Quoteराष्ट्र को एकजुट करने में सरदार पटेल के अमूल्य योगदान का राष्ट्रीय एकता दिवस सम्मान करता है, यह दिन हमारे समाज में एकता के बंधन को मजबूत करे: प्रधानमंत्री
Quoteभारत उनके दृष्टिकोण और राष्ट्र के प्रति अटूट प्रतिबद्धता से प्रेरित है, उनके प्रयास एक मजबूत राष्ट्र की दिशा में काम करने के लिए हमें प्रेरित करते रहते हैं: श्री नरेन्द्र मोदी
Quoteआज से शुरू हुए सरदार पटेल की 150वीं जयंती वर्ष को अगले 2 वर्षों तक पूरे देश में एक उत्सव के रूप में मनाया जाएगा, इससे ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का हमारा संकल्प और मजबूत होगा: प्रधानमंत्री
Quoteमहाराष्ट्र के ऐतिहासिक रायगढ़ किले की छवि केवड़िया के एकता नगर में भी दिखाई देती है, जो सामाजिक न्याय, देशभक्ति और राष्ट्र प्रथम के मूल्यों की पावन भूमि रही है: श्री नरेन्द्र मोदी
Quoteएक सच्चे भारतीय होने के नाते हम सभी देशवासियों का यह कर्तव्य है कि हम जोश और उत्साह के साथ देश की एकता के लिए हर संभव प्रयास करें : प्रधानमंत्री
Quoteप्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में देश में सुशासन के नए मॉडल ने भेदभाव की हर गुंजाइश को खत्म कर दिया है
Quoteपिछले कुछ वर्षों में भारत ने ‘विविधता में एकता’ के साथ जीने के हर प्रयास में सफलता पाई है: प्रधानमंत्री
Quoteप्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश का हर नागरिक खुश है कि आजादी के सात दशक बाद एक देश, एक संविधान का संकल्प पूरा हुआ है
Quoteपिछले 10 वर्षों में हमने कई ऐसे मुद्दों का समाधान किया है जो राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा थे: श्री नरेन्द्र मोदी
Quoteहमारे अथक प्रयासों से हमारे आदिवासी भाई-बहनों को विकास के साथ-साथ बेहतर भविष्य का विश्वास भी मिला है: प्रधानमंत्री
Quoteप्रधानमंत्री ने कहा कि आज हमारे सामने एक ऐसा भारत है जिसके पास दृष्टि, दिशा और दृढ़ संकल्प है
Quoteहमें कुछ लोगों से सावधान रहना होगा जो भारत की बढ़ती ताकत और एकता की भावना से परेशान हैं, जो देश को तोड़ना चाहते हैं और समाज को बांटना चाहते हैं: प्रधानमंत्री

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

सरदार साहब की ओजस्वी वाणी...स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के समीप ये भव्य कार्यक्रम...एकता नगर का ये विहंगम दृष्य, और यहां हुई शानदार परफॉर्मेंस...ये मिनी इंडिया की झलक...सब कुछ कितना अद्भुत है, कितना प्रेरक है। 15 अगस्त और 26 जनवरी की तरह ही...31 अक्टूबर को होने वाला ये आयोजन...पूरे देश को नई ऊर्जा से भर देता है। मैं राष्ट्रीय एकता दिवस पर सभी देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

इस बार का राष्ट्रीय एकता दिवस अद्भुत संयोग लेकर आया है। एक तरफ आज हम एकता का उत्सव मना रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ दीपावली का भी पावन पर्व है। दीपावली, दीपों के माध्यम से, पूरे देश को जोड़ती है, पूरे देश को प्रकाशमय कर देती है। और अब तो दीपावली का पर्व भारत को दुनिया से भी जोड़ रहा है। अनेक देशों में इसे राष्ट्रीय उत्सव की तरह मनाया जा रहा है। मैं देश और दुनिया में बसे सभी भारतीयों को, भारत के शुभचिंतकों को, दीपावली की अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं।

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साथियों,

इस बार का एकता दिवस एक और वजह से भी विशेष है। आज से सरदार पटेल का डेढ़ सौवां जन्मजयंती वर्ष शुरु हो रहा है। आने वाले 2 वर्षों तक देश, सरदार पटेल की डेढ़ सौवीं जन्मजयंती का उत्सव मनाएगा। ये भारत के प्रति, उनके असाधारण योगदान के प्रति देशवासियों की कार्यांजलि है। दो वर्ष का ये उत्सव...एक भारत, श्रेष्ठ भारत के हमारे संकल्प को मज़बूत करेगा। ये अवसर हमें सीख देगा कि असंभव से दिखने वाले काम को भी संभव बनाया जा सकता है। जब भारत को आज़ादी मिली थी, तो दुनिया में कुछ लोग थे, जो भारत के बिखरने का आकलन कर रहे थे, और अभी हमने सरदार साहब की वाणी में उसका विस्तार से बयान सुना। उन लोगों को ज़रा भी उम्मीद नहीं थी कि सैकड़ों रियासतों को एकजुट करके, फिर से एक भारत का निर्माण हो पाएगा। लेकिन सरदार साहब ने ये करके दिखाया। ये इसलिए संभव हुआ क्योंकि सरदार साहब...व्यवहार में यथार्थवादी...संकल्प में सत्यवादी...कार्य में मानवतावादी...और ध्येय में राष्ट्रवादी थे।

