Your Highnesses,
Your Excellencies,
Ladies And Gentlemen,

नमस्कार!

World Government Summit में Keynote Address देना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। और मुझे तो ये सौभाग्य दूसरी बार मिल रहा है। मैं His Highness शेख मोहम्मद बिन राशिद जी का इस निमंत्रण और गर्मजोशी से भरे स्वागत के लिए बहुत बहुत आभारी हूं। मैं अपने Brother His Highness शेख मोहम्मद बिन जायद का भी आभार व्यक्त करता हूँ। हाल के दिनों में मुझे उनसे कई बार मिलने का मौका मिला है। वो सिर्फ Leader Of Vision ही नहीं हैं बल्कि, Leader Of Resolve और Leader Of Commitment भी हैं।

साथियों,

World Government Summit, दुनियाभर के thought leaders को एक मंच पर लाने का एक बड़ा माध्यम बन चुकी है। इसमें His Highness शेख मोहम्मद बिन राशिद की विजनरी लीडरशिप, उसका बहुत बड़ा रोल है। दुबई जिस प्रकार global economy, commerce और technology का epicentre बन रहा है, ये बहुत बड़ी बात है। कोविड के दौरान, Expo 2020 का आयोजन हो या फिर हाल में COP-28 का आयोजन, ये ‘दुबई स्टोरी’ के बेहतरीन उदाहरण हैं। मैं आपको इस समिट के लिए बधाई देता हूं, इसकी सफलता के लिए शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

आज हम 21वीं सदी में हैं। एक तरफ दुनिया आधुनिकता की तरफ बढ़ रही है, तो पिछली सदी से चले आ रहे चैलेंजेस भी उतने ही व्यापक हो रहे हैं। Food Security हो, Health Security हो, Water Security हो, Energy Security हो, Education हो, समाज को Inclusive बनाना हो, हर सरकार अपने नागरिकों के प्रति अनेक दायित्वों से बंधी हुई है। Technology हर प्रकार से, चाहे वो नेगेटिव हो या पॉजिटिव, एक key disruptor साबित हो रही है। Terrorism आए दिन एक नए स्वरूप के साथ मानवता के सामने नई चुनौती लेकर आ रहे हैं। क्लाइमेट से जुड़े challenges भी समय के साथ और बड़े होते जा रहे हैं। एक तरफ Domestic concerns हैं तो दूसरी तरफ international system बिखरा हुआ नज़र आता है। और इन सबके बीच, हर सरकार के सामने अपनी प्रासंगिकता को बचाने का भी बहुत बड़ा चैलेंज है। इन सवालों, इन चुनौतियों, इन स्थितियों के बीच, World Government Summit का महत्व और बढ़ गया है।

साथियों,

आज हर सरकार के सामने सवाल है कि वो किस अप्रोच के साथ आगे बढ़े। मेरा मानना है, आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है जो Inclusive हों, जो सबको साथ लेकर चले। आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है, जो Smart हों, जो टेक्नोलॉजी को बड़े बदलाव का माध्यम बनाएं। आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है जो Clean हों, जो करप्शन से दूर हों, जो ट्रांसपेरेंट हों। आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है जो Green हों, जो पर्यावरण से जुड़ी चुनौतियों को लेकर गंभीर हों। आज विश्व को आवश्यकता है ऐसी सरकारों की जो, Ease of Living, Ease of Justice, Ease of Mobility, Ease of Innovation और Ease of Doing Business को अपनी प्राथमिकता बनाकर चलें।

Friends,

Head Of The Government के तौर पर लगातार काम करते हुए मुझे 23 साल होने जा रहे हैं। मैंने 13 साल भारत के एक बड़े स्टेट- गुजरात की सरकार में रहते हुए लोगों की सेवा की है और अब मुझे सेंट्रल गवर्नमेंट में देशवासियों की सेवा करते हुए 10 साल होने जा रहे हैं। मैं मानता हूं कि सरकार का अभाव भी नहीं होना चाहिए और सरकार का दबाव भी नहीं होना चाहिए। बल्कि मैं तो ये मानता हूं कि लोगों की ज़िंदगी में सरकार का दखल कम से कम हो, ये सुनिश्चित करना भी सरकार का ही काम है।

