ रहे हैं, मशीन आ रही हैं तो सभी का मेडिकल चैकअप हो जाता है। शरीर की जाँच हो जाती है तो पता चल जाता है कुछ कमी है क्या। मैं समझता हूँ कि ये भी एक बहुत बड़ा सेवा का भी काम है, संतोष मिलता है। बड़ी संख्या में लोग अब आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में जाकर जिसको पहले हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर कहते थे, अब लोग उसको आयुष्मान आरोग्य मंदिर कह रहे हैं, वहां पर जाकर भी भांति-भांति के टेस्ट करवा रहे हैं।
साथियों,
केंद्र सरकार और देश की जनता के बीच एक सीधा रिश्ता, एक भावनात्मक रिश्ता और मैं तो जब कहता हूं ना आप मेरे परिवारजन तो मेरे परिवारजनों तक पहुंचने का ये आपके सेवक का एक नम्र प्रयास है। मैं आपके गांव तक आ रहा हूं, गाड़ी के माध्यम से आ रहा हूं। क्यों, आपके सुख-दुख का साथी बनूं, आपकी आशा-आकांक्षाओं को समझूं, उसको पूरा करने के लिए पूरी सरकार की शक्ति लगाऊं। हमारी सरकार माई-बाप सरकार नहीं हैं, बल्कि हमारी सरकार महतारी-पिता की सेवक सरकार है। मां-बाप का जो एक बच्चा सेवा भाव करता है ना, वैसे ही ये मोदी आपकी सेवा का काम करता है। और मेरे लिए तो जो गरीब हैं, जो वंचित हैं, वे सब लोग जिनको कोई पूछता नहीं है, जिनके लिए सरकारी दफ्तरों के दरवाज़े तक बंद हैं, जिनको कोई नहीं पूछता है, उनको मोदी सबसे पहले पूछता है। मोदी पूछता ही है ऐसा नहीं, मोदी पूजता भी है। मेरे लिए तो देश का हर गरीब मेरे लिए VIP है। देश की हर माता-बहन-बेटी मेरे लिए VIP है। देश का हर किसान मेरे लिए VIP है। देश का हर युवा मेरे लिए VIP है।
मेरे परिवारजनों,
देश में हाल में हुए विधानसभा चुनावों के परिणामों की आज भी बहुत चर्चा हो रही है। इन चुनाव नतीजों ने ये साफ कर दिया है कि मोदी की गारंटी में ही दम है। मैं सभी मतदाताओं का आभारी हूं, जिन्होंने मोदी की गारंटी पर इतना भरोसा किया।
लेकिन साथियों,
सवाल ये भी है कि जो हमारे विरोध में खड़े हैं, उन पर देश को भरोसा क्यों नहीं है? दरअसल, कुछ राजनीतिक दलों को ये सीधी बात समझ नहीं आ रही है कि झूठी घोषणाएं करके वो कुछ हासिल नहीं कर पाएंगे। चुनाव सोशल मीडिया पर नहीं, जनता के बीच जाकर जीतना होता है। चुनाव जीतने से पहले, जनता का दिल जीतना आवश्यक होता है। जनता के विवेक को कम आंकना ठीक नहीं है। अगर कुछ विपक्षी दलों ने राजनीतिक स्वार्थ के बजाय, सेवाभाव को सर्वोपरि रखा होता, सेवा भाव को ही अपना काम समझा होता तो देश की बहुत बड़ी आबादी, अभाव में, मुसीबतों में, तकलीफों में न रहती। दशकों तक सरकारें चलाने वालों ने अगर ईमानदारी से काम किया होता, तो जो गारंटी मोदी को आज देनी पड़ रही है, वो 50 साल पहले ही पूरी हो गई होती।
मेरे परिवारजनों,
विकसित भारत संकल्प यात्रा चल रही है, इसमें भी बहुत बड़ी संख्या में हमारी नारीशक्ति ही शामिल हो रही है, हमारी माताएं-बहनें जुड़ रही हैं। मोदी की गारंटी की गाड़ी के साथ फोटो खिंचाने की भी उनमें होड़ मची है। आप देखिए, गरीबों के जो 4 करोड़ से अधिक घर बने हैं, कोई कल्पना कर सकता हैं हमारे देश में 4 करोड़ इतने कम समय में गरीबों को मिले और सबसे बड़ी खुशी मेरी इसमें है कि 4 करोड़ घर मिले हैं ना उसमे 70 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं। मतलब की अगर किसी गांव में 10 घर बने हैं तो उसमें से 7 पक्के घर माताओं के नाम पर रजिस्टर हो गए हैं। जिनके नाम पहले एक रुपये की भी संपत्ति नहीं थी। आज मुद्रा ऋण के हर 10 लाभार्थियों में से भी 7 महिलाएं ही हैं। किसी ने दुकान-ढाबा खोला, किसी ने सिलाई-कढ़ाई का काम शुरु किया, किसी ने सैलून-पार्लर, ऐसे अनेक बिजनेस शुरु किए। आज गांव-गांव में देश