साथियों,

आज हमारे पास छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रेरणा भी है। उन्होंने अक्रांताओं को खदेड़ने के लिए, सबको एक किया। ये महाराष्ट्र का रायगढ़ किला, आज भी साक्षात वो गाथा कहता है। छत्रपति शिवाजी महाराज ने रायगढ़ के किले से राष्ट्र के अलग-अलग विचारों को एक उद्देश्य के लिए एकजुट किया था। आज यहां एकता नगर में हम, रायगढ़ के उस ऐतिहासिक किले के, उसकी छवि हमारे सामने प्रेरणा का प्रतीक बनके खड़ी है। रायगढ़ किला, सामाजिक न्याय, देशभक्ति और राष्ट्र प्रथम के संस्कारों की पवित्र भूमि रहा है। आज इसी पृष्ठभूमि में हम विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि के लिए यहां एकजुट हुए हैं।

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साथियों,

बीते 10 वर्ष तक, भारत की एकता और अखंडता के लिए ये कालखंड अभूतपूर्व उपलब्धियों से भरा रहा है। आज सरकार के हर काम, हर मिशन में, राष्ट्रीय एकता की प्रतिबद्धता दिखती है। इसका एक बड़ा उदाहरण है- हमारा ये एकता नगर...यहां स्टैच्यू ऑफ यूनिटी है...और इसके सिर्फ नाम में यूनिटी है ऐसा नहीं है, इसके निर्माण में भी यूनिटी है। इसको बनाने के लिए पूरे देश के कोने-कोने से, देश के किसानों के पास से, खेत में उपयोग किए हुए औजार का लोहा पूरे देश से यहां लाया गया, क्योंकि सरदार साहब लोहपुरूष थे, किसान पुत्र थे। इसलिए लोहा और वो भी खेत में उपयोग किए औजार वाला लोहा यहां लाया गया। यहां देश के हर कोने से वहां की मिट्टी लाई गई है। इसका निर्माण स्वयं में एकता की अनुभूति कराता है। यहां पर एकता नर्सरी बनी है। यहां विश्व वन है...जहां दुनिया के हर महाद्वीप के पेड़-पौधे हैं। यहां चिल्ड्रन न्यूट्रिशन पार्क है, जहां पूरे देश की हेल्दी फूड हैबिट्स के दर्शन एक ही जगह पर होते हैं। यहां आरोग्य वन है, जहां देश की अलग हिस्सों की आयुर्वेद परंपरा का, पौधों का समावेश है। इतना ही नहीं, यात्रियों के लिए यहां एकता मॉल भी है, जहां देशभर के हैंडिक्राफ्ट्स एक ही छत के नीचे मिलते हैं।

औऱ साथियों,

ये एकता मॉल सिर्फ यहीं पर है ऐसा नहीं, देश के हर राज्य की राजधानी में एकता मॉल के निर्माण को प्रोत्साहन दे रह हैं। एकता का यही संदेश हर वर्ष होने वाली एकता दौड़ से भी मज़बूत होता है।

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साथियों,

एक सच्चे भारतीय होने के नाते, हम सभी का कर्तव्य है कि हम देश की एकता के हर प्रयास को सेलीब्रेट करें, उत्सव, उमंग से भर दें। ऊर्जा, आत्मविश्वास, हर पल नए संकल्प, नई उम्मीद, नई उमंग यही तो सेलिब्रेशन है। जब हम भारत की भाषाओं पर बल देते हैं, उससे भी एकता की एक मजबूत कड़ी हमें जोड़ती है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में हमने भारतीय भाषाओं में पढ़ाई पर विशेष बल दिया है, और आप सबको पता है और देश ने गौरव भी अनुभव किया, दुनिया भर में उसे उत्सव के रूप में मनाया गया, वो कौन सा निर्णय था। हाल में ही, सरकार ने मराठी भाषा, बांग्ला भाषा, असमिया भाषा, पाली भाषा और प्राकृत भाषा, इन भाषाओं को शास्त्रीय भाषाओं का दर्जा दिया है। सरकार के इस फैसले का सभी ने दिल से स्वागत किया है। और हम हमारी भाषा को मातृ भाषा कहते हैं और जब मातृ भाषा का सम्मान होता है ना...तो हमारी अपनी माता का भी सम्मान होता है, हमारी धरती माता का सम्मान होता है, और भारत माता का सम्मान होता है। भाषा की तरह ही...आज देश भर में चल रहे कनेक्टिविटी के काम, जोड़ने के काम भी देश की एकता को मजबूत कर रहे हैं। रेल हो, रोड हो, हाईवे हो और इंटरनेट जैसे आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर ने, गांव को शहरों से जोड़ा है। जब कश्मीर और नॉर्थ ईस्ट की राजधानियां रेल से जुड़ती हैं...जब लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार द्वीप अंडर-सी केबल से तेज इंटरनेट से जुड़ते हैं...जब पहाड़ों पर लोग मोबाइल नेटवर्क से जुड़ते हैं...तब विकास की दौड़ में पीछे छूट जाने का भाव समाप्त हो जाता है, आगे बढ़ने की नई ऊर्जा अपने आप जन्म लेती है। देश की एकता का भाव सशक्त होता है।