हम अक्सर कई एक्सपर्ट्स को सुनते हैं कि कोविड के बाद दुनिया भर में सरकारों पर भरोसा कम हुआ है। लेकिन भारत में हमने एकदम विपरीत अनुभव देखा। बीते वर्षों में भारत सरकार पर देश के लोगों का भरोसा और मजबूत हुआ है। लोगों को हमारी सरकार के intent और commitment दोनों पर पूरा भरोसा है। ये कैसे हुआ? क्योंकि हमने गवर्नेंस में जनभावनाओं को प्राथमिकता दी है। हम देशवासियों की जरूरतों के प्रति संवेदनशील हैं। हमने लोगों की जरूरतों और लोगों के सपनों, दोनों को पूरा करने पर ध्यान दिया है।

इन 23 वर्षों में सरकार में मेरा सबसे बड़ा सिद्धांत रहा है- मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस। मैंने हमेशा ऐसा Environment Create करने पर जोर दिय़ा है, जो नागरिकों में Enterprise और Energy, दोनों को और बढ़ाए। हम Top Down और Bottom-Up अप्रोच के साथ-साथ Whole-Of-Society अप्रोच को लेकर भी चले हैं। हमने होलिस्टिक अप्रोच पर बल दिया, People’s Participation को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। हमने प्रयास किया कि कोई अभियान भले ही सरकार शुरू करे लेकिन समय के साथ देश की जनता, उसकी बागडोर खुद संभाल ले। जनभागीदारी के इसी सिद्धांत पर चलते हुए हमने भारत में अनेक बड़े ट्रांसफॉर्मेशन्स देखे हैं। हमारी Sanitation Drive हो, Girl Education को बढ़ाने का अभियान हो, डिजिटल लिटरेसी हो, इनकी सफलता People’s Participation से ही सुनिश्चित हुई है।

साथियों,

Social और Financial inclusion हमारी सरकार की प्राथमिकता रही है। हमने 50 करोड़ से ज्यादा ऐसे लोगों को बैंकिंग से जोड़ा जिनके पास बैंक अकाउंट नहीं था। हमने उनको जागरूक करने के लिए बड़ा अभियान चलाया। आज इसी का परिणाम है कि आज हम Fintech में, Digital Payments में बहुत आगे निकल गए हैं। हमने Women Led Development को बढ़ावा दिया है। हम भारतीय महिलाओं का आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सशक्तिकरण कर रहे हैं। कुछ महीने पहले ही कानून बनाकर हमने भारत की महिलाओं को पार्लियामेंट में रिजर्वेशन भी दिया है। हम आज भारत के युवाओं के लिए नए अवसर बना रहे हैं, उसके स्किल डवलपमेंट पर फोकस कर रहे हैं। बहुत कम समय में ही भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम, यानी स्टार्ट-अप इकोसिस्टम का इतना बड़ा jump, आज हम तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं।

साथियों,

सबका साथ-सबका विकास के मंत्र पर चलते हुए हम Last Mile Delivery और सैचुरेशन की अप्रोच पर बल दे रहे हैं। सैचुरेशन की अप्रोच यानी सरकार की योजनाओं के लाभ से, कोई भी लाभार्थी छूटे नहीं, सरकार खुद उस तक पहुंचे। गवर्नेंस के इस मॉडल में भेदभाव और भ्रष्टाचार, दोनों की ही गुंजाइश समाप्त हो जाती है। एक स्टडी के मुताबिक, भारत ने पिछले 10 वर्षों में 250 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है, और उसके पीछे इस गवर्नेंस मॉडल की बड़ी भूमिका रही है।

साथियों,

जब सरकारें पारदर्शिता को प्राथमिकता देती हैं, तो उसके नतीजे भी मिलते हैं औऱ भारत इसका भी एक उदाहरण है। आज भारत के 130 करोड़ से ज्यादा नागरिकों के पास उनकी डिजिटल Identity है। लोगों की ये Digital Identity, उनके Banks, उनके Mobile, सब Interconnected हैं। हमने टेक्नोलॉजी की मदद से एक सिस्टम डवलप किया है- Direct Benefit Transfer (DBT)। इस सिस्टम की मदद से हमने बीते 10 साल में 400 billion dollar से ज्यादा लोगों के बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर किए हैं। ऐसा करके हमने करप्शन की बहुत बड़ी गुंजाइश को जड़ से ही समाप्त कर दिया है। हमने देश के 33 billion dollar से ज्यादा गलत हाथों में जाने से भी बचाया है।