की 10 करोड़ बहनें, स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं। ये समूह, बहनों को अतिरिक्त कमाई के साधन दे रहे हैं, उन्हें देश की प्रगति में भागीदारी का सीधा अवसर दे रहे हैं। सरकार महिलाओं के कौशल विकास की तरफ ध्यान दे रही है। और मैंने एक संकल्प लिया है शायद कोई भाई पूरी जिंदगी भर रक्षाबंधन इतनी कर ले ऐसा संकल्प नहीं ले सकता है जो मोदी ने लिया है। मोदी ने संकल्प लिया है कि मुझे मेरे गांव में ये जो स्वंय सहायता समूह चला रहे हैं ना, मुझे दो करोड़ मेरी बहनों को मैं लखपति दीदी बनाना चाहता हूं। वो गर्व से खड़ी रहे और कहे मैं लखपति दीदी हूं। मेरी आय एक लाख रुपये से ज्यादा है। अभी कुछ दिन पहले ही हमने देश में क्योंकि मैं इन दीदीयों को नमन करता हूं, उनको प्रणाम करता हूं क्योंकि उनकी शक्ति का मैं आदर करता हूं और इसलिए सरकार ने एक योजना बनाई है -'नमो ड्रोन दीदी' छोटे में लोग उसको बोलते हैं ‘नमो दीदी’। ये ‘नमो ड्रोन दीदी’ है या तो कोई कहे उसको ‘नमो दीदी’ ये अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के जरिए प्रारंभ में हम 15 हज़ार स्व-सहायता समूहों self help group उसकी जो बहनें हैं उनको ट्रेनिंग देंगे, ये नमो ड्रोन दीदी बनाएंगे, फिर उनको ड्रोन दिया जाएगा और गांव में जैसे ट्रैक्टर से खेती का काम होता है वैसे दवाई छिड़कने का काम हो, फर्टिलाइजर छिड़कने का काम हो, फसल को देखने का काम हो, पानी पहुंचा है कि नहीं पहुंचा है वो देखने का काम हो, ये सारे काम अब ड्रोन कर सकता है। और गांव में रहने वाली हमारी बहनों-बेटियों को ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। इस ट्रेनिंग के बाद बहनों-बेटियों को ये 'नमो ड्रोन दीदी' की पहचान मिलेगी, जिसको सामान्य भाषा में लोग ‘नमो दीदी’ कहते हैं। ‘दीदी को नमो’ अच्छी बात है हर गांव में दीदी को नमों तो ये ‘नमो दीदी’ देश की कृषि व्यवस्था को आधुनिक टेक्नोलॉजी से तो जोड़ेंगी हीं, उन्हें कमाई का अतिरिक्त साधन भी मिलेगा, और उसके कारण खेती में बहुत बड़ा बदलाव आएगा। हमारी खेती वैज्ञानिक होगी, आधुनिक होगी, टेक्नॉलाजी वाली होगी और जब माताएं बहनें करती हैं ना फिर तो सब लोग इस बात को मान जाते हैं।
मेरे परिवारजनों,
नारीशक्ति हो, युवाशक्ति हो, किसान हो या फिर हमारे गरीब भाई-बहन, विकसित भारत संकल्प यात्रा के प्रति इनका समर्थन अद्भुत है। मुझे ये जानकार काफी अच्छा लगा कि इस यात्रा के दौरान एक लाख से ज्यादा हमारे जो नौजवान खिलाड़ी हैं, गांव-गांव खेल-कूद को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं, एक लाख से ज्यादा खिलाडियों को पुरस्कृत किया गया है, उनको सम्मानित किया गया है। ये युवा खिलाड़ियों को खेल की दुनिया में आगे बढ़ने के लिए बहुत बड़ा प्रोत्साहन मिलने वाला है। आपने देखा होगा, नमो एप लोग डाउनलोड करते हैं। वैसे ही 'My Bharat के Volunteer' भी बन रहे हैं नौजवान गांव-गांव में। 'My Bharat Volunteer' के रूप में जिस उत्साह के साथ हमारे बेटे-बेटी जुड़ रहे हैं, हमारी युवा शक्ति जुड़ रही है, रजिस्टर करवा रहे हैं, उनकी शक्ति गांव के बदलाव के लिए, देश के बदलाव के लिए भविष्य में बहुत काम आने वाली है। भारत के संकल्प को वो सशक्त करता है। मैं इन सभी volunteers, उनको दो काम देता हूं, ये जो ‘My Bharat’ के साथ रजिस्टर हुए हैं ना वो अपने मोबाइल फोन पर नमो एप डाउनलोड करें और उसमें विकसित भारत एम्बेस्डर ऐसा एक काम शुरू किया गया है। आप अपने आप को विकसित भारत एम्बेसडर के लिए रजिस्टर करवाइये। आप इस विकसित भारत एम्बेस्डर के रूप में आप जिम्मेदारी लेकर उसमे जो बताया गया है वो काम कीजिए। रोज 10-10 नए लोगों को बनाइये और एक मूवमेंट बनाइये। हम लोग ऐसे हैं जो जैसे महात्मा गांधी के जमाने में लोग सत्याग्रह के लिए ज्वाइन होते थे। वैसे हमें विकसित भारत के वालंटियर एम्बेसडर तैयार करने हैं जो विकसित भारत बनाने के लिए जो भी जरूरी है काम करेंगे।
दूसरा भई भारत तो विकसित होगा, लेकिन मेरी युवा पीढ़ी दुर्बल है, पूरा दिन भर टीवी के सामने बैठी रहती है। पूरा दिन मोबाइल फोन पर ही देखती रहती है, हाथ पैर भी नहीं हिलाती है। तो जब देश समृद्धि की तरफ जाएगा और मेरा युवा सशक्त नहीं होगा तो देश कैसे आगे बढ़ेगा, किसके काम आएगा, और इसलिए मेरा एक दूसरा आपको आग्रह है जैसे नमो एप पर विकसित भारत के एम्बेस्डर का काम है, वैसे फिट इंडिया मूवमेंट का हमें गांव-गांव में वातावरण बनाना है। और मैं मेरे देश के नौजवानों से बेटे हो या बेटी वो शरीर से मजबूत होने चाहिए, वो ढीले-ढाले नहीं होने चाहिए। कभी दो चार किलोमीटर चलना पड़े तो वो बस ढूंढे , टैक्सी ढूंढे, ऐसा नहीं। अरे हिम्म्त वाले चाहिए, ऐसे मेरा जो My Yuva भारत है ना उसके वॉलंटियर इसको आगे करें और मैं चाहता हूं फिट इंडिया के लिए मैं चार बातें बताता हूं। इन चार चीजों को हमेशा प्राथमिकता दीजिए। ये पक्का करिये एक- ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। थोडा-थोड़ा-थोड़ा दिन भर पानी पीना चाहिए, शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है। फिट इंडिया के लिए मेरे नौजवानों को मेरा आग्रह है। दूसरा पोषण, हमारा मिलेटस कितना बढ़िया ताकत देता है जी। हम मिलेटस को खाने की आदत डालें। तीसरा- पहला- पानी, दूसरा- पोषण, तीसरा पहलवानी। पहलवानी मतलब थोड़ा व्यायाम करो, कसरत करो, दौड़ो, जरा खेलकूद करो, पेड़ पर लटको, उतरो बैठों, पहलवानी करनी चाहिए। और चौथा- पर्याप्त नींद। पर्याप्त नींद शरीर के लिए बहुत जरूरी है। इन चार चीजों को तो फिट इंडिया के लिए हर गांव में कर सकते हैं। इसके लिए गांव में कोई नई व्यवस्थाओं की जरूरत नहीं है। देखिए स्वस्थ शरीर के लिए हमारे चारों तरफ बहुत कुछ है, हमें उसका फायदा उठाना है। अगर इन चारों पर ध्यान देंगे तो हमारे युवा स्वस्थ होंगे और जब हमारा युवा स्वस्थ होगा और जब विकसित भारत बनेगा न तब इन युवाओं को उसका सबसे ज्यादा फायदा लेने का अवसर मिलेगा। तो इसकी तैयारी में ये भी जरूरी है। विकसित भारत के लिए नोटे ही निकले, पैसे ही निकले या धन ही कमाएं ऐसा ही नहीं है, बहुत प्रकार के काम करने हैं। इस एक काम को आज मैंने बताया है और वो है फिट इंडिया का काम। मेरे नौजवान, मेरे बेटे-बेटी तंदुरुस्त होने चाहिए। हमें कोई लड़ाई लड़ने नहीं जाना है, लेकिन किसी भी बीमारी से लड़ने की पूरी ताकत होनी चाहिए। अच्छा काम करने के लिए अगर दो चार घंटे ज्यादा काम करना पड़े, पूरी ताकत होनी चाहिए।
मेरे परिवारजनों,
इस संकल्प यात्रा के दौरान हम जो भी शपथ ले रहे हैं, वो सिर्फ कुछ वाक्य भर नहीं हैं। बल्कि, ये हमारे जीवन मंत्र बनने चाहिए। चाहे सरकारी कर्मचारी हो, अधिकारी हों, जनप्रतिनिधि हों, या फिर सामान्य नागरिक, हम सबको पूरी निष्ठा के साथ जुटना है। सबका प्रयास लगना है, तभी भारत विकसित होने वाला है। हमें विकसित भारत का सपना पूरा करना है, मिल-जुलकर करना है। मुझे बहुत अच्छा लगा, आज देश भर के लाखों मेरे परिवारजनों से मुझे सीधी बात करने का मौका मिला है। ये कार्यक्रम इतना उत्तम है, इतना बढ़िया है कि मेरा मन करता है कि थोड़े दिन के बाद फिर अगर समय निकल पाया तो फिर यात्रा के साथ आप सबके साथ जुड़ुंगा और जिस गांव में यात्रा होगी उस गांव के लोगों से फिर से बात करने का मौका मिलेगा। मेरी आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं। धन्यवाद !