साथियों,

पहले की सरकारों की नीतियों में और नीयत में भेदभाव का भाव भी देश की एकता को कमजोर करता रहा है। बीते 10 वर्षों में देश में सुशासन के नए म़ॉडल ने भेदभाव की हर गुंजाइश समाप्त की है...हमने सबका साथ, सबके विकास का रास्ता चुना है। आज हर घर जल इस योजना से बिना भेदभाव जल पहुंचाने का प्रयास हो रहा है। आज पीएम किसान सम्मान निधि सबको मिलती है, तो सबको बिना भेदभाव मिलती है। आज पीएम आवास के घर मिलते हैं...तो सबको बिना भेदभाव मिलते हैं। आज आयुष्मान योजना का लाभ मिलता है...तो बिना भेदभाव हर पात्र व्यक्ति को इसका फायदा होता है...सरकार की इस अप्रोच ने समाज में, लोगों में दशकों से व्याप्त असंतोष को समाप्त किया है। इस वजह से लोगों का सरकार पर भरोसा बढ़ा है, देश की व्यवस्थाओं पर भरोसा बढ़ा है। विकास और विश्वास की यही एकता, एक भारत श्रेष्ठ भारत के निर्माण को गति देती है। और मुझे पूरा विश्वास है, हमारी हर योजना में, हमारी हर नीति में और हमारी नीयत में एकता हमारी प्राणशक्ति है...इसे देखकर के, सुनकर के सरदार साहब की आत्मा जहां भी होगी हमें अवश्य आशीर्वाद देती होगी।

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साथियों,

पूज्य बापू महात्मा गांधी कहा करते थे...“विविधता में एकता को जीने के हमारे सामर्थ्य की निरंतर परीक्षा होगी…गांधी जी ने कहा था और आगे कहा था...इस परीक्षा को हमें हर हाल में पास करते रहना है”। बीते 10 साल में भारत ने विविधता में एकता को जीने के हर प्रयास में सफलता पाई है। सरकार ने अपनी नीतियों और निर्णयों में एक भारत की भावना को लगातार मजबूत किया है। आज One Nation, One Identity…यानि आधार की सफलता हम सब देख रहे हैं और दुनिया इसकी चर्चा भी करती है। पहले भारत में अलग-अलग टैक्स सिस्टम थे। हमने One Nation, One Tax सिस्टम…GST बनाया। हमने One Nation, One Power Grid से देश के पावर सेक्टर को मजबूत किया, वरना एक वक्त था कही बिजली तो होती थी, कही अंधेरा होता था, लेकिन बिजली पहुंचाने के लिए grid टुकड़ों में बटी पड़ी थी, हमने One Nation, One Grid इस संकल्प को पूरा किया। हमने One Nation, One Ration Card से गरीबों को मिलने वाली सुविधाओं को एक साथ जोड़ दिया, एकीकृत किया। हमने आयुष्मान भारत के रूप में, One Nation, One Health Insurance की सुविधा देश के जन-जन को दी है।

साथियों,

एकता के हमारे इन प्रयासों के तहत ही, अब हम One Nation, One Election पर काम कर रहे हैं, जो भारत के लोकतंत्र को मजबूती देगा, जो भारत के संसाधनों का optimum outcome देगा, और देश विकसित भारत के सपने को पार करने में और नई गति प्राप्त करेगा, समृद्धि प्राप्त करेगा। भारत आज वन नेशन, वन सिविल कोड...यानि सेकुलर सिविल कोड की तरफ भी बढ़ रहा है। और मैंने लाल किले से इस बात का जिक्र किया था। इसके भी मूल में सामाजिक एकता सरदार साहब की बात ही हमारी प्रेरणा है। इससे अलग-अलग सामाजिक वर्गों में भेदभाव की जो शिकायत रहती है, उसे दूर करने में मदद मिलेगी, देश की एकता और मजबूत होगी, देश और आगे बढ़ेगा, देश एकता से संकल्पों का सिद्ध करेगा।

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साथियों,

आज पूरे देश को खुशी है कि आज़ादी के 7 दशक बाद, देश में एक देश, एक संविधान का संकल्प भी पूरा हुआ है, सरदार साहब की आत्मा को मेरी ये सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है। देशवासियों को पता नहीं है 70 साल तक बाबा साहब अंबेडकर का संविधान पूरे देश में लागू नहीं हुआ था। संविधान का माला जपने वालों ने संविधान का ऐसा घोर अपमान किया...कारण क्या था...जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की दीवार, आर्टिकल 370 जो देश में दीवार बनके खड़ी थी, संविधान को यहां रोक देती थी, वहां के लोगों के अधिकारों से उनको वंचित रखती थी, वो धारा 370 को हमेशा-हमेशा के लिए जमीन में गाड़ दिया गया है। पहली बार वहां इस विधानसभा चुनाव में बिना भेदभाव के वोट डाले गए। पहली बार जम्मू कश्मीर में मुख्यमंत्री ने आजादी के 75 साल के बाद पहली बार भारत के संविधान की शपथ ली है। ये दृश्य अपने आप में भारत के संविधान निर्माताओं को अत्यंत संतोष देता होगा, उनकी आत्मा को शांति मिलती होगी और ये भी संविधान निर्माताओं के प्रति हमारी नम्र श्रद्धांजलि हैं। मैं इसे भारत की एकता के लिए एक बहुत बड़ा और बहुत ही मजबूत पड़ाव मानता हूं। जम्मू कश्मीर की देशभक्त जनता ने, अलगाव और आतंक के बरसों पुराने एजेंडे को खारिज कर दिया है। उन्होंने भारत के संविधान को, भारत के लोकतंत्र को विजयी बनाया है। अपने-अपने वोट से 70 साल से चल रहे अपप्रचार को ध्वस्त कर दिया है। मैं आज राष्ट्रीय एकता दिवस पर...जम्मू-कश्मीर के देशभक्त लोगों को, भारत के संविधान पर सम्मान करने वाले लोगों को बहुत ही आदरपूर्वक सैल्यूट करता हूं।

साथियों,

बीते 10 साल में भारत ने ऐसे अनेक मुद्दों का समाधान किया है, जो राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा थे। आज आतंकियों के आकाओं को पता है कि भारत को नुकसान पहुंचाया...तो भारत उन्हें छोड़ेगा नहीं। आप नॉर्थ ईस्ट में देखिए, कितने बड़े संकट थे। हमने संवाद से...विकास और विश्वास से, अलगाव की आग को शांत किया। बोडो समझौते ने असम में 50 सालों का विवाद खत्म किया है...ब्रू-रियांग एग्रीमेंट इसके कारण हज़ारों विस्थापित लोग अनेक दशकों के बाद अपने घर लौटे हैं। National Liberation Front of Tripura से हुए समझौते ने, लंबे समय से चल रही अशांति खत्म की है। असम और मेघायल के बीच के सीमा विवाद को काफी हद तक हम सुलझा चुके हैं।

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साथियों,

जब 21वीं सदी का इतिहास लिखा जाएगा...तो उसमें एक स्वर्णिम अध्याय होगा कि कैसे भारत ने दूसरे और तीसरे दशक में नक्सलवाद जैसी भयानक बीमारी को जड़ से उखाड़कर दिखाया, उखाड़कर के फेंका। आप याद करिए वो समय जब नेपाल के पशुपति से भारत के तिरुपति तक, रेड कॉरिडोर बन चुका था। जिस जनजातीय समाज ने भगवान बिरसा मुंडा जैसे देशभक्त दिए...जिन्होंने हमारे सीमित संसाधनों के बावजूद भी देश के हर कोने में मेरे आदिवासी भाई-बहनों ने आजादी के लिए अंग्रेज़ों का मुकाबला किया...ऐसे जनजातीय समाज में सोची-समझी साजिश के तहत नक्सलवाद के बीज बोये गए, नक्सलवाद की आग भड़काई गई। ये नक्सलवाद, भारत की एकता और अखंडता के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन गया था। मुझे संतोष है कि बीते 10 साल के अथक प्रयासों से आज नक्सलवाद भी भारत में अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। आज मेरा आदिवासी समाज उसे भी दशकों से जो प्रतीक्षा थी, वो विकास उसके घर तक पहुंच रहा है, और बेहतर भविष्य का विश्वास भी पैदा हुआ है।

साथियों,

आज हमारे सामने एक ऐसा भारत है...जिसके पास दृष्टि भी है, दिशा भी है, इतना ही नहीं इसके साथ जो जरूरी है...दृष्टि हो, दिशा हो लेकिन उसे जरूरत होती है दृढ़ता की...आज देश के पास दृष्टि है, दिशा है और दृढ़ता भी है। ऐसा भारत...जो सशक्त भी है, ऐसा भारत जो समावेशी भी है, ऐसा भारत जो संवेदनशील भी है, ऐसा भारत जो सतर्क भी है, जो विनम्र भी है और विकसित होने की राह पर भी है, ऐसा भारत जो शक्ति और शांति दोनों का महत्व जानता है। दुनियाभर में मची भारी उथल-पुथल के बीच...सबसे तेज़ गति से विकास करना, ये सामान्य बात नहीं है। जब अलग-अलग हिस्सों में युद्ध हो रहे हों...तब युद्ध के बीच बुद्ध के संदेशों का संचार करना सामान्य नहीं है। जब दुनिया के अलग-अलग देशों में रिश्तों का संकट है..तब भारत का विश्वबंधु बनकर उभरना, सामान्य नहीं है। जब दुनिया में एक देश की दूसरे देश से दूरी बढ़ रही है...तब दुनिया के देश...भारत से निकटता बढ़ा रहे हैं। ये सामान्य नहीं है...ये नया इतिहास रचा जा रहा है। आखिर भारत ने ऐसा क्या किया है?

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साथियों,

आज दुनिया देख रही है कि भारत कैसे अपने संकटों का दृढ़ता के साथ समाधान कर रहा है। आज दुनिया देख रही है कि भारत कैसे एकजुट होकर, दशकों पुरानी चुनौतियों को समाप्त कर रहा है...और इसलिए...हमें इस महत्वपूर्ण समय पर अपनी एकता को सहेजना है, उसे संभालना है...हमने एकता की जो शपथ ली है...उसे बार-बार याद करना है, उस शपथ को जीना है, जरूरत पड़े तो उस शपथ के लिए जूझना है। हर पल इस शपथ के भाव को अपने झोम से भरते रहना है।

साथियों,

भारत के बढ़ते सामर्थ्य से...भारत में बढ़ते एकता के भाव से कुछ ताकतें, कुछ विकृत विचार, कुछ विकृत मानसिकताएं, कुछ ऐसी ताकतें बहुत परेशान है। भारत के भीतर और भारत के बाहर भी ऐसे लोग भारत में अस्थिरता, भारत में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। वो भारत के आर्थिक हितों को चोट पहुंचाने में जुटी है। वो ताकतें चाहती हैं कि दुनियाभर के निवेशकों में गलत संदेश जाए, भारत की नेगेटिव छवि उभरे...ये लोग भारत की सेनाओं तक को टारगेट करने में लगे हैं, मिस इनफॉरमेशन कैंपेन चलाए जा रहे हैं। सेनाओं में अलगाव पैदा करना चाहते हैं...ये लोग भारत में जात-पात के नाम पर विभाजन करने में जुटे हैं। इनके हर प्रयास का एक ही मकसद है- भारत का समाज कमज़ोर हो...भारत की एकता कमजोर हो। ये लोग कभी नहीं चाहते की भारत विकसित हो...क्योंकि कमजोर भारत की राजनीति...गरीब भारत की राजनीति ऐसे लोगों को सूट करती है। 5-5 दशक तक इसी गंदी, घिनौनी राजनीति, देश को दुर्बल करते हुए चलाई गई। इसलिए...ये लोग संविधान और लोकतंत्र का नाम लेते हुए भारत के जन-जन के बीच में भारत को तोड़ने का काम कर रहे हैं। अर्बन नक्सलियों के इस गठजोड़ को, इनके गठजोड़ को हमें पहचानना ही होगा, और मेरे देशवासियों जंगलों में पनपा नक्सलवाद, बम-बंदूक से आदिवासी नौजवानों को गुमराह करने वाला नक्सलवाद जैसे-जैसे समाप्त होता गया...अर्बन नक्सल का नया मॉडल उभरता गया। हमें देश को तोड़ने के सपने देखने वाले, देश को बर्बाद करने के विचार को लेकर के चलने वाले, मुंह पर झूठे नकाब पहने हुए लोगों को पहचानना होगा, उनसे मुकाबला करना ही होगा।

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साथियों,

आज हालत ये हो गई है कि आजकल एकता की बात करना तक गुनाह बना दिया गया है। एक समय था, जब हम बड़े गर्व के साथ स्कूल, कॉलेज में, घर में, बाहर सहज रूप से एकता के गीत गाते थे। जो पुराने लोग हैं उनको पता हैं, हम क्या गीत गाते थे...हिंद देश के निवासी सभी जन एक हैं। रंग-रूप वेश-भाषा चाहे अनेक हैं। ये गीत गाए जाते थे। आज की तारीख में कोई ये गीत गाएगा, तो उसको अर्बन नक्सलों की जमात गालियां देने का मौका पकड़ेगी। और आज कोई अगर कह दे कि एक हैं तो सेफ हैं...तो ये लोग एक हैं तो सेफ हैं उसको भी गलत तरीके से परिभाषित करने लगेंगे...जो लोग देश को तोड़ना चाहते हैं, जो लोग समाज को बांटना चाहते हैं, उन्हें देश की एकता अखर रही है। और इसलिए मेरे देशवासियों हमें ऐसे लोगों से, ऐसे विचारों से, ऐसी प्रवृत्ति से, ऐसी वृत्ति से पहले से भी ज्यादा सावधान होने की जरूरत है, हमें सावधान रहना है।

साथियों,

हम सब सरदार साहब को...उनके विचारों को जीने वाले लोग हैं। सरदार साहब कहते थे- भारत का सबसे बड़ा लक्ष्य, एकजुट और मज़बूती से जुड़ी शक्ति बनने का होना चाहिए। हमें याद रखना है, हिंदुस्तान विविधता वाला देश है। हम विविधता को सेलिब्रेट करेगे, तभी एकता मज़बूत होगी। आने वाले 25 साल एकता के लिहाज से बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। इसलिए, एकता के इस मंत्र को हमें कभी भी कमजोर नहीं पड़ने देना है, हर झूठ का मुकाबला करना है, एकता के मंत्र को जीना है...और ये मंत्र, ये एकता ये तेज आर्थिक विकास के लिए भी, विकसित भारत बनाने के लिए, समृद्ध भारत बनाने के लिए बहुत जरूरी है। ये एकता सामाजिक सद्भाव की जड़ी-बूटी है, सामाजिक सद्भाव के लिए ये बहुत जरूरी है। अगर हम सच्चे सामाजिक न्याय को समर्पित है, सामाजिक न्याय हमारी प्राथमिकता है तो एकता सबसे पहली पूर्व शर्त है...एकता बनाए रखना है। ये बेहतर सुविधाओं के निर्माण के लिए बिना एकता के गाड़ी चल नहीं सकती। ये नौकरी के लिए...निवेश के लिए एकता जरूरी है। आइए, हम एक होकर...एक साथ आगे बढ़ें। एक बार फिर, आप सभी को राष्ट्रीय एकता दिवस पर मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं।

मैं कहूंगा सरदार साहब आप सब बोलिए- अमर रहे...अमर रहे।

सरदार साहब- अमर रहे...अमर रहे।

सरदार पटेल- अमर रहे...अमर रहे।

सरदार पटेल- अमर रहे...अमर रहे।

सरदार पटेल- अमर रहे...अमर रहे।

भारत माता की जय!

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May 29, 2025
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भारत माता की जय! जय जोहार
नॉमोश्कार।
बोरोरा आमार प्रोणाम नेबेन, छोटोरा भालोबाशा !
आप इतनी विशाल संख्या में यहां हमें आशीर्वाद देने आए हैं…मैं हृदय से बंगाल की जनता का अभिनंदन करता हूं। आज एवरेस्ट डे भी है। आज के दिन तेनजिंग नॉर्गे जी ने एवरेस्ट पर अपना परचम लहराया था। उनके सम्मान में हम भी अपना तिरंगा फहराएंगे। और आज ही महान स्वतंत्रता सेनानी रामानंद चटर्जी की जयंती भी है। ये महान संतानें, हमें प्रेरित करती हैं…बड़े संकल्पों की सिद्धि के लिए हौसला देती हैं।

साथियों,
21वीं सदी में भारत नए सामर्थ्य के साथ समृद्धि की नई गाथा लिख रहा है। आज देश का हर नागरिक…भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए जुटा है दिन रात जुटा हुआ है। और विकसित भारत बनाने के लिए पश्चिम बंगाल का विकसित होना बहुत ज़रूरी है। इसलिए... पश्चिम बंगाल को भी नई ऊर्जा के साथ जुटना है। बंगाल को फिर उसी भूमिका में आना होगा, जो कभी यहां की पहचान थी। इसके लिए ज़रूरी है कि पश्चिम बंगाल फिर से नॉलेज का...ज्ञान-विज्ञान का केंद्र बने। बंगाल- मेक इन इंडिया का एक बहुत बड़ा सेंटर बने। बंगाल, देश में पोर्ट लेड डवलपमेंट को गति दे। बंगाल अपनी विरासत पर गर्व करते हुए..उसे संरक्षित करते हुए तेज गति से आगे बढ़े।

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साथियों,
केंद्र की भाजपा सरकार...इसी संकल्प के साथ काम कर रही है। भाजपा, पूर्वोदय की नीति पर चल रही है। बीते दशक में बीजेपी सरकार ने यहां के विकास के लिए हजारों करोड़ का निवेश किया है। अब से कुछ देर पहले यहां सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क का शुभारंभ भी हुआ है। केंद्र सरकार के प्रयासों से ही..कल्याणी एम्स बना है। न्यू अलीपुरद्वार और न्यू जलपाईगुड़ी जैसे रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है। बंगाल की व्यापारिक गतिविधियों को उत्तर भारत से जोड़ने के लिए.....डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बन रहा है। कोलकाता मेट्रो का अभूतपूर्व विस्तार किया गया है। ऐेसे अनेक प्रोजेक्ट हैं जो भारत सरकार यहां पूरे करवाने का प्रयास कर रही है। भाजपा सरकार ईमानदारी से सबका साथ सबका विकास के मंत्र को लेकर बंगाल की प्रगति के लिए समर्पित है।
क्योंकि-
बांग्लार उदय तबेई,
विकशित भारोतेर जॉय!

साथियों,
ये समय पश्चिम बंगाल के लिए बहुत अहम है। ऐसे में, पश्चिम बंगाल के हर नौजवान पर आप सब पर बहुत बड़ा दायित्व है। आप सबने मिलकर के बंगाल का भविष्य तय करना है। आज पश्चिम बंगाल एक साथ कई संकटों से घिरा हुआ है। एक संकट समाज में फैली हिंसा और अराजकता का है। दूसरा संकट- माताओं-बहनों की असुरक्षा का है, उन पर हो रहे जघन्य अपराधों का है। तीसरा संकट- नौजवानों में फैल रही घोर निराशा का है, बेतहाशा बेरोजगारी का है। चौथा संकट, घनघोर करप्शन का है, यहां के सिस्टम पर लगातार कम होते जन विश्वास का है। और पांचवां संकट, गरीबों का हक छीनने वाली सत्ताधारी पार्टी की स्वार्थी राजनीति का है।

साथियों,
यहां मुर्शीदाबाद में जो कुछ हुआ...मालदा में जो कुछ हुआ… वो यहां की सरकार की निर्ममता का उदाहरण हैं। दंगों में गरीब माताओं-बहनों की जीवनभर की पूंजी राख कर दी गई। तुष्टीकरण के नाम पर गुंडागर्दी को खुली छूट दे दी गई है। जब सरकार चलाने वाले एक पार्टी के लोग, विधायक, कॉर्पोरेटर ही लोगों के घरों को चिन्हित करके जलाते हैं… और पुलिस तमाशा देखती है… तो उस भयावह स्थिति की कल्पना की जा सकती है। मैं बंगाल की भद्र जनता से पूछता हूं...क्या सरकारें ऐसे चलती हैं? ऐई भाबे शोरकार चले की ?

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साथियों,
बंगाल की जनता पर हो रहे इन अत्याचारों से यहां की निर्मम सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता। यहां बात-बात पर कोर्ट को दखल देना पड़ता है। बिना कोर्ट के बीच में आए, कोई भी मामला सुलझता ही नहीं है। बंगाल की जनता को अब टीएमसी सरकार के सिस्टम पर भरोसा नहीं है। यहां की जनता के पास अब सिर्फ कोर्ट का आसरा ही है। इसलिए पूरा बंगाल कह रहा है---
बंगाल में मची चीख-पुकार...
नहीं चाहिए निर्मम सरकार
बांग्लार चीत्कार
लागबे ना निर्मम शोरकार

साथियों,
भ्रष्टाचार का सबसे बुरा असर नौजवानों पर पड़ता है, गरीब और मिडिल क्लास परिवारों पर होता है। भ्रष्टाचार कैसे चारों तरफ बर्बादी लाता है, ये हमने टीचर भर्ती घोटाले में देखा है। टीएमसी सरकार ने अपने शासनकाल में हज़ारों टीचर्स का फ्यूचर बर्बाद कर दिया है। उनके परिवारों को तबाह कर दिया, उनके बच्चों को असहाय छोड़ दिया। टीएमसी के घोटालेबाज़ों ने सैकड़ों गरीब परिवार के बेटे-बेटियों को अंधकार में धकेल दिया है। ये सिर्फ कुछ हज़ार टीचर्स के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं है… बल्कि पश्चिम बंगाल के पूरे एजुकेशन सिस्टम को बर्बाद किया जा रहा है। टीचर्स के अभाव में लाखों बच्चों का भविष्य दांव पर है। इतना बड़ा पाप टीएमसी के नेताओं ने किया है। हद तो ये है कि ये लोग आज भी अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है। उलटा देश की अदालत को न्यायपालिका को, कोर्ट को दोषी ठहराते हैं।

साथियों,
टीएमसी ने चाय बगान में काम करने वाले साथियों को भी नहीं छोड़ा है। यहां सरकार की कुनीतियों के कारण, टी गार्डन लगातार बंद होते जा रहे हैं...मजदूरों के हाथ से काम निकलता जा रहा है। यहां PF को लेकर जो कुछ भी हुआ है, वो बहुत शर्मनाक है। ये गरीब मेहनतकश लोगों की कमाई पर डाका डाला जा रहा है। TMC सरकार इसके दोषी लोगों को बचाने की कोशिश कर रही है। और मैं बंगाल के भाई-बहन आपको विश्वास दिलाने आया हूं कि भाजपा ये नहीं होने देगी।

साथियों,
राजनीति अपनी जगह पर है...लेकिन गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी और महिलाओं से TMC क्यों दुश्मनी निकाल रही है? पश्चिम बंगाल के गरीब, SC/ST/OBC के लिए जो भी योजनाएं देश में चल रही हैं... उनमें से बहुत सारी योजनाएं यहां लागू ही नहीं होने दी जा रही है। पूरे देश में करोड़ों लोगों को आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त इलाज मिल चुका है। लेकिन मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि इसका फायदा पश्चिम बंगाल के मेरे भाइयो-बहनों को नहीं मिल रहा है। पश्चिम बंगााल का कोई साथी अगर दिल्ली, बेंगलुरू, चेन्नई गया है...उसको वहां मुफ्त इलाज नहीं मिल पाता है। क्योंकि निर्मम सरकार ने बंगाल के अपने लोगों को आयुष्मान कार्ड देने ही नही दिया। आज देशभर में 70 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों को 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिल रही है। मैं तो चाहता हूं कि पश्चिम बंगाल में भी 70 वर्ष से ऊपर के सभी बुजुर्गों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिले। लेकिन टीएमसी सरकार ये नहीं करने दे रही है। केंद्र की बीजेपी सरकार, देशभर में गरीब परिवारों को पक्के घर बनाकर दे रही है। लेकिन पश्चिम बंगाल में लाखों परिवारों का घर नहीं बन पा रहा है। क्योंकि टीएमसी के लोग इसमें कट-कमीशन की मांग कर रहे हैं। आखिर TMC सरकार आप लोगों को लेकर इतनी निर्मम क्यों हैं?

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साथियों,
यहां की निर्मम सरकार के जितने उदाहरण दूं...वो कम हैं। पश्चिम बंगाल में बहुत बड़ी संख्या में हमारे विश्वकर्मा भाई-बहन है। ये लोग हाथ के हुनर से अनेक प्रकार के काम करते हैं। इनके लिए पहली बार भाजपा सरकार विश्वकर्मा योजना लाई है। इसके तहत देश के लाखों लोगों को ट्रेनिंग मिली है, पैसा मिला है, नए टूल मिले हैं, आसान ऋण मिला है। लेकिन पश्चिम बंगाल में 8 लाख एप्लीकेशन अभी लटकी पडी है। निर्मम सरकार उसपर बैठ गई है क्योंकि टीएममसी सरकार इस योजना को भी लागू नहीं कर रही है।

साथियों,
टीएमसी सरकार की मेरे आदिवासी भाई-बहनों से भी दुश्मनी कुछ कम नहीं है। देश में पहली बार जनजातियों में भी सबसे पिछड़ी जनजातियों के लिए पीएम जनमन योजना बनाई गई है। पश्चिम बंगाल में बहुत बड़ा आदिवासी समाज है। TMC सरकार, गरीब आदिवासियों का विकास भी नहीं होने दे रही है। उसने पीएम जनमन योजना को यहां लागू नहीं किया। टीएमसी हमारे आदिवासी समाज को भी वंचित ही रखना चाहती है।

साथियों,
TMC को आदिवासी समाज के सम्मान की परवाह नहीं है। 2022 में जब NDA ने एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया,
तो सबसे पहले विरोध करने वाली पार्टी TMC थी। बंगाल के आदिवासी इलाकों की उपेक्षा भी यही दिखाती है... कि इन्हें आदिवासी समाज से टीएमसी वालों कोई लगाव नहीं है, कोई लेनादेना नहीं है।

साथियों,
कुछ दिन पहले दिल्ली में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बहुत महत्वपूर्ण बैठक हुई। ये एक अहम मंच होता है, जहां देशभर के मुख्यमंत्री मिलकर विकास पर चर्चा करते हैं। लेकिन अफसोस की बात है कि इस बार बंगाल सरकार इस बैठक में मौजूद ही नहीं रही। दूसरे गैर-भाजपा शासित राज्य आए, सभी दल के नेता आए। हमने साथ बैठकर चर्चा की। लेकिन TMC को तो सिर्फ और सिर्फ 24 घंटा पॉलिटिक्स करना है और कुछ करना ही नहीं है। पश्चिम बंगाल का विकास, देश की प्रगति...उनकी प्राथमिकता में है ही नहीं।

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साथियों,
केंद्र सरकार की जिन योजनाओं को यहां लागू किया भी है, उनको पूरा नहीं किया जा रहा। पीएम ग्राम सड़क योजना के तहत पश्चिम बंगाल के गांवों के लिए 4 हजार किलोमीटर की सड़कें स्वीकृत की गई हैं। इनको पिछले साल तक पूरा हो जाना था। चार हज़ार किलोमीटर तो छोड़िए...यहां चार सौ किलोमीटर सड़कें भी नहीं बन पाई हैं।

साथियों,
इंफ्रास्ट्रक्चर के काम से सुविधाएं भी बनती हैं, और रोजगार भी बनते हैं। लेकिन हालत ये है कि पश्चिम बंगाल में 16 बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट यहां की सरकार ने अटकाए हुए हैं। ये 90 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट हैं। कहीं रेल लाइन आनी थी, रुकी पड़ी है कहीं मेट्रो बननी थी रुकी पड़ी है, कहीं हाईवे बनना था, बंद पड़ा है , कहीं अस्पताल बनना था..कोई पूछने वाला नहीं। ऐसे प्रोजेक्ट्स को ये टीएमसी ने लटका कर रखा है। ये पश्चिम बंगाल के आप लोगों के साथ बहुत बड़ा धोखा है।

साथियों,
आज जब सिंदूर खेला की इस धरती पर आया हूं...तो आतंकवाद को लेकर भारत के नए संकल्प की चर्चा स्वभाविक है। 22 अप्रैल को पहलगाम में जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने जो बर्बरता की, उसके बाद पश्चिम बंगाल में भी बहुत गुस्सा था। आपके भीतर जो आक्रोश था...आपका जो गुस्सा था...उसको मैं भलीभांति समझता था। आतंकवादियों ने हमारी बहनों का सिंदूर मिटाने का दुस्साहस किया...हमारी सेना ने उनको सिंदूर की शक्ति का अहसास करा दिया... हमने आतंक के उन ठिकानों को तबाह किया...जिनकी पाकिस्तान ने कल्पना तक नहीं की थी।

साथियों,
आतंक को पालने वाले पाकिस्तान के पास दुनिया को देने के लिए कुछ भी पॉजिटिव नहीं है। जबसे वो अस्तित्व में आया है...तबसे ही उसने सिर्फ आतंक को पाला है। 1947 में बंटवारे के बाद से ही उसने भारत पर आतंकी हमला किया। कुछ सालों के बाद, उसने यहां पड़ोस में...आज के बांग्लादेश में जो आतंक फैलाया...पाकिस्तान की सेनाओं ने जिस प्रकार बांग्लादेश में रेप किए, मर्डर किए....वो कोई भूल नहीं सकता। आतंक और नरसंहार...ये पाकिस्तानी सेना की सबसे बड़ी expertise है। जब सीधा युद्ध लड़ा जाता है, तो उसकी हार तय होती है। उसका पराजय निश्चित होता है, उसको मुंह की खानी पड़ती है। यही कारण है कि – पाकिस्तान की सेना आतंकियों का सहारा लेती है। लेकिन पहलगाम हमले के बाद अब भारत ने दुनिया को बता दिया है...भारत पर अब आतंकी हमला हुआ...तो दुश्मन को उसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। और पाकिस्तान समझ ले, तीन बार घर में घुसकर मारा है तुमको। हम शक्ति को पूजने वाले लोग हैं...हम महिषासुरमर्दिनी को पूजते हैं... बंगाल टाइगर की इस धरती से ये 140 करोड़ भारतीयों का ऐलान है...ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है।

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साथियों,
पश्चिम बंगाल को, अब हिंसा की, तुष्टिकरण की, दंगों की, महिला अत्याचार की, घोटालों की राजनीति से मुक्ति चाहिए। अब पश्चिम बंगाल के सामने भाजपा का विकास मॉडल है। आज भाजपा, देश के कई राज्यों में सरकारें चला रही है। देश के लोग बार-बार भाजपा को अवसर दे रहे हैं। पड़ोस में असम हो..त्रिपुरा हो या फिर ओडिशा...यहां भाजपा सरकारें, तेजी से विकास कार्यों में जुटी हैं। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ता साथियों से कहूंगा...हमें कमर कसकर तैयार रहना है। हमारे सामने एक बड़ी चुनौती है...कि लोकतंत्र पर पश्चिम बंगाल की जनता के विश्वास को फिर से कैसे बहाल करें। हमें पश्चिम बंगाल के हर परिवार को सुरक्षा की, सुशासन की और समृद्धि की गारंटी देनी है। इसके लिए आने वाले दिनों में अपने प्रयासों को हमें और तेज़ करना होगा।

साथियों,
विकसित भारत बनाने के लिए, पश्चिम बंगाल का तेज़ विकास बहुत ज़रूरी है। हमें पश्चिम बंगाल को उसका पुराना गौरव लौटाना है। ये हम सभी मिलकर करेंगे...और करके रहेंगे।
एक बार फिर आप सभी को इतनी बड़ी संख्या में यहां आने के लिए बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं!
मेरे साथ तिरंगा ऊंचा कर के बोलिए...
भारत माता की...

भारत माता की...

भारत माता की...

भारत माता की...

बहुत-बहुत धन्यवाद