Friends,

जहां तक Climate Change की बात है, तो इससे डील करने के लिए भी भारत की एक अपनी अप्रोच रही है। भारत आज Solar, Wind, Hydro के साथ-साथ Biofuels, Green Hydrogen पर भी काम कर रहा है। हमारी संस्कृति हमें सिखाती है कि प्रकृति से जितना हासिल किया है, उसे लौटाने का प्रयास भी करना चाहिए। इसलिए भारत ने विश्व को एक नया मार्ग सुझाया है, जिस पर चलते हुए हम पर्यावरण की बहुत मदद कर सकते हैं। ये मार्ग है - मिशन लाइफ – यानि Lifestyle For Environment का, ये मिशन Pro Planet People का रास्ता दिखाता है। हम Carbon Credit की अप्रोच को भी काफी समय से देख रहे हैं। अब इससे आगे बढ़कर हमें Green Credit के बारे में सोचना चाहिए। इसकी चर्चा मैंने यहां दुबई में ही COP-28 के दौरान बहुत विस्तार से की थी।

साथियों,

जब हम फ्यूचर की तरफ देखते हैं तो हर सरकार के सामने आज अनेक प्रश्न हैं। हम अपनी National Sovereignty और International Interdependence में बैलेंस कैसे बनाएं? अपने National Interest के लिए काम करते हुए International Rule Of Law के प्रति अपनी कमिटमेंट पर कायम कैसे रहें? National Progress का विस्तार करते हुए हम Global Good के लिए ज्यादा से ज्यादा कंट्रीब्यूट कैसे करें? हम अपने कल्चर और ट्रेडिशन्स से Wisdom लेते हुए भी Universal Values को समृद्ध कैसे करें? हम Digital Technology का लाभ लेते हुए, उसके नकारात्मक प्रभावों, उन प्रभावों से समाज को कैसे बचाएं? हम वैश्विक शांति के लिए प्रयास करते हुए आतंकवाद के खिलाफ कैसे मिलकर काम करें? आज जब हम अपने देश को Transform कर रहे हैं तो क्या ग्लोबल गवर्नेंस इंस्टीट्यूशंस में भी Reform नहीं होना चाहिए? ऐसे अनेक सवाल हमारे सामने हैं। इन सारे सवालों को ध्यान में रखते हुए ही हमें अपनी सरकारों को दिशा देनी है, Future Planning करनी है।

⮚ हमें मिलकर, Cohesive, Cooperative और Collaborative World की वैल्यूज़ को प्रमोट करना होगा।

⮚ हमें Developing World के Concerns और Global Decision Making में Global South की भागीदारी को प्रमोट करना होगा।

⮚ हमें ग्लोबल साउथ की आवाज सुननी होगी, उनकी प्राथमिकताओं को सामने लाना होगा।

⮚ हमें ज़रूरतमंद देशों के साथ अपने Resources और अपनी Capabilities को शेयर करना होगा।

⮚ हमें AI, Artificial Intelligence और Cryptocurrency, cyber crime, से पैदा हो रही चुनौतियों के लिए Global Protocol बनाने होंगे।

⮚ हमें अपनी नेशनल सॉवरनिटी को प्राथमिकता देते हुए International Law की मर्यादा भी रखनी होगी।

इन्हीं भावनाओं पर चलते हुए, हम ना केवल सरकारों के सामने उपस्थित चुनौतियों का समाधान करेंगे बल्कि विश्व बंधुत्व को भी मजबूती देंगे। एक विश्व-बंधु के रूप में भारत इसी सोच के साथ आगे बढ़ रहा है। अपनी G20 Presidency के दौरान भी हमने इसी भावना को आगे बढ़ाया। हम "One Earth, One Family, One Future”, इसी भाव से चले।

Friends,

हम सभी के पास Governance को लेकर अपने Experiences हैं। हमें न सिर्फ एक दूसरे के साथ काम करना है, बल्कि एक दूसरे से सीखना भी है। यही इस समिट का भी लक्ष्य है। यहां से निकले Solution, दुनिया के Future को Shape करने वाले होंगे। इसी विश्वास के साथ, आप सभी को बहुत शुभकामनाएं !

Thank You.

Thank you very much.